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पीएम मोदी ने मन की बात के 123वें एपिसोड में भगवान बुद्ध के विचारों की शक्ति पर बात की। इस दौरान उन्होंने बताया कि वियतनाम के लोगों के द्वारा उन्हें जो संदेश भेजे गए उनकी हर पंक्ति में आत्मीयता थी। वह लोग भगवान बुद्ध के अवशेषों के दर्शन कराने के लिए भारत के प्रति आभार प्रकट कर रहे थे। उनके शब्दों के भाव औपचारिक धन्यवाद से बढ़कर थे।
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​@pmoindia @NarendraModi

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00:00भारत के पहल एक तरह से वियतनाम के लिए राष्ट्रिय उत्सव बन गई, अब कल्पना की सरद्धा की कोई सीमा नहीं होती, वियतनाम के राष्ट्पती, उपप्रधान मंतरी, वरिष्ट मंतरी, हर कोई नत मस्तक था
00:17पिछले दिनों मुझे वियतनाम के बहुत से लोगों ने विभिन नमाद्यमों से अपने संदेश बेजे, इन संदेशों की हर पंक्ती में स्रद्धा थी, आक्मियता थी, उनकी भावनाए मन को छूने वाली थी, वो लोग भगवान बुद्ध के पवित्र आउशेशों, रेल
00:47वो किसी अपचारिक धन्यवाद से बढ़कर थे, साथियों, मुल रुप से भगवान बुद्ध के इन पवित्र आउशेशों की खोश, आंध्र प्रदेश में पालनाडु जिले के नागरजुन कॉंडा में हुई थी, इस जगह का बाउद धर्म से गहरा नाता रहा है, कहा
01:17पवित्र आउशेशों को भारत से वियत्नाम ले जाया गया था, वहाके नव अलग-अलग स्थानों पर इने जनता के दर्शन के लिए रखा गया, भारत के पहल एक तरह से वियत्नाम के लिए राष्ट्रिय उत्सव मन गई, अब पल्पना कर सकते हैं, करीब 10 करोर लोगों
01:47जो तस्वीरे और वीडियो मेंने देखे, उन्होंने एसास कराया कि स्रद्धा की कोई सीमा नहीं होती, बारिस हो, तेज धूप हो, लोग घंटों कतारों में खड़े हैं रहे, बच्चे, बुजूर्ग, दिव्यांगजन, सभी भाव विभोर थे, वियत्नाम के राष्ट्
02:17अस्तक था, इस यांत्रा के प्रति वहां के लोगों के में सम्मान का भाव इतना गहरा था, कि वियत्नाम सरकार ने इसे बारा दिन के लिए और आगे बढ़ाने का आगरग किया था, और इसे भारत ने सहर स्विकार कर लिया, साथियों, भगवान बुद्ध के विचारों मे
02:47के लिए भूच्टिंट तब कर लोगों, या खूचर बाहे बाहे हुआ थार हुआए थाके लिए कर दूएंग यद्ध के लिए हाँ, इस ज Pred So

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