- 6/23/2025
क्या ईरान-इजरायल युद्ध भारत की कूटनीति के लिए चुनौती बन गया है? देखें दंगल
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00:00आज के दंगल में हम एरान पर हुए अमरीकी हमले के बाद हालात पर चर्चा करेंगे
00:05क्योंकि एरान ने साफ कह दिया है कि अमेरिका ने हमला करके जंग को पूरे इलाके में फैलने का विकल्ब अब खोल दिया
00:13इरान अब अपने उस होमू स्ट्रेट को बन करने की तैयारी शुरू कर चुका है
00:18जहां से दुनिया के तेल सप्लाई का करीब चौथा ही हिस्सा और एशियन मार्केट का 85 फीस्दी हिस्सा जाता है
00:26अब यह रास्ता बन नहीं हुआ है लेकिन पूरे एशियन मार्केट पर इसका असर साफ देख रहा है
00:32ब्रेट क्रूड धाई फीस्दी से ज़्यादा उचल कर 89 डॉलर प्रती बैरल पहुँच गया है
00:38रुपिया कमजोर हो गया है भारत में फिक्र है कि इरान की जंग का एकनॉमी पर कितना असर पड़ेगा
00:44हला कि केंडरिय मंतरी हरदीप सिंग पूरी कहते हैं कि भारत के लिए कच्चे तेल की सप्लाई के स्तरोत और भी है
00:51और फिलाल 55 लाख बैरल रोज में से 15 लाख बैरल कच्चा तेल ही मध्यपूर्व से भारत आ रहा है
00:58उसमें भी भारत अमेरिकी प्रतीबन के कारण एरान से कोई तेल नहीं खरीद रहा
01:03लेकिन कतर से नैचरल गैस से लेकर मध्यपूर्व और खाड़ी के इराग चौर्डन लिबनन सीरिया यमन से करीब 8.6 अरब डॉलर का निर्याद और 33.1 अरब डॉलर का आयाद है
01:18जो हमूज का रास्ता बंध होने से प्रभावित हो सकता है
01:21और जैसा कि सूरत हाल है इरान ने हतियार डालने से साफ मना कर दिया है
01:26इसराइल पर आज फिर इरान ने खतरनाक हमले किये है
01:31इरान ने कहा है कि अब जहां पाएगा वही अमेरिका पर हमला करेगा
01:36इरान ने इस बीच पुतिन को भी अपने पाले में लिया है
01:39पुतिन ने अमेरिका, इसराइल, एरान और यूएई से बात की है
01:43पुतिन ने कहा है कि संयुक्त राश्टर सुरक्षा परिशद में भी रूस ने अमेरिकी हमले को साफ अन्याय बताया है
01:50लेकिन इस बीच भारत में विपक्षी दल सवाल उठा रहे हैं कि भारत ने इरान के पक्ष में खुलकर अमेरिकी हमले की निंदा क्यों नहीं की
01:59हला कि पिएम मोदी और इरान के राश्टरपती के बीच 45 मिनिट तक बाचित हुई है
02:05पिएम ने अमेरिकी हमले पर चिंता जताते हुए जल्द से जल्द शांती बहाली की उम्मीद जताई है
02:11लेकिन फिलाल इरान के रुख को देखकर शांती के आसार नहीं दिखते
02:16ऐसे में दंगल में आज हम इरान जंग की सूरत में भारत पर होने वाले असर और कुटनीतिक चुनोतियों के लेकर चर्चा करेंगे
02:25लेकिन पहले यह रिपोर्ट देखते है
02:27अमेरिका ने इरान के तीन बड़े परमाणू ठितानों पर दो लाख फिलो बारू छूप किया
02:44इसराइल ने इरान के सैन ठितानों से लेकर एरपोर्स तक तबाह कर देगे
02:53लेकिन इरान न जुपा न रुपा
02:55ना हमले बंद किये ना सरेंडर किया
02:59इसराइल के खिलाफ इरानी प्रहार की 21 किस्प जारी हुई और हाइफा से लेकर पेल अवीव तक तबाही का मंदर दिखा
03:19अमेरिका काम्याबी का ढोल पीट रहा है कि इरान के तीनों परमाण उठिताने धस्त हो गए
03:23मगर इरान कहता है कि इससे इरान के परमाणू कारिक्रम पर कोई असर नहीं पढ़ने वाला
03:28क्योंकि अमेरिका के 90 फीज़दी तक समवर्धित यूरेनियम भंडार वाली जबहों पर तमाम हमलों के बावजूद
03:34अंतर राष्ट्री परमाणू उर्जा एजन्सी चीफ राफिल ग्रासी कहते हैं कि इलाके में कोई रेडियेशन फैला नहीं
03:40कुवैट के नुकलियर डिफेंस सेंटर ने कहा है कि ना तो हवा में ना ही पानी में कोई रेडियेशन पाया गया है
03:46सयुक्त राष्ट संग के ADG मिरोसलाव जिंका कहते हैं कि इरान ने हमले से पहले ही समवर्धित यूरेनियम हटाने का दावा किया है
03:54इरान के उपविदेश मंत्री माज़ेद तक्त रवानची कहते हैं कि इरान का यूरेनियम समवर्धन कारिक्रम पर अमेरिकी हमले का कोई असर नहीं पड़ा है
04:03उधर IAEA को पता नहीं कि इरान के पास 4400 किलो का जो समवर्धित यूरेनियम भंडार था वो कहां गया
04:23इरान ने B2 गॉंपिंग के बाद एक साथ तीन मोर्चे पर काम शुरू किया हुआ है
04:28एक तरफ दुन्या भर में इरान पर अमेरिकी हमले के खिलाफ प्रजर्शन हो रहे हैं
04:36दूसरे तरफ इरान ने खाड़ी में अमेरिकी ठिकानों पर हमले का एलान कर दिया है
04:39उसके साथ यमन के हूती से लेकर हिजगुला तक खड़े हो चुके हैं
04:43तीसरे तरफ इरान आगे के रणनीती बनाने के लिए रूस पहुच चुका है
04:46उधर इरान के संसत में प्रस्ताव पारित हो चुका है कि अमेरिका के हमले के बाद
04:51अब इरान की ओर से होने वाले तेल सप्लाई के समुद्रे रूट होरमुज स्टेट को बंद कर देगा
04:56हलांकि अमेरिकी हमले के बाद इरान ने अभी तक होरमुज स्टेट का रास्ता बंद तो नहीं किया है
05:04इसका फैसला सुप्रीम नैशनल सिक्योरिटी काउंसिल पर छोड़ा गया है
05:07लेकिन दुनिया को कई तरह की फिक्र है
05:09एक तो इरान दुनिया का नौवा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है
05:15जो रोज 33 लाग बैरल कच्चे तेल का उत्पादन करता है
05:18कच्चे तेल के ग्लोबल कारोबार का 24 फीज़दी और नैचुरल गैस के कारोबार का 20 प्रतिशत से अधिक
05:25इसी होर्मुज स्टेट के रास्ते से होता है
05:27इसमें से 84 प्रतिशत पूड और 83 प्रतिशत गैस एशियन देशों में जाता है
05:32जिसमें चीन, भारत, जापान, दक्षिर कोविया जैसे देश 79 फीज़दी तेल ले ले लेते हैं
05:37दूसरा ये इरान के लावा इराक, सौधी, युएई, कुवैट, कतर, ओमान
05:41इन देशों से होने वाला कारोबार भी इसी रास्ते से होता है
05:45चुकि भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल और 54 प्रतिशत नेचुरल गैस का आयाद करता है
05:51और इसमें से 40 प्रतिशत कच्चा तेल और 50 फीज़दी नेचुरल गैस इसी मध्यपूर्व के रास्ते से आता है
05:57ऐसे में ये होर्मोज स्टेट बंद हुआ तो एशिया ही नहीं पूरी दुनिया की एकॉनमी पर उसका असर पड़ेगा
06:04और उसकी मिसाल आज दिखी जब अमेरिकी हमले के बाद से एशियाई बाजाल लाल रंगने रंगे हुए थे
06:10तो क्रूट के दाम धाई फीजदी तक बढ़कर 89 डॉलर प्रती बैरल तक पहुच गए थे
06:15हाना कि भारत के लिए थोड़ी राहत की बात ये है कि भारत को फिलहाल कच्चे तेल सप्लाई के अन्य स्त्रोथ है
06:20जिसमें एक तो भाड़ी देशों का स्त्रोथ है इसमें पश्चिन में भारस की खाड़ी और पूरब में उमान की खाड़ी के बीच की ये मातर 33 किलोमीटर चोड़ाई वाली जगा है
06:29जिसमें सर्फ तीन किलोमीटर की चोड़ाई में जहाजों पर सामान आता जाता है
06:36दूसरा रास्ता स्वेज नहर और केप ऑफ गुड होप होते हुए अफरीका का चक्कर लगा कर पहुंसता है
06:41और तीसरा रास्ता प्रशांत महसागर के रास्ते
06:44इरान में गंभीर संकत हुने और होरमुज स्टेट बंद पड़ जाने की स्थिती में
06:48भारत में कच्चे तेल और निचुनल गैस के आपूर्थी के दूसरे स्क्रोथ खुले रहेंगे
06:52ताजा अंकडों के मुताबिक चार साल पहले जो भारत
07:17रूस से 1.96 फीजडी और इराक से 25.66 फीजडी तेल खरीद रहा था
07:23वो 2022 ते इसमें अपनी जरूरत के खुल तेल में से
07:26रूस से 21.49 फीजडी इराक से 21.38 फीजडी और सौधी से 16.68 फीजडी तेल लेने लगा
07:342023-24 में भारत ने 33.87 फीजडी तेल का आयात रूस से किया
07:39और 2024-25 में 49 फीजडी से अधिक तेल का आयात रूस से हो रहा था
07:43मतलब जानकार बताते हैं कि फिलहाल कच्चे तेल के दां 85 डॉलर भी जाएं
07:48तो भारत उसे जेल लेगा लेकिन होर्मूज स्टेट के बंद होने से सिर्फ तेल नहीं
07:52खाडी से बाकी कारोबार पर असर पड़ेगा लेहाजा भारत में राजनीतिक विपक्ष सवाल उठा रहा है
07:57एक नैतिक शक्ती भारत ने हमेशा दिखाई है
08:26और भारत की जो कूटनेतिक शक्ति है उसके पीछे भी भारत की नेतिक शक्ति हमेशा रही है वो नेतिक बल नहीं दिख रहा इसी वजह से भारत चुप है और भारत की चुपी भारत को एकदम कॉर्णर कर रही है भारत को अलग थलग कर रही है जो ऑपरिशन सिंदूर में भी
08:56दोनों ही देशों से भारत के सांस्कृतिक, पारंपरिक, आर्थिक और सामरिक हिद जुड़े हुए हैं।
09:26कॉंग्रेस के प्रवक्ता इस चर्चा में शामिल हुए हैं।
09:56इन सारे मुद्दों पर संजे कुलकरनी से भी हम सवाल पूछेंगे लेकिन तीन सवालों के साथ इस चर्चा की शुरुवात मैं करना चाहता हूँ।
10:04पहला सवाल इरान की जंग से भारत की अर्थवेवस्ता पर कितना बुरा असर पड़ेगा।
10:10हमने थोड़ी दिर पहले जो आपको जो कहानी दिखाई उसमें आपको साफ नजर आया कि किस तरीके से 40 प्रतिशत से जादा कुरूड ओयल इसी रास्ते से आता है और अगर स्टीट ऑफ हमुज बंड होता है तो जिसका असर भारत पर भी पड़ सकता है।
10:24दूसरा सवाल क्या अमेरिका इस जंग को और बढ़ाने का जोखिम लेगा क्योंकि अमेरिका ये कहने की कोशिश कर रहा है कि वो युद नहीं शुरू किया है उन्होंने सिर्फ न्यूकलियर अस्थापनों पर ही अटैक किया है ताकि इरान न्यूकलियर बंड नहीं बना सक
10:54सबसे ज़्यादा इंपॉर्टेंट है आज की स्थिती में कि क्या इरान इसराइल युद के हालाद भारत के लिए एक कुटनेतिक चुनोती बन गया हला कि इरानियन प्रधान मंत्री ने प्रधान मंत्री मोदी से भी बात किये 45 मिनिट्स तक ये बाच्चीत हुई है लेकिन
11:24लिए क्या है तो मैं आर्थिक मामलों पर बाती तब ही नहीं करूंगा क्योंकि मेरे समझ से वो भी ये काफे बड़ी चिनोती होगी लेकिन कुटनीतिक चिनोती के तोर पर अब मुझे ये डर नहीं है कि एरान या इसराइल वो हमारी पोजीशन को समझेंगे या नहीं समझ
11:54लिए हैं और उन पोजीशन में हमारे साथ इस्वरेल भी रहा है और बिड्रीश के जो वेस्टेशिया के कंट्रीज थे वह भी रहे हैं आज जो हमारे जो निजी स्वार्थ हैं यह जो हमारे अपने इंट्रेस्ट थे उनको देखते हों वो पोजीशन को गलच सही साबित ह�
12:24उनसे बहुत अलग कर लिया है, मेरे खाल है कहीं न कहीं हम इसको adjust कर तक्ते थे जो हम कर रहे हैं और कह रहे हैं, लेकिन जो कह रहे हैं, कर रहे हैं, ethical positions की बात छोड़ कर दी है, हमें एक बहुत खत्रा बड़ा पैदा हो गया है, इस खेत्र में, वेस्तिय के खेत्र में, वेस्
12:54पढ़ रहा है, व्यापारा पढ़ेगा, लेकिन जो सबसे बड़ा में खत्रा देख रहा हूँ, वो देख रहा हूँ, जो अफगानिस्तान के टाइम पर हुआ था, जो इससे पहले हो चुपा है, और अब दुवारा होगा, असी मुनीर को जब प्रेजिदेंट ट्रम्पने
13:24शौक लगा मेरे को, कि अमेरिका इतनी जल्दी कैसे भूल सकता है और किस तरे रिचस कर सकता है ये, लेकिन बात ये है कि सब कुछ जानते बुझते, ये नहीं की इन्फोर्मेशन नहीं है, कि पाकिस्तान का इदका नैशनल टर्रिशन पर क्या रुख रहा है, उसामा बिल �
13:54जहां पर कि पाकिस्तान हाला कि पब्ली कली उसको डिनाउंस कर रहा है, लेकिन पाकिस्तान डुप्लीशन घेले में कापी माहिर है, पहले कर चुका है, कि बोलना कुछ है, करना कुछ और है, मुझे ये शक है कि कही ना कही इरान के बारे में जो इंफोर्मेशन है, इंटेल
14:24जिसकी वज़े से USA और असी मुनीर पाकिस्तान की ISI पाकिस्तान की आर्मी इतनी नजदीक आ रही है और अगर ऐसा है लेकिन उसके बावजूद हम देख रहे हैं कि UNSC में सीस फायर का जो प्रस्ताव लाया गया है युद्विराम होना चाहिए वो प्रस्ताव लाया गया है उ
14:54ग्रत की नीती इरान को लेकर 2005 थी 2005 में हमने इरान के विरुद में U.S. के साथ में अमेरिका के साथ में वोट किया था जब नुक्लियर पार का मुद्दा निकला था और उसमें तब हम अमेरिका के साथ में बाचीत कर रहे थे
15:09सिविल न्यूक्लियर संधी को लेकर उसके साथ-साथ न्यूक्लियर डील को लेकर हमारी बाचीत हो रही थी
15:142005 में हमने उनके समर्थन में वोट किया था लेकिन वही 2024 में हम absent रहे थे उसमें
15:21तो कई बार हमने ये देखा है कि हमारी नीती उस वक्त की situation के हिसाब से रहती है
15:39NPT का उलंगन किया है
15:41International norms का उलंगन किया
15:43और हमको इरान के साथ में खड़ा होना चाहिए
15:45क्या आप उससे इत्वाक रखते है
15:47क्या आपको लगता है कि ये बात सही रहेगी
15:49आज किस्तिती में
15:50देखें पहले बात तो ये है कि
15:542005 का आपने जिक्रिकिया
15:56आपने अपने सावाल का फुद जवाब ही दे दिया है
15:58कि हमारे जो उस साथ पर बाती चल रही थी
16:01उसमें हमें अमेरिकल साथ देना बन रहा था
16:03और मैं यहां पर विपक्ष की या पक्ष की बात नहीं करूंगा
16:06लेकिन बात ये ये जरूर करूंगा
16:10कि हमने टाइम टाइम पर अपने नैशनल इंट्रेस्टों देखते हुए जो एथिकल पोजिशन से हमने उनको सग्रिपाइस किया है
16:17पहले भी किया दोजार पांस की बात करी तो मैं बिना विपक्ष की बात किया मैं इतना जरूर कहूंगा
16:23कि लॉंग टर्म इंट्रेस्टों देखते हुए भी अगर हमें कही थोड़ा साय ओपन रखना चाहिए था तो अच्छा रहता हमें जरूरी जी कि सारी चीज़े कहनी चाहिए एक चीज़ मैं और कहूंगा आपने कहा कि पाकिस्तान के बारे में कुछ कहा था आपने ये तो �
16:53हमें इसके बारे में बहुत जादा साब्धार रहना पड़ेगा कि पाकिस्तान हमारे खिलाब कोई डबल गेम नहीं खेल रहा हो ये हमारे लिए बहुत जबी बात बिलकुल साफ है कि जिस तरीके से एरान और अमेरिका के रिष्टों में बदलाव आये हैं उसी तरीके से हम
17:23हैंगे लेकिन मुख्य सवाल हमारा जो था सिदार जराबी की इरान के जंग से भारत की अर्थवेवस्था पर कितना बुरा असर पड़ेगा हरदीप सिंग पूरी कह रहे हैं कि हमारे पास बाकी स्तरोध भी है अलग रास्ते से भी हम क्रूड आयल का बंदोबस्त कर सकते है
17:53सबसे बड़ी बात हमें ये पहले समझनी होगी कि पिछले अब लगबग तीसरा साल शुरू होने को है जब पेट्रोल और डीजल के दाम फिक्स्ट रहे हैं आपको ध्यान होगा कि पहले पेट्रोल और डाम और डीजल के दाम बदलते रहते थे वो नीती फ्रीज कर दी ग�
18:23रीचे होने का जब क्रूड ओयल के प्राइसिज में बदलाव आता है कोई असर नहीं दिया गया है अब मान लीजे अगर क्रूड ओयल के दाम बहुत ज्यादा बढ़ते हैं तो क्या होगा वो कहना कठिन है अभी तक के जो पहले इंडिकेशन आई है कि बहुत ज्यादा उ�
18:53का all out conflict शायद अभी संभावना के दाइरे में नहीं है कारण उसके आपने भी बताए कि जिस प्रकार की targeting हुई है इरान को पहले से पता था उसने काफी सामान शायद वहाँ से निकाल भी लिया तो एक प्रकार से
19:10calibrated response अगर आता है तो market अलग रूख ले सकता है जहां तक इस straight को बंद करने की बात है हमें सबसे बड़ी बात जो ध्यान में रखनी पड़ेगी भारत से ज्यादा सबसे ज्यादा खामियाजा इसका चीन को पड़ सकता है कारण क्या है क्योंकि 50% से अधिक चीन का जो crude oil है व
19:40और आप जानते हैं चीन और इरान के संबंद कैसे हैं मेरा ये मानना है कि शायद कहीं ना कहीं पे इरान अमेरिका को चोट पहुचाने का जो उसका एक मन होगा और बदले की भावना होगी उसमें वो अपने सबसे बड़े बैकर चीन को बहुत बड़ी चोट नहीं पहुच
20:10कहता है कि आज भी अगर हम देखे तो दो में से तीन लिक्विफाइड पेट्रोलियूम गैस सिलिंडर्स जो भारत के घर-घर में इस्तिमाल होते हैं वो वेस्ट इशिया से आते हैं और इसका असर जरूर यहां पर पढ़ सकता है यह भी कहा जा रहा है कहा जा रहा है कि लपी
20:40भारत सरकार क्या कर रही आपको लगता है और क्या उस पर उसका असर पढ़ सकता है आपने कहा कि स्टैबिलाइज हमने किये कोई भी कानफ्रिक्ट अब तक इसकी पर असर नहीं डाल पाया है लेकिन ऐल्पी जी कि अगर बात करे तो उसका उसका असर पढ़ेगा क्या
20:52देखिए अगर होर्मुज का जो स्ट्रेट है अगर उसको बंद कर दिया जाता है तो बिलकुल प्रभाव पड़ेगा और शॉट टर्म और मीडियम टर्म बड़ा प्रभाव पड़ेगा
21:06दूसरे alternative sources अगर हैं भी तो शायद समय और cost of transportation बड़ेगा पड़ मैं बार बार यह कह रहा हूँ कि ये होर्मुज का जो स्ट्रेट है ये control इरान का है और हमने पिछले 48 घंटे में साहिल एक चीज जो देखी है कि कुछ ships ने उस area से जाने में अपने जो thoroughfare है उसको कम कर दिया ह
21:36ships की संख्या गटी है पर मेरा बार बार आपसे ये कहना है कि अगर होर्मुज के स्ट्रेट को इरान target करेगा और उसको अगर बंद करेगा तो वो US के खिलाफ action नहीं होगी वो दुनिया के खिलाफ action होगी और इस कारण ऐसी action से कहीं न कहीं इरान भी बहुत संभल के चलेगा
22:06होते हैं पर जो रेल decision maker इरान में है वो Supreme Council है और Supreme Council का शासन पर पूरा control है क्या वो ऐसा बड़ा step लेगा और पूरी दुनिया से एक बैर और महंगाई के हालात पैदा करेगा मेरे को इस चीज़ पे अभी पूरी जानकारी लगता है अभी बाहर नहीं आई है
22:24यही तो important बात है कि अब तक यह मान नहीं रहते हम कि अमेरिका शायद इस तरीके से इरान पर bombarding करेगा क्योंकि बार बार domestic politics का हवाला दिया जा रहा था कि अमेरिका में चुनाव के वक्त डोनाल्ड टरंप बार बार यह कहते हैं कि अब मैं Middle East के जगडे में अमेरिका को नह
22:54पूरे मामले को आगे बढ़ा सकता है क्योंकि आज की स्थितिम अमेरिका बार बार ये कहने की कोशिश कर रहा है कि जो जो बैयान उनका आया है कि हम यूद नहीं कर रहे हैं अभी तक अमेरिकन कॉंग्रिस के पास जाकर यूद की पर्मिशन नहीं ली गई है क्योंकि यू�
23:24मैं कहुंगा कि अमेरिका ने तीम जो इंसलेशन को टागेट किया था, अमेरिका का मक्सद था, तो एंशॉर कि एरान डाज नॉस नॉस के पिबलेटी और आज अज़ असर नहीं पड़ा है, तो वो जो है, वो साफ हो गया है कि एरान के आज की तारीफ में वो काबिलेट नही
23:54अज़ आज की तारीफ में रुक्ति और इरान प्रकार नियुक्ति और इरान जो तुरिफ को थेएरो, अब स्वाल क्या होता है, अगर तो ये तो ये ने यहां तक भी तक भी अज़ुट अचीव कर लिया है, अब जो जो 20 तक तक ये सब्सक्तर के आज पास जो ये ये सनि�
24:24तो अपोस USA उसका पूरा विटाइजिक करेगा दुक्तार इरान का होगा
24:29जहां इरान और इस्रेयर के संबन्द है लगातार इस प्रकार से इरान इस्रेयर के उपर पलकवार कर रहा है
24:37और अगर पाज, दस, पंदरा मिजाइज भी जाकर कि गिर पा रही है
24:42अतशन नियुक्तार इरान के उपर जिस्ष प्रकार से अभी तक इस्रेयर के ब रहरी है
25:08और अमेरिका नेरी फिर्फ कंपाइंट के मिलिट्री टागेट, न्यूक्लिय इंसलेशन और उनके कमांडर्स, उनके निक्री प्रोडक्शन टाइटीनिक रूपर, अब तेक्वार्स जिसके काईज से इरान खुद कह रहा है कि उसके तेक्रिमिन 400 से 500 लोग मारे गए और 3000 घा
25:38जाहिन पाइड ओ, टोई भी जोड़ फाइड हो, अगर इस आज़र्ड दो मर इसे कबड़ करता है, तो कहीं नहीं बढ़ बड़ कि लुक्तान इजरेल का फक्का होता है, इसमें कोई शक्ति नहीं, वो जी नहीं, क्योंकि इसरेल और इरान में बहुत परख है, इरान सेक्र
26:08पर सकता है, नहीं कर सकता है, इरान किसी भी हालत में
26:30तो लगता है कि अगर इरान ये थ्रेट डेने की कोशिश भी कर रहा है कि हम स्ट्रेट ओफ हमूज को बंद कर देंगे
26:48वो पूरी तरीके से असरदार साबित होगा इसकी कोई गैरेंटी नहीं है
26:52क्योंकि आधा जो उसका हिस्सा है वो ओमान के पास में भी है
26:55लेकिन उसके बावजूद जो हम स्क्रीन पर दिखा रहे हैं आप देख सकते हैं कि होबूज की खाड़ी बहुत एहम है आज की स्थिती में
27:02और वहाँ पर अगर कोई भी इंटरप्शन होता है तो उसका असर फिर भी सीधा वहाँ से आवाजाही करने वाले जहाजों पर पढ़ सकता है
27:10लेकिन मेरा सवाल यहाँ पर कुछ और भी है लिफ्टन जनरल संजेक बूल करनी क्योंकि आए ये ये ये कहे चुका है कि रेडियेशन का कोई असर हमें दिखाई नहीं दिया
27:18क्योंकि आए ये वहाँ पर जो उन्होंने मौईना किया उसके बाद उनका कहना है अमेरिका के हमले के बाद में कि तीनो न्यूपलियर साइट्स पे हमने देखा कि किसी भी तरीके से रेडियेशन का असर फिलाल हमें देखने को नहीं मिला है
27:31ऐसी स्थिती में क्या अमेरिका का हमला बेसर हम कहें पहली बार उन्होंने बंकर बंक का इस्तमाल किया था और जिसको लेकर काफी चर्चा हो रही है तो क्या यह हमला बेसर हुआ है यह हम कहें
27:43लेकिन पहादों में जो जो इनके पास थे और अबने की जो के अक्ती मीटर यह है इसमें है
28:13अगर कोई चीज अगर नॉमल नॉमल अपना पावर प्रोड़क्शन करते हैं तो को इतनी गहराई में जा करके नहीं अपने अपने इंडिक युरेइन रखता है तो उसके कोई शक्त ने की डाल में काला है और इरान भी इस मामने में जूट में धुला नहीं है क्योंकि कही
28:43दूसरा कि इतना गहरा है और इस प्रकार से बीटु बांबर से ज़राई ब्रण तो अगर सब्सकत पावर जाएगा आपने जब रिलीज गहा जब रिजीज वा रेडियेशन तो इसम्सक्त पकार से पुकुषीमा ने जपान ने वहा इसम्सक्त प्रकार किया जब अगर अ�
29:13लेकिन आज की स्थिति में भी जे खत्म करें आपकी बार जे लेकिन इसके बावजूद इरान साफ कर चुका है
29:43कि अब युद शुरू हो चुका है और वो खत्म नहीं करेंगे आम तोर पर मिडली स्थ में कई बार हमने देखा है कि अमेरिका ने कई युद की शुरुआत की है लेकिन खत्त करना उनके हाथ में नहीं रहा है और उसका असर पूरे दुनिया को कई बार भुगतना पड़ा है
30:13कि भारत को किसी specific पक्ष को लेने की जरूत है इसराइल हो या इरान हो किसी एक का पक्ष लेने की जरूत है भारत समान दूरी बनाए रख्ते हुआ है
30:22और मैंने आपको बताया भी इससे पहले की चर्चा में कि किस तरीके से भारत की भूमी का 2005 में इरान के मामले में अलगती दोजार 24 में अलगती
30:30देखे साहिल जी भारत की भूमी का जो है विदेश नीती में मैं समझता हूँ कि ये clear रहनी चाहिए confused नहीं होनी चाहिए
30:41आज की परिस्तिती में अगर हम पूरे वाक्य को देखे तो हम कहीं न कहीं confusion में नजर आते हैं
30:47हमारी प्रात्मिक्ता ये होनी चाहिए कि इस West Asian region के अंदर शांती बहाल होनी चाहिए
30:53युद्विराम होना चाहिए हमें अपनी कूटनीती और जो भारत का size है चाहिए economic size ले लो या हमारी population wise आज भारत का वजूद जो है पूरे विश्व के अंदर बड़ा है
31:03और इस बड़े वजूद को लेकर के इसका फाइदा उठा करके हमें अपनी आवाज को बुलंद करना चाहिए अच्छाई के लिए युद्विराम करने के लिए क्यों नहीं हम इसमें मुखर होकर के इसमें अपना statement इसमें करते हैं हमें दो तरफा नहीं रहना है हमें कहीं �
31:33हैं क्या ये सारी चीजें अगर ये युद्व लंबा चलता है तो क्या पेट्रोल डीजल के दामों पर फरक नहीं पड़ेगा दूसरे इंदन पर उसकी प्राइस पर फरक नहीं पड़ेगा क्या भारत के अंदर inflation नहीं पड़ेगा तो क्या भूमिका होनी चाहिए तमाम सार
32:03उपर पहले इरान ने नहीं चुरू किया है तो ये जो हमले हुए है ये ठीक नहीं है हमारे विश्व की परिस्तिति और वेस्ट एशिया की परिस्तिति को देखते हुए अब अमेरिका को खुद भी पता है उन्होंने इसी साल में 2025 में उनकी पांच कूट नितिक मीटिंग ह
32:33प्यार का जो कारेक्रम है उसको पर्शू नहीं कर रहा है उसको स्तगित रखा है जो अलिक एमिनाई है उन्होंने उनको इजाजत नहीं दिया ये खुद यूएस कॉंग्रेस को कहा है उसके बाद भी अगर ट्रम्प उसको खारिज करके और ये बॉंबिंग करते हैं और एक
33:03मेरा ये कहना है कि अमेरिका को सचेत करना जरूरी है वैसे भी अमेरिका हमारे साथ कहा खड़ा है अमेरिका तो आसिम मुनीर को लंच खिला रहा है वो कह रहा है आई लव पाकिस्तान आई एम एफ का लोन चला जा जा रहा है वर्ल्ड बैंक का लोन 40 बिलियन डालर का चला �
33:33कोपरेशन के लिए तब भारतिय जिन्ता पार्टी उसके खिलाफ खड़ी थी और आज की स्थिती में अब कॉंग्रेस पार्टी ये कहने की कोशिश करिए कि हमें अमेरिका के खिलाफ खड़ा होना चाहिए संगीत राइए
33:44साहिल आपने बहुत अच्छा कम से कम से कम से रंजेट सिंसापरा की वधाई कि उन्होंने कहा कि आज भारत का वजूद बढ़ा है
33:56मनमौन सिन के समय वो वजूद नहीं था आज वजूद बढ़ा है वो कम से कम यह मान रहे हैं
34:01दूसरी बात विदेश नीती में कोई moral stand की जाएवर एक चीज हम पढ़ाते हैं कि एक मिनेट एक मिनेट दे दीजेगा
34:11हम एक ही चीज पढ़ाते हैं कि आपका देस इस national interest is the prime driver
34:18हमारा रास्टी एक हमारा दोस्त दोनों दोस्त है दोनों जगड़ा कर रहा है
34:23एक कर रहा है कि नुकलियर बॉम्ब है उसको हटा उसके लिए बॉम्बिंग करना जरूरी है
34:27दूसरा कर रहा है नहीं है ऐसा करोगे तो हम जगड़ा करेंगे
34:31दोनों में ऐसी इस्थिती में किसके साइड आकर के खड़ा होना चाहिए
34:35मुझे लगता है कि भारत सरकार बहुत समझदारी के साथ काम कर रहा है
34:39तीसरी बात मैं जिक्र करना चाहूंगा स्रीमति सुनिया गांदी जी ने जो लेक लिका
34:44वो चीन के खिलाफ तो आज तक लिखी नहीं है पाकिस्तान के खिलाफ तो लिखी नहीं है
34:48अमेरिका के खिलाफ तो लिखी नहीं है लेकिन जो वो कर रही हैं वो आग लगा रही है
34:55वो वो ही काम कर रही है जो चीन उकसा रहा है इरान को कि देखो दुम्हारा दुम दोस्ती बलाते हो भारत के साथ भारता तुम्हारे साथ नहीं खड़ा रहा है
35:04तो स्रिमती सोनिया गांदी देश के साथ बिस्वास घात कर रही है और देश के हितके खिलाब काम कर रही है वो लेख लिख करके क्योंकि वो दो चीजों को साधना चाहती है एक इरान को भारत के खिलाब खड़ा करवाने का दूसरा भारत के अंदर जो सिया समाज है जिसका ब
35:34पाप कर रही है चौती बात मैं जिक्र करना चाहूंगा कि बहुत अच्छी बात है हम इसे कभी इनकार नहीं कर रहे हैं लेकिन आपने भी जिक्र किया और मैं फिर इसे दूरा दे रहा हूं 2005 में तो आप खड़े थे ना 2005 में तो उसके आप खिलाब थे क्या आज के दिन में इ
36:04अपरेशन से न्दूर कर रहे थे तो कौन खड़ा था इरान खड़ा था या इसरायल खड़ा था ऐसी इस्थिति में हम यह नहीं कह रहे हैं कि हमको चुनाव करना है लेकिन कई बार जैसे हम कहते हैं न कि एक मौनी बावा हुआ करते थे प्रधानमंतिर नर्सिंगा रहो ज
36:34लेकिन जो भारत सरकार में सैंड़ा है एक अंती बाद एक अंती बाद एक लाइन बस बोल देना चाहता हूँ
36:45आसिप मुनीर के बात में जिक्र आसिप मुनीर का जिप्र किया है अरे बाई नंगा जिसे कहते हैं जो देस ब्रेड खा रहा हो और उसको भरपूर खाना देने के लिए कोई लाला चली देगा तो तो कैसे भी दौला हुआ चाली लेगन उसके बावजूत सवाल ये भी उठता
37:15ये सवाल भी कही ना कहीं उठता है आशितोष आप जवाब दे सकते हैं साहिल जी आता हूँ आपके पास पहले आशितोष जवाब देंगे आशितोष देखें साहिल एक बात तो हमको अच्छी तरीके से समझनी चाहिए कि आपकी विदेशनीती जो है वो आपकी डुमस्ट
37:45बंटाधार होगा दिक्कत यह है कि हमारी विदेशनीती हमारी जो सरकार की विचारधारा है उसकी घुलाम हो गई है इसलिए हमारे जो टेडिशनल फ्रेंड्स हैं जो पिछले 65 सालों में हमारे साथ दोस्त रहें और मजबूती में हमारे साथ खड़े रहें हैं वो भी आज
38:15ट्रंप के लिए तो हमारे यह बहुत सारे लोग वहाँन कर रहे थे उनके लिए पूजा पार्ट कर रहे थे अंत में ड्रंप ने क्या दिखा है मतपूर सवाल क्या है मतपूर सवाल यहां अज अब यहां सवाल इसी बात को लेकर यह कि जब आप
38:42संगीची प्लीज, संगीची सुन लिए समय खतम हो जाएगा, तक तो अब बाद को रहे हैं, अचिछ जल्दी खत्म करें, दिकत क्या है कि हम हर मसलह विदेशनीती को भी हिंदु-मुसल्मान के चस्मिस देखने के कोशिश करते हैं, शिया सुननी के विवात से देखने के कोश
39:12साहिल, मैं चुप हो जाता हूँ, संगीत्रागी से भूब दिवारे, आपको अधिस समझ में आ रहे हैं, यहां समझ में आ रहे हैं, सुरज गोईल जी, सब को शान करिएगा, प्लीज, पीसी हर जड़ा सब को शान करिएगा, चलिए, मुझे, मुझे, सुरेज गोईल जी के
39:42आखिर में जाना है इस बात को लेकर कि क्या रीजनल बैलन्स इसके वज़े से पूरी तरीके से बिगर जाएगा और उसके साथ-साथ एक री-ालाइन्मेंट भी आप इसमें देख रहे हैं और जिसमें भारत को नए सेरे से अपनी भूमी काई बनानी पड़ेगी इस पूरे मा
40:12परिशन कंट्रीज इरान और साओधी एरेविया, कतार, उमान बगएरे उनकी बोजीशन कहां तक चेंज होगी यह भी देखना हमको बाकी है अमेरिका मुसको नहीं लगता अमेरिका, रश्या, चाइना इस वार्ड में पूरे हद तक आगे आएंगे क्योंकि सबको पता है क
40:42बात नहीं है, लेकिन एथिकल जो होना जरूर पड़ता है, और उसी को मैं नगारत में रखते हूं में इतना जरूर कहूंगा, कि बजाए हम यह एक लिट्रस टैंड लेने की बजाए हम ऐसी पोजीशन ले सकते थे कि बिना किसी के बारे में कुछ कहें, एक पोजीशन ऐसी
41:12खतम हो रहा है, लेकिन क्या यही भारत की भूमी का इसके आगे बन कर रहेगी क्या, क्योंकि एरान रशिया को मिल चुका है, रशिया से भेट हो चुकी है, लेकिन अभी भी पूरी तरीके से उस पक्ष में डिप्लोमेटिक मदद के अलावा, किसी भी तरीके से मदद को ले