Muharram 2025: क्या आपने मुहर्रम में निकलने वाले ताज़ियों को देखा है? रंग-बिरंगे, सुंदर और इज्ज़त से सजाए गए ये ताज़िए आखिरकार जब जुलूस के साथ निकलते हैं — तो सवाल उठता है, "इसके बाद होता क्या है?" क्या ताज़िए घर ले जाते हैं? उन्हें जलाया जाता है, दफनाया जाता है या बहा दिया जाता है? आज की इस वीडियो में हम जानेंगे - मुहर्रम के बाद उसका क्या किया जाता है और क्यों।
00:01मुहरम यानी यौमे आशूरा का दिन शुरू हो चुका है और इस दिन शिया मुसल्मान आज़दारी करते हैं, मातम मनाते हैं और जुलूस निकालते हैं।
00:09इस दोरान रंग विरंगे और बड़े बड़े ताजिय निकाले जाते हैं।
00:13लेकिन सवाल ये उड़ता है कि ताजिया निकालने के बाद इसका क्या किया जाता है? क्या ताजिया को घर ले जाया जाता है? या उन्हें जलाया जाता है? या दफनाया जाता है? या फिर पानी में बहा दिया जाता है? आज की इस वीडियो में हम इनी सवालों के जवाब जा
00:43पल्ले या इमामबाडे में रखा गया ताजिया लोगों को ये याद दिलाता है कि जल्म के खिलाप वाद उठाना ही असली मकसद है
00:49महरम के पहले दिन से लेकर दसमे दिन यानि यौम आशूरा तक ताजिया को इज़त से रखा जाता है
00:55हर रोज उस पर चड़ावा चड़ाया जाता है पानी फूल चादरे और पर्चम चड़ाया जाते हैं
01:00दसमी तारीक को ताजिया को जलूस के साथ निकाला जाता है उस वक्त लोग नोहा मरसिया और मातम करते हैं
01:05जिसमें इमाम हुसेन की प्याज, खूक और खुर्बानी को याद किया जाता है
01:09ये जलूस कोई तेवहार नहीं बलकि गम और अबादत का इजहार होता है
01:13अब में सवाल आता है कि महरम खत्म होने के बाद ताजिया का क्या किया जाता है
01:17इसका कोई जवाब नहीं है क्योंकि ये तरीका समाज, इलाका और परंपरा के मताबिक बदलता है
01:22लेकिन भावना एक ही होती है इज़त और आदर से विदाई
01:26कुछ जगाओं पर ताजिये को किसी पवित्र जगा यानि खेत या जमीन में दफना दिया जाता है
01:30ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि ताजिये को बेज़त ना किया जाए और वो नैचरली वापस मिल जाए
01:37कई शहरों और गाउं में ताजिये को जलूस के साथ नदी, तलाब या जील में बहाद दिया जाता है
01:41ये गंपती विसरशन जैसा होता है लेकिन इसका सवरूप पूरी तना धार्मिक और शांत होता है
01:46कुछ जगाओं पर लकड़ी या धातू से बने ताजिये को हर साल इस्तेमाल किया जाता है
01:50उन्हें विसरजित नहीं किया जाता बलकि संभाल कर रखा जाता है
01:53ध्यान रखें कि ताजिये को जलाना फेकना या अपमानित करना
01:57इसकी भावना के खिलाफ है वो इमाम हुसेन की शहादत का प्रतीक लोग इसे मानते हैं ना कि कोई सजावटी वस्तू
02:03ताजिये सिर्फ एक मूरत नहीं है बलकि कुछ लोग इसे याद और इनसाफ की आवाज मानते हैं
02:08जब ताजिये को विसरजित या दफनाया जाता है तो ये संदेज जाता है कि इमाम हुसेन की कुरबानी कभी खत नहीं होगती
02:14वो लोग उसे हर साल याद करेंगे नए ताजिये के साथ, नई उमीद के साथ
02:18फिलाल इस वीडियो में इतना है, आप क्या कहेंगे इस पर कामेंट स्रेक्शन में हमें लिक कर जडूर बताएं
02:21वीडियो को लाइक करें, शेयर करें और चैनल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल न भूलें