दिल्ली, 25 जून 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई किताब 'The Emergency Diaries' पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि 25 साल का युवा, जिसने इंदिरा गांधी की तानाशाही का विरोध किया… आज वही लोकतंत्र की जड़ें मजबूत कर रहा है। 2014 में PM मोदी ने उसी कारण को समाप्त कर दिया, जिसके लिए आपातकाल लगाया गया था – वंशवादी राजनीति।
00:00कॉंग्रेस पाइटी की प्रधान मंत्री इंदिरा गांदी के ताना साही विचारों का विरोध किया घर गर जाकर गाउं गाउं जाकर सहर में गुम कर विरोध किया आज वही व्यक्ति जीस काम के लिए इमर्जनसी डाली गई थी परिवारवाद को प्रस्तापित करने के लि�
00:30आज देखें विधाता भी जब न्याय करता है तो किस तरह से करता है जिस 35 साल के युवाने उस वक्त कॉंग्रेस पाइटी की प्रधान मंत्री इंदिरा गांदी के ताना साही विचारों का विरोध किया
00:48घर घर जाकर गांड़ जाकर सहर में गुमकर विरोध किया आज वो ही विक्ति जीस काम के लिए इमर्जनसी डाली गई थी परिवारवाद को प्रस्तापित करने के लिए वो परिवारवाद को आज वही व्यक्ति ने
01:082014 में पूरे देश से उखाड कर फेंग दिया और ये पुस्तक पांच अध्यायों में मीडिया की सेंसर्टिप,
01:21सरकार का दमन, संग और जनसंग का संगर्ष, आपात कालीन पिरितों का उनकी पिड़ा का वनन और ताना साही से जन भागिदारी तक की यात्रा इसका वनन इस पुच्छक में है,
01:46मैं विशेश कर देश के युवाओं को अपील करना चाहता हूँ, एक बार इस पुस्तक को जरूर पढ़िये, आपकी ही आयूर के एक युवा ने अपने सुरुवाती दिनों में जिस प्रकार से ताना साही के खिलाब संगर्ष किया, वो ही युवा इस देश में लोकतंत्र
02:16निकाल दी गई थी, वो पूरे कालखन का वर्णन इतने कठोर सब्दों के साथ ही करना चाहिए, तभी युवा पीडी को मालूम पड़ेगा कि क्या हुआ चाहिए, मित्रो आज यहाँ पर एक पुस्तक की भी विमोचन हुई,
02:35इस देश मुख के नेत्रूतों में चला, नाना जी देश मुख के नेत्रूतों में चला,
03:04वो आंदोलन में एक युवा कारे करता है नाते, मोदी जी ने जीस प्रकार से संगर्श किया,
03:14मिसाबंदी जो थे, उनके घर में गए, उनकी परिजनों की पुझताच की, उनके इलाज की व्यवस्ता की,
03:23कई सारे घुप्त अख्वार निकलते थे, उसको बाजारों में, चोराहों पर, विद्यार्थियों में, महिलाओं में बांचने का काम किया,
03:36और गुझराच के अंदर, एक संगर्श का नेत्रुत्व, इस युवा अवस्ता में, 24-25 साल के युवा, नरेंद्र मोदी ने किया,
03:47इसकी पूरी कहानी, एक पुष्तक के अंदर समाहित है, इसके साथ-साथ, राश्रिय स्वहम्शेव संग, और जन्शंग की भुमिका,
04:06सत्याग्रह और जन्शाग्रण की दिक्कतें और नरेंद्र मोदी जी उस्वक्त भुमिकत रहकर काम करते थे,
04:16कभी सादू, कभी सरदार जी, कभी हिप्पी, कभी अगर्बत्ती बेचने वाला, या कभी अख़बार डारने वाले फेरिया का काम करकर, ये सारे काम उन्होंने अन्जाम किये थे.