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  • 7/6/2025
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Transcript
00:00हम प्रत्वी की सबसे कमजोर प्रजाती है
00:02हमारी खाल पर तो अब बाल भी नहीं होते
00:08आप नंगे पाउँ चल सकते हो
00:09दुनिया का एक एक प्राणी नंगे पाउँ चलता है
00:11आप नंगे पाउँ नहीं चल सकते हो
00:12आप तो अब बिना ब्रश की है न जी पाओ
00:14सब में दर्ध हो जाएगा
00:15दुनिया कोई प्राणी दाख नहीं आपके लिए प्रति दिन नहाना जरूरी हो गया है
00:19दुनिया में कोई प्राणी नहीं प्रति दिन नहाता
00:20आपको कहां से मिलेगा नहाने को पानी जब पीने को पानी नहाने को कहां से पाऊगा
00:24आपने देखा है आपको थोड़ी धूप लग जाए आपकी खाल जल जाती है
00:27अब हैसे तो दिन भर धूप में रहती हैं तो नहीं जलती है
00:29दुनिया के सब प्राणी अभी भी ऐसे हैं कि भूख बरदाश्ट कर लेते हैं
00:33आपके लिए एक दिन का व्रतु पुवाज इतनी बड़ी बात हो जाती है कि आप उसको भगवान से जोड़ देते हैं
00:37और थोड़ी उच नीच हो जाए जिंदगी में तुम्हें डिप्रेशन हो जाता है
00:40बंदर को कभी देखा डिप्रेशन में
00:42प्रले जैसी स्थिती जब बनेगी तो बाकी प्राणी किसी तरह अपना गुजारा कर लेंगे
00:46आपका क्या होगा
00:47और अगर वो मरेंगे भी विलुप्त भी होंगे तो दर्द सहकर मरेंगे दुख सहकर नहीं
00:54अग्जाइटी डिप्रेशन आपका क्या होगा
00:56ना तो हमारा शरीर इस लायक है कि कुछ सह सके ना हमारा मन इस लायक है कि कुछ सह सके
01:01इंसान अकेला है जो प्रकृति निर्मित नहीं स्वर अचित व्यवस्था परव आश्रित है
01:07अगर मनुष्य दौरा निर्मित विवस्था तूटती है चर्मराते तो किसी भी अन्य प्रजाती से ज्यादा मनुष्य को दुख होना है

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