मुंबई, महाराष्ट्र: महाराष्ट्र में हिंदी की अनिवार्यता को लेकर हिंदी विवाद मामला काफी बढ़ गया। विवादों के चलते महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी की अनिवार्यता को रद्द कर दिया है। जिसे लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों सरकारों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है। वहीं विपक्ष इसे फैसले के वापस लिए जाने पर अपनी जीत बता रहा है।
00:00ुपिश्यु बढ़ाश्टर सर्कार ने प्राथमिक शिक्षा में मराथी और अंग्रेजी के बाद हिंदी को तीसरी भाशा के रूप में अनिवारे बनाने का अपना फैसला वापस ले लिया है।
00:12In this process, Falando asked for the בס الذي as a government and the civil leader was pinned down.