धर्मशाला, हिमाचल प्रदेश, 30 जून, 2025, एएनआई: बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक प्रमुख दलाई लामा आगामी 6 जुलाई को 90 वर्ष के हो जाएंगे. उनके जन्मदिन से पहले तिब्बती समुदाय द्वारा हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में भव्य कार्यक्रम आयोजित कर उनके प्रति श्रद्धा और प्रेम व्यक्त किया गया. इस विशेष अवसर पर एक विशाल सार्वजनिक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें एक चार मंजिला भव्य केक तैयार किया गया था. यह केक समारोह का मुख्य आकर्षण बना रहा, जिसे खुद दलाई लामा ने काटा. केक को बेहद सुंदर और आकर्षक ढंग से सजाया गया था, जिसने उपस्थित लोगों का ध्यान खींचा. कार्यक्रम के दौरान दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया.
00:00बौत धर्म के अध्यात्मिक प्रमुक दलाई लामा अगामी 6 जुलाई को 90 वर्ष के हो जाएंगे।
00:08उनके जन दिन से पहले तिब्बती समुदाय द्वारा हिमाचल प्रदीश की धर्मशाला में भव्वे कारिक्रम आयोजिक्तर उनके प्रती श्रध्धा और प्रेम व्यक्त किया गया।
00:20इस विश्वेश अफसर पर एक विशाल सार्वजनिक समहारों का आयोजन किया गया।
00:38कीक को बहच सुन्दर और अकर्शक धंग से सजाया गया था जिसने उपस्तित लोगों का ध्यान खीचा है। कारिक्रम के दौरान दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।
00:50पौत धर्म के आध्यात्मिक प्रमुग दलाई लामा के जम दिन के अफसर पर आयोजित विशेश कारिक्रम में परमार्थ निकेतन आश्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती भी शामिल हुए।
01:10इस अफसर पर उन्होंनी दलाई लामा के योगदान और विश्विशान्ती के प्रती उनके संदीश की सरहाना की है।
01:18हम लोग आज देख रहे हैं कि पुर्व यार सीइंग वार्स अवर्यवेर इस क्लियर मैसेज इस नाट वार बट पीस पीस इस दो वे लव इस दो वे कंपेशन इस दो वे समय आया है हम पूरे वर्ड को यह मैसेज दें और यही हमारे देश के ओनेबल प्राम निस्टर का श
01:48एंसा हिंसा नही अहिंसा दवे वार नहीं प्यार इस दवे लूव इस दवे संदावेः यूलि say love is the way
01:55healing is the way help is the way and his holiness given always this beautiful a green message and we
02:04celebrate together here 90th celebration I think it's not here only in dharmäASSALA these is the
02:11blessing to the world, युद्ध बहुत हो गए, अब युद्ध नहीं, अब योग चाहिए, प्यार चाहिए, पीस चाहिए, भारत की यही तो कल्चर है, यही तो भारत की संस्कृती है, कि भले एक्जाइल में रहे, लेकिन इन हाट में रहे, कभी आउट नहीं रहे, और यही उन्होंने मैस�
02:41the world, when His Holiness was accepted in 1959, in this land of, beautiful land of acceptance, और यही मुझातायाई पुरे विश्व को मैसेज है, कि विश्व को, और यही ओरत के उर्जावान प्रधानमंत्री जीी, प्रियास कर्ERे हैं कि पुरे विश्व को, कि इंडिया is the land, it's not a land, it's not a piece of land, it's a land of, it's not a land, it's a land of peace, it's not a piece of land, it's a land of peace.