- 2 days ago
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00:00सादर माँ बज रहे हमारा कॉलिज सारे चादर रज़े खतम होगा उस तर पहले हमें किसी भी हारत में वापस पॉच्छना होगा ठीके अंदर बड़े टान लिए
00:16अगर यह बात किसी को पता नहीं चलने चीए कि हम यह तुमसे मिल रहे हैं तो हमारे लिए बहुत बड़ी प्रॉब्लम कहड़ी हो सकता है बट हमसे भी जाता प्रॉब्लम में होगी तुम उमीद है तुम इस बात को समझते हों गाड़े आगे लो
00:46क्या यह बूजता जालोग बाड़क के कतल के बारे में अच्छे है तुम पहले समझ गए है कि हम तुमसे और तुमारी पत्नी कविता से क्यों बात काना चाहते हैं साब यह एक साल पुरानी बात है गड़े मामले निकालने से कोई फायदा नहीं हो का गड़े मामले गड़े
01:16यह जो तुम और भरत मिलकर हमारे खिलाफ कर रहे हो ना सब समझते हूं तुमारी साजिश का भी काम्याब ने होने देंगे याद रखना हम तुमारे तरह नहीं है जो करते हैं सामने से करते हैं क्या मतलब या कि हम रात के अंधेरे में गोली चलवाई ना कायरों की तरह त�
01:46आम इस तरह भसे ना तुम भी भसाएंगे इस सरम मारत अरे तुमसे आधा कुद्धार तो पोढ़ने वाली है अच्छा तो फिर इतनी आग क्यो लगी थी जब हम उसके हुए थे असल में कवीता वाला माजरा क्या है सुमाजी जिसके बारे में आपने हमें बताना जरूरी �
02:16दल भी रहा है इसकी भनक भी नहीं थी हमको साहिए वो तो एक दिन कवीता अचानक आध हमकी घर पर अरे हम तो भूली गए प्रणाम हम जानते आप हमारी सासुमा है अब हम यहीं रहेंगे इसी घर में अपने पती आलोग जी के साथ पर हो कॉन तुम कवीता पूरा नाम क�
02:46हम कहीं नहीं जा रहे है अरे निखालो इसको बाहरा लोग पता ने कहां से अधम किये ही अगर हम यहां से निकले ना तो सीधे पूली स्टेशन जाएंगे तुम्हारे खिलाब रेप का केस करने क्या रहे तुमसे कवीता बखेडा ख़डा मात करो प्रीज चली जाओ अच्�
03:16तुम्हें मुझसे प्यार हो गया है मर बिना रहनी सकते तो अब क्या हो गया है अधम हो गया है अधम हो गया प्लीज आसा मत करो तुम्हें समत करो आ लोग हमने कह दिया हम यही रहेंगे हम कहीं नहीं जाएंगे बस देखिया सासुमा हम बहुत अची बहूबन कर रहेंगे
03:46आलोक बहुत अच्छे है, इस दर में भी और ऐसे भी, देखिये सासुन, हम आपके मन के और घर की शान्ती के लिए आपको एक मुफ्त की सला देते हैं, आप हमें अपना लीजिये, वैसे भी, आपके पास और कोई चारा तो है नहीं
04:00चौकडी मार कर बैठ गी घर में, और जब आलोक ने हमको यह बताया कि यह पहले से साधी सुदा है, तो हमने तो होस हुडगे साहिब, हमको खुद समझ में नहीं आ रहा था कि कैसे बीछा चुड़ाया उस चुड़ेल से, कहा कर बेठे तुम आलोक, माहम नहीं जानते थे यह
04:30उसको पीठने चले थे, और का भासन दे रहे थे उसको? अपने दाइरे मेरा हो, और तुम रह कोई दाइरा नहीं है
04:35कुम जानते हैं आमसे गल्ती हो गई है अरे मर्ती मारी गई थी तुम रही दंब की दे रही है तुमको कि अगर उसको घर से भाद में गाला तो बलाग का केस करेगी तुम पर और अगर उसके पती को पता चला कि वह यहां बैठी है तो का होगा सोचा है कभी
04:49भया दो किलो चावल देना बास्मती सबसे अच्छा वाला
04:56हमना अलो
05:17अब वैसे एगर हमारी पीट पीछे हमारी बुराई करके पेट न भरा हो
05:22तो हमने खाना बना दिया है
05:25खाना खाने चले माजी पिंकी दिदी जीजा चलिए ना
05:30ये
05:33क्या माजी एक महना होगयाःज अब भी नाराज है
05:41अब माजी बाजी मत को
05:44अच्छा लेन अताम है
05:45अब मा को मान नहीं कहेंगे तो और क्या कहेंगे?
05:47कभीता
05:48जी जिया लोग। ही
05:52बवाल तो होना ही था साहिब
05:54अरे किसी और के पत्नी getting carried she on the mother, you know our daughter's wife
05:58कभीता के पत्नी
05:59कभीता का पत्ती संजीय शुगला को पतारा था
06:01पता कैसे नहीं चलता, इतनी बड़ी बात चुपती है का साहिट, उरे गाउं में काना फूसी होने लगी, बात उड़ते उड़ते पंचायत तक पहुच गई थी, सुमची अपका बेटा अलोग था गया, एक तरफ कविता, दूसरी तरफ शालिया वस्ती, निकिता बार बवा
06:31कि अपने मालिक की बिटिया पर गलत नजड़ा ले, अधर ये सोच रही हो, कि अलोग का कदल हमारे वज़े से हुआ है, तो गलत नहीं सोच रही होनेया, क्योंकि हमारा भी यही मानना है, तुम्हारे पिता को तुम्हारे और अलोग के रिष्टे के बारे में पता चलिया थ
07:01अपने बेटे से बढ़कर माना, और तुने हमारी पीट पे चुरा भॉग दिया, क्यों?
07:05अमसे बहुत बड़ी गलती होगे मालिक, ऐसा नहीं है कि हमारा इरादा आपको धोका देना था, तो क्या इरादा था?
07:11तो जेता हमका मिलती है जानवी के हफाज़त करने की गलती करने की नहीं, तो और भरोज़ा किया था
07:17तisuना कितनी लड़कियूं के साथ सोय हो, हमें सब पता है
07:24और आपको बहुता वाले मामले में हमने क्या क्या नहीं किया, सब भूल गया तू?
07:28हमारी नौक के नीचे है, हमारी बेटी को
07:31माफ कर देजे, मालिक, हमसे गल्ती होगी
07:33अब आगे से साथ नहीं होगा
07:35तुने आग में घी डालने काम किया, आलो
07:37हम कह रहे हैं, हमसे गल्ती हो गई
07:39निखा रहे हैं, नीची कर
07:42सुचते हैं कि अभी
07:44अभी गोली मोरते तुझे
07:46मोरते गोली
07:48अभात पताया तुझे तेरी अपनी
07:59जानवी, हमने तुमको पहले भी चेतावनी दी थी ना?
08:01मैं हमेशा गल्ती अपने सर पर लेने के जरूत नहीं है
08:04हम देख लेंगे
08:06और यह क्या तुम पापा को हर बार सफाई देते रहते हो हां?
08:10सब की जरूत नहीं है, please
08:12हमने तुम्हारे पापा को कुछ भी नहीं बताया
08:14तुमने हमको तुम्हारे और तुम्हारे पापा की बीच की वफादारी के दलदल में जोग दिया है
08:18पहले भी कहा था, तूर रहो इन सबसे.
08:20आलोक और हमारी बीच में कुछ भी नहीं था.
08:23कुछ भी नहीं.
08:24क्योंकि यहां बात थी रवी की था.
08:26रवी?
08:27यह रवी को नहीं?
08:28रवी हमारा बॉइफरेंड है.
08:30इससे हम प्यार करते हैं.
08:48रवी कॉलेज में हमारा सीनियर था.
08:53हम लोग एक दुसरे को पसंद करते थे.
08:56हम सबसे छुपके एक दुसरे से मिलते थे.
08:59सिर्फ आलोक ही इस बात को जानता था.
09:01तुम हमें दोका तो नहीं दोगे ना, आलोक?
09:04सिर्फ आलोक ही था, जिस पर हम भरोसा कर सकते थे.
09:18जानवी, तुम जानती हो, रवी क्या है?
09:24हम तु सिर्फ तुमको समझा ही सकते हैं ना?
09:26हम बात प्यार करते हैं उसे.
09:28ना वो तुम्हारी बिरादरी का है, ना तुम्हारी हैसियत का है.
09:31ये बात तुम जितनी जल्दी समझ जा उतना अच्छा है.
09:33हमें फरक नहीं पढ़ता इन सब बातों से.
09:35ये जाद, परादरी, हैसित, ये सारी ना धक्यान उसी बाते हैं और हम नहीं मानते इन सब तुम्हारे पापा तो मानते हैं ना?
09:41उनको तु फरक पढ़ता हैं ना?
09:43वो उसे कभी स्विकार नहीं करेंगे.
09:44और रवी तो ये सब जेल भी नहीं पाएगा.
09:47देखो, तुम पापा को कुछ नहीं बताओगे.
09:50तुम ने हमसे वादा किया था.
09:52हम तुमें अपना बाई मानते हैं और तुम को सब को शेय किया हैं ने.
09:55तुम कुछ भी मानो.
09:56है तो हम नुकरी, तुम्हारे भी और तुम्हारे पापा के भी.
10:01देखो, जब सही समय आएगा ना, तब तुम रवी और हमारी ना भागने में मदद कर दे रहां.
10:05पापा मानते होगे इन सारे दक्यानुसी बातों में, बढ़ हम नहीं मानते हैं.
10:09हमने रवी के साथ कहीं दूर चले जाएगे.
10:11तुम्हें क्या लगता है?
10:12तुम्हारे पापा ने सिर्फ हमें हिरायत दिये तुम्हें नज़ा रखने के लिए.
10:15एक नए एक दिन पकड़ी जाओगे.
10:17फिर क्या होगा? पहले रवी मारा जाएगा? और फिर हम कहीं मरे हुए मिलेंगे.
10:21वह थी थी या कहीं और?
10:23हम क्लास में थे.
10:24ठीक है, पूछ लूगा.
10:26हमें तुम्हारी और रवी की बहुत फिकर हैं.
10:27रवी बिल्कुल हमारे जैसा है.
10:30गरीब. उसके उपर ये परिवार की बहुत सारी जिम्मेदारिया हैं.
10:34और वो सबसे भाग कर सिर्फ तुम्हारे पिछे लागाओगा.
10:36तेइस का है, चौबिस देख भी नहीं पाएगा वो.
10:39और इसकी जिम्मेदार तुम होगी.
10:41तुम तो जानती हो ना प्रे पापा को?
10:43फिर मदद करो हमारी भागने में.
10:45कहां जाओगी भाग्ये?
10:46तुम्हारी किसमत में न बड़े गर में पैदा होना लिखा है.
10:49वह से निकल पाना नहीं.
10:50और मालो तुम भाग भी गई.
10:52तू आज नहीं तो अकल पकड़ी जाओगी.
10:54रवी को वह लोग सुइकार नहीं करेंगे.
10:56छोड़ दो रवी को. उसकी जान बच जाएगी.
10:59तुम तो किसे नहीं से दर अजील होगी.
11:01और तुम्हारे गरवाले रवी को जीने लायक भी नहीं छोड़ेंगे.
11:03रवी कहा है, हमें नहीं पता, आलोक ने हमसे कहा था कि उसने हमारे पापा को कुछ नहीं बता है, पर लगबग एक महीने बाद ही रवी का कुछ पता ही नहीं था, हमें खुद आलोक से पता चला था कि रवी अपने परिवार के साथ भी चला गया है, तो क्या तुम्हारे पता
11:33और रही बात हमारे और आलो की रिष्टेगी तो हम सिफ अच्छे दोस्ते हमारे इतने करीब रहकर भी हमेशा हमसे दूरी बनाया रखता था
11:42उस तिन जब हमें छोड़ने आ रात को उस वक पापा ने जिस अंदाज से हमें कहा कि पूछ लेंगे तब हमें लगा कि कुछ तो गड़बड है शायद उस वक तक पापा ये तै कर चुके थे कि वो आलो को मार देंगे
11:57मजी रवी जानवी बीवी के जिन्दगी से हमेशा के लिए चला जाएगा लेकिन हमें सावधान रहना होगा रवी के जाने का इकत्त ही मतलब नहीं कि कोई दूसरा रवी जानवी बीवी के जिन्दगी में नहींगा से आप उस आलोक के लिए कुछ जादा ही भाव को रहें
12:27तागे रिंटी एक दुबारा भी समी करेगा हूँ
12:29पर दांत में कीडा लग जा है
12:33तो दांत को खाड़ देने में वलाई है
12:35इसे कम से कम दूसरा दांत तो सुरक्षित रहेगा
12:38नौकर को बगल नो भीठाने को सम्मान देख लिए आप
12:41आलोक को मारना पुड़ेगा
12:57जैसा जानवी ने बताया
12:59सर अब इस प्रहलाज चौधरी से बात करनी चाहिए
13:01उसने तो फोन करके खुद काया कि वह हम से बात करने के लिए ते यार
13:04सरो मंगरंत कहानिया सुनाएगा
13:06उसके सामने रवी का जिक्र करके उसे जटका देते
13:09उसे अंदाजा भी नहीं होगा कि हमें रवी की सारी कहानी पता है
13:11मुझे तो यकीन है कि उसे ने रवी को मरवाया होगा
13:14और शायद उसके परिवार को भी
13:15और हो सकता है आलोक को इस बात का पता चल गया होगा
13:18तो सारी कहानी को दबाने के लिए उसने आलोग की भी हत्या करवा दी
13:21और यह आलोग की मासुमंच और किस्ता भया कर रही है वो भी कमजीव नहीं है
13:27बहुत कोई शादी शुदा ओरत किसी दूसरे आदमी की पत्नी होने का कैसे दावा कर से
13:31और यह एक मुर्दे के पीछे इतने गड़े मुर्दे उख़ड रहा है एक आदमी का कतलो होता है
13:42और इसके पीछे इतनी सारी कहानिया
13:44तर आलोग के दोस्ट भरत को भी कस्टडी में ले लिया है
13:46सर ऐसा तो नहीं हो सकता कि इस मा की कहानी में इस भरत को कुछ भी ना पता हो
13:52और पासवान सर कविता और संजीव शुकला से बात कर रहे हैं
13:56सर जल्दी सच सामने आना चाहिए
13:58जैसे सर जागवी और रवी की लव स्टोरी सच भी है
14:01कि अब यह एक सिर्फ कहानी है
14:03सच को छुपाने के लिए
14:05अरे हम जब कहें कि हम खुद आते हैं तुमारे पास इस पेक्टर तो तुमने मना कर दिया
14:20आपके जरूरी काम आन पड़ा
14:21क्योंकि अचानक एक रात को आपके सबसे चहेते वफादार मुलाजिम बालों के अधिया हो गई
14:26कड़ियां जोड रहे थे अपता कंपरनाजी आप जूड चुकी हैं आप खोद ही आजाएंगे तो बेतर रहेगा
14:32आप क्या पता लगया घंशामिन को
14:35कुछ समझ में नहीं आरा भाजी
14:38साला ये इंस्पेक्टर को तो तेवरी बदल गया
14:41है जला पता करो ये रवी का है उसे ने तो मुझ ने खोल दिया
14:45अम्मा पुलिस बबलू से पूछताच कर रही है कविता के बारे में और ये भी पूछा के पहले क्यों नहीं बताया उसके बारे में
15:03तुमने भी तो कुछ कहा नहीं पूलिस वालों से जब तक वो सामने से नहीं पूछे तुमको
15:08अम्मा जब कवीता यहा थी तब तुम उसके पती संजीव शुकला को ख़बर भिजवाई थी कि वो याई इस घर में रह रही है
15:16सीधे सीधे काहे नहीं कहते
15:18कि तुमको लगने लगा है कि आलोक की हत्या में हमा हाथ है
15:24को म बरभाइ ведगे अपने बेटा को
15:29अपने आलोक को
15:33अल्रसाद
15:34अरे हम जाने दिजे यहां से
15:36अनने मारें गया उपने दोस के हत्य रहे हिए
15:38और कैसे मारेंगे? दंट रखनों अपने लेली है
15:40जब तक साब नहीं कहेंगे ना तुम यह से कहीं नहीं जा सकते हैं अरे तो साब से पूछी
15:45सब्सक्राइज जान लेना चाहता था तुमारे मुआफ़े की रखम कम करवाई परना जो तुम कभीता के साथ कर रहा है थे लागवान दूसके लिए तुम को माफ नहीं करें
16:10सब्सकंद सब्सक्राइज �
16:11सब्सक्राइज
16:40अचायत लेकर क्यों आयते हैं में लेजाने, इतनी पेश्रम हैं तो छोड़ दो हमको
16:44कौन है आप लोग अरे कविता को पुलाई नाया कविता
17:00कविता चलो
17:03एफ शोरा एफ नोटंकी कम करो है समान बादो निकलो यहां से तुमको ऐस्ता सबग सिदाइगे रहा
17:10चलाओ चलाओ चलाओ चलाओ गोली हमको तुमारी वंदू से डर नहीं लगता
17:15कविता चुप चाप जाओ यहां से तुम्रापती तुमको लेने आया है
17:18आ माचीब अब समझे हम यहां सब की मिली भगता हमें इस गर से निकालने के लिए
17:24कविता निकलो यहां से बहुत हुआ तुम्राओ चुप चाप सवर रठोट चलाओ तेखिए हम यहां अपनी मर्जी से आया है
17:30आलोग ने हमारे साथ कोई सबरदस्ती नहीं की और सबरदस्ती हमें आस से कोई निकाल भी नहीं समत Key
17:58जोगी बहुत ही गलत बात है
18:00सुमन, आलोक, बड़ी शर्मनाक बात है
18:04इसी की ब्याता पत्नी को तुम लोगों ने दो महीने से अपने घर में रखा हुआ है
18:08अरे इसमें हमारी मर्जी नहीं है राम भाया
18:10इसको तो बापस जाना ही होगा
18:12हाँ और हम किसी की बात सुन लेंगे ना
18:14हम यहां से कहीं नहीं जाएंगे और यह हमारी मर्जी है
18:17नहीं चलेगी तुमारी मर्जी
18:18हर संबंद के एक मर्यादा होती है
18:21तुम अपनी पती-पत्नी के संबंद का सम्मान करो
18:24अगर आज हमारे साथ घर नहीं चली
18:26तो मालोक और उसके पुरे खंदान को घदम करने के बता रहे
18:28ए संजीव शुकला
18:29बंदूख हमारे पास भी और गोली भी
18:31हमारे परिवार की तरफ नज़र उठाने की कोशिफ ही मत करना
18:34सौला तुमारी तो ऐसी ही ता इसी ही साले
18:36पाइढ़ के तुम को अपनी पत्वी के साथ जो कर दा है करो लेकिन हमरे बेटे की तरफ आख उठा के मत बढ़िया है
18:49चलाओ चलाओ झाली चलाओ ज़िवकर कविता शुकला कविता पाथा कैसे हो सकती ये
18:58यह जानते हुहे भी कि वो संजीव शूखला की ब्याता है यह और इसी के साथ उम्हें लोटना होगा और हाँ अलोक पाठक को लिखित में देना होगा कि आप उसका संजीव शुकला की पत्नी के साथ कोई वास्ता नहीं है और ना ही वो कभी उसे मिलने की कोशिश करेगा अलो
19:28केस में फसा देगी आप ये बात उस पर तुम्हें सब के सामने आकर पंचायत को बतानी चाहिए थी उस वक्यों ही बता ही तुमने अरजाने के तोर पर आलोग पाठक
19:37संजी शुकला को दो लाग रिपया देंगे और साथ में लिखित माफी नामा भी और अगर हम कहें कि हम संजी शुकला की साथ नहीं जाना चाहते तो इसमें हम कुछ ने कर सकते अपने माता पिता से बात करो कानून का दर्वाजा खटकटाओ पंचायत आपसी मामले निप्टा
20:07अलोग पाथक संजीव शुकला को दो लाग रिपय नहीं दे पाते हैं तो हम पंचायत की और से और भी कड़ी सजा सुनाएंगे पंचायत इस तर गित की जाती है बस
20:15अलोग
20:45पर हमें तुम्हें कोई फरक नहीं, एक बार हमारे लिए बात करने कोशिच तो करो उस से, बहुत बुखलाया हुआ है, अज दो लाग से तो एक दमडी कम नहीं लेगा, अज इतने पैसे तो है भी नहीं हमारे पास, कुछ कड यार, वरना ये पंचायत उकका पानी बंद करव
21:15करती नहीं है, वो भी तुमसे प्यार करती है, अब शादी शुदा है तो उसमें उसकी क्या गलती है, ये भरत गुपता, तुम्हारा दोस्त है ना संजी, दोस्त है दुश्मन है सर, उसकी पहरवई पर हड़ जाने की रकाम हुमने ये चोथा ही करती नहीं, दो
21:45ताकि जगा 50,000 में मान गए थे, बाद में पतापड़ा दोनों दोस बन गए, उस आदमी से दोस्ती कर ली, जो मारी भगा ले गया था, तो ग्लास साला, वो नहीं भगाया था, हम खुद गए थे, अरे काईदिस नहीं को आलो को उसी वक मार देना चाहे था, काईदिस तो ह
22:15मेर क्षी था ही काफिए. उसके हरकती शे Vive ते कोई ना कोई तो मारता हिए उसे, और कोई और ना सही भगा लें भभात महीं मारा गोंगा उस, बोनों गटमान थे सहर, और दोनों की दोस्ती भी होगे, अलों में भटमान ऌना जिखिया होगा, इदार उदार मुह आता की य�
22:45एफ फज़ के आभे तो, समय बरवाद मत करो, बहुत कीमती समय होता है हमारा, समझे?
22:51देखो बरओत, तुम आलोग के दोस्तों लेकिन हमारे शक्यदार्या से बार नहीं हो, हमारी नजर है तुम्हें?
22:59हालोग को मार कर हमें क्या मिलता?
23:02तूम मिला भी क्या?
23:02मिला भी क्या मतलब आलोग के मरने से क्या मिला अमा दोस्ता वो अमा पता नहीं जिसने भी उसे मारा है उसे उसको मार करके क्या मिला होगा
23:16प्रहलाजी अपने आलोग को उसके दोस्ट भरस से ही मरवाया ना
23:20भराद अभी भी यहीं से गया है लिकिन हमारी रडार से दून नहीं गया है
23:24और सस्तों उससे गुलवाई ले गए
23:26यही हुआ था है ना
23:36नोटंग की कर रहे हो तुम
23:38हमको पहले दिन से मालूम है कि आलोग को किस ने मारा हमसे पूछे तुम
23:42खुद आके बता देते परलाजी कि किस ने मारा है आलोग को और वैसे भी भी कोई देर नहीं हुई है आप बता दीजे
23:47आपके गुगली फेंगने का इंजार कर रहा हूं है
23:49ऐसी की तैसी गुगली की, अभे बांसर पे बांसर दिये जा रहे हो, हमारा नाम सबरस्ती गसिद रहा है, इसे मामले में जिससे हमारा कोई लेने का देना नहीं है, और यह साला इंटरनेट, लोग थूतू कर रहे हैं कि परलाज चौदरी का गहात है इस केसे, यह यह लोग प
24:19रवी, अपकी बेटी जानवी का बॉइफ्रेंड, रवी, उसका क्या क्या क्या? अपे गए बॉइफ्रेंड, दो कोई कर लोंडा अओ, काती उसकी? रवी को तो हम पहले ही ठिकाने लगा दिये हैं, कहाँ गाड़ा रवी, वारानेसी महलोंडा, गाड़ा नहीं है, सेटल कर
24:49और ततकाल जाके बनारस में विष्थापित हो जागा, तो हुझ रवी? नया घर, नया नोकरी, नया नंबर, अउजो रहेगा हमरे पास, दूसरी बात, जानवी बेवी से दूर रहना, न बात करने की कोशिश करना, न मिलने की पल-पल की ख़बर रखेंगे तुमारी हम, औ
25:19अलोक को मानने की का दूरत, इसलिए के रवी के बारे में उसने नहीं बताया, अरे साला को आउकाद दिखा दिया, मारते क्यों, इसने कहा ता गंशामने की मार दो साले को, हम बोले भाईजी को, लड़का तक अब आज है, आप सपोले को दूद पिला रहे हो, आज नहीं त
25:49रवी ने मारा आलोक को, गुगली नहीं है, हमारी बीटी जानमी, क्या करें, फुन तो हमारा ही है न, उसी ने प्लाइन किया होगा और करवाया रवी से, तो चो, रवी को क्सा कर आलोक का मडर करवाया, और आपके शक्के घरे में आ गए हम, आपने तो बढ़ा कह रहे थे �
26:19असल में जानमी की चाल थी, हमारा पत्ता साफ करके पुरवी के साथ हो लेती, इतना सीरियस होने की जरूरत नहीं है, इंस्पेक्टर, ये था गुगली, असली वाला गुगली जो हमने जान बूच के फैक रहे है, तुम लोग हवा में तीर फैक रहे हो, असली मुज्रीम से
26:49कमाल भाई, तो आपने तो पहली दिया उन लोगो, क्या कहानी सनागी, प्राओड अफिल मत करो, जरा पता करो, ये कहानी सच ना हो जाए
27:02सर, हमारे पास आलोग क्या असपास के सारे पहलू है, अब इसके बाहर भी कुछ हो सकता है, क्या
27:14आजा मस्ताग, क्या ख़बर लाए बई, तगड़ा ख़बरे साब, दो दिन हो गया मस्ताग, अभी तक तु ऐसी किसी हिस्टी शिटर को नहीं डूड़ पाया है, जो हमें ये बता दे कि गोली किसने चलाई, साब जी या कोई हिस्टी शिटर हो तो बताओं, तो फिर गोली
27:44सकती है, तो इसमें आलोग क्यों मारा गया, हो सकता है साब की, आलोग इस बात की खिलाफ, आलोग का पूरा परिवार इंवेस्टीगेटिव टीम की रडार में था, और जो सामने आने आने वाला था, वो एक बहुत ही महत फून कड़ी थी, जो इससे पहले इंवेस्टीगे
28:14क्यों का? क्योंकि बबलू हमारे साथ मार पीट करता था, और अम यह भी सुने थे कि बाहर जाके वो दूसरी ओरतों के साथ काका करता है, यह बात आलोग भाहिया जानते थे, वह ही बता है हमको, साब पिंकी अगर हमको छोड़के भरत साधी कार भी लेती, तो हम थोड़ी �
28:44मैं अम्मा से भी साफ साफ कह दिया था कि हमारे साथ यह फाल्तूबते ना करें, अम्मा, आज के बाद ना इस घर में कदम भी नहीं रखेंगे, देख लेना तुम, आज ही कह देते हैं बबलू से की बंबाई चले, हमें रहना ही नहीं है बंसोली में, बबलू तुम्रे लि
29:14आलोक भाईया की तरह, आलोक भाईया कितने जिम्मेदार है और कितने नहीं तुम भी जानती हो और हम भी जानते हैं, समझी, बबलू को नसियत देते हैं कि दाएरे में रहे और खुटके दायरों का का, इसलिए आज वो कवीता सर पे चड़के नाच रही है उनके, ठीक है,
29:44आलोक भाईया की थी, और तुमने ये बात हमें बताना जरूर ही नहीं समझा, सर पहली बात कि हमको ये पता नहीं था कि इस बात को लेकर के आलोक की हत्या हुई, और दूसरी बात, आंटी जी को ये लग रहा था कि हम उनकी बेटी पिंगी से शादी करें, और इस बात का भ
30:14कि इसकी शादी तुलवा कर तुम से करवा दी जाए? अलोक, बोल रो, हमको कुछ समझ में नहीं आ रहा है आलोक, क्या वो तुमसे पूछे भी नहीं बार पिंकी को तुमसे शादी करने के लिए गह रही है, तो हो सकता है, आंटी जी ने हमसे कभी इस बारे में बात नहीं क
30:44क्यांटी जी अगर आपको लगता है कि हम पिंकी के लिए बबलू से बहतर साबित होंगे तो ये अच्छी बात है, लेकिन हमारा कोई इरादा नहीं है कि पिंकी का घर तोड़कर हम अपना घर बस है, बबलू को ये बात पता थी, कहीं उसने तो हमको नहीं लगता है, अगर
31:14और उनसे कहा होगा कि हमारे जिन्दिगी में दखलंदा जी ना करें, तो क्या इतनी सी बात प्यम्मा जी आलोक को मरवाए होंगे, हमें नहीं पता, पर हमारी कुछ समझ में नहीं आ रहा है,
31:44आजिए समय आजिए सब्सक्राइब करें नहीं होगा नहीं होगा, जिए आजिए जारे आलोक को साथा धिया,
32:14और इसके पहले लगभग यह लोग हर रोज बात करते थे अच्छा जब हमने अलो के कॉल रिकोर्ट निकाले थे तो उसमें भरत का कोई अता पता नहीं था राइट राइट राइट सर्फ पिछले तीन महिनों के कॉल रिकोर्ट देख रहे थे और इनकी बात्चीत बंद बं�
32:44यहां सार मुझे भी अजीब लगा बस यह बात वहीं खतम हो अलाकि हम बाद में गए अंटी जी से मिलने के लिए उनके कर हमने उनको संझाया कि अगर आपको लगता है कि हम पिंकी के लिए बबलू से बेहतर साबित होंगे तो यह अच्छी बात है लेकिन हमारा कोई इरा�
33:14शायद कविता से हो सकता है इनको जम के तोरते हैं थार बहुत हो गूमन को मना कविता का इस मामली से कोई लिए देना नहीं है सुमन पाथक के अ कौल रिकौर्श Iya अपको लगते है उसने अपने बेटे को अमर वाय सुमन पाथक ने आमें को बढ़ है सुमन पाथक ने हमें
33:44जबकि बतानी चाहिए थी, आखरे उसके बेटे के मडर कमाम लागा
34:10मार क्या आप
34:14जबकि बता चलाए कि पिछले चार महीने में तुमारे और आलो के बीच कोई बाची प्रणी थी?
34:28हाँ, वो अपने काम में बीजी था, हम अपने काम में बीजी थी
34:32आलो की मास, सुमन पाठक के काल रिकोर्स फी ऐगाता है
34:34उनके और तुमारे बीच भी चार महीने कोई बाची प्रणी थी
34:37वो तो बिजी नहीं थी
34:39अजीव है ना?
34:42यह बिल्कुल मत कहा ना की बाचीत का सिलसिला टूट गया थी
34:44बारत पिंकी को लेकर तुमारे और आलो के बीच सब कुछ सुलज गया था
34:48यह तुम ही ने कहा था ना?
34:50पहलिया मद हुजा
34:52सीधा मुद्धे बाया
34:54चार महने तक कोई बाची है
34:56पिर अचानक
34:5812 Jun को नो जूटकर पैतालीस मृमट पर मेचिज जाता पर नूबज कर पैतालीस मृमट this week
35:06मृमज जाते हैं तो हुआज मेसें पंशमन पाठाक के फोन पर और चारी मैसें सुमन पाठाक के फोन
35:08तुम्हारे फोन पर आते हैं
35:10अम हत्तियारे और उसके मकसद को हर जगे थालाश्टे रहे
35:13और उसके अमारे सामने था
35:17बहुत आलोग का मटर तू नहीं किया यह पता है
35:38कर दो दोस्ति हो गए और इस तरह आले मामले के बाद भरता लोग के जिंदगी में आया उन दोनों की दोस्ती हो गए और इस तरह
36:08भरत हमने भी जिंदगी में आगे और हम जानी नहीं पाय कि भरत सिफ हमने जिंदगी में आने के साथ साथ कहीं आगे बढ़ चुका था
36:17अगर अलोग को ये बात पता चली नहीं पता नहीं का करेगा यह तो हम भी नहीं जानते भरत
36:27का जवाब दे हम तुमको
36:31हम रोज रोज यहां नहीं आ सकते कहीं किसी ने देख के गणित विठा दिया है और घवराट होती है
36:36अरे का सोचेगा यही सोचेगा कि आलोग का एक दोस्त उसकी मा से मिलने आ रहे है और का
36:42हम अगार का यहां लेकिन आइशे कब तर चलेगा समार की अ कब बोले तुम दू मरुग अच्छा लगा उंको
36:54है वे काम काये नहीं करते इं कि साधी काया नहीं कर लेते लिए इसंवी बबलू को नो काम का नहीं है
37:00तुम अपना बीटी का घर तुरवाना चाहते हैं?
37:02तो इस तरह तुम रही ही आने पर कोई सवाल नहीं करेगा ना?
37:07नहीं रह सकते हम तुम रहे बिना?
37:10तो भरत की पिंकी से शादी करवाने का मकसद कुछ और ही था?
37:13इस शादी पिंकी के लिए नहीं, बलकि खुट के लिए करवा जा रही था
37:17क्या आलोग इस बात को जानता था?
37:18कि या इस बात का उसके सामने खुला सा होने से पहले उसकी मौत हो गए?
37:21आलोग जान चुका था
37:23वो इस बात से अच्छी तरह वाकिफ था
37:26आलोग को इस बात का अंदाजा हो गया था
37:28कि हम भारत और पिंकी के साधी पर इतना जोर काहे दे रहे हैं
37:55तुम क्या कर रहो?
37:56पाप बनना चाहर हो हमारे
37:58नहां आप शनाब बख रहो भी?
38:00आले रोज दो पहर को तेरी बाइक हमारे घर के खड़ी रहती है
38:03हमारी हिम्मत नहीं हो थी खिर्कित से अंदर जागने के
38:05कहके हमारी अम्मा है वो
38:07हमारी अपनी एक मण्याता है
38:25और हमारी अम्मा की शकल देखने के कोशिश भी मत करना
38:28आया समझ?
38:30समझ में
38:40खालोक आओ खाना खालो
38:47आलोक
38:48आओ खाना खालो बिटा
38:50हम जानते हैं
38:53तुम भरत और पिंकी के शादी पर इतना जोर काहे दे रही थी
39:00तुमको जरा भी शरम नहीं है
39:05उनी बेटे के उमर के
39:11तुमने हमारे बारे में नहीं सोचा
39:15पिंकी को पता लगया तो
39:18लोगों को पता लगया तो हम बाहर किस मुह से जाएंगे
39:23ना हमारे बारे में सोचा
39:26हमें कहीं का छोड़ा
39:29आज के बार भारत यहां कभी नहीं आया और ना तो मुझे कभी मिलोगी
39:33जब हमारे विट्टे ने बार बार हमसे कहा तुमको सरम नहीं आई मा तो हम का करते हैं
39:44उस वक्त हमरे कुछ कहने से उस पर कुछ असर होने वाला थका
39:47हमको पता ही नहीं था कि हम इबात आलोक से कैसे कहते एक हिचर
39:55जब हो हम्रे गोध में आया तो हम सिर्फ सोलह साल के थे वो जब पिंक की पैदा हूए तो onnitस साल के
40:04हम इबात कैसे कहते उससे
40:08कि हम उन दोनों के मा होने के साथ साथ एक गौरत भी तो थे
40:14हाँ
40:17आपको सरम आती थी साहिश
40:20बहुत सरम आती थी
40:22पिर कहा करते हैं
40:26जब सरम के आगे सरीड की जरूरत आजाए
40:29और खुद को रोपना बहुत मस्किल हो जाता है
40:33हमने अपने अंदर की ने तिक्ता की हध्या कर दी थी
40:38पर जहाते थे हு
40:40चाहते थे कि हम उसी दाइरे में रहें जो समाज ने विद्वाओ के लिए बनाया है
40:47तो हमारे दिल को गमारा नहीं था
40:53तुम्हारी शारिरिक जरूर थो
40:55नहीं तिक मोलियों पर सवाल या निचान लगाने का मुझे कोई हक नहीं
40:58और नहीं मुझे ये हक है कि मैं तुम्हें सही या गलत कहूँ पर तुम्हें अपने ही बेटे का मडर करवा एक इंसान होने के मूलियों को पीछे चोड़ दे
41:05और तब ये समझबाना मुश्किल था साहिब
41:08कि हमको जो चाहिए वो हम कैसे पाए
41:11इसलिए हमको जो ठीक लगा हम कर दी
41:17तुम्हारी बहुत याद आ रही है भरत
41:20हमें भी
41:24तुम्हें देखने का मन कर रहा है
41:27अलो कि या तु हमें मार डालेगा या तुम्हें
41:41तुम मार डालो आलो को
41:45मार डालो से
41:47जर्म के पीछे का मकसद और जर्म को अंजाम देने वाले नाम ने
42:00ना सिर्फ आलो की बेहन पिंकी को सद्मे में डाल दिया
42:03बलकि इस बात ने इस केस से जुड़े सभी संदिक्द लोगों को भी छटका दिया
42:08हर उस इनसान को जो आलो की हत्या के मामले में पुलिस की रडार में था
42:13हर वो औरत जिसका कभी न कभी आलो के अफैर रहा हूँ
42:18या फिर रेनु जिसने ये दावा किया था
42:20कि आलो कने उसे दो अमीर लड़कों के चंगूल से बचाया था
42:24और इसलिए उन्होंने आलोग की हत्या कर दे
42:26सभी इस खुलासे से बेहद हैरान थे
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