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महान एथलीट फौजा सिंह का 14 जुलाई को 114 साल की उम्र में सड़क हादसे में निधन हो गया था. उनकी यादों को जिंदा रखने के लिए पंजाब में मोगा जिले के मूर्तिकार मंजीत सिंह अपने परिवार के साथ मिलकर फौजा सिंह की दो प्रतिमाएं बना रहे हैं. मंजीत सिंह कहते हैं कि फौजा सिंह की सादगी भरी जीवनशैली, स्वास्थ्य  और फिटनेस का सशक्त संदेश आज भी प्रेरक है. उन्होंने नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता अभियानों में भी हिस्सा लिया था. फौजा सिंह के आजीवन समर्पण और उपलब्धियों से प्रेरित होकर मंजीत सिंह का परिवार मूर्तियां बनाने में पूरा सहयोग कर रहा है. एक मूर्ति ब्यास गांव में फौजा सिंह के घर पर और दूसरी मोगा के देश भगत पार्क में लगाई जाएगी. 

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00:00महान एथलेट फौजा सिंग का 14 जुलाई को 114 साल की उम्र में सड़क हादसे में निधन हो गया था
00:08उनकी यादों को जिन्दा रखने के लिए पंजाब में मुगा जिले के बुर्तिकार मंजीत सिंग अपने परिवार के साथ मिलकर फौजा सिंग की दो प्रतिमाएं बना रहे हैं
00:18मंजीत सिंग कहते हैं कि फौजा सिंग की साधगी भरी जीवन शैली
00:45स्वास्ति और फिटनेस का सशक्त संदेश आज भी प्रे रख हैं उन्होंने नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूपता अभियानों में भी हिस्सा लिया था
00:54हम ऐसा सोचते हैं कि जो लोग दूसरों की आम लोगों के लिए जिन्दगी जीते हैं अच्छा संदेश देते हैं जैसे पिजाब नश्यों में गलतान है
01:05तो एक फौजा सिंग जी का बहुत आस्रा था बहुत बड़ा संदेश देते थे कि ना उजवानों को कि आप खेडों में और अच्छी सेथ के लिए मिहंत करो तो उनका उस देश जो है ओचोदा तरीक को बस एक संदेश बनके रह गया है और स्रीरिक तोर पेसा से दूर हो �
01:35मुर्ती व्यास गाओं में फौजा सिंग के घर पर और दूसरी मोगा के देश भगत पार्क में लगाई जाएगी

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