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Muharram 2025: भारत में आसमान में एक अलग सा चांद नजर आया...ये वही चांद था, जो लेकर आया *इस्लामी नया साल – 1447 हिजरी*। और इसी के साथ तय हो गया कि 1 मुहर्रम = 27 जून 2025 (शुक्रवार)* और *10 मुहर्रम – आशूरा* पड़ेगा 6 जुलाई 2025 (रविवार)* को।

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~HT.410~PR.115~ED.390~

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Transcript
00:00जब चान नजर आता है तो सिर्फ रोशनी नहीं लाता, कभी-कभी वो दर्द, सब्र और कुर्बानी की यादे भी साथ लाता है
00:06जिहां इसलामी नए साल के साथ महरम का महीना शुरू हो चुका है
00:0926 जून 2025 की शाम भारत में आसमान में एक अलग सा चान नजर आया
00:14ये वही चान था जो लेकर आया इसलामी नाया साल 1447 हिज्री
00:18और इसी की साथ तैह हो गई तारिख एक महरम यानी 27 जून
00:22कुछ लोगों को महरम को लेकर कन्फ्यूजन है कि आखिर ये 6 जुलाई को पढ़ने वाला है या फिर 7 को
00:27तो आपको बता दें महरम इस बार 6 जुलाई को है ये वो महीना है जब सच और जुल्म के बीच की सबसे बड़ी जंग लड़ी गई थी
00:33जब हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों ने कर्बला की तपते रिद पर पानी के बिना शहादत दी
00:39इस महरम कुछ लोग रोजा रखेंगे कुछ ताजिया बनाएंगे कुछ जंजीर से मातम करेंगे और कुछ सिर्फ नमाकु सिया हुसैन कहेंगे लेकिन सबका मकसद एक ही होगा सच के लिए कुर्बानी को याद करना
00:50तो याद रखेंगे महरम की एक तारीख थी 27 जून यानि शुकरवार महरम की दस तारीख जिसे आशूरा कहते हैं यह है 6 जुलाई 2025
00:58हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में शिया समुदाय के लोग महरम मनाते हैं
01:03दरसल कर्बला की जंग में पैगंबर मुहमत के नाती इमाम हुसैन शहीद हुए थे
01:07कहा जाता है कि इमाम हुसैन के 72 अनुयाईयों को भी याजीद की सीना ने मार दिया था
01:12जबकि इमाम हुसेन के च्छे महीने के बेटे अली अजगर को यजीत की सिना ने पानी नहीं दिया
01:17जिससे अली ने कर्बला के मैदान में दम दो दिया
01:19श्यासमुदाई यही कहानी याद करता है
01:21इस दिन ताजिये भी निकाले जाते हैं
01:23दरवसल ताजिया यह ताजिया एक च्छोटा मकबरे का मॉडल होता है
01:27जिसे बांस कागस कपड़े से सजाया जाता है
01:30आशूरा के दिन इसका जलूस निकाला जाता है
01:32और बाद में इसे अलग लग जगहों में नदी तलाब या समुंदर में दमाया किया जाता है
01:37माना जाता है कि भारत में ताजिय निकालने के परंपरा चौद्वी सदी के दौरान शुरू हुई खासकर तैमूर के शासंकाल में ताजिय निकाले गए थे
01:45अब ताजिय दक्षणेशिया एं इरान, इंडोनेशिया, कैरिबियाई देशो में भी महरम के दिन जुलूस के तौर पर निकाले जाते हैं
01:51ताजिय का जुलूस करबला के शहीदों की आद में निकाला जाता है और इसमें उनकी पीडा को याद किया जाता है
01:57पिलाल इस वीडियो में इतना है अगर आपको ये जानकारी पसंदाई हो तो इसे लाइक करें शेयर करें और चानल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल न भूले

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