बादल फटना (Cloud Burst) एक ऐसी विनाशकारी प्राकृतिक आपदा होती है, ये कुछ ही क्षणों में भारी तबाही ले आती है। बादल फटने (Cloud Burst) की ताजा घटनाएं हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के कुल्लू (Kullu) और मंडी (Mandi) में देखने को मिली । । ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठता है कि आखिर बादल कैसे फटता है और इससे हम कैसे बच सकते हैं । दरअसल पहाड़ी इलाकों में बढ़ता शहरीकरण, जंगलों की कटाई, विस्फोटों के जरिए सड़क और सुरंगों का निर्माण, नदी-नालों में अतिक्रमण जैसी गतिविधियां इसे और भी गंभीर बना रही हैं। जलवायु परिवर्तन (Climate change)ने तो इसमें आग में घी का काम किया ही है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि बादल फटने जैसी घटनाओं से हम कैसे बच सकते हैं। इसके लिए प्रशासन तो अपनी तरफ से मदद कर ही सकता है। इसके साथ ही आम जनता की भूमिका भी बेहद महत्त्वपूर्ण है। जब मौसम विभाग की तरफ से चेतावनी जारी की जाए तो उसे हम गंभीरता से लें। नदी,नालों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहें । इसके साथ ही पहाड़ी क्षेत्रों में निर्माण गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जाए। कुल मिलाकर प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर ही हम इस प्राकृतिक आपदा से बचाव कर सकते हैं।
00:17बरसात की मौसम में अक्सर पहाडी इलाकों में बादल फटने की घटनाए सामने आती है
00:22इन घटनाओं में जानमाल का भी खूब नुकसान होता है
00:26दरसल बादल फटना एक ऐसी बिनाशकारी प्राकृतिक आपदा होती है
00:31जो कुछ ही क्षणों में भारी तवाही ले आती है
00:34इसकी वजह से मानब जीवन के साथ साथ जंगलों, पहाडों के साथ साथ
00:38बुनियादी धांचे को भारी नुकसान पहुंचता है
00:41बादल फटनी की ताजा घटनाएं ही माचल परदेश के कुल्लू और मंडी में देखने को मिली
00:45ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठता है
00:48कि आखिर बादल कैसे फटता है और इससे हम कैसे बच सकते हैं
00:53सामान्य शब्दों में समझें
00:54तो जब नम हवाएं पहाडों से टकराती है तो वे उपर की ओर उठती है
00:58उन्चाई बढ़ने के साथ तापमान गिरता है
01:01इससे हवा में मौझूद नमी संगनित होकर बारिश का रूप लेती है
01:05ये प्रक्रिया संगनन कहलाती है
01:08जब ये प्रोसेस बेहत तीबरता से होने लगता है
01:11तब बादल फटने जैसी स्थिती पैदा होती है
01:14हिमाल्यक शेतर में मौसम की अस्तीरता भी इसका कारक बनती है
01:18इन इलाकों में तापमान और हवा की दिशा में
01:21तेजी से बदलाब मौनसूनी हवाओं के अचानक तक्राव की स्थिती भी बादल फटने की घटनाओं को बढ़ा देती है
01:29इसके अलाबा जब बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आने वाली मौनसूनी हवाएं तक्राती हैं
01:35तो ये ज्यादा नमी लेकर आती हैं
01:37जो पहाडों से टक्रा कर भारी बारिश या बादल फटने का कारण बनती है
01:42पिछले कुछ सालों में देश में बादल फटने की घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है
01:47मौसम विभा की भाषा में समझें तो जब किसी सीमित बहगौलिक शित्र में एक घंटे के भेतर 100 मिलिमीटर या उससे अधिक बारिश होती है
01:56तो इसे बादल फटना कहा जाता है
01:58ये इतनी तेज होती है कि इसकी वज़ह से बयंकर बार की स्थिती पैदा हो जाती है
02:04देश में अब तक बादल फटने की कई घटनाएं हो चुकी है
02:08इनमें 2013 की किदारनात रास्ती प्रमुख है
02:12इसमें 5000 से ज्यादा लोगों की जुहान चली गई थी
02:152021 में उत्राखन के चमोली में गलेशय तूटने के साथ बादल फटने की घटना हुई थी
02:23इसमें 70 से अधिक लोगों ने अपनी जान गवाई थी
02:26वहीं 2023 में अवानाद गुफा के पास अचानक हुई बादल फटने की घटना में 16 तिर्थ्यात्रों की मौत हो गई थी
02:35और कई लोग लापता हो गए थे
02:37अब सवाल ये उठता है कि बादल फटने की प्रक्रिया तो प्राकृतिक आपदा है लेकिन इसके लिए हम कितने जिम्यदार हैं
02:45पहाडी लाकों में बढ़ता शहरी करण, जंगलों की कटाई, बिसफोटों के जरिये सडक और सुरंगों का निर्मान, नदी नालों में अतिक्रमन जैसी गतिविध्या इसे और भी गंभीर बना रही है
02:56जलवायू परिवर्तन ने तो इसमें आग में घी डालने का काम किया है
03:00ऐसे में अब सवाल उठता है कि बादल फटने जैसी घटनाओं से हम कैसे बच सकते हैं
03:06इसके लिए प्रशासन तो अपनी तरफ से मदद कर ही सकता है
03:09मसलन पहाडी जीलों में दौपलर रडार प्रनाली की स्थापना
03:13फ्लड अलर्टिंग सिस्टम
03:15स्थान्य मौसम कैंद्रों के संख्या में इजाफा
03:17इसके साथ ही आम जंता की भूमी का भी बेहद महत्वपून है
03:21जब मौसम विभाक की तरफ से च्वेतावनी जारी की जाए
03:24तो उसे हम गंभीरता से ले नदी नालों और भूस खलोन संभावित क्षेत्रों से दूर रहे
03:30इसके साथ ही पहाडी क्षेत्रों में निर्मान गती विध्यों पर सक्त निगरानी रखी जाए
03:35कुल मिलाकर प्रकृतिक के साथ ताल मेल बिठा कर ही हम इस प्रकृतिक आपदा से बचाव कर सकते हैं
03:42बादल फटने से जुड़ी इस खास जानकारी में फिलहाल इतना ही बने रही One India हिंदी के साथ