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  • 7/7/2025
Delhi Old Vehicle Rule Update | बड़ी राहत 10 साल पुरानी गाड़ियों पर | Rekha Gupta का सुप्रीम कोर्ट प्लान दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर लगे प्रतिबंध को अब 1 नवंबर 2025 तक के लिए टाल दिया गया है। अगर आपकी गाड़ी जब्त हो चुकी है तो अब आप एफिडेविट देकर ₹10,000 का चालान और विभागीय खर्च चुकाकर उसे छुड़ा सकते हैं लेकिन वह गाड़ी दिल्ली में नहीं चल सकेगी। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा है कि वह दिल्लीवासियों की परेशानियों को सुप्रीम कोर्ट में रखेंगी और आग्रह करेंगी कि देशभर में पुराने वाहनों पर समान नियम लागू किए जाएं। जानिए इस फैसले के पीछे की वजह और क्या है रेखा गुप्ता की अगली रणनीति सुप्रीम कोर्ट में।

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~PR.250~HT.408~ED.104~GR.125~

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Transcript
00:0015 साल पुराने वाहनुवाले नियम पर दिली सरकार का ह्योट टॉर्ण
00:05सुप्रीम कोट जाएंगी सीम रेखा
00:13मोख्यमंत्री अब लाएंगी कौन सा नया नियम
00:30दिली की मोख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने हाली में दिली में पुराने वाहनों पर लगे इंधन प्रदिबंद के मुद्दे पर महद्वपून बयान दिया
00:39उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस मामली को सर्वुच न्यायाले के सामने ले जाएगी
00:45ताकि राश्रे राजधानी में भी ओवरेज यानि की पुराने वाहनों के लिए देश भर में लागू नियमों की तरह एक समान नीती लागू हो
00:53मुख्यमंत्री गुप्ता की ये टिपणी दिली के उपरा जिपाल वी के सकसेना द्वारा भेज़े गए पत्र के बाद आई
01:00पत्र में उपरा जिपाल ने कहा कि ये तरक हीन है कि एक 10 साल पुराना डीजल वाहन दिली में आवैध हमाना जाए
01:07जबकि वही वाहन देश के अन्य हिस्सों में सड़कों पर चल सकता है। उन्होंने इसे कानूनी निश्चित्ता और सामान व्यवार के सद्धान्त के विरुध बताया।
01:37हमारा मकसद है कि दिल्लिवासियों को अनावशक कटिनाईयों का सामना ना करना पड़े। गुपता नहीं ये भी बताया कि जब CQAM Commission for Air Quality Management ने 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के इंधन भरवाने पर रोक लगाई। तभी से सरकार इस नर्नाई को �
02:07भी कहा कि पिछली सरकारों ने प्रदूशन नियंत्रण में गंभीरता नहीं दिखाई जसके कारण National Green Tribunal, NGT और सुप्रीम कोट को कड़े कदम उठाने पड़े। लिकिन अब स्थिती बदल चुकी है और उनकी सरकार पर्यावरन सुधार की दिशा में काम कर रही है।
02:23पर्यावरन मंत्री मंजंदर सिंग सिरसा ने भी CQAM को पत्र लिख कर बताया कि तक्नीकी कारणों से ये प्रदिबंद व्यवारिक नहीं है। उप्राजेपाल के सुझावों को स्विकार करते हुए सरकार अब सुप्रीम कोट में समीक्षा याचिका दाखल करने की तैयारी
02:53NCR क्षेत्र में ऐसी नीती सामान रूप से लागू नहीं होती तब तक इन प्रतिबंदों को इस्थकित रखा जाए। गुप्तनी इस पश्ट किया कि उनकी सरकार प्रतिबंद की नीती पर लोगों की असहमती को गंभीरता से ले रही है और सर्वुच्छ न्यायाले से उ�

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