Chaturmas 2025 Start and End Date: हिंदू धर्म में चातुर्मास का अत्यंत विशेष महत्व होता है। यह वह पवित्र समय है जब स्वयं भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, सगाई जैसे किसी भी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित माने जाते हैं। चातुर्मास को तप, ध्यान, व्रत और धार्मिक साधना का श्रेष्ठ काल माना गया है। साल 2025 में चातुर्मास कब से आरंभ हो रहा है, इसका महत्व क्या है, और इस दौरान क्या करना चाहिए और किन चीजों से बचना चाहिए – इस सबकी विस्तृत जानकारी आपको इस लेख में मिलेगी।Chaturmas 2025 Start and End Date: 5 Ya 6 July Chaturmas Kab Se Shuru,Kya Kare Kya Nahi ?
00:00हिंदू धर्म में चातुरमास का अतिंत महत्व होता है।
00:30इस दोरान क्या करें और क्या नहीं और किन चीजों से आपको बचकर रहना चाहिए आईए सवडियो में आपको बताते हैं।
01:00मास की अवधी 6 जुलाई 2025 से शुरू हो रही है, इसका समापन 1 नवंबर 2025 को होगा।
01:062 नवंबर 2025 से तुलसी विवा के साथ सभी शुपकारियों की शुरुआत हो जाएगी।
01:11देवशेनी कादशी के दिन से ही चातुर मास की शुरुआत होती है।
01:15इस दन भगवान वश्नु योग निद्रा में चले जाते हैं और अगले चार महिनों तक शुरुष्टी की जम्यदारी देवी लक्ष्मी और भगवान शुव ही संभालते हैं।
01:23इस दन लक्ष्मी नरायन की पूजा करने से अक्षर फलो की प्राप्ती होगी।
01:31साल दोजार पच्चिस की देवशेनी कादशी पर रवी भद्रावा, साध्य और शुब योग बन रहा है जो इस दन को और भी अधिक शुब बनाता है।
01:40चात्तुर मास में कुछ जरूरी चीज़ें नहीं करनी हैं जैसे कि मांगलिक कार, विवा, मुंडन, ग्रेप्रवेश, नामकरन, सगाई, आदी, खानपान में जोरान सयम रखें, दही का सेवन वर्जित है, मूली, बैंगन, कंद, मूल, खाति पदार्तों से परहेज करें, �
02:10को ओrrत हैं, झाल, क्मारेश, आदी, नामकरन, सु अश हैं, ग्रेते हैं, अगो, चाल, खाईच, थिस कि मांकरन स सद़ की एति कि मांगला, जगरी विवा, जजरे हैं, जच है औरूरी जद号ुरें, खा एतित। जबंधन, आधरे हैं, तो जबड़ से जबन, उन तों करें त