नई दिल्ली : भारत में हर साल हजारों लोग अंग प्रत्यारोपण के इंतजार में दम तोड़ देते हैं, क्योंकि अंगदान के प्रति जागरूकता की भारी कमी है. ऐसे में कुछ लोग और उनके परिवार साहसिक फैसले लेकर इस अंधकार में उम्मीद की रोशनी बन रहे हैं. भारतीय अंगदान दिवस हर साल 3 अगस्त को मनाया जा रहा है. 2010 से मनाया जा रहा है. 2022 तक यह दिवस 27 नवंबर को मनाया जाता था. भारत में पहली बार अंग प्रतिरोपण (Heart Transplant) 3 अगस्त को हुआ था. इसी को ध्यान में रखते हुए अंगदान दिवस को अब 3 अगस्त को मनाया जाता है. राष्ट्रीय हृदय प्रत्यारोपण दिवस (National Heart Transplantation Day) भी 3 अगस्त को ही मनाया जाता है. 3 अगस्त 2003 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस दिन को हृदय प्रत्यारोपण दिवस घोषित किया था.आइए जानते हैं चार ऐसे परिवारों की कहानियां, जिन्होंने दुख की घड़ी में भी दूसरों को जिंदगी देने का नेक काम किया .