दिल्ली, 25 जून, 2025, एएनआई: आपातकाल की 50वीं सालगिरह पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जिन लोगों ने लोकतंत्र की हत्या के खिलाफ आवाज उठाई, लोकतंत्र की बहाली के लिए आंदोलन चलाया, जो संविधान की रक्षा के लिए जेल गए, मेरा मानना है कि वो आजादी के लिए तीसरा आंदोलन था. जब मैं जेल गया तो मेरी दादी बीमार पड़ गईं, बाद में उनका निधन हो गया. ऐसे कई नेता थे जिन्हें अपने परिवार के सदस्यों की मृत्यु पर अंतिम दर्शन में शामिल नहीं होने दिया गया. इसलिए, जिन्होंने लोकतंत्र की रक्षा के लिए आवाज उठाई, उन्हें निश्चित रूप से लोकतंत्र सेनानी कहा जाना चाहिए. इसलिए, मैंने मध्य प्रदेश में सीएम रहते हुए ऐसा किया.
00:20कांगरेस को तो माफी मांगना ही चाहिए इस पाप के लिए
00:24संविधान की हद्या की गई इस दिन
00:27लोक तंद्र को पैरों तले कुचल दिया गया
00:32आज जो संविधान लेके घुमते हैं
00:36वो याद करें
00:39यही कांगरेस थी
00:42जिसके डी आने में ताना साही है
00:45और अपनी कुरसी बचाने के लिए
00:48सत्ता में बने रहने के लिए
00:51पूरे देश में
00:54लोक तंद्र को रौंदने का पीसने का कुचलने का काम
00:58अगर किया था तो स्रीमती इंडरा गांधी जी ने किया था
01:02आज भी याद है मुझे वो काला दिन पचास साल हो गए
01:06मैं तो तब सोला साल का था
01:09कैसे आमान उसे कात्याचार किये गए
01:12पूरे देश को जैल खाना बना दिया गया
01:16मौलिक अधिकार
01:18समाप्त कर दिये गए
01:22जिसको चाहो पकड़ो जैल में डाल दो
01:25अभी वक्ति की स्वतंद्रता कुचल दी गई
01:28छीन ली गई
01:30प्रेस पे ताले डल गए थे
01:33किवल नेताओं को जैल में डाला
01:38उस समय प्रेस के साथ भी जो सुलूक हुआ
01:42लोक तंत्र के अधार स्थम्ब को भी
01:44कुचलने का काम किया
01:47किवल इसलिए
01:48कि मैं ही सत्ता में रहूंगी
01:51ना न्याए पालिका की सुनूंगी
01:54ना सम्विधान की सुनूंगी
01:57और जो आवाज उठाएगा
02:00वो जैल में जाएगा
02:03कुचल दिया जाएगा
02:03कई परिवार तबाह और बरबाद हो गए
02:05साधरन कारिकरताओं को जैल में डाल दिया गया
02:09उनके घर और परिवार बरबाद हो गए
02:13मुझे याद है हस्मत वारसी हमारे जंसंग के नेता थे
02:17मैं तो छोटा था
02:18भोपाल सेंटल जैल में मैं भी बंद था
02:22वो बीमार हुए हम लोग गिड़ गिड़ाते रहे
02:26पेट में उनके भेहनक दर्द था
02:29तीन चार दिन वो तरफते रहे
02:32उनको इलाज की सुवधा नहीं मिली
02:36और बाद में जब एक दम
02:39उनकी बीमारी ऐसी बढ़ी के अब लगा के बचेंगे नहीं
02:44तब ले जाया गया तो जाते जाते अस्पताल मुनों ने दम तोड़ दिया
02:48यह वह ने दा थे
02:49करंट लगाए गए गए लोगों को
02:52वरफ की सिली पर लिटाया गया
02:55हाथ पैर तोड़े गए
02:58अब मेरे जैसे लोग हम तो
03:01अपने स्कूल के प्रिस्डेंट थे लगा के महगाई बेरोजगारी भृष्टा चार और गला सिक्षा पद्धती
03:06इसके खिलाफ आंदोलन की जड़ुआ थे तो जैपी मुमेंट में सामिल हो गए
03:11लेकिन डिफेंस आफ इंडिया रूल में हमबंद थे
03:15हद कड़ी लगा के मारते हुए ले जाया गया
03:19और थाने में घुटनों पे डंडे और कोहनियों पे डंडे वरसाए गए
03:26बताओ ये पेंफ्लेट जो साइकलिस टैल बांटे थे कहां से आए
03:30के ये दिन भूलने लाइक है देश कभी न भूले
03:35कि वो दिन स्वतंत्र भारत के लोकतंत्र के इतिहास का सबसे काला दिन है
03:44संविधान हत्या दिवस और ये संकल पले देश
03:51कि ऐसा फिर कभी दुबारा नहीं होगा
03:54जिस अगर बात करें अपलब उस टाइम पे आपका थौट प्रोसेस था और क्या आपके माइन में आया कि उनको सनाली का नाम दिया गया
04:04जिन लोगों ने लोकतंत्र की हट्टा के खिलाफ आबाज उठाई
04:07जिन्हों ने लोकतंत्र बाहली के लिए आंदोलन चलाया
04:12जो संविधान की रक्षा के लिए जैलों में गए
04:16मैं मानता हूँ कि यह आजादी की तीसरी लड़ाई थी
04:23फिर थम सतंता संग्राम फिर दूसरा सतंता संग्राम और यह
04:28तीसरी था जब पूरे देश में आपात का लगा के
04:34दमन चक्र चलाया गया तो उन्हें बहुत कुरवानी थी
04:38मैं बता कई के छोटे मोटे कारोवार करते थे ब्यापात ठप हो गया बीमार हो गए
04:44अब मेरी दादी माँ मैं जैल में था तो जैल में गया तो बीमार हो गई
04:49लड़का जैल चला गया और बाद में उनकी मृत्त्य हो गई
04:53कई ऐसे नेता थे जिनके परिवार में मृत्ति हो गई उनको अंतिम डर्सन के लिए नहीं जाने दिया
05:00तो जिनने लोकतंत्र की रख्षा के लिए आबाज उठाई उनको लोकतंत्र सेनानी कहना ही चाहिए
05:08उनका सम्मान करना चाहिए इसलिए मुखमंत्री रहते हुं मध्ध प्रेश पर हमने किया था
05:12मैं तो ग्यारवी में पढ़ता था ये बास सही है कि मैंने आपादकाल के खिलाफ आबाज उठाई थी
05:19जेपी के आंदुलन में उस समय में सामिल हुआ था प्रेस्टेंट के नाते विद्धार्जी परिशत का तब तक कारी करता भी बन गया था
05:26मैं बेगम गन जेल भी जाता था जहां हमारे कई लोग बंद थे भुपाल के पास
05:33जेलर बहुत दयालू थे वो अंदर भेज़ देते थे बैरिक में तो सबसे मिल के आता था और उनके घर के समाचार देता था
05:41और बाहर भी हम साइकलिस्टाल परचा घरों में पहुँचाने का काम करते थे
05:46साइकलिस्टाल ही परचे हो पाते थे कहीं शपतों सकते नहीं थे एक दिन पुलिस ने
05:51मेरे घर का भी घर का था किराय के कमरे पर रहते थे पढ़ने आये थे गाउं से तो दरवाजा खट खट आया और जब दरवाजा खोला तो सामने पुलिस खड़ी थी नीचे भी पुलिस घेरे गए खड़ी थी जैसे किसी आतंगवादी को दबोचने पहुचे हो नाम पू�
06:21हमारे इलाके में कुचल देंगे और जिन सब्दों का उप्यों किया वो सभ्यभासा नहीं है तलासी ली तो मेरे यहां से साइक्ल स्टाल पर्चे से लेके चिठ्थियां तक सब बरामद हुई तो मारते हुए महां से मुझे हभी गएंच ठाने ले गए हभी गएंच ठाने �
06:51होटल थी लेकिन वो जन संग के बहुत समर्पित कारी करता थे वहां से मिलते थे तो मैंने निश्चे किया कि बताना नहीं नहीं तो उनको भी पकड़ेंगे उनका परिवार बरबाद हो जाएगा फिर करंट लगाने की धंकी दी करंट लगाया नहीं लेकिन बायर बायर ल�
07:21और बाद में दूसर दिन सवे रहे हैं फिर हतकड़ी लगा कि एक मजिस्टेट पटेल के घर जीप में हलागी बिठाके ले गए वहां पता नहीं रिमांड और क्या होता था मुझे इतना याद नहीं लेकिन मजिस्टेट ने सिगनेचर किये और फिर मुझे दो सिपाईयों
07:51उनने देखा मैंने पजामा और सर्ट पहनी थी और हालत भी राद बर सोया नहीं था तो खराब हो रही थी चेहरा भी और कपड़े भी गुड़े मुड़े गंदे होंगे तो उनको लगाई कोई चोर है तो बच्चों ने कहना है कि सुर कि देखो देखो पलिस पकड़ के ल
08:21पहले ने डाटा डप्टी की की चुप रहे हैं मिनका आप तो चुप रहूँगा ने जैली ले जा रहा है और क्या करोगे मार पीट भी लिया तुमने फिर बस में बिठाए तो बस में भी नारे लगे तो लोग काना फूंसी करने लगे डरते तो थे लेकि ये भी कहने लग
08:51नारे लगा रहा था तो अंदर से नारे लगने लगे जो मी सबंदी पहले से थे और फिर हम अंदर ले जाए गए अंदर सर्ट उतरवाई गई तिल देखे गए सरीर में कहां कहां हैं जो कुछ उनको करना था वो सब किया और फिर हम बैरिक में ले जाएगा
09:04सरकार जो है अगर बात करें इंटरनेशनल लेवल की एंटरनेशनल पॉलिटिक्स की तो वहाँ पे भी बहुत समर्थ है ग्लोबल लीडर की तरह ग्लोबल लीडर की तरह हमारा देश आगे बढ़ रहा है क्या बुर्णा चाहिए कितना डिफरेंस देखते हैं
09:24मुझे गर्व ये कहते हुए प्रधान मंतरी स्रीमान नरेंद्र मोदी जी के नेत्रत्वों में एक बैवफसाली गौरफसाली संपन सम्रिद्ध और सक्तिसाली रास्ट का उदे हुआ है आज का भारत और तब के भारत में भारत तो मां है हमारी देश लेकिन तब और आज बह�
09:54अग्जत नहीं थी गंभिरता से नहीं लेता था कोई और कांग्रेस की रिजिब में तो बेईमानी और विश्टाचार का गड़ माना जाता था लेकिन आज जहां जाएं दुनिया के किसी कौने में भारती सुनते ही एक अलग सम्मान का भाव हमारे नाग्रिकों के प्रतिप
10:24हम भरे हुए हैं और किसी ने अगर आँख उटा के भारत माता की तरफ देखा तो फिर उनको अंजाम भुगतना पड़ा है चारों तरफ प्रिगती हो रही है और सबसे बड़ी बात ये है कि लोगतंतर बीजेपी की जड़ों में हैं माटी में हैं डियने में हैं उताना साह
10:54काना है क्या जब इंदरा जी थी तब कोई बोल सकता था किसी की हमत थी क्या लोगतां तरिक प्रिक्रियाओं के माध्धम से सारी चीज़त पैह होती हैं और देश बढ़ रहा है खुली हवा में सांस ले रहा है नौजवान आप में विस्वास से भरे हुए हैं हमारी आर्थ
11:24तक महला स्वसक्ति करण से लेके ग्रामीन और सहरी विकास तक उद्धोगी करण से लेके चारों तरफ जा हाईवे देखो आप देखके गर्व से सीना फूल जाता है हाईवे जो रेलवे के नेटवर्क हो बंदे भारत ट्रेंड से लेके अलग-अलग इनोवेशन हो रहे हो
11:54के लिए अत्याचार के लिए अन्याई के लिए जिसमें कई लोग मारे गए और अन्याई भी कैसे कैसे हुए तुर्कमान गयाट कौन भूलेगा हैं लोग गोलियों से भून दिये गए थे एक व्यक्ति की सनक ने तैय कर दिया कि नस्बंदी कर दिया