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  • 6/21/2025
Jagannath Rath Yatra 2025: ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर की विशेषज्ञता देश ही नहीं दुनियाभर में काफी जानी जाती है। यहां पर हर साल की तरह इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा की शुरूआत 27 जून से होने वाली है। यह रथ यात्रा का हिंदू धर्म में महत्व होता है तो वहीं पर पुरी जिले में धूमधाम से यह पवित्र त्योहार मनाया जाता है।

जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ की सवारी निकाली जाती है तो वहीं पर नगर भ्रमण के दौरान खास महत्व होता है। जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान कई नियम होते हैं जिनका पालन करना जरूरी होता है तो वहीं पर कई चीजों को लेकर मान्यताएं होती है।


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Transcript
00:00उरिषा के पुरी में मौझूद य जगनाथ मंदिर की विशे शग्यता देश ही नहीं दुनिया भर में काफी जानी जाती है
00:11यहाँ पर हर साल की तुना इस साल जगनाथ रतियात्रा की शुरुवात 27 जून से होने वाली है
00:17ये रतियात्रा का हिंदू धर्म में काफी महत्व होता है
00:21तो वहीं पर पूरी जिले में धूमधाम से ये पवित्र तेवहार मनाया जाता है
00:25जगनात रतियात्रा के दौरान भगवान जगनात की सवारी निकाली जाती है
00:29तो वहीं पर नगर ब्रह्मन के दौरान खास महत्व होता है
00:32जगनात रतियात्रा के दौरान कई नियम होते हैं जिनका पालन करना बेहत जरूरी होता है
00:37तो वहीं पर कई चीजों को लेकर मानेताएं होती है
00:40ऐसे में बहुत से लोगों के मन में ये सवाल होता है कि अगर जगनात रतियात्रा अधूरी छोड़ दी जाए तो क्या होगा? क्या कोई दोश लगेगा? आईए जानते हैं इसके पीछे का सच क्या है?
00:50आपको बताते चले कि प्रभू जगनात रतियात्रा माननेताओं के मताबिक अगर कोई व्यक्ती रतियात्रा में शामिल होता है तो उसके खराब दिनों का अंत जल्दी माना जाता है साथ ही उसके लिए मोक्ष के दवार खुल जाते हैं बताया जाता है कि जगनात रतियात्रा
01:20ये मंदिर की ओर आगे बढ़ती है
01:22अब सवाल यह आता है कि अगर जगनात यातरा अधूरी छोड़ दी जाए तो क्या होता है
01:27तो आपको बदा दें अगर आप जगनात यातरा के लिए जा रहे हैं
01:30तो किसी अचानक आई मजबूरी या खास परिस्थिती की वज़ा से यातरा को बीच में छोड़ना सही नहीं होता है
01:36यहाँ पर यातरा के दौरान किसी तरह का दोश नहीं लगता है
01:39कहा जाता है कि नियम के मताबिक भगवान जगनात भगतों की भावना के भुके हैं
01:44अगर आप सचे मन से यातरा में शामिल होना चाहते हैं लेकिन किसी मजबूरी के चलते यातरा नहीं कर पा रहे हैं
01:49तो भगवान भी आपकी परिस्तिदी को समझते हैं
01:51यहाँ पर यातरा में शामिल होने के बाद आपको नियमों का पालन करना चाहिए
01:55आपको बताते हैं अगर कोई शारीरिक थकान समय की कमी या मजबूरी के चलते यात्रा बीच में छोड़ दे तो कोई पाप नहीं लगता
02:01बलकी भगवान का नाम लेकर श्रद्धा के साथ जितनी भी सेवा की है उसका पूर्णे फल जरूर मिलता है
02:06जान पूचकर अनादर पूर्वक मजाक उड़ाते हुए या अपमान जनक भाव से यात्रा छोड़ना ये उचित नहीं है
02:12लेकिन समानने कंडिशन में अगर श्रद्धा से थोड़ा बहुत भी भाग लिया जाए तो ये पाप नहीं बलकी फोड़ने ही माना जाता है
02:17आपको बताते चलें कि जगनाद जी की मूर्थी को घर में रखने के लिए नियम बताए गए हैं
02:21यहाँ पर अगर आप जगनाद जी की मूर्थी को घर पर ला रहे हैं तो आपको इसे उचित जगा पर रखना चाहिए
02:26यहाँ पर आप मूर्ती को एक सही दिशा जगहा का चुनाव करके रख सकते हैं
02:31आप केंद्री किरित मूर्ती को रखने की कोशिश करें
02:34यहाँ पर आप कोनों पर विराजित करने से बचें
02:36और पूजा कक्ष में विराजित कर सकते हैं
02:38घर पर भगवान जगनात की बूजा करने के लिए आपको सबसे पहले मूर्ति को फूलों से सजाना चाहिए और उस पर चंदन का लेप लगाना चाहिए
02:45साथ ही आप भगवान को पुषपांजली अर्पित कर सकते हैं
02:49फिलाल इस वीडियो में इतना ही अगर आपको ये जानकारी परसंद आई हो तो इसे लाइक करें शेयर करें और चानल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल न भूलें

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