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  • 2 days ago
नई दिल्ली, 25 जून 2025: 'आपातकाल के 50 साल' कार्यक्रम में गृह मंत्री अमित शाह ने आपातकाल (Emergency) के दौर को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि उस लड़ाई में भारत की जनता ने तानाशाही को नकारा। देश लोकतंत्र की जननी है, और उसे कोई कुचल नहीं सकता। आपातकाल को सिर्फ तानाशाह और उनके कुछ सहयोगी ही पसंद करते थे। लेकिन जैसे ही चुनाव हुए, देश ने पहली बार गैर-कांग्रेस सरकार बनाई और मोरारजी देसाई प्रधानमंत्री बने।

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Transcript
00:00ये लड़ाई क्यों जीते वो धितने का मूल कारण है कि हमारे देश की जनता ताना साही को कभी स्विकार नहीं कर सकती।
00:11एक प्रकार से भारत लोकतंत्र की जननी माना जाती।
00:17परन्तु सम्विदान निर्माताओने जनता के स्पिरीट को सम्विदान के अंदर सब्दों में व्यक्याईत करने का काम किया है।
00:25यह हमारा जन सुभाव है। यह लड़ाई क्यूं जीते है। वो धितने का मूल कारण है कि हमारे देश की जनता ताना साही को कभी स्विकार नहीं कर सकती।
00:39क्योंकि पुरिये दुनिया में लोकतंत्र का उद्भव ही तो हमारे देश के अंदर हुआ है।
00:46एक प्रकार से भारत लोकतंत्र की जननी माना जाता है। लोकतंत्र हमारे यहां सिर्फ सम्विदान का स्प्रीट नहीं है।
00:58सम्विदान का स्पिरीट तो है ही परन्तु सम्विदान निर्माताओं ने जनता के स्पिरीट को सम्विदान के अंदर सब्दों में व्यक्याईत करने का काम किया है यह हमारा जन सुभाव है और इसलिए यह लड़ाई हम जीते हैं कोई डर कर चूप रहे होंगे कोई कफन बा
01:28निश्चित रूप से मालूम है कि उस वक्त जितने भी पुक्ट नागरिक थे किसी को यह आपातकाल पसंद नहीं आया होगा सिवा तानासा और उनके उनसे फाइदा करने वाली एक छोटी सी टोली के और इसलिए
01:45जब यह भ्रान्ती के हमें कौन चैलेंज कर सकता है अपातकाल उठा लिया गया और जब चुनाव आया तो आजादी के पहली बार गहर कॉंग्रेसी सरकार बनी जनता सरकार बनी और मुरार जी भाई
02:01इस देश के प्रधानमंत्री बने कुई कि पुरिय दुनिया में लोकतंतर का उद्भव ही तो हमारे देश के अंदर हुआ है
02:14एक प्रकार से भारत है लोकतंत्र की जननी माना जाता है लोकतंत्र हमारे यहाँ सिर्फ सम्विदान का स्प्रीट नहीं है
02:25संविदान का स्पृरीट तो ही परन्तु संविदान निर्माताओं ने जनता के स्पृरीट को संविदान के अंदर सब्दों में व्यक्षाइद करने का काम किया है यह हमारा जन सोभाव है और इसलिए यह लडाई हम जीते हैं कोई डर कर चूप रहे होंगे कोई कफन बांद क
02:55मगर मुझे निश्चित रूप से मालूम है कि उस वक्त जितने भी पुक्ट नागरिक थे चिसी को यह आपातकाल पसंद नहीं आया होगा सिवा तानासा और उनके उनसे फाइदा करने वाल यह चोटी सी टोली के और इसलिए
03:13जब यह भ्रांती के हमें कौन चैलेंज कर सकता है अब भातकाल उठा लिया गया और जब चुनाव आया तो आजादी के पहली बार गहर कॉंग्रेसी सरकार बनी जनता सरकार बनी और मुरार जी भाई
03:28इस देश के प्रधान मंत्री बनी है
03:43झालेंज के प्रधान मंत्री बनी जनता सरकार बनी जनता सरकार बनी है

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