International Yoga Day 2025: हजारों साल पहले जब मनुष्य अशांत था, भारत में शुरू हुई एक खोज – योग. आदियोगी शिव से लेकर आधुनिक दुनिया तक, यह सिर्फ एक व्यायाम नहीं, एक आंतरिक यात्रा है.इस योग दिवस पर आइए जानें उस रहस्यमयी शांति की कहानी जो सिर्फ एक सांस की दूरी पर है. (International Yoga Day)
00:00हजारों साल पहले प्राचीम भारत में लोग वैसे ही परेशान थे जैसे आज आप हैं।
00:09उनका मन बिल्कुल शान्त नहीं था।
00:11वे बैठे और सोचने लगे। काश इस मानसे का व्यवस्था के बीच शान्ती पाने का कोई तरीका होता।
00:18कहते हैं कि सबसे पहले आदी योगी भगवान शिव ने ये जादूई खोच की।
00:23उन्होंने महसूस किया कि बस शान्त बैठकर और गहरी सांस लेकर वे अपने मन की चंचलता को शान्त कर सकते हैं।
00:29वे एक शान्त जील की तरह हो गए। कोई लहरे नहीं, बस सही प्रतिबिम्ब।
00:34फिर उन्होंने सोचा कितना अच्छा होगा अगर मैं ये सब को सिखाऊ।
00:39फिर ये प्राचीन खोजी प्रकृती से सीखने लगे। उन्होंने देखा कि बास कैसे ध्यान लगाते हैं, पेड कैसे मजबूत खड़े रहते हैं और नदिया कैसे कल-कल बहती हैं।
00:49उन्होंने मन में कहा चलो इनका अनुसरन करते हैं और इस तरह बने आसन। फिर आई उनकी सबसे बड़ी खोज, सांस, प्रानयाम। उन्होंने ध्यान दिया कि जब हम परेशान होते हैं तो तेज सांस लेते हैं, जब शांत होते हैं तो धीमी। क्या ऐसा हो सकता है कि हम अ�
01:19धनगनाते फोन, भाग दौड अशांती, सभी तरह फग्रस्त। लोगों ने अनुभूती की हमें उस प्राचीन शांती की ज़रूरत है। योग भारत से दुनिया के हर कोने में पहुँचा, अब लाखों लोग साथ अभ्यास करते हैं, टोकियो से नियॉक तक, समुदर तक