वाराणसी, उत्तर प्रदेश, 26 जून 2025: इटावा में कथावाचक मुकुटमणि और उनके साथ के लोगों की पिटाई की गई है. इनको कथित रूप से ब्राह्मण बनकर कथा कहने के कारण गांव वालों ने अपमानित किया और सिर मुंडवाया. वहीं इस मामले को लेकर ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने भी ऐसा बयान दिया है जो चर्चा का विषय बन गया है.
00:00किसी भी जाती में, सनातन धर्म की जितनी भी जातियां हैं, किसी भी जाती में जन्म लेना गुरो की बात है, भगवान की भगवान सबके हैं, भगवान की कथा कहने का सुनने का सबको अधिकार है, जब सार्विनिक रूप से कोई कथा होती है, तो उसमें ब्रामन वक्ता ब्य
00:30उस घटना के हो जाने के बाद जिस तरह से उसका राजनिती को वियोग किया जा रहा है
00:34हम समझते हैं वो और भी गलत है
00:36इसलिए दो लोग पहले दोशी थे अब ये तीसरे जो हैं वो भी दोशी हैं
00:40ऐसा हमारा मानना है
00:41ठीक है किस बात का सम्मान
00:44वो लोग अपनी जाती चुपा करके वहाँ गया ऐसा वहाँ के लोग कह रहे हैं
00:49तो जाती को चुपा करके जाना दोखा देना है
00:52तो जब दोखा देना है तो दोखा देने वाले को सम्मान करने का कैसे बनता है
00:56आप उनको सांतों ना दे सकते हैं कि भाई आपके साथ मारपीट हुई ठीक नहीं है
01:00लेकिन सम्मान अलग बस्तू होती है
01:02तो इसलिए मारपीट नहीं करना चाहिए था
01:05जिन लोगों ने मारपीट की बिल्कुल गलत किया उन्होंने
01:07इसलिए जिनको मारा गया
01:09उनके प्रती किसी की भी सानुबूती हो सकती है
01:11अगर अखिले स्यादों को सानुबूती है
01:13हमें भी है
01:14तो इसलिए हम उसको गलत नहीं कहेंगे
01:16लेकिन उनका शाल उढ़ा करके सम्मान करना
01:19ये
01:20हम समझते हैं कि कुछ इतनी है
01:23ये जादा है क्योंकि उन्होंने भी दोश किया है
01:26गलती उनकी भी है
01:27उनको अपनी जाती नहीं चुपाना चाहिए था
01:29किसी भी जाती में
01:30सनातन धर्म की जितनी भी जातियां है
01:32किसी भी जाती में जन्म लेना गवरों की बात है
01:35क्यों? क्योंकि सीधे भगवान के द्वारा
01:38चार वर्ण जो बनाए गए हैं
01:40वो सीधे भगवान की रचना है
01:41उन्हीं के अंगों से उनकी कल्पना की गई है
01:43इसलिए हम जब एक ही परमात्मा के अंग हैं
01:46तो हमको इस बात का गवरा होना चाहिए
01:48नहीं ऐसा है
01:54कि कथा तो भगवान की सब के लिए
01:56किसी के लिए नहीं ऐसा नहीं
01:58भगवान भी सब के लिए है
02:00हर व्यक्ति अपने अपने घर में भगवान को बुलाता है
02:03सब के घर में भगवान आते हैं
02:04देखिए जिसके घर में सोने का सिंगासन है ना
02:07वो भी भगवान को बुलाता है, भगवान उसके गर में भी आते हैं, जिसके गर में जगह ही नहीं है, दिवार में आला लगा करके, उसी के आले में ला करके बैठा देता है, तो अनंत ब्रम्हान नायक भगवान उसी आले में आके बैठ जाते हैं, इसलिए भगवान की तो को
02:37प्रमन वक्ता ब्यासासन पर बैठता है ताकि हर वर्ण के लोग उससे सुन सकें कोई इतराज ने का यही बात है ना कि आप पहले बहुत कथा कह रहे थे अब राम कथा कृष्ण कथा कहने लगते लिए आ गए और फिर आपने अपने कलपना करके जाती कर लिए और उस जाती क
03:07महसूस नहीं कर रहा है इसलिए वो अपने आरोपित जाती एक दूसरी जाती बना करके आये हुए है तो उनको यह सन ही करना चाहिए जिस जाती में जन्म हो गया उस जाती में एक से एक महापुरुश हुए होंगे अपनी जाती के महापुरुशों का आदर्श ध्यान में र