00:00क्या गाए है कि गाए मेरी है मेरी है अधिया ना चालता है अरे रोको रोको कोई मेरी गाए को मेरी गाए भाग रही है
00:23अरे पकड़ो रहा है मेरी गाए भागी जा रही है अरे यह मेरी गाए राजन ने यह जूट कह रहा है राजन वास्तों में गाय मेरी है
00:46पशू भी अपने स्वामी को पर्चानता है यदि हम इस गाय को छोड़ दें तो यह गाय जिसके भी पास जाएगी वही गाय का सच्चा मालिक होगा और गाय उसी को दी जाएगी
01:00है यह राजन यह गाय मेरी है यह दोनों तो मुझसे मेरी गाय छीन लेना चाहते थे चोरी करके मेरी गाय भगा लेना चाहते
01:24इतनी धीधाय से मेरी गाय पर अपने अधिकार जमा रहे थे है राजन अब मुझे आग्या दीजिए रुख जाओ गॉलिन रुख जाओ उसके बदले मैं तुम्हें यह मोतियों का हार दे रहा हूँ
01:39महरानी की जय हो
01:53क्या समचार लाए हो प्रतिहारी
01:56महरानी एक गॉलिन गाय और बच्छडा बेचने को लाई है और आप ही से मिलना चाहती है
02:03गॉलिन आई है
02:05तुम इस गाय और बच्छडे को क्यों बेचना चाहती हो
02:30इनके पालन पोशन के बंधन से मुक्त हो जाना चाहती हो
02:34और मैं जानती हूँ कि आप दोनों इनका पालन पोशन सुचारू रूप से करेंगे
02:42लक्ष्मी तुम इनकी चिंता मत करो
03:05अब ये गाय और बच्छडा हमारी गौशाला की शोभा बढ़ाएंगे
03:11तारा येन से रूट गई तो लक्ष्मी पित्वी लोग में आई
03:18पित्वी पर कर्वीर के नाम की नगरी महलक शुमी को सुहाई
03:27अपना स्थान वही पर बनाकर पित्वी पर कर्वीर के नाम की नगरी महलक शुमी को सुहाई
03:42पिधिवी पर कारवीर के नाम की नगरी महलक्षमी को सुहाई अपना स्थान वहीं पे बनाकर ततिमा बीच समा गई माई
04:06महराज आप जिस समय की बात कर रहे हैं उस समय राजमहल में केवल एक ग्वालन आई थी वो अपनी गाय और बच्छडे को बेजने के लिए आई थी
04:19स्वामी यही है वो गाय और यही है उसका बच्छडा उसका नाम लक्षमी है