- 6/17/2025
#kathputli #farhanahmedmalhi #minsamalik #fajjerkhan
Kathputli Episode 74 [Eng Sub] Minsa Malik - Farhan Ahmed Malhi - Fajjer Khan - 17th June 2025 - Har Pal Entertainment
Kathputli is a tale of how greed and deceit can lead to one’s downfall, while honesty and patience pave the way to success. At the heart of this narrative are Tabeen and Areeba, two sisters whose vastly different natures set them on contrasting paths. Tabeen embodies sincerity, intelligence, and patience, while Areeba thrives on manipulation, ambition, and greed.
Caught between them is Ayan, whose affection becomes a pivotal element in their lives.
Unaware of the hidden truths and concealed feelings around him, Ayan’s heart becomes a battleground for honesty and deceit. Will Tabeen find the strength to speak her heart, or will silence be her fate? Ultimately, will Areeba’s cunning ambitions secure her desires, or will honesty and virtue triumph in the end?
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Sami Sani
Writer: Irfan Aslam
Cast:
Minsa Malik as Tabeen
Farhan Ahmed Malhi as Ayan
Fajjer Khan as Areeba
Hammad Farooqui as Shehryar
Mahmood Akhtar as Adnan Malik
Rashid Farooqi as Ashfaq
Shamyl Khan as Haseeb
Beena Chaudhry as Zubaida
Humaira Bano as Zulaikha
Diya Rahman as Farah
Misbah Mumtaz as Naureen
Sabiha Jafri as Ruqaiyya
Farah Nadeem as Shireen
Zain Afzal as Zaroon
Taqi Ahmed as Murad
#Kathputli
#MinsaMalik
#FarhanAhmedMalhi
Kathputli Episode 74 [Eng Sub] Minsa Malik - Farhan Ahmed Malhi - Fajjer Khan - 17th June 2025 - Har Pal Entertainment
Kathputli is a tale of how greed and deceit can lead to one’s downfall, while honesty and patience pave the way to success. At the heart of this narrative are Tabeen and Areeba, two sisters whose vastly different natures set them on contrasting paths. Tabeen embodies sincerity, intelligence, and patience, while Areeba thrives on manipulation, ambition, and greed.
Caught between them is Ayan, whose affection becomes a pivotal element in their lives.
Unaware of the hidden truths and concealed feelings around him, Ayan’s heart becomes a battleground for honesty and deceit. Will Tabeen find the strength to speak her heart, or will silence be her fate? Ultimately, will Areeba’s cunning ambitions secure her desires, or will honesty and virtue triumph in the end?
7th Sky Entertainment Presentation
Producers: Abdullah Kadwani & Asad Qureshi
Director: Sami Sani
Writer: Irfan Aslam
Cast:
Minsa Malik as Tabeen
Farhan Ahmed Malhi as Ayan
Fajjer Khan as Areeba
Hammad Farooqui as Shehryar
Mahmood Akhtar as Adnan Malik
Rashid Farooqi as Ashfaq
Shamyl Khan as Haseeb
Beena Chaudhry as Zubaida
Humaira Bano as Zulaikha
Diya Rahman as Farah
Misbah Mumtaz as Naureen
Sabiha Jafri as Ruqaiyya
Farah Nadeem as Shireen
Zain Afzal as Zaroon
Taqi Ahmed as Murad
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FunTranscript
00:00आयान बता रहा था कि कुछ दिनों में तुम
00:08अपनी रहाइश का इंतिजाम कर लोगी
00:13हो जाएगा पुपो, बहुत जल्द हो
00:16तो हुआ कुछ इंतिजाम रहने की?
00:18बहुत जल्द हो जाएगा, देख रही हूँ मैं कुछ
00:20अच्छा, अगर तुम
00:22जी नहीं फुपो, तुम कहो तो
00:26किसी स्टेज एजन्ट का नंबर तुमें लेकर दूँ
00:30मैं किसी से बात करती हूँ या किसी
00:33जहमत ना करें, मैं कुछ देख लूँगी
00:42क्या कहा तुमने?
00:44शेरियार?
00:45नहीं बुल के, तुम्हें बता है?
00:46शेरियार आजकल पाकिस्ताना है
00:50मैं तुम्हें शेरियार की बारे में बता नहीं हूँ
00:52हाओ आब जाए
00:55जाथ हूँ
00:56और बहुत अच्छा हूँआ, कि शेरियार मेरे साथ था
00:58वो ही बस ओफिस मुझे लेकर गया था
01:02फिर
01:04इसना मुझे बहुत हौंस लादिया
01:08पहला इंटर्विव था मैं बहुत घप राई हूँ थी
01:11हुई उसे क्या कहा उसने
01:13मतलब मेरा मतलब फिर क्या बात हुई
01:17पुपा मुझे ठीक से बात बीटे
01:22और जबसे इस घर में आई हुए उसे नाराज रहती है
01:26अचीब बाते करती रहती है
01:33यही के ज़िए आपर उसे बात है
01:36और मज़ीद कितने दिन यहां रहोंगी
01:38मैं यहां से कब जाओंगी
01:41घर पे रंका काम करवाना
01:43कहने लगी के जाओगी तो होगा
01:46तुम यहां से बहुत है अद्ध यहां बस थोड़ा से रही है मैडम जी कहता हुआ है फेले जो कहा है बो जाकर करो मुझे भूख लगे जाकर से जा करो आपकर दो यह तो अथी चला यह जैसे जासे जाहर की मालका नहीं है
02:00जाहिल
02:02मुझे लगता है हमारी बेटी को नौकरी मिल गई है
02:04वहाँ अची जाओप है
02:05सेलरी में बहुत अची उसके साथ से बेनिफिट्स भी बहुत है
02:09I am so sorry मैंने
02:11कोई खेला सबाल
02:12मैंना ख्याल है कि अब हमें चलना चाहिए
02:15ताबीन मैं
02:17उसका मान रखो
02:20इसका मान रखो
02:21किता हूँ मैं
02:23कभी मुक्रोगा जाँ
02:25हम चले
02:27या लाफ
02:38ऐसा ना हो
02:40जो मैं सोच रहा हूँ वैसा परदाश नहीं कर पाऊँगा मैं
02:45में करी में
02:51अब आ फ्लीज जो अरीबा आएगी तो
02:54आप प्रीशान ना
02:57सब बात बतादेगे
02:59फूलंगी
03:01टाबीन जब जौळ दिये जाती है तो उसी शयर्याथ मिल जाता है
03:04शयर्याथ को देखकर वो उसे खुशी तो होती है
03:08उसे जोब तक ले कर जाता है और तबीन को बहुत अच्छी नोकरी मिलती है और उसे बाते करता है तबीन शेरियार से मिलकर बहुत जद़ा खुश हो ती है और घहर आ beta कर अपने मा बाप को बताती है
03:26है कि उसे बहुत इच्छी जोब मिली है और उसके माँ और उसका बाप ये सुनकर बहुत जादा खुश हो जाते हैं उसकी माँ उसे और दुआइं देती है और उसका बाप तबीन से बहुत ही जादा खुश है इद अरीबा बहुत ही जादा ना खुश है वो नुकरानी से कहत
03:56कि अभी जो मैंने का है वो मुझे खाने के लिए कुछ दो तो उसकी नुकरानी कहती है कि बात तो ऐसे करी है जैसे इस घर की मालक हो और यह कहकर चली जाती है अरीबा को बहुत ही जदा गुसा आता है नुकरानी पर और वो कुछ नहीं कर पाती और उसकी पुफो अरीबा से क
04:26कुछ दिन लग जाएंगे और उसकी बुफो कहती है कि अगर तुम्हें मुश्किल हो रही है तो मैं तुम्हें किसी आजेंट का नंबर दे देती हूं और तुम उससे बात करके कोई घर ढूंड लो रहने का तो अरीबा को इस बात वर बहुत ज़दा गुसा आता है और वो अ
04:56दिल में जो आग लगती है अपनी फुफो के खिलाफ वो अयान की सामने जाती है और अयान को कहती है कि फुफो मुझे पताने देती है यहां रहने के और अयान कहता है कि अम्मी तो ऐसा नहीं कर सकती तुम्हें कुछ गलत फहमी हुई होगी अरीबा कहती है कि नहीं पुफ
05:26ऐसा क्यूं कहा होगा अरीबा को और उसे भी वुसा आता है अपनी अमी पर और वो अरीबा को कहता है कि वो अपनी हुपों से पूछेगा कि क्यूं ऐसा कहा है अरीबा से अरीबा खुश हो जाती है यान की अवा सुनकर वो यही चाहती है कि यान और उसकी माँ के दरम्यान मे
05:56यहां पर क्योंकि अब ऋयान जान चुका है कि हरीबा एक लालची है और वो ये जान हुझ कर सबुछ कर रही है।
06:08तबीन जब जूब के लिए जाती है तो उसे शहुरियार मिल जाता है शहुरियार कष़िए उसी छुब तक लेकर जाता है
06:17और तबीन को बहुत अच्छी नोकरी मिलती हो और शेहरियार तबीन से मिलता है और चाई भी पीता है और उसे बाते करता है तबीन शेहरियार से मिलकर बहुत ज़दा खुश होती है और घर आजाती है घर आकर अपने माँ बाप को बताती है कि उसे बहुत यह अच्छी जोब
06:47अरीबा बहुत ज़्यादा नाखुश है वो नुकरानी से कहती है कि वो उसके लिए जल्दी से खाना लेकर है लेकिन नुकरानी उसे कहती है कि मैं अभी काम कर रही हूं थोड़ी देर में लेकर आती हूं लेकिन अरीबा चीकती है कि अभी जो मैंने कहा है वो मुझे खाने के
07:17नुकरानी पर और वो कुछ नहीं कर पाती और उसकी पुफो अरीबा से कहती है
07:24कि मुझे आयान ने बताया है कि तुम कहीं और रहने के लिए कह रही हो
07:30और अरीबा कहती है कि हाँ पुफो कुछ दिन लग जाएंगे
07:34और उसकी बुफो कहती है कि अगर तुम्हें मुश्किल हो रही है तो मैं तुम्हें किसी अजेंट का नमबर दे देती हूँ
07:42और तुम उससे बात करके कोई घर ढूंड लो रहने का तो अरीबा को इस बात वर बहुत ज़दा गुसा आता है
07:49और वो अपनी बुफों से कहती है कि नहीं इसकी कोई ज़रुत नहीं है और वो गुसे से कह रही होती है अपनी बुफों को उसकी बुफों समझ जाती है कि अरीबा को गुसा रहा है इस वजह से वो खमोश हो जाती है लेकिन अरीबा के दिल में जो आग लगती है अपनी बु
08:19गलत फहमी हुई होगी अरीबा कहती है कि नहीं फुफो ने मुझे कहा है कि तुम कब जा रही हो यहां से
08:26और मुझे बहुत ही जदा दुख लगा है फुफो किस बात का और आयान भी सोचता है कि अमी ने ऐसा क्यूं कहा होगा अरीबा को
08:35और उसे भी वसाता है अपनी अमी पर और वो अरीबा को कहता है कि वो अपनी फुफों से पूछेगा कि क्यूं ऐसा कहा है अरीबा से अरीबा खुश हो जाती है यान की अवा सुनकर वो यही चाहती है कि यान और उसकी मा के दरम्यान में लड़ाई हो और वो भी एक दूसरे स
09:05वर यान जान कुका है कि आरीबा है एक लालची है और वो ये जान भूज्ट का सबorse पूज्ट किरी रही है उसकी मा और बेटे में लड़ाई प्यदा किर रही है वो यान जान कॉमी है, तब जब जॉब के लिए जाती है
09:17तो उसे शहरियार मिल जाता है
09:18शहरियार को देखकर वो उसे खुशी तो होती है
09:22और शहरियार उसे जोब तक लेकर जाता है
09:24और तबीन को बहुत अच्छी नोकरी मिलती है
09:27और शहरियार तबीन से मिलता है
09:30और चाई भी पीता है और उसे बाते करता है
09:33तबीन शेरियार से मिलकर बहुत ज़दा खुश होती है और घर आ जाती है घर आकर अपने माबाप को बताती है कि उसे बहुत ये अच्छी जोब मिली है और उसके माप ये सुनकर बहुत ज़दा खुश हो जाते हैं उसकी माप उसे और दुआइं देती है और उसका बाप त�
10:03उसे कहती है कि मैं अभी काम कर रही हूं थोड़ी देर में लेकर आती हूं लेकिन अरीबा चीकती है और कहती है कि अभी जो मैंने कहा है वो मुझे खाने के लिए कुछ दो तो उसकी नुकरानी कहती है कि बात तो ऐसे करी है जैसे इस घर की मालक हो और यह कहकर चली जाती है अ
10:33है कि तुम कहीं और रहने के लिए कह रही हो और अरीबा कहती है कि हाँ पुफो कुछ दिन लग जाएंगे और उसकी पुफो कहती है कि अगर तुमें मुश्किल हो रही है तो मैं तुमें किसी अजेंट का नंबर दे देती हूं और तुम उससे बात करके कोई घर ढूंड लो �
11:03को उसकी पुफो समझ जाती है कि अरीबा को गुसा रहा है इस वज़े से वो खमोश हो जाती है लेकिन अरीबा के दिल में जो आग लगती है अपनी पुफो के खिलाफ वो अयान के सामने जाती है और अयान को कहती है कि पुफो मुझे पताने देती है यहां रहने के और अय
11:33और मुझे बहुत ही जदा दुख लगा है फुफो किस बात का
11:38और आयान भी सोचता है कि अमी ने ऐसा क्यूं कहा होगा अरीबा को
11:42और उसे भी वुसा आता है अपनी अमी पर और वो अरीबा को कहता है
11:48कि वो अपनी हुपों से पूछेगा कि क्यूं ऐसा कहा है अरीबा से अरीबा खुश हो जाती है आयान की एवा सुनकर वो यही चाहती है कि आयान और उसकी मा के दरम्यान में लड़ाई हो और वो भी एक दूसरे से मूँ बनाए ताकि वो इसी घर में टिक जाए लेकिन अरीब
12:18मा और बेटे में लड़ाई पैदा कर रही है वो यहां जान ताबीन जब जोब के लिए जाती है तो उसे शेरियार मिल जाता है शेरियार को देखकर वो उसे खुशी तो होती है और शेरियार उसे जोब तक लेकर जाता है और ताबीन को बहुत अच्छी नोकरी मिलती है और
12:48उसे बहुत इच्छी जोब मिली है और उसके माँ और उसका बाप ये सुनकर बहुत ज़्यादा खुश हो जाते हैं उसकी माँ उसे और दुआइं देती है और उसका बाप तबीन से बहुत ज़्यादा खुश है इद अरीबा बहुत ज़्यादा नाखुश है वो नुकरानी स
13:18भी जो मैंने का है वो मुझे खाने के लिए कुछ दो तो उसकी नकरानी कहती है के बात तो ऐसे करी हो जैसे इस घर की मालक हो और ये कहकर चली जाती है
13:28और ये कहकर चली जाती है अरीबा को बहुत ही जदा गुसा आता है नुकरानी पर और वो कुछ नहीं कर पाती और उसकी पुफो अरीबा से कहती है कि मुझे आयान ने बताया है कि तुम कहीं और रहने के लिए कह रही हो और अरीबा कहती है कि हाँ पुफो कुछ दिन लग जा
13:58के कोई घर ढूड़व रहने का, तो अरीबा को इस बात पर बहुत ज़्धा घुस्सा आता है, और वो उपनी वुफ़ों से कहती है
14:06कि नहीं, इसकी जरुफे कोई जरुर्वट नहीं है, और वो गुस्य से कह रही होती है
14:10अपनी पुफों को उसकी पुफों समझ जाती है
14:12कि अरीबा को गुसा रहा है
14:14इस वज़े से वो खमोश हो जाती है
14:16लेकिन अरीबा के दिल में जो आग लगती है
14:19अपनी पुफों के खिलाफ वो अर्यान के सामने जाती है
14:22और अर्यान को कहती है
14:24क எ पुपो मुझे पताने देती है यह रहने के और आयां कहता है कि अममी तो ऐसा नहीं कर सकती तुम्हें कुछ गलत फह्मी हुई होगी अरिबा कहती है कि नहीं पुपो ने मुझे कहा है कि तुम कब जा रही हो यहां से
14:40और मुझे बहुत ही जदा दुख लगा है पुफो किस बात का
14:45और आयान भी सोचता है कि अम्मी ने ऐसा क्यूं कहा होगा अरीबा को
14:50और उसे भी वुसा आता है अपनी अम्मी पर और वो अरीबा को कहता है
14:55कि वो अपनी हुपों से पूछेगा कि क्यूं ऐसा कहा है अरीबा से अरीबा खुश हो जाती है यान की यह बाद सुनकर वो यही चाहती है कि यान और उसकी मा के दरम्यान में लड़ाई हो और वो भी एक दूसरे से मूँ बनाए ताकि वो इसी घर में टिक जाए लेकिन अरी�
15:25मा और बेटे में लड़ाई पैदा कर रही है वो यान जान ताबीन जब जोब के लिए जाती है तो उसे शेरियार मिल जाता है शेरियार को देखकर वो उसे खुशी तो होती है और शेरियार उसे जोब तक लेकर जाता है और ताबीन को बहुत अच्छी नोकरी मिलती है और �
15:55उसे बहुत इच्छी जोब मिली है और उसके माँ और उसका बाप ये सुनकर बहुत ज़ादा खुश हो जाते हैं उसकी माँ उसे और दुआइं देती है और उसका बाप तबीन से बहुत ही ज़ादा खुश है इद अरीबा बहुत ही ज़ादा नाखुश है वो नुकरानी से क
16:25बी जो मैंने का है, वो मुझे खाने के लिए कुछ दो
16:29तो उसकी नुकरानी कहती है के बात तो ऐसे करी है
16:33जैसे इस घर की मालक हो और ये कहकर चली जाती है
16:37अरीबा को बहुत ज़्धा गुसा आता है नुकरानी पर
16:40और वो कुछ नहीं कर पाती और उसकी पुफो अरीबा से कहती है
16:46कि मुझे आयान ने बताया है कि तुम कहीं और रहने के लिए कह रही हो
16:52और अरीबा कहती है कि हाँ पुफो कुछ दिन लग जाएंगे
16:56और उसकी पुफो कहती है कि अगर तुमें मुश्किल हो रही है
17:01तो मैं तुमें किसी अजेंट का नंबर दे देती हूं
17:04और तुम उसे बात करके कोई घर ढूंड लो रहने का
17:08तो अरीबा को इस बात वर बहुत ज़दा गुसा आता है
17:11और वो अपनी पुपों से कहती है कि नहीं इसकी कोई ज़रुट नहीं है
17:15और वो गुसे से कह रही होती है अपनी पुपों को उसकी पुपों समझ जाती है
17:20कि अरीबा को गुसा आ रहा है इस वज़ए से वो खमोश हो जाती है
17:23लेकिन अरीबा के दिल में जो आग लगती है अपनी पुपों के खिलाफ वो अयान के सामने जाती है
17:30और आयान को कहती है कि पुफो मुझे पताने देती है यहां रहने के और आयान कहता है कि अम्मी तो ऐसा नहीं कर सकती तुम्हें कुछ गलत फहमी हुई होगी अरिबा कहती है कि नहीं पुफो ने मुझे कहा है कि तुम कब जा रही हो यहां से और मुझे बहुत ही ज़दा द�
18:00अपनी अम्मी पर और वो अरीबा को कहता है कि वो अपनी हुपों से पूछेगा कि क्यूं ऐसा कहा है अरीबा से अरीबा खुश हो जाती है यान की वाद सुनकर वो यही चाहती है कि यान और उसकी मा के दर्मयान में लड़ाई हो और वो भी एक दूसरे से मूँ बनाए ता कि
18:30और वो यह जान भूज का सब कुछ कर रही है उसकी मा और बेटे में लड़ाई पैदा कर रही है वो यहान जान ताबीन जब जोब के लिए जाती है तो उसे शेरियार मिल जाता है शेरियार को देख कर वो उसे खुशी तो होती है और शेरियार उसे जोब तक लेकर जाता है
19:00गार आकर अपने माँ बाप को बताती है
19:03कि उसे बहुत ये अच्छी जोब मिली है
19:05और उसके माँ और उसका बाप ये सुनकर
19:08बहुत ज़्यादा खुश हो जाते हैं
19:09उसकी माँ उसे और दुआइं देती है
19:12और उसका बाप तबीन से बहुत ही ज़्यादा खुश है
19:30अरीबा चीखती है और कहती है कि अभी जो मैंने कहा है वो मुझे खाने के लिए कुछ दो तो उसकी नुकरानी कहती है कि बात तो ऐसे करी है जैसे इस घर की मालक हो और ये कहकर चली जाती है अरीबा को बहुत ही जदा गुसा आता है नुकरानी पर और वो कुछ नहीं कर पात
20:00और अरीबा कहती है कि हाँ बुफो कुछ दिन लग जाएंगे और उसकी बुफो कहती है कि अगर तुम्हें मुश्किल हो रही है तो मैं तुम्हें किसी अजेंट का नमबर दे देती हूँ और तुम उससे बात करके कोई घर ढूंड लो रहने का तो अरीबा को इस बात वर बह
20:30हो जाती है लेकिन अरीबा के दिल में जो आग लगती है अपनी बुफो के खिलाफ वो अयान के सामने जाती है और अयान को कहती है कि बुफो मुझे पताने देती है यहां रहने के और अयान कहता है कि अम्मी तो ऐसा नहीं कर सकती तुम्हें कुछ गलत फहमी हुई होगी अ
21:00और आयान भी सोचता है कि ע supervis क्यूं कहा होगा co और उसे भी वुसा आता है अपनी अमी पर और वह अरिबा को कहता है कि वो अपनी हुफो से पूछय का क्यूं आप तकzna कहा है अरिबा से अरिबा खुश हो जाती है अरिएन की इवा सुनकर वो यही चाहती है कि आईयान और उसक
21:30जादा देर तक नहीं टिक पाएगी यहां पर क्योंकि अब यान जान चुका है कि अरीबा एक लालची है और वो यह जान भूज का सब पुछ कर रही है उसकी मा और बेटे में लड़ाई पैदा कर रही है वो यान जान जान तब जब जोब के लिए जाती है तो उसे शहरियार
22:00चाई भी पीता है और उसे बाते करता है तब एन शहरियार से मिलकर बहुत ज़दा खुश होती है और घर आ जाती है घर आकर अपने मा बाप को बताती है कि उसे बहुत यह च्छी जोब मिली है और उसके मा और उसका बाप यह सुनकर बहुत ज़दा खुश हो जाते हैं उस
22:30आपना है नकॉरानी उसे कहती है कि मैं अभी काम कर रही हूं थोड़ी देर में लेकर आती हूं लेकिन अरीबाँ चीखती है और कहती है कि अभी जो मैं ने कहा है
22:41वो मुझे खाने के लिए कुछ दो
22:43तो उसकी नुकरानी कहती है
22:46कि बात तो ऐसे करी है
22:48जैसे इस घर की मालक हो
22:50और ये कहकर चली जाती है
22:52अरीबा को बहुत ही जदा गुसा आता है
22:54नुकरानी पर और वो कुछ नहीं कर पाती
22:56और मुझे आयान ने बताया है
23:02तुम कहीं और रहने के लिए कह रही हो
23:07और यृभा कहती है कि हाँ पूफो कुछ दिन लग जाएंगे
23:11और उसकी पूफो कहती है कि मैं तुम्हें किसी अजंट का नंबर दे देती हूँ
23:19और तुम उसे बात करके कोई घर ढूंड लो पर रहने का
23:23तो अरीबा को इस बात वर बहुत ज़दा गुसा आता है
23:26और वो अपनी बुफों से कहती है कि नहीं इसकी कोई ज़रुत नहीं है
23:29और वो गुसे से कह रही होती है अपनी बुफों को
23:32उसकी पुपो समझ जाती है
23:34कि अरीबा को गुसा रहा है
23:36इस वज़े से वो खमोश हो जाती है
23:38लेकिन अरीबा के दिल में
23:40जो आग लगती है अपनी पुपो के खिलाफ
23:42वो अयान के सामने जाती है
23:44और अयान को कहती है
23:46कि पुपो मुझे
23:48प्ताने देती है यहां रहने के
23:50और आयान कहता है
23:53कि अम्मी तो ऐसा नहीं कर सकती
23:55तुम्हें कुछ गलत फहमी हुई
23:56होगी अरीबा कहती है कि नहीं
23:59फुफो ने मुझे कहा है कि
24:00तुम कब जा रही हो यहां से
24:02और मुझे बहुत ही ज़दा
24:04दुख लगा है फुफो किस बात का
24:07और आयान भी सोचता है
24:09कि अम्मी ने ऐसा क्यूं कहा होगा
24:11अरीबा को और
24:12उसे भी वुसा आता है अपनी अम्मी पर
24:15और वो अरीबा को
24:17कहता है कि वो अपनी फुफो
24:19से पूछेगा कि क्यूं ऐसा
24:21कहा है अरीबा से
24:22عریبہ خوش ہو جاتی ہے
24:24عیان کی عباس سن کر
24:25وہ یہی چاہتی ہے
24:26کہ عیان اور اس کی ماں کے درمیان میں
24:28لڑائی ہو
24:29اور وہ بھی ایک دوسرے سے موہ بنائے
24:31تاکہ وہ اسی گھر میں ٹک جائے
24:33لیکن عریبہ کہے
24:35یہ بات زیادہ دیر تک نہیں
24:39ٹک پائے گی یہاں پر
24:40کیونکہ
24:41اب عیان جان چکا ہے
24:43کہ عریبہ ایک لالچی ہے
24:44اور وہ یہ جان بوجھ کا سب کچھ کر رہی ہے
24:47اس کی ماں اور بیٹے میں لڑائی پیدا کر رہی ہے
24:50تابین جب جوب کے لئے جاتی ہے
24:53تو اسے شہریار مل جاتا ہے
24:55شہریار کو دیکھ کر
24:56اسے خوشی تو ہوتی ہے
24:59اور شہریار اسے جوب تک لے کر جاتا ہے
25:01اور تابین کو بہت اچھی نوکری ملتی ہے
25:03اور شہریار تابین سے ملتا ہے
25:07اور چائے بھی پیتا ہے
25:08اور اسے باتیں کرتا ہے
25:10تابین شہریار سے مل کر
25:12بہت زیادہ خوش ہوتی ہے
25:13اور گھر آ جاتی ہے
25:14گھر آ کر اپنے ماں باپ کو بتاتی ہے
25:17کہ اسے بہت اچھی جوب ملی ہے
25:19और उसके माँ और उसका बाप ये सुनकर बहुत ज़्यादा खुश हो जाते हैं
25:24उसकी माँ उसे और दुआइं देती है और उसका बाप तबीन से बहुत ही ज़्यादा खुश है
25:30इद अरीबा बहुत ही ज़्यादा नाखुश है वो नुकरानी से कहती है
25:36कि वो उसके लिए जल्दी से खाना लेकर आए
25:38लेकिन नुकरानी उसे कहती है
25:40कि मैं अभी काम कर रही हूं
25:43थोड़ी देर में लेकर आती हूं
25:44लेकिन अरीबा चीखती है
25:46और कहती है कि अभी जो मैंने कहा है
25:48वो मुझे खाने के लिए कुछ दो
25:51तो उसकी नुकरानी कहती है कि बात तो ऐसे करी हो जैसे इस घर की मालक हो
25:57और ये कहकर चली जाती है अरीबा को बहुत ही जदा गुसा आता है नुकरानी पर
26:02और वो कुछ नहीं कर पाती और उसकी पुफो अरीबा से कहती है
26:08कि मुझे आयान ने बताया है कि तुम कहीं और रहने के लिए कह रही हो
26:14और अरीबा कहती है कि हाँ पुपो कुछ दिन लग जाएंगे
26:22तो मैं थम्ये एजनट का नंबर दे देती हूँ
26:26और तुम उसे बात करका कोई घर ढखूड लो रहने का
26:30तो अरीबा को इस बात पर बहुत ज़दा गुसा आता है
26:33और वो अपनी बुफों से कहती है
26:35कि नहीं इसकी कोई ज़रुत नहीं है
26:37और वो गुसे से कह रही होती है
26:39अपनी बुफों को उसकी बुफों समझ जाती है
26:41कि अरीबा को गुसा रहा है
26:43इस वज़े से वो खमोश हो जाती है
26:45लेकिन अरीबा के दिल में जो आग लगती है अपनी फुफों के खिलाफ वो अयान के सामने जाती है
26:52और अयान को कहती है कि फुफों मुझे पताने देती है यहां रहने के
26:58और यान केता है कि अम्मी तो ऐसा नहीं करसकती तो मैं कुछ गलत फह्मी होई होगी अरिबा कहती है कि नहीं फुपो ने मुझे कहा है कि तुम कब जा रही हो यहां से और मुझे बहुत ही ज़दा दुक लगए है फुपो किस बात का
27:14और आयान भी सोचता है कि अम्मी ने ऐसा क्यूं कहा होगा अरीबा को
27:19और उसे भी उसा आता है अपनी अम्मी पर और वो अरीबा को कहता है
27:25कि वो अपनी हुपों से पूछेगा कि क्यूं ऐसा कहा है अरीबा से
27:30عریبہ خوش ہو جاتی ہے
27:31عیان کی یہ بات سن کر
27:32وہ یہی چاہتی ہے
27:34کہ عیان اور اس کی ماں کے درمیان میں
27:36لڑائی ہو
27:37اور وہ بھی ایک دوسرے سے موہ بنائے
27:39تاکہ وہ اسی گھر میں ٹک جائے
27:41لیکن عریبہ کہے
27:43یہ بات زیادہ دیر تک نہیں
27:46ٹک پائے گی یہاں پر
27:48کیونکہ اب عیان جان چکا ہے
27:50کہ عریبہ ایک لالچی ہے
27:51اور وہ یہ جان بوجھ کا سب پچھ کر رہی ہے
27:54اس کی ماں اور بیٹے میں
27:56لڑائی پیدا کر رہی ہے
27:57تابین جب جوب کے لئے جاتی ہے
28:01تو اسے شہریار مل جاتا ہے
28:02شہریار کو دیکھ کر وہ
28:04اسے خوشی تو ہوتی ہے
28:06اور شہریار اسے جوب تک لے کر جاتا ہے
28:08اور تابین کو بہت اچھی نوکری ملتی ہے
28:11اور شہریار تابین سے
28:13ملتا ہے اور
28:14چائے بھی پیتا ہے اور اسے باتیں کرتا ہے
28:17تابین شہریار سے
28:19مل کر بہت زیادہ خوش ہوتی ہے
28:21اور گھر آ جاتی ہے
28:22گھر آ کر اپنے ماں باپ کو بتاتی ہے
28:24کہ اسے بہت اچھی جوب ملی ہے
28:26और उसके माँ और उसका बाप ये सुनकर बहुत ज़्यादा खुश हो जाते हैं
28:31उसकी माँ उसे और दुआइं देती है और उसका बाप तबीन से बहुत ही ज़्यादा खुश है
28:37इद अरीबा बहुत ही ज़्यादा नाखुश है वो नुकरानी से कहती है
28:43कि वो उसके लिए जल्दी से खाना लेकर आए लेकिन नुकरानी उसे कहती है कि मैं अभी काम कर रही हूं थोड़ी देर में लेकर आती हूं लेकिन अरीबा चीखती है और कहती है कि अभी जो मैंने कहा है वो मुझे खाने के लिए कुछ दो तो उसकी नुकरानी कहती है कि बात
29:13उसकी पुफो अरीबा से कहती है कि मुझे आयान ने बताया है कि तुम कहीं और रहने के लिए कह रही हो और अरीबा कहती है कि हाँ पुफो कुछ दिन लग जाएंगे और उसकी पुफो कहती है कि अगर तुमें मुश्किल हो रही है तो मैं तुमें किसी अजेंट का नमबर द
29:43की कोई जरूरत नहीं है और वो गुसे से कह रही होती है अपनी बुफो को उसकी बुफो समझ जाती है कि अरीबा को गुसा आ रहा है इस वजह से वो खमोश हो जाती है लेकिन अरीबा के दिल में जो आग लगती है अपनी बुफो के खिलाफ वो अयान के सामने जाती है और अ
30:13पुफो ने मुझे कहा है कि तुम कब जा रही हो यहां से
30:17और मुझे बहुत ही ज़दा दुख लगा है पुफो किस बात का
30:21और आयान भी सोचता है कि अम्मी ने ऐसा क्यूं कहा होगा अरीबा को
30:26और उसे भी वुसा आता है अपनी अम्मी पर
30:30और वो अरीबा को कहता है
30:32कि वो अपनी हुपों से पूछेगा
30:34कि क्यूं ऐसा कहा है अरीबा से
30:37अरीबा खुश हो जाती है यान की यह वाद सुनकर
30:40वो यही चाहती है कि यान और उसकी माँ के दरम्यान में
30:43लड़ाई हो और वो भी एक दूसरे से मूँ बनाए
30:46ताकि वो इसी घर में टिक जाए
30:48लेकिन अरीबा कही यह बात जादा देर तक नहीं टिक पाएगी यहां पर
30:55क्योंकि अब अर्यान जान चुका है कि अरीबा एक लालची है
30:59और वो यह जान भूज का सब उच कर रही है
31:01उसकी माऔर बेटे में लड़ाई पैदा कर रही है
31:06तारीष जब जूब के लिए जाती है तो उसे शेरियार मिल जाता है
31:10शेरियार को देखकर उसे खशी तो होती है
31:13और शेरियार उसे जूब तक लेकर जाता है
31:15और तबीन को बहुत अच्छी नोक्री मिलती हो
31:18और शेहरियार तबीन से मिलता है
31:21और चाई भी पीता है और उसे बाते करता है
31:24तबीन शेहरियार से मिलकर बहुत ज़दा खुश होती है
31:28और घर आजाती है
31:29घर आकर अपने माँ बाप को बताती है
31:32कि उसे बहुत इच्छी जोब मिली है और उसके माँ और उसका बाप ये सुनकर बहुत जादा खुश हो जाते हैं उसकी माँ उसे और दुआइं देती है और उसका बाप तबीन से बहुत ही जादा खुश है इद अरीबा बहुत ही जादा नाखुश है वो नुकरानी से कहती ह
32:02जबी जो मैंने का है वो मुझे खाने के लिए कुछ दो तो उसकी नुकरानी कहती है कि बात तो ऐसे करी है जैसे
32:10इसद्धर की मालक हो और यह कहकर चली जाती है अरीबा को बहुत ही जदा गुस़ा आता है
32:16और वो कुछ नहीं कर पाती और उसकी पूपो अरीबा से कहती है के मुझे आयान ने बताया है के तुम कहीं और रहने के लिए कह रही हो और अरीबा कहती है के हाँ पूपो कुछ दिन लग जाएंगे
32:33और उसकी बुपो कहती है कि अगर तुम्हें मुश्किल हो रही है तो मैं तुम्हें किसी अजेंट का नमबर दे देती हूँ
32:41और तुम उससे बात करके कोई घर ढूंड लो रहने का तो अरीबा को इस बात वर बहुत ज़दा गुसा आता है
32:47और वो अपनी बुपों से कहती है कि नहीं इसकी कोई जरूरत नहीं है और वो गुसे से कह रही होती है अपनी बुपों को उसकी बुपों समझ जाती है कि अरीबा को गुसा आ रहा है इस वज़ए से वो खमोश हो जाती है लेकिन अरीबा के दिल में जो आग लगती है अपनी
33:17गलत फहमी हुई होगी अरीबा कहती है कि नहीं पुफो ने मुझे कहा है कि तुम कब जा रही हो यहां से और मुझे बहुत ही जदा दुख लगा है पुफो किस बात का और आयान भी सोचता है कि अमीन ऐसा क्यूं कहा होगा अरीबा को और
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