- 5/25/2025
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00:00आगे!
00:22अड़े!
00:23नहीं क्या तुम्हें शाबाज दे रही हूँ
00:25और तुम रो रही हूँ!
00:31दिन तोड़ दिया मैंने उसका.
00:42दोखा दिया मैंने उसे.
00:52भावत का खेल खेला मैंने उसके साथ.
00:56तुमने सिर्फ इस खेल में पहर किया.
01:01क्योंकि दोखा उसने देना था.
01:03दिल उसने तोड़ना था.
01:09और अगर यही सब वो तुम्हें कहता ना,
01:12तो दर्ज ज्यादा होता.
01:19मैंने सिर्फ तुम्हें इस तकलीफ से बचाया.
01:23तो, तो मुझे बच्चतावा क्यों हो गए?
01:27क्यों बुरा लग रहा है मुझे उसके लिए?
01:29क्योंकि तुम सची थी.
01:33यह रोना तुम्हें अपने आप के लिए आ रहा है.
01:36क्योंकि तुमने दुश्मन से प्यार किया.
01:47जिससे सिर्फ धोका मिलना था तुम उसके करीबाई.
01:58लेकिन कोई बात नहीं रिया.
02:02सारी जिन्दगी के रोने से कुछ दिनों का रोना बेतार है.
02:06बस करो उस्मा.
02:16हालत देखो उसके, क्या बना लिया उसने.
02:19बेड़ा तुम उठ ने जाओ.
02:21कम ने जाओ.
02:28पुरे.
02:38कुछ नहीं होता सेकंडर.
02:41मोका ही ऐसर है.
02:43थोड़ा रोना तो आएगा ना उसे.
02:49उस्मा, कयीं कभी इसर बतला देते लेते हमने अपर वेंके सरज जात लेगा औरही नहीं हीथी.
02:55कुछ दुनों में सब भूल भाल जाएगी, ठीक हो जाएगी.
03:00और तुम परिशान क्यों हो रहे हो?
03:02तुमें तो खुश होना चाहिए.
03:05आज हमने दुश्मन को शकस दिये.
03:09तो खुशी का मौका है.
03:12मैं कुछ मेथा बना कर लाती हूँ.
03:26अधाफिस, अधाफिस. अधाफिस.
03:32शुक्रिया, खुदाफिस.
03:36खुदाफिस.
03:46खुदाफिस बेटा, खुदाफिस.
03:50बाबी ना?
03:55तुम तो कभी कोई गलत फैसला करती ही नहीं थी.
03:59सारे खानदान की औरते आगे तुमसे मश्परा लेती थी.
04:03और तुमने इतना बड़ा गलत फैसला कर लिया.
04:07अपने दुश्मन की बेटी को बेहा कर ले आए.
04:12कभीर की जित थी.
04:15वो रिया से शादी करना चाहता था तो तबी मैं...
04:20मैं कभीर की फुफ़ो थी.
04:24अगर तुम्हारी अकल काम नहीं कर रही थी ना,
04:27तो उससे मश्परा कर लेती.
04:30कभीर तो छोटा है,
04:32वो सब भी ना समझ है,
04:34लेकिन तुमने होश के नाखून काट कर फेख दिया.
04:44गर में बहु बना कर ले आओंगी तो मामला खतम हो जाएगा,
04:48दुश्मनी खतम हो जाएगी.
04:50बहुत बड़ी गलत फैहमी थी तुम्हें.
04:52जो तुम्हारा गला दबा रहा था,
04:55उसी की बेटी को गले लगा लिया,
04:57तो बद्नामी का तौक तो तुम्हारे गले पड़ना ही था.
05:01तुम्हें पता है,
05:02लोग तना तना की बाते बना रहे थे,
05:05कबीर के किर्दार को मश्कूक बना दिया है सब ने.
05:09बच्चे तो जित करते हैं,
05:11लेकिन माओं को तो पता होता है ना,
05:12तुम तो कभी किसी को अपनी खातिर में नहीं लाते थी,
05:16अपने हमपला ही नहीं समझते थी,
05:19अब किसका गिरे बान पकड़ोगी?
05:21वो लड़की तो चली गई,
05:23सारे खांदान के सामने,
05:26तुम्हारी गलती का खम्याजा हमें भुगतना पड़ेगा.
05:29सारे खांदान के सामने,
05:32तुम्हारी गलती का खम्याजा हमें भुगतना पड़ेगा.
05:38आज की ये जिलत कोई नहीं भूलेगा,
05:41कोई नहीं भूलेगा, सम्झी?
05:49बोगीलन सारी विसमैं.
05:53चलता हूँ.
05:54कबीर, कबीर!
05:56क्या होगा अपा?
05:59कैसे आईगी रिया अब?
06:06मैं लेकर आओंगी उसे.
06:11कबीत..
06:29पड़ दिये दो नवाफल शक्राने के, और कुछ।
06:38दामन बुर गया मेरे तुम्हारी इसार से.
06:45अब सिंदगी में कुछ नहीं चाहिए।
07:00ये.. तुमने..
07:09तुमने इसे कभी नहीं उठा?
07:15ये तु..
07:19एक पार तू भी पहन नहीं थे, तो तोड़ देखने के साथ।
07:22कोशिश करते हैं।
07:28आज हमारा इंतकाम पूरा हो गया।
07:31बाबा की रूप को कितना सुकून मिला होगा।
07:34दो, मुझ मीठा करता है।
07:38थोड़ा सा तो खालो, सुभा से कुछ नहीं खाया तुम दे, ये लो..
07:42रिया..
07:44रिया..
07:46रिया..
07:48रिया..
07:49रिया..
07:50रिया..
07:56बास..
08:11अभी नहीं, यह अस्थार खान का घड़ है।
08:13यहाँ मेरी बैनों पर कोई हात नहीं उठाएगा।
08:20रहने दो सेकंदर..
08:23आज असल थपड तो मा बीना नहीं खाया।
08:33उसकी गूण से ही अन्दासा हो रहा है
08:35कि आपकी जिलत कितनी दूर दूर तक पहुंची है।
08:41सारे मैमान, सारा महुला..
08:43बल्के सारे शहनलों के लिए
08:45इनके बेटों के बारे में ही बात हो रही होगी, न?
08:49जिन बेटों पर इनको इतना फ़खर है..
08:57मुबीन खान, इतना बड़ा ठेकेदार..
08:59कभीर खान, मा बीना की जान..
09:06जान जल के रह गई, न?
09:10जान जल के रह गई, न?
09:11जान जल के रह गई, न?
09:15क्या बात है?
09:17आज मुझे कुछ कहेंगी नहीं?
09:23कुछ जड़ी-गटी नहीं सुनाएंगी?
09:25मेरे किरदार पर कीचड नहीं हुचा रहेंगी?
09:31अरे हाँ..
09:34आज तो आप खुद गर्दन तक कीचड में टूप जगी है..
09:42हमारी कहानी तो पुरानी हो गई है भाई..
09:45अब तो लोग कभीर के किस्से गाएंगे..
09:52सब यही सवाल करेंगे के..
09:54क्या वज़ा थी..
09:56कि कभीर खान की बीवी..
09:59शादे की पहली राते उसे छोड़ के जड़ी देगे?
10:12क्या उसमें कोई कमी थी?
10:16ये तो मेरा बेटा आकर तुम्हें बताएगा..
10:24कि वो क्या कर सकता है..
10:27गसीटता हुआ लेकर जाएगा तुम्हें..
10:29बास माविन.. बास..
10:34तुम्हारी धंकियां..
10:36तुम्हारी शर्तें..
10:38सब बास..
10:40वैसे..
10:42किस हग से गसीटेगा वो रिया को?
10:44ये उसके निका में है..
10:46इसी हग से..
10:50लेकिन.. जब निका ही नहीं है तो..
11:00आपको नहीं बताया उसने?
11:02अरे..
11:09रिया ने आपकी बेटे से तलाग मागी..
11:13और ये तलाग हम लेकर ही रहेंगे..
11:29अपनी बेहन को तलाग याफ़ता का लकब दोगी?
11:40तुम लोग क्या इसके सगे बाई वेहन नहीं हो?
11:43है..
11:45इसी लिए इसकी शादी अपनी मरजी से करेंगे..
12:00अपने बेटे से कहें कि शराफत से आए..
12:03दो बोल बोले..
12:05कागजात पर दस्तक करे और तलाग दे दे..
12:10बना अगर हमने खोला ले लिया..
12:13तो इस पार हम एलजाम लगाएंगे..
12:18हमसे बदला लेने की खाहिश में तुम लोग अपना ही नुक्सान कर बैठे हो..
12:23तुम सारी जिनदिगी तलाग याफ़ता का लेबल लिया घर में बैठी रहे हैं..
12:27अब इसके लिए भी यही किसमत चुनी है तुमने..
12:57मा बीना से हमारी खुशी देखी नहीं गई.. जल के रह गई है..
13:03खेर.. हम तो अपनी खुशी मना है नु..
13:07लिया.. बेटा.. बेटा बेटा..
13:27आपको लिए निर्या को ले ने गई थी.. क्यों नहीं आये..
13:32मा.. क्या हुआ..
13:34हाँ..
13:36मा..
13:38मा..
13:40मा..
13:42मा..
13:44मा..
13:46मा..
13:48मा..
13:50मा..
13:52मा..
13:54मा..
13:55क्या हुआ..
13:57आप ठीक तो है..
13:59खरिया तो है न..
14:10माई जी.. फ्रिया को लेने गई थी.. उसे लेकर नहीं आई साथ..
14:14और.. खबीर भी कोई जवाब नहीं दे रहा है.. आप भी कुछ नहीं बोल रही है..
14:29खबीर इसलिए जवाब नहीं दे रहा क्योंके.. ये कागस बोल रहा है..
14:36मा..
14:38मा..
14:40मा..
14:42मा..
14:44शर्री न कर्समों पर हम्यो आंर �ररे हो...
15:09क्या है इन काक्जों में मदीं?
15:12बेवसी क्यों नहीं?
15:31दलाग!
15:43कबील!
15:45मड़ना चाहते हो तुम क्या?
15:49मैं धोका खा चुका हूँ यार!
15:54मुझे ही देखके खुद को रोक लो!
15:56नहीं रोक सकता!
15:59भाई, मैं नहीं रोक सकता!
16:05मौबत को होने से भला कौन रोक सकता है?
16:09दुश्मन से!
16:11दुश्मन से महापत कर रहे हो तुम, दुश्मन से!
16:14बहुत मुझ्किल होता है ना!
16:19दुश्मन से महापत करना बहुत मुझ्किल होता है!
16:23कोई नहीं कर सकता भाई!
16:27सिवाय मेरे!
16:38मैं तुमसे और तुम मुझ्किल बहुपत नहीं कर सकते!
16:46हम करीब आएंगे तो अंजान नहीं है!
16:52तुम जाओ यहाँ से!
17:09हाथ तो लगी होई है लेकिंझ धूआ दिखायी नहीं दे रहा है!
17:19रिया की वज़ाँ से आप अपने आपको जितना नुकसान पहुंचा चुके है!
17:24मुझे तो लगा था उसकी हर बात पे
17:27तुम से बहुत नहीं करें!
17:28यह.
17:30रिया की वज़यसे आप अपने आपको
17:32जितना नुक्सान पहुँचा चुके हैं.
17:36मुझे तो लगा था उसकी हर बात पर
17:39हर जुम्रे पर
17:41कम से कम एक सिगरेट तो सुलगाई होगी आपने.
17:53कभीर, आपसे एक बात दो गया.
17:56बढ़ा ना वानीएगा.
18:01बढ़ा है, मुझे बहुत देर तक ऐसा लगता रहा,
18:06जैसे आप रिया से शादी सिर्फ तुष्मनी निकालने की,
18:11बदला लेने के लिए कर रहे हैं.
18:20बदला तो लिया गया है,
18:21लेकिन आपने नहीं, रिया ने लिया बदलता.
18:32क्या फायद हुआ हाथ काटका?
18:36किसमत की लखीर ने तो क्या?
18:39आप तो रिया की नियत तक नहीं बदल पाए.
18:45क्या तो महवबद सची नहीं हो तो सब छीनों का करते हैं?
18:51अपका कोई फायदा नहीं होता हूँ.
19:01आप किस चीज़ के सहारे पर बैठे होँ?
19:10बात कहूं पुरा न मानेंगा.
19:14सलाम दे दें उसे.
19:21छोड़ दे उसे.
19:24अन्ना ये तकलीफ, ये पेचैनी
19:27जिनदगी भर आपके साथ रहेगी.
19:41कबी?
19:46जाओ ये उसे.
19:49इन बात तो सुनु.
19:49जाओ ये उसे!
19:51जाओ ये उसे!
19:57आखरी बार सुभान से समझा रहा हूँ.
20:01अगर बार काट के रख दूँगा, बढ़ जाओ.
20:21मुझे तुम्हारी तरफ कोई मौफ़ब का कतम नहीं बढ़ाना.
20:25और नाहीं मैं तुम्हारी कोई हॉसला वजाई कर रही हूँ.
20:30मौफ़ब नहीं करती मुझसे.
20:37तुम्हें कोई लगाओ नहीं है.
20:45गशीर.
20:52मेरे बिना रह सकती हो.
20:57इदर देखो मेरी तरफ.
21:02मेरे बिना रह सकती हो.
21:09खुशी से.
21:22रिया, तुम क्यों रो रही हो?
21:26तुमने तो अपनी महापत खो दी न?
21:35और मैं, पागल, बेवकूफ, जिसे लगता था कि तुम कपीर से सची महापत करती हूँ
21:40इसलिए तुमने शादी किया, लेकिन नहीं.
21:43तुमने तो बदले की आग बुजाने के लिए शादी किया है.
21:51और मुझे इस घट्या मकसद के लिए इस्तमाल किया है.
21:58कैसी दोस्त हो तु?
22:02तुमने महापत खो दी न?
22:06तुमने महापत खो दी न?
22:08कैसी दोस्त हो तु?
22:16रिया के आँसु साफ करने के बज़ाए उसे बुरा भला कह रही है?
22:20कैसी बेहन है आप, जो अपनी छोटी बेहन को तलाग का तंगा दिलाके घर बिठाना चाहती है?
22:32तुमारा कुछ नहीं जाता, समझी?
22:34हमेरी रिया तुमसे जाधा अजीज है.
22:43हमने जो कुछ पह किया, उसके भले के लिए किया.
22:48नहीं, आपने अपनी अना की तस्कीन के लिए सबका मजाक बना दिया है.
22:52और आप, आपको इनकी चाल दिखाई ही नहीं दिए?
22:57आपने अस्मा अपा के कहने पर रिया से इतना बड़ा गुना करा दिया?
23:23कैसा गुना? कहना के चाहती हो तुम?
23:27आपने कबीर का दिल तोड़ा है.
23:32उसे तो छोड़े, वो दुश्मन है. लेकिन इसका?
23:41रिया का दिल तोड़ा है आपने.
23:43आपको इसका रोना चिलना सुनाई नहीं देता, दिखाई नहीं देता?
23:48ज़्यादा बकवास करने की ज़रूरत नहीं है.
23:53ये हमारा जाती मामल है, समझी?
23:58मैं बच्चपन से इस घर में आ रही हूँ.
24:00ऐसा कौनसा जाती मामल है, जो मुझसे चुपाया जा रहा है?
24:09आपने बाद के लिए नहीं चुपाया जा रहा है.
24:13रिया मेरी बैस फ्रेंड है. आप दोनों ने इसके साथ अच्छा नहीं किया.
24:27क्या किया है मैंने?
24:29रिया खुद इस सब में शामिल थी.
24:42आज जब जाकर हमने दुश्मनों को मात दिये, तब हम मौतबर के लाई हैं.
24:56क्या कुछ नहीं किया उन्होंने हमारे साथ?
24:59कबीर ने गोली मारके हमारे बाप को मार डाला.
25:13मौबीन खान ने हर दिन हमें कारोबार में नुकसान पहुंचाया.
25:16तरा-तरा की आजमाईचों से गुजाय रहा है.
25:24दुश्मनी का जवाब दिया है, तो अब मचल रही है.
25:30परिशान हो रही है.
25:32अब उनकी इजद पर बात आ गई.
25:33इतने सानों से हम पर क्या गुज़री है, ये किसी ने नहीं देखा.
25:53चंदिनों के हांसों आयी है.
25:56रिया ने बहादुरी का काम किया.
25:59आजमाईचों से गुजाय रही है.
26:01रिया ने बहादुरी का काम किया है.
26:12हम सबका बदला लिया है.
26:25और जोनों ने हमेशा हमारे साथ बुरा किया हो,
26:28उनके साथ बुरा करने में कैसा पछता हो?
26:31पछता हैंगे तो अब आप लोग.
26:39क्योंकि ये आँसू रुकने नहीं वाले.
26:41मुझे तो हैरत है कि रिया का इतना नुकसान करके
26:44आप दोनों खुश हो रहे हैं.
26:45वो भी नहीं है.
26:55मुझे तो ऐसा लगता है कि रिया दोनों की सोतेली बेहन है.
26:59जिसका कोई भी नहीं है, जिसकी कोई परवान नहीं करता.
27:02बस, बहुत सुन ली तो मारी बकवास.
27:05चलो, निकलो यहां से.
27:12सिकन्दर, सिकन्दर, निकलो इसे यहां से.
27:15रिया, पनी आँखें खोलो. तुम्हारे साथ ठीक नहीं हो रहा.
27:19खड़े, खड़े, मेरा मूँ क्या देख रहे हो?
27:21इस गज़ भरी जबान को बाहर निकलो यहां से.
27:24तुम्हारे साथ खेला जा रहे हैं. रिया, प्लीज, उठो.
27:26कबीर तुमसे बहुत महुपत करते हैं, उसके पास चाहते हैं.
27:28जब बहुत. प्लीज, रिया. चले यहां से.
27:30उससे तिलाख मत लेना. भाई कर रहा है.
27:57चूले मेना हाथ. अच्छे लगते थे आप मुझे.
28:06अस्मा आपा के मुकाबले में हमेशा मैंने आपको पॉजिटिफ समझा.
28:10असलिए तो पसंद किया.
28:27एक बात बताएं. अगर मैं भी इसी तना शादी के दूसरे दिन आपसे तलाख लेती तो.
28:42क्या करते आँगे? क्या कुजरती आपके?
28:46दे दे ते मुझे तलाख. छोड़ दे ते अपनी वीवी को.
28:57नहीं. आप कभी भी अपनी वीवी को ना छोड़ते.
29:05इसी तरहां कभीर अपनी वीवी रिया को नहीं छोड़ेगा.
29:20आप और अस्मा अपाने रिया के साथ बहुत बढ़ा किया है.
29:23अब भुकते इसका नतीचा.
29:27यह किस किसम की लड़की है यह?
29:30खुले आम अपना ही रिष्टा मांगने की बात कर रही.
29:36शरम दे खया. चुरत तो देखो इसकी.
29:48तुम इसकी बातों का असर मत लेना.
29:51हमने जो कुछ भी किये, अपने बाप के कतल का बदला लेने के लिए किये.
29:58इसलिए किये ताके उनकी रूँ को सखून मिल सके.
30:00इसमें कोई दूसरी राई है ही नहीं.
30:21कहा था मैंने तुमसे हजार बार कहा था, ये लड़की तुमें धोका देगी,
30:25बेवफाय करेगी तुमसे, लेकिन नहीं, तुमें तो रिया चाहिए थी.
30:37अब कहा है? दिखाओ.
30:43जैसी असमा, वैसी रिया.
30:51और क्यों ना हो भाई, एक ही घर की, एक ही थाली में खाने वाली,
30:54एक ही इनसान का खून, अलग कैसे हो सकती है?
31:04पर तुमें तो महपत का जुनून चड़ा वाली.
31:07उसने जो कुछ किया है, मेरे साथ किया है, प्लीज आप लोग परिशान ना हो.
31:10काईसे परिशान ना हो, इस घर में लेकर आई थी,
31:12मैं अपनी बहु बना के, इस घर कि इजद बना के,
31:14जिसे वो अपने पेरों तले रॉन कर भाद गई.
31:22सही कह रही है, माही जी.
31:32कभी तुमारे बारे में भी पूरे महले में
31:35कभी तुम्हारे बारे में भी पूरे महले में
31:37वो आस्मा उल्टी सीधी बाते कर रही है.
31:46वो आपकी दोस्त नहीं है?
31:4820 street वाली, Mrs. Mumtaz.
31:53मुझे फोन करके कहर रही है
31:54इस घर की बगुएं तो सारी भाग जाती है.
31:59तुम कभाँ भागोगी?
32:00मैंने कहा, मैं ऐसी नहीं हूँ भाई.
32:02ना मेरे सुस्राल वाले ऐसे हैं.
32:04बिल्कुल भी.
32:15मुझे फोन कर रहे हैं लोग.
32:16सौसो किसम की बातें सुना रहे हैं कि
32:18तुम क्या अंधी हो गी थी, गूंगी हो गी थी,
32:20बेहरी हो गी थी.
32:31दुश्मन की बेटी को इज़द बना कर घर में ले आई.
32:33वो इज़द, जिसे वो अपने पैरों तले रॉन कर
32:35हमें बेज़द कर के चली गई है.
32:45क्या करना है, कभी?
32:48इसने क्या करना है?
32:50तलाक मांग रही है, देगा तलाक?
32:55इससा कभी नहीं होगा.
33:00बीवी है वो मेरी.
33:02चली.
33:04वो ही बीवी, जो तुम्हारा ये हशर करके गई है?
33:11जो तुम्हारी इज़द को अपने पैरों तले रॉन कर
33:13भाग गई है, चली गई है?
33:19उसे तुम सर पे बिठाओगे?
33:20मैं क्या अल नहीं कालो?
33:23समझ नहीं आरा कुछ है.
33:26यह आज नहीं है.
33:27यह उसके लिए पूरा चला गई.
33:29वो भी तुम्हारा ये हशर करके गाए, बहुत नहीं है.
33:32तो तुम्हारा ये अपने पैरों तले रॉन करके गई.
33:34समजन नहीं आरा कुछ.
33:38अरे तो क्या मसले का हल हम लोग निकालेंगे?
33:52अगर समजन नहीं आरा कुछ नहीं समजन नहीं पड़कल पड़कल
33:54क्या मसले का हल हम लोग निकालेंगे?
34:06ये... ये connection खटवाओ.
34:11ये phone खटवादो, मैं लोगों की बातों का जवाब नहीं दे सकती, बस.
34:23मसल पड़कल
34:54फकीर के हाथ में अपना हाथ दे कर भाग चले?
35:01राजित, तुम कहां थे?
35:03कब से तुम्हारा इंतिजार कर रही है?
35:07आस्मा, कभीर को चोड़ पहुची है.
35:14और तुम्हें पता है कि जब जंगल में शेर को छेड़ा जाये ना,
35:17तो खतरा सब के सर पे बढ़ लाता है.
35:20खतरा तो मुझे है, वो भी अपने ही घर में.
35:25हर वक्त सिकंदर मुझे से पूछता रहता है कि
35:27ये मन्सूबा मैंने किसके कहने पर बना है?
35:30कैसे ये खयाल मेरे जहर में है?
35:34तो क्या कहा तुमने?
35:35क्या कह सकती?
35:38यही कि अपने बाप के कतल का पदला ले.
35:42हाँ दिन कोई ना कोई आकर यह असास दिलाता है
35:44कि हम अपनी चोटी बेहन का संस्याबते कर रहे हैं.
35:47हर वक्त चुकना रहना पड़ना है.
35:50सब पूछ मैंने तुम्हारे कहने पर किया है, वाजव.
35:52माना कि कबीर हमारा दुश्मन है, लेकिन
35:55लिया तो मेरी चोटी बेहन, मेरी सगी मेहन.
36:00सूझती हूँ कि कहीं
36:02मैं उसके साथ ज्यात थी तो नहीं कर दिया.
36:06अब कर दिया तो कर दिया.
36:11अब अगर पीछे आटोगी तो पूरी तुम्ही बनोगी.
36:13तब क्या कहा रहा है?
36:15सज कहा रहा हूँ.
36:19तुमने बदला लेना था.
36:22मैं तुम एक आइडिया दिया है तुम्हारी मदद की.
36:24तुमने उस पे अमल गिया है.
36:26पहले कबीर खान की लिया से शादी करवा दिया और पिर
36:29लिया की तलाग का मुझाल्बा कर दिया.
36:43तो अब सोचना क्या सर्व?
36:46बस तुम ज्यान इस पर रखो की कबीर खान लिया को तलाग दे दे.
36:50कि वो तो घार आके तलाग का काँस पाड के गया है.
36:57अगर लिया की तलाग ना होई,
36:59तो सारा प्लैन चॉपड हो जाएगा.
37:06और तुम्हारे बदला लेना था.
37:13बदले का क्या होगा?
37:21तुम फिर्कर ना करो.
37:23मैं हूँ ना तुम्हारे साथ.
37:43प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र प्रस्तुत्र
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