- 6/10/2025
बेबाक भाषा के लिए Sunday Offbeat गुफ़्तगू में भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य से पत्रकार भाषा सिंह की बातचीत जिसमें उन्होंने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनावों की पृष्ठभूमि में देश के सामने मौजूद बड़े सवालों क लेकर खुलकर अपनी राय जाहिर की.
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00:00नमश्कार दोस्तों, बेबाग भाशा की खास पेशकर्ष में आपका स्वागत है, इसे में मौझूद हूँ दिल्ली, दिल्ली में U90 में, यानि CPIML लिबरेशन के ओफिस में, और हम बात करने जा रहे हैं, CPIML लिबरेशन के महासचेव दिपांकर भटाचारे से,
00:15लिबरेशन लगातार वाम राजनीती में एक अलग धंकी धमक, अलग धंके निगोसियेशन, अलग धंकी पहल के लिए माना जाता है, और इसने पिछले एक दशक में पारलिमेंटरी पॉलिटिक्स से लेकर सड़क की राजनीती तक, दोनों के बीच जो समन्वे स्थापित किय
00:45की राजनीती में हस्तक शेप किया है, दो दो सांसद हैं, बिहार विधान सभा में, बिना भागपा माले की कोई बात, ज़हूरी बात संभव नहीं है, इतनी बड़ी धमक महां विधायकों की है, दिपांकर बेबाग भाश्रा में आपका बहुत-बहुत स्वागत है, सबसे
01:15कर दो कि अभी भी अनॉंस हो सकता है, कास सेंसस सर्कार ने भोषना करी दी है, बिहार कैसे देखते हैं?
01:23देखिए, अभी पहलगाम के घटना के बाद, दो बड़े डिवलॉपमेंट है, एक तो अचानक बीजेपी ने कास सेंसस की खोशना की, और दूसरा आपरेशन सिंदूर को लेकर के बीजेपी की कोशिस्ती की पुरे देश में एक जनून पैदा हो जाए, और दोनों ही उन्
01:53है कि एक तरह से फ्लॉप शू है, बिक्रम गंज की सभा भी हमने मेरे पर जो रिपोर्ट है, वहाँ उपस्तिती कमजोर थी, और लोग जो सुनना चाहते थे कि मोदीजी आया है पहली बार, शाहबाद के लाके में बीजेपी का परफॉर्मेंस बहुत खराब रहा है, तो क�
02:23उन्होंने बुलाया, लेकिन उसके बाद आदा गंटा बैठा गए, चार सांगसत, हमारे दो एक राजत के, चार सांगसत मिल करके, लेकिन समय उन्होंने नहीं दिया, तो लोगों में बहुत ज़्यादा इस बार को रिस्पॉंस तो बीजेपी खुलने के नहीं है, और मु�
02:53सक्षम थे, जिस दौर में काफी कुछ विकास की बाते हो रहे थी, सुशासन की बात थी, या लोगों को लगता था कि जब तक नितीश जी है, तो शायद भाजपा थोड़ा सा नियंतरन में रहेगी है, अब किसी को ये भरोसा तो है नहीं, लोगों को लग रहा है कि भाज�
03:23पूरी तरह से अपना कभजा जमाना चाहती है, तो इसबार गो मैं लगता है कि बिहार में महराष्ट जैसा तो नहीं होगा, जारखन जैसा ही होना चाहिए, बिहार बिल्कुल भाजपा था जैसा नहीं होना चाहिए, तो आपको क्या भरोसा है कि बाकी सारे जो मैनेजमें�
03:53तो पूरी कोशिशी की सिमान्चल को लेकर बिलकुल, उनने कोशिशी की कोशिश में कोई कोई कोटा ही नहीं है और अभी इस समय भी आप देख लेकर अपरेशन सिंदूर को लेकर कि भी अमित शाह ने जिस तरह से बंगाल में जाकर के भाशन किया तो उनने का कि इमानता जी �
04:23उनको भी भीजा, एमजे अकबर उनको कहां से फिर से जिन्दा करके ले आए, तो अब यहां लेकिन बात कर रहा है कि मुस्लिम को आपरेशन सिंदूर के भी रोग में खड़ा करने की कोशिश है, लेकि मुझे वरुसा है कि शाहद ब्लोर भी काफी सजग है, और जो महराश
04:53बिहार के थोड़ी और बात करने से पहले मैं चाहूंगी कि राष्टी राजनीती में अभी जो चल रहा है, अपने पहलगाम का जिक्र किया, कास सेंसिस का जिक्र किया, अभी जो पूरी की पूरी योजना है, क्योंकि हमने यह देखा कि डेलिगेशन गया, ओल पार्टी डे
05:23लेकिन सरकार, सरकार की कौन सी मजबूरी है, तो हमने लगता है कि पहलगाम के बाद, अगर सच में आपको डेलिगेशन भेजना था, तो पहलगाम के बाद तुरंट भेजना चाहिए था, उसी समय दैशतगर्दी के खिलाब पूरे दुनिया के हमदर्दी भारत के साथ थी
05:53दुनिया को लगने लगा कि दो परवानु हतियारवले देश है और युद्ध का खत्रा है, तो कोई भी तो नहीं चाहेगा कि इस तरह के युद्ध हो भारत पाकिसान में दीश में, तो अपने देखा कि फॉरें पॉलिशी हमदा ऐसा है कि इस समय किसी ने साथ नहीं दिया
06:23और इस से भी बात तो यहीं सामने आए कि किसी देश में किसको मिला ही नहीं, किसी सरकार के कोई बड़े प्रतिनिदी कहीं नहीं मिले, कोई former नेता मिल रहे हैं, कोई think tank वाले कुछ मिल रहे हैं, कोई diaspora के लोग कुछ मिल रहे हैं, ना तो मेडिया में, ना politics में, governance में कहीं क
06:53मजबूत हुआ है मोदी जी का आने के बाद
06:56नाशनल सेक्यूरिटी हमारा बहुत स्ट्रॉंग है
06:59और दुनिया में हमारा इंटरनाशनल प्रफाइब
07:02बहुत इस समय हुचा है
07:03यह दो ही इस तरह से
07:06एक्सपोजड हुआ है
07:07कि आपके नाशनल सेक्यूरिटी इतना कमजोर है
07:10कि पहर आप 6-7-7-8 अपरिल को जातर के मीटिंग करके आते हैं
07:14अमिजशा कहते हैं कि सब ठीक है
07:16और फिर 2000 लोग पहुंसते हैं कि उनके लिए कोई सेक्यूरिटी नहीं है
07:20और आप फारेंट पॉलिसी में इतने बड़े संकत्म आप थे
07:24किसी ने साथ नहीं दिया
07:25दो सबसे बड़े पॉइंट
07:28जहां बीजेपी का क्लेम था
07:30कि हमने काफी देश को मजबूत किया है
07:32देश को आपने कमजोर कर दिया
07:35इंटरनलिक तो किया ही है
07:36हमेशा हिंदो मसलिम करके
07:38लेकिन एक्स्टरनली भी
07:41सेक्यूरिटी के मामले में
07:42फारेंट पॉलिसी के मामले में
07:43ये बात जो खुल के सामने आई
07:45हमें लगता है कि ये मोदी जी के लिए
07:48बड़ा जटका है बीजेपी के लिए बड़ा जटका है
07:50और इसलिए opposition को बिलकुल बिना कोई हिचक बिना कोई डर एक साल पहले ही चुनाओ का पडिनाम आया था
07:59एक साल में पहले बहुमत चला गया था बावजुद इसके TDP और निटीज जी के सहजन से सरकार अभी भी चल रही है
08:10और एक साल का जो अनुभव है कि सरकार ने हमला तेज कर दिया और देश को कमजोर कर दिया
08:16लोगों पर हमला तेज और देश हर लिहाद से अर्थसाब की बात करें
08:22security की बात करें, foreign policy की बात करें, मुल्क को लगातर अपने कमजोर किया
08:27और यह कमजोरी उजागर हुई, मुझे लगता है कि लोगों की चिंटा भी बढ़ी है इन सवालों को लेकर
08:32और इसलिए शायद इस बार कोई पुलवामा जैसा कोई माहौल तो बना नहीं
08:36तिरंगा यात्रा भी जो है वो BJP का अपना दलिय कारिकरम रहा
08:41लेकर आपको लगता है कि इस पर नहीं बन पाएगा अमें तो लगता नहीं है क्योंकि इस पर उल्टा हो गया ना कि लोगों ने सवाल किया
08:47अपना पड़ा पाद तो सही है कि घर गर सिंदूर पहुचाने की योजना थी और बिलकुल पिछाटना पड़ा थी और भात करते हैं कि इसके दिमाग का था उपज कि घर गर सिंदूर पहुचाओ और इससे मोदिशी की बात चली जाएगी ये बहाद ज्यादा ओवर कॉं�
09:17अब इन नामलों में सबसे जादा ये कमजूर सावीत हो रहा है इसी दौर में राहूल गांधी ने कहा नरेंदर सरेंडर काफी चला और लोग भी पूछ रहे थे हम भी वेवार भाशा पूछ रहे थे कि कम से कम ट्रंप अगर बारा बार बोल रहे हैं तो इस पर देश के प
09:47कि फाइली हुआ कि अभी भी हमें कुछ पता नहीं है यहां से दावा होता है कुछ नरेंदर सरेंडर वाला कैसा आपको लगता है यह तो देखिए लोगों के सामने तो बड़ा सवाल आ गया कि अचानक अपरिशन सिंदूर अपने लांच किया और ट्रंप ने कहा कि आप र
10:17जीजको बात तो बिलकुल है अगर मोधिजी काउंटर नहीं करेंगे कुछ अगर नहीं बोलेंगे बूंटि नहींट को जो बीजय तो बिलकुल यह तो हवा में तो फेक्त कर्फ नहीं होगे, उस तो बात जरूर की साप्VIS नहीं जया है ke
10:33और ये बात है क्या कोई कमजोर मस तो पकड़ नहीं लिया है कोई आदानी को लेका कोई बात तो नहीं है क्योंकि भारत की विदेश निती अगर हम देखे पिछले दस साल में मोदीजी ने जो किया वो आदानी को ठेका दिलवाना ये नंबर वन प्राइरटी बने थी आस्टे
11:03हमें तो लगता है कि बहुत विदेश निती के मामले में सरकार पूरी तरह से इस समय संदे के घेरे में हैं और अमरिका के दबाव में हैं और ये देश में बड़ी बात ही है इस समय कि संबिधान को लेकर तो लोगों को लगी रहा कि संबिधान खत्रे में है क्योंकि वो कित
11:33तो आजादी के आंदुलंग से हमें जो राष्टबाद मिला था
11:38वो राष्टबाद उस समय एक इंक्लूसिव था
11:41वो सेकुलर था हिंदू-मुस्लिम सीख हिसाई की एकता पर आधरिक राष्टबाद था
11:46और समराजवाद गिरोग पर आधरिक राष्टबाद था
11:49अब आपने उस राष्टबाद को इस तरीके से कमजूर कर दिया है
11:53कि आज समराजवाद परस्थ हो गया वो राष्टबाद
11:56ट्रंप कहते हैं और आप बिल्कुल उसी पर जूप जाते हैं
12:00ये सवाल देश में लेकिन बनेगा
12:03हमें लगता है कि इस समय हम लगों को संभिधान
12:05और संभिधान के साथ साथ जो राष्टी चेतना जिसका निर्मान आज़ादी के अंदुलन से हुआ था
12:11उस पर बिजेपी को बिल्कुल कड़ड़े में खड़ा करना है
12:14और इस जो पूरे देश के साथ अन्य हो रहा है लगाता है
12:18देश का अपमान हो रहा है
12:20इस सवाल पर बिजेपी को घेड़ बची है
12:222025 लेफ्ट पार्टी का सो साल और RSS का सो साल
12:27यानि राष्टी स्वयम सेवक संग का सो साल
12:30राष्टे स्वेम सेवक संग अपने एजेंडे में बहुत करीब दिखाई दे रही है, उसका एक लौका एजेंडा बचाया है हिंदु राष्ट का, बाकी तकरीबन उसके जो लिस्क थी उसमें काफी चीज़ें पा उसमें हासिल कर लिए है, कैसे इस डर्लॉप्मेंट को आप
13:00पारित हो रहा था उसी समय औरगनाइजर में वाकादर लिखा जा रहा है और कहा जा रहा है कि यह संभीधान बिलकुल एक्सेपटबल नहीं है कि इसमें कुछ भी भारतिय नहीं है, बनुस में की इसमें नहीं है, तो इसलिए RSS ने पहले तो चुपाया नहीं था, उसके ब
13:30तो पावर का पुरा इस्तेमाल इसी फैसिस्म के जी करेंगे बहुत सहबा भी है और कर भी रहे हैं लेकिन यह पावर पर ही dependent है तो आज ठीक है RSS का penetration बढ़ा है एक तरह से लोगों के बीच में सामाजी धरातल पर भी काफी पहुंच पढ़ी है लेकिन फिर भी मुझे लगता
14:00और मजबूत कुछ नहीं है उसके खिलाब बिलकूल लड़ा जा सकता है और सेकंड बात यह है का RSS ने जरूर कम्टिर्म से भी बहुत कुछ सीखा है जो कम्मिनिस्टों का काम था जो स्टाइल फा गर घर घर घर जाना हर बात पे घर घर नदी और घर संदूर घर जोगी कि
14:30तो शायर इस मामले में इन्होंने काफी कुछ सिखा भी है
14:34हमने लगता कि कम्मिनिस्टों को भी अपनी कारेशेहली को और मजबूत करते हुए
14:38जन्ता के साथ और गहरा जुडाओं इसकी जरूरत है
14:43दूसरी बात है कि RSS वेले पहले भी डर पोकते हैं आज भी गोडर पोकते हैं
14:47पूर डरा रहे हैं लोगों अप्रासी बात तो और कुछ नहीं है और डर का निजाम है
14:52क्योंकि अगर लोग डर जाएंगे तो बिना कुछ किये ही आधा काम उनका हो जाएगा
14:57लोग डरके मरें बोलना बंद कर देंगे, लिखना बंद कर देंगे, बहुत एक तरीके से अपने बातों को, विचारों को एडिट कर लेंगे, बहुत रिस्टिक कर लेंगे, तो रसस के लिए तब बिलकुल फायदा है, हमें लगता कि इस दौर ने हमें यह भी दिखाया, कि �
15:27एक इस दौर में लोग बिलकुल कोई परवा नहीं कर रहे हैं, जोल में रह रहे हैं, लड़ रहे हैं, तो लड़ना लोगों को मजा आ रहा है, लोगों को लड़ना जानते रहे हैं, सिधो कानो बिर्सा मुंडा के जमाने से लोगों को लड़ना आता रहा है, तो लोग लड
15:57मजबूत जनता के बीच में पहुंच चाहिए काम चाहिए और राजनितिक धराकल पर बड़ी एक्ता चाहिए
16:06क्योंकि RSS अब जिस पावर पर पहुंच गया रहा है उसमें किसी पार्टे के लिए किसी एक विचार धारा के लिए अकेले संभन नहीं है
16:15तो शायद इस समय ज़रूरी है कि RSS को मैं इस लुप में देखता हूं कि आजादी के
16:45लेकिन उसका एक वैचारी धरातल भी है, कि इन तमाल विचार जो आजादी के अंदुलन्द से जुड़े विचार हैं, उन विचारों का एक संगम, उन विचारों का एक आपस में सहय जोग, उन जरूरी है, और निश्टिता पर आरेसे को अब फिर किनारे कर सकते हैं.
17:01अपरेशन कागार का आपने जिक्र किया, भागपा माले ने बहुत स्ट्रॉंग प्रेस लीज जारे की, लेकिन पांसो आदिवासियों की हत्या पिछले छे साथ महिनों में हो जाती है, पांसो कोई छोटी संक्या नहीं है, लेकिन कहीं से भी एक कोई बड़ा विरोध में आव
17:31है, भागपा माले की जो प्रेस लीज है वो बहुत स्ट्रॉंग कंडमिशन पे है, ऐसा कैसा संबग हो पाया, ऐसा पहले कभी नहीं था अपरेशन ग्रीन हंट के किलाब इतने लोग उत्रे थे, एक तो देखेए लिप्रदेश का आलात कुछ दूसरे हैं, किसी भी सवाल प
18:01यह तो इस दौर में निश्टिटर पर बिरोग की वैपक्ता या उसकी तीवरता उसमें तो कुछ कमी आई है, बावजुद इसके मुझे लगता है कि इस सवाल लोगों का भी जानकारी भी नहीं है, यह जो आदिवासियों पर हम ले हैं, यह ठोड़ा खुल कर का और सामने �
18:31हैं, तो उनका है कि हथियार के खिलाब तो राज जबी हथियार का इस्तेमाल करेगा, लेकिन इसमें दो बाते हुई, एक तो मावादियों ने खुद भी कहा था, कि हम इसको रोकेंगे, हमी फिलाल एक तरह का, एक तरफा सीसफायर, और हम चाहते हैं कि बात चीत हो, तो दे
19:01तो सीधा देख रहा है कि सरकार को उससे कोई मतलब नहीं है, सरकार बिल्कुल यह चाहती है कि हम इसको करश करेंगे, बिल्कुल, और यह अपने आप में अनकॉंस्टिटुशनल है, सुप्रिम कोट ने सलवा जुरुन के समय में कहा था, कि अनकॉंस्टिटुशनल है, सु�
19:31सवाल तो यह है कि मावबादी सिब नहीं, वह तो गांधिवादी को भी वहां से खदर रहे है, मंशु कुमार को भी खदर आ गया है, वहाँ बेला भाटिया पर हमला है, मनिश कुंजम जो CPI के विधायट थे, उनको विशाने पर लिया गया है, मुलबासी मंच जो बिल्क�
20:01कि मिलिटरियाजिशन कर दिया गया, पूरे टोटल इलाका एक बड़ा केंटेंजमेंट जैसा दिखता है, और यह जो हर दोतिन किलो मुटर पर पुलेट पुलिस की चौकी है, परह मिलिटरी की, तो इसका मतलब है कि वहाँ और जो नॉर्मल कामकाज है, राशन भी उसके ज
20:31सीधा मतलब है कि वहाँ कॉर्परेट को अभी हंस्दो जंगल आदाने को मिल रहा है, सारे ख़दाने हैं, वो मिलने जा रहे हैं, बिलकुल, बिलकुल, बिलकुल, तो हमें लगता है कि लोग इस सवाल पर लगे लोग लड़ेंगे, इस बार ये बात जैसे खुल के सामने आ
21:01पर उसके खिलाब लोगों के संधर्श का प्रोट नहीं सकते हैं, स्टार लाइट वे कितनी बड़ी लड़ाई लोगों की भी हैं, तो हमें लगता है, जैसे ये कॉर्परेट लूट और आदिवासी के अधिकार, उनके कॉंस्टिटुशनल राइट का सवाल आएगा, जैसे
21:31लाइट है, वो भी एक्टरी के से एक बहाना जादा है, और बाकी तमाम जो बिरोग की आवाज है, इसको दावाना ये सरकार का मकसद है, एक आफ्री सवाल, लाल निशान पार्टी के साथ का विले हुआ भागपा माले में, ये कितना लंबा प्रक्रिया की और इसका भाग�
22:01इसके दशक से अलग कम्निस धारा के रूप में लोग काम कर रहे हैं, तो हम दो संग्ठन सिपनी भो लिगेसी, दो धारा एकसाद आ रही हैं, और वोन in धारा में एकसाद आने के पीशे काफी समंगता हैं, इसले काम अभी पारें हैं, में हमने एकसाद आ भी पाए हैं कि ब
22:31ना चाहिए, अमबेटकर के पती
22:34जो रुख, यह ऐसी
22:35पार्टी है, जिस समय अमबेटकर
22:3752 में और 54 में चुना लड़े
22:39और उस समय चुना हारे
22:42और उनको
22:43राज सवा में फिर भेजा गया
22:46अमबेटकर को, इस पूरे
22:48मामले में आम तोर पर उस समय
22:49उस दोर में कम्मिनिस्ट पार्टी का रुख
22:51काफी संकिन था
22:54क्योंकि जो 30 और
22:5540 के रशक में कम्मिनिस्ट और
22:57अमबेटकर रसमें इंडिपर्डिंट लिवर पार्टी करते थे
23:00IELP और कम्मिनिस्टों के बीच में
23:02जितनी जवर्दस एक्ता बने थी
23:03तो जो एक संभावना दीख रही थी
23:05बाद में ये अमारे देश के लिए
23:08बहुत एक तरीके से
23:10अफसोस की बात है कि एक डूरी बढ़ गई
23:12आपस में रिश्वास बढ़ गया
23:14लेकिन ऐसे दोर में भी
23:17लाल निशान के अमारे उस समय के लिसाती थे
23:19उनने उनी खुलकर अमड़ करका समग थे
23:21क्यों समय भी? उस समय भी
23:23बावन के चुआ में चुआ में
23:25राज जवा में अमड़ करका होना जरूरी है
23:28उनको भीजा जाए इसके लिए भी
23:29उन लोगोंने उनके उस समय शुड़ी में ने दो भीधायक थे
23:32तो अपने स्थर पर उन्हें पूरी कोशिश की
23:34तो किसी भी लूप में देखे
23:36तो यह ऐसी धारा है
23:38जुसमें कहें कोई संकिंता नहीं हूँ
23:40आमदुलं के सवाल पर
23:42चाहे वो गरिवों का सवाल हो
23:44मजदुरों का सवाल हो, सामाजिगनाय का सवाल हो
23:46उन्हें तमाम सवाल पर एक
23:48जवरगस देखे उनके अंदर
23:50सोच है, कोशिश है
23:52और बाद में ऐसी कम्निस्ट धाराई नहीं
23:55दत्ता सामन जब थे
23:57तो टेक्स्टायर गी इतनी बड़ी लड़ाई
23:59उसमें आमाज़ाल मेशान के साथ हैं
24:00कि बड़ी भूनिका थी
24:0184 का लोगसमा का चुनाओ
24:04जिस समय कॉंग्रेस का पूरे देश में
24:06कॉंग्रेस की लहर थी
24:07उस चुनाओ में
24:09बांबे साउट संट्रल से
24:11तक्ता सामन इंडिपेंडमेंटली
24:14चुनाओ जिद करके आये थी
24:16टेक्स्टाइल मजदूरों का
24:17मजदूरों का इतना बड़ा समथन तो इस समय
24:19बीजेपी वहां थर्ड हो जाती है
24:21जिस चुनाओ में बीजेपी को सिर्फ दो सिक मिली
24:24कॉंग्रेस की पूरी लहर थी
24:26उस चुनाओ में भी
24:28लाल लुशन पार्टी की मदद से
24:30उसके मेहनत से
24:31बत्ता सामन्द जीत कर गया है
24:33और 97 में बत्ता सामन्द की भी हत्या हो गई
24:37लेकिन हम लगता है कि वह सारी धारा हैं
24:40वो कहना कहीं उससे
24:42पुर्जा लाल नशन को मिली है
24:43और इससे
24:45महराष्टर में कर्विनिस ठांदूलन को
24:47ताकत मिलेगी
24:48अब मैं लगता है कि पुरे देश में
24:50अभी धंदाज में कामेडे के राय का संगठन था
24:53माजबादी समनना शनी थी
24:55पिछले सितंबर में
24:57मासा का भी माले के साथ गिलाय हुआ
24:59तो हम तो देख रहे हैं कि देश में
25:01जगा जगा लोग चाहते हैं
25:03अब में आज के दौर में
25:06और ज़्यादा औरजा की ज़रुवत है
25:08और ज़्यादा एक्ता की ज़रुवत है
25:10हिम्मत की ज़रुवत है
25:11तो सारे लोग अभी इसमें है
25:14कि हम लोग मिल करके करें
25:15तो हम तो कोशिश करेंगे कि
25:17पार्टी इतनी बड़ी हो सकें
25:18मजबूत हो सा कि उसके भी खुशिश करेंगे
25:20पांटी के बाहर जो अनु तमाम
25:22लेप फोर्सेज हैं लेप के बीच में भी
25:24आपस में और मजबूत एक्ता
25:26बने और लेप के बाहर भी
25:28जितने फासिवाद से
25:30लगने वाली ताक्ते हैं धाराये हैं
25:32सबके साथ व्यापक
25:34एक समझदारी हो चुनाओ में भी
25:36आंदिलम में भी हर लिप्चे पर
25:38बस अन्थ में अगर आप कुछ जैसे
25:42सपना आपका
25:442025 में अगर मैं पूछूं की
25:46एक ड्रीम या दो ड्रीम्स जो
25:48आपके हैं क्या है
25:50अभी तो अभी तो एक ही है
25:52इस समय 25 में पूरो देश की मज़र
25:54बिहार के चुनाओ पर है
25:55और 2020 के चुनाओ में हम लोग
25:58चंद सीटों के चलते
25:59हार गये थे चुनाओ
26:02लिकीजजी रहे गये थे
26:03इस बार 20 साल से जो बिहार में आवाज
26:06निकली है बदलो सरकार बदलो
26:08बिहार इस बार के चुनाओ में आवाज
26:10सफल हो
26:12साकार हो बस यही समय
26:14सपना है और इसी के लिए
26:16पूरी मेहनत हम लोग करेंगे
26:17उम्मीद है कि बिहार लड़ने वाला परदेश है
26:20बिढ़कर के रास्ता दिखाएगा
26:22बहुत बार शक्रिया
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