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  • 2 days ago
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Transcript
00:00दोस्तों मेरा नाम आजय वर्मा है और मैं लखनों का रहने वाला हूँ
00:04मैं अभी 24 साल का हूँ
00:07और आज आपको अपने जीवन की एक सची घटना सुनाने जा रहा हूँ
00:14जिसमें मैंने अपनी मौसेरी बहन के साथ कुछ मस्ती की थी
00:18उस समय मैं कॉलेज में था और मेरे एक्जाम चल रहे थे
00:22उसी समय मेरे घरवाले एक शादी में शामिल होने के लिए 14 से 15 दिनों के लिए गाव जा रहे थे
00:30मेरी मौसेरी बहन प्रिया का भी शादी में जाने का मन था लेकिन इस साल उसकी बोर्ड परीक्षाएं थी
00:36इसलिए मामा जी ने उसे मना कर दिया
00:39उन्होंने कहा तुम्हारी परीक्षा दो महीने में है अभी से तैयारी करो अगर तुम गाव जाओगी तो पढ़ाई नहीं कर पाओगी
00:47और नहीं घर पर तुम्हारे भाई के लिए खाना बनाने वाला कोई रहेगा
00:52इस तरह से मेरी बहन और मैं घर पर ही रुक गए जबकि बाकी सभी लोग शादी की तैयारियों में लगे थे
01:00अगले दिन सुबह सब गाव चले गए और मेरा एक ही एक्जाम बचा था जिसकी मैं तैयारी कर रहा था
01:06जब सभी लोग गाव चले गए तो घर में बस मैं और मेरी मौसेरी बहन प्रिया ही थे
01:12घर अचानक से खाली और शान्थ हो गया था
01:16मैं अपने एक्जाम की तयारी में लग गया और प्रिया अपने बोर्ड की पढ़ाई में यस्थ हो गई
01:22पहले दो दिन तो सब कुछ सामान्य चला
01:26हम दोनों अपने अपने कमरों में पढ़ाई करते और बीच बीच में एक दूसरे से बात कर लेते थे
01:32तीसरे दिन की बात है मैं थोड़ा बोर हो रहा था क्योंकि दिन भर पढ़ाई करने के बाद दिमाग ठक चुका था
01:39मैंने सोचा कि प्रिया भी शायद ठक गई होगी तो मैंने उसे कुछ मस्ती करने के लिए कहा
01:46पहले तो वहाँ जिचकी लेकिन फिर मान गई
01:49हमने टीवी पर एक कॉमेडी शो देखा और खूब हनसे
01:53इससे माहौल थोड़ा हलका हो गया था
01:57फिर हमने मिलकर रात का खाना बनाया और खाते खाते पुरानी बाते याद करने लगे
02:03वह अपने स्कूल के मज़ेदार किस से सुनाने लगी और मैं कॉलेज के
02:08हनसीम जाक के बीच रात कब बीट गई पता ही नहीं चला
02:12अगले दिन से हम दोनों ने एक रूटीन बना लिया दिन में पढ़ाई और शाम को मस्ती
02:18इस तरह पढ़ाई का बोज भी हलका हो गया और समय भी जल्दी बीटने लगा
02:24कुछ दिन ऐसे ही बीटते गए हमारे बीच की दोस्ती और गहरी हो गई
02:29और हमने बहुत सारी बाते की जो शायद हम पहले कभी नहीं कर पाए थे
02:33एक दूसरे की कमपनी में समय जल्दी बीट रहा था
02:37फिर एक दिन मेरा आखिरी एक्जाम था
02:41मैंने उसे अच्छे से दिया और जब घर लोटा तो बहुत रिलाक्स महसूस कर रहा था
02:47इसके बाद हमने अपनी बाकी दिनों की चुटियों का भी मजा लिया
02:51जब घर वाले वापस लोटे तो उन्हें पता चला कि हम दोनों ने घर का अच्छे से ध्यान रखा और पढ़ाई भी की
02:59यह कुछ यादगार दिनों में से एक था जिसे मैं कभी नहीं भूल पाऊंगा
03:04जब घर वाले वापस आएं तो वे काफी खुश थे कि हम दोनों ने अपनी पढ़ाई पूरी जिम्मेदारी से की थी और घर का भी अच्छे से ध्यान रखा
03:14खासकर मामा जी को इस बात की खुशी थी कि प्रिया ने उनकी बात मानी और घर पर रहकर अपनी बोर्ड की परीक्षा की तयारी की
03:22कुछ ही दिनों बाद मेरी मौसरी बहन की बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू हो गई
03:28वह दिनरात मेहनद कर रही थी और मैं भी उसे पढ़ाई में मदद करता था
03:33परीक्षाएं खत्म होने के बाद प्रिया और मैं एक बार फिर से फुरसत के पल बिता रहे थे
03:39हम दोनों के बीच एक गहरा रिष्टा बन गया था जिसमें अब सिर्फ भाई बहन का प्यार ही नहीं था बलकि एक दोस्ती भी थी
03:48हम एक दूसरे के साथ ज्यादा समय बिताने लगे थे
03:52उस समय एहसास हुआ कि जिन्दगी के छोटे-छोटे लम्हें ही असली खुशी देते हैं
03:58प्रिया के रिजल्स आए और उसने बहुत अच्छे नंबरों से पास किया
04:03मामा मामी जी और पूरे परिवार को उस पर गर्व था
04:07उन्होंने उसके अच्छे परिणामों की वज़ा से उसे गाव घुमाने और घूमने के लिए जाने की अनुमती भी दे दी
04:14इस बार प्रिया और मैं दोनों ने मिलकर छुट्टियों की प्लानिंग की
04:19हम परिवार के साथ गाव भी गए और फिर कुछ दिनों के लिए पहाडों की यात्रा पर भी निकल पड़े
04:26वह यात्रा भी हमारे लिए यादगार रही
04:29एक और जहां गांव की साधगी ने हमें प्रकृती के करीब लाया वहीं पहाडों की ठंडी हवाओं और खुबसूरत नजारों ने हमारी आत्मा को सुकून दिया
04:40उस सफर के दौरान मैंने और प्रिया ने अपने भविश्य के बारे में भी काफी बाते की
04:45प्रिया ने बताया कि वह अब डौक्टर बनना चाहती है और मैं भी उसे उसकी पढ़ाई में हर संभव मदद करने का वादा किया
04:54हमने तै किया कि हम जीवन में चाहे कितने भी व्यस्थ हो जाए लेकिन इस तरह के लमों को कभी मिस नहीं करेंगे
05:01यही वह कहानी है जब मेरी मौसेरी बहन और मैं एक दूसरे के साथ न सिर्फ भाई बहन के रिष्टे को निभा रहे थे बलकि दोस्ती का एक नया आयाम भी स्थापित कर रहे थे
05:12इन यादों ने हमारे रिष्टे को और भी मजबूत बना दिया और आज भी जब हम इन पलों को याद करते हैं तो चहरे पर एक मुस्कान आ जाती है
05:22कुछ समय बात प्रिया ने मेडिकल कॉलिज में एड्मिशन ले लिया और मैं भी अपनी पढ़ाई और करियर पर ध्यान देने लगा
05:29हम दोनों अपनी अपनी जिन्दगी में व्यस्थ हो गए लेकिन जब भी वक्त मिलता हम फोन या मैसेज पर एक दूसरे से बात कर लेते थे
05:38गाव की यात्रा और पहाडों के साथ बिताए वो दिन अब सिर्फ यादे बन चुके थे लेकिन वे यादे हमारे दिलों में हमेशा ताजा थी
05:48एक दिन की बात है मैं अपने काम के सिलसले में बाहर गया हुआ था
05:53शाम को अचानक प्रिया का फोन आया
05:56उसने बताया कि उसे मेडिकल कॉलेज से स्कॉलर्शिप मिली है और वह अब आगे की पढ़ाई के लिए विदेश जाने वाली है
06:04यहाँ खबर सुनकर मैं बेहत खुश हुआ लेकिन साथी मन में एक खालीपन भी था क्योंकि प्रिया अब लंबे समय तक दूर रहने वाली थी
06:13प्रिया भी थोड़ा भावुक थी लेकिन उसने कहा भिया यह मौका मेरे लिए बहुत महत्वपूर है
06:19मैं अपने सपनों को पूरा करने के एक कदम और करीब पहुँच गई हूँ
06:24तुम हमेशा मेरे साथ रहे हो और अब भी मुझे तुम्हारा साथ चाहिए
06:30मैंने उसे भरोसा दिलाया कि चाहे वो कहीं भी हो मैं हमेशा उसके साथ हूँ
06:36कुछ ही हफ्तों बाद प्रिया विदेश चली गई
06:40हम दोनों ने एक दूसरे से वादा किया कि चाहे कितना भी वक्त लगे हम अपने अपने सपनों को पूरा करेंगे
06:47और फिर एक बार उन दिनों को याद करेंगे जब हम साथ थे
06:51समय बीता गया प्रिया विदेश में अपनी पढ़ाई में व्यस्थ हो गई और मैं भी अपने काम में पूरी तरह से डूब गया
06:59धीरे धीरे हमारी बातचीत कम होती गई लेकिन जब भी हम बात करते वो पुरानी मस्ती और हंसी टिठोली आज भी वैसी ही रहती
07:07फिर एक दिन करीब तीन साल बात प्रिया की पढ़ाई पूरी हो गई और वहाँ वापस भारत लोटाई
07:14वहाँ अब एक डॉक्टर बन चुकी थी और जब हम मिले तो ऐसा लगा जैसे समय कभी बदला ही नहीं
07:21हम दोनों ने उस दिन को फिर से जिया जब हमने पहली बार घर पर अकेले समय बिताया था
07:27और जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को महसूस किया था
07:31अब जब भी हम मिलते हैं तो उन पुरानी यादों को ताजा कर लेते हैं और हंसीम जा करते हैं
07:38प्रिया अब अपने करियर में एक सफल डॉक्टर है और मैं भी अपनी फील्ड में अच्छी तरह से स्थापित हूँ
07:44लेकिन हमारी दोस्ती और भाई-बहन का रिष्टा आज भी वैसा ही मजबूत है जैसा उन यादगार दिनों में था
07:52जीवन आगे बढ़ता गया पर उन लमों ने हमें सिखाया कि रिष्टों की असली ताकत एक दूसरे के साथ बिताए गए समय और उन यादों में होती है जो हमारे साथ हमेशा रहती है
08:03समय बीटा गया और प्रिया अपनी मेडिकल प्रैक्टिस में पूरी तरह से जुड़ गई
08:09उसकी महलत रंग लाई और जल्धी उसने एक नामी अस्पिताल में नौकरी कर ली
08:15मैं भी अपने करियर में तरक्की कर रहा था
08:18हम दोनों की जिन्दगी काफी व्यस्थ हो गई थी
08:22लेकिन जब भी हम मिलते पुराने दिनों की तरह बाते और मस्ती करना कभी नहीं भूलते
08:27एक दिन की बात है प्रिया ने मुझे बताया कि उसे एक इंटरनेशनल मेडिकल कॉन्फरेंस के लिए बुलाया गया है
08:34और उसे विदेश में प्रेजेंटेशन देना है
08:37वह इस बात से थोड़ी घबराई हुई थी लेकिन मैंने उसे याद दिलाया कि उसने हमेशा अपने सपनों को पूरा करने के लिए महनत की है
08:46और यहां मौका भी उसकी कड़ी महनत का नतीजा है
08:49मैंने उसे हिम्मत बंधाई और कहां कि वह इस मौके को पूरी तरह से अपने पक्ष में कर लेगी
08:56कुछ हफ़तों बात प्रिया उस कॉन्फरेंस से लोट आई
09:00उसकी आंखों में एक अलग ही चमक थी
09:03उसने ना सिर्फ शांदार प्रेजेंटेशन दी थी बलकि उसे वहां से कुछ नए प्रोजेक्ट्स और ओफर भी मिले थे
09:11या उसके करियर के लिए एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ
09:15जब उसने मुझे यह सब बताया तो मैंने गर्व से उसकी तरफ देखा और कहां तुम हमेशा से ही एक स्टार रही हो प्रिया
09:23इसके बाद हमारे परिवार में प्रिया की शादी की बाते होने लगी
09:28मामा मामी जी ने उसे कुछ अच्छे रिष्टों के बारे में बताया लेकिन प्रिया ने कहा कि वह अभी अपने करियर पर ध्यान देना चाहती है और शादी के बारे में बाद में सोचेगी
09:39परिवाल ने उसकी बात मानी क्योंकि सब को पता था कि वह जो भी करेगी सोच समझ कर करेगी
09:46इसी बीच मैं भी अपने करियर में नई उचाईयों पर पहुँच रहा था
09:51हमें अपने काम की वज़ा से अलग-अलग शहरों में जाना पड़ता था
09:55लेकिन हमारी दोस्ती और भाई-बहन का रिष्टा पहले जैसा ही मजबूत था
10:00हमने एक दूसरे से वादा किया था कि जब भी हमें समय मिलेगा
10:05हम एक बार फिर से उन यादगार दिनों को जीने के लिए एक साथ छुटियों पर जाएंगे
10:10फिर एक दिन प्रिया ने मुझे फोन किया और बताया कि उसे एक बड़ा प्रोजेक्ट मिला है
10:16जिसके लिए उसे कुछ सानों के लिए विदेश जाना पड़ेगा
10:19या उसके करियर के लिए एक बहुत बड़ा मौका था और मैं उसकी खुशी में पूरी तरह से शामिल था
10:26हाला कि मन में थोड़ा खालीपन भी था क्योंकि वह फिर से दूर जा रही थी
10:31लेकिन मैंने उसे पूरी तरह सपोर्ट किया और कहा यह तुम्हारा सपना है प्रिया और तुम्हें इसे पूरा करना चाहिए
10:40मैं हमेशा तुम्हारे साथ हूँ
10:43प्रिया विदेश चली गई और हम फिर से अपनी अपनी जिन्दगी में व्यस्थ हो गए
10:48लेकिन जब भी मैं उन दिनों को याद करता हूँ
10:52जब हम साथ रहते थे तो एक मीठी मुस्कान चहरे पर आ जाती है
10:56जीवन की दौर में वे कुछ पल ही होते हैं जो हमें असल में खुशी देते हैं
11:02और प्रिया के साथ बिताए वो दिन मेरी जिन्दगी के सबसे अनमोल पल थे
11:06अब भी जब मैं प्रिया से बात करता हूँ
11:10हम उन पुरानी यादों को ताजा करते हैं
11:12और हंस्ते हैं कि कैसे वक्त गुजर गया लेकिन हमारे रिष्टे की मिठास कभी नहीं बदली
11:18रिष्टे भले ही समय और दूरी की कसोटी पर खरे उतरते हैं
11:23लेकिन वे यादे हमें हमेशा जोड़े रखती हैं जो हमारे साथ बनी रहती हैं
11:29प्रिया के विदेश जाने के बाद मैं भी अपने करियर और जीवन की नई जिन्मिदारियों में व्यस्थ हो गया
11:35समय के साथ हम दोनों की बातची थोड़ी कम हो गई लेकिन हमारे बीच का रिष्टा उतना ही मजबूत बना रहा
11:42जब भी प्रिया से बात होती हम अपने जीवन के नए अनुभव और चुनौतिया साज़ा करते
11:48कभी कभी मैं उसे यह कहते हुए चिढ़ाता कि वह विदेश में मशूर डॉक्टर बन गई है और मुझे अब समय नहीं देती
11:57वह हंसकर कहती भीया चाहे मैं कहीं भी रहूं तुम हमेशा मेरे सबसे करीब रहोगे
12:02कुछ साल और बीट गए अब मैं अपने जीवन में स्थिरता पा चुका था
12:08एक दिन मामा जी का फोन आया उन्होंने बताया कि प्रिया का एक अच्छा रिष्टा आया है और वह अब शादी के लिए तैयार है
12:17मैं यह सुनकर खुश हुआ और तुरन प्रिया से बात की
12:32अध्याय होगा शादी की तारीक तैय हो गई और तैयारियान शुरू हो गई मैं भी अपने काम से समय निकाल कर शादी की तैयारियों में जुट गया
12:43परिवार के साथ समय बिताना और प्रिया की शादी की तैयारियों का हिस्सा बनना मेरे लिए एक अलगी खुशी लेकर आया था
12:52शादी का दिन आ गया
12:54प्रिया बेहत खुबसूरत लग रही थी और उसकी आंखों में एक अजीब सी खुशी और सुकून था
13:01वह अपनी नई जिन्दगी की शुरुआत कर रही थी और मैं उसे देख कर गर्व महसूस कर रहा था
13:07शादी की सभी रस्मों के बीच जब मैं उससे मिला तो हम दोनों के बीच बिना कुछ कहें ही बहुत कुछ कहा गया
13:15मैंने उसे गले लगाया और कहां तुम्हें हमेशा खुश देखना चाहता हूँ
13:20और आज तुम्हें इस तरह देख कर मुझे बेहत खुशी हो रही है
13:24शादी के बाद प्रिया अपने पती के साथ विदेश लोट गई और मैं वापस अपनी जिन्दगी में लोट आया
13:31लेकिन वह दिन मेरे दिल में एक खास जगह बना चुका था
13:36अब हम दोनों अपने अपने जीवन में व्यस्त थे लेकिन हमारी यादें हमारे साथ बिताएं हुए वोपल और हमारा भाई-भेन का रिष्टा हमेशा कायम रहा
13:45समय के साथ प्रिया की जिन्दगी में और भी खुशिया आई
13:50वह एक सफल डॉक्टर बन गई और कुछ सानों बाद उसके जीवन में एक नन्हा महमान भी आया
13:57जब मुझे प्रिया के माँ बनने की खबर मिली तो मेरी खुशी का ठिकाना नहीं रहा
14:02मैंने उससे कहा अब मैं मामा बन गया हूँ और तुम्हारा बेटा भी मेरी तरह शरार्ती होगा
14:09हम दोनों ने खुब हनसीम जा किया
14:12अब जब भी मैं प्रिया और उसके परिवार से मिलता हूँ
14:16हमारे रिष्टे की गहराई और समझ और भी बढ़ जाती है
14:20प्रिया की सफलता और उसका खुशाल परिवार देखकर मुझे गर्फ होता है
14:25और मैं हमेशा उसे उसकी जिंदगी में खुश देखना चाता हूँ
14:29हम दोनों के बीच का यह सफर जिसमें हमने साथ मिलकर जीवन की हर छोटी बड़ी खुशियों को जिया
14:36आज भी मेरे दिल में बसा हुआ है
14:38रिष्टे चाहे कितने भी बदले या दूरियां आ जाएं
14:42लेकिन वे यादे वे लमहें हमें हमेशा करीब रखते हैं
14:46प्रिया और मैं भले ही अपनी अपनी जिंदगी में अलग-अलग रास्तों पर आगे बढ़ गए हो
14:52लेकिन हमारी दोस्ती हमारा भाई बहन का प्यार और उन सुनरी यादों की धोर ने हमें हमेशा के लिए जोड़े रखा
14:59यहीं वो अनमोल धागा है जो हमें जीवन के हर उतार्चधा में साथ बांदे रखता है
15:05प्रिया की शादी और उसके जीवन में खुशियों के नए अध्याय शुरू होने के बाद मैं भी अपनी जिन्दिगी में आगे बढ़ रहा था
15:14लेकिन एक चीज जो कभी नहीं बदली वह थी हमारी दोस्ती और भाई बहन का अटूट बंधन
15:20चाहे प्रिया अपने नए परिवार में यस्थ हो या मैं अपने काम में डूबा हुआ रहूं हम दोनों एक दूसरे के साथ जुड़े रहे
15:29कभी कभी जब मैं अपने बच्पन और उन दिनों के बारे में सोचता जब हम दोनों घर में अकेले रहते थे तो चहरे पर एक हलकी मुस्कान आ जाती
15:38प्रिया अब एक डॉक्टर के तौर पर पूरी दुनिया में नाम कमा रही थी और मैं अपनी कंपनी में एक वरिष्ट पर-पर काम कर रहा था
15:46हमने जीवन में बहुत कुछ हासल किया लेकिन उन छोटे-छोटे पलों की एहमियत आज भी उतनी ही थी
15:53कुछ समय बाद मेरी भी शादी की बात चलने लगी
15:57परिवार ने मुझसे कई बार पूछा लेकिन मैं इसे टालता रहा
16:02लेकिन एक दिन प्रिया का फोन आया और उसने मुझसे कहा भीया अब तुम्हारे जीवन में भी एक नया अध्याय शुरू करने का समय आ गया है
16:11उसकी बातों में एक खास प्यार और देखभाल थी जो हमेशा मेरे फैसलों के पीछे होती थी
16:18आखिरकार मैंने भी अपने लिए जीवन साथी चुन लिया
16:22प्रिया मेरी शादी में शामल होने के लिए विदेश से आई और इस बार वह वही खुश और गर्विथ बहन थी जो मुझे देखती थी
16:31उसकी मौजूदगी ने मेरी शादी को और भी खास बना दिया
16:35वह मेरी हर तयारी में शामिल थी और हमने एक बार फिर से पुराने दिनों की तरह हंसीम जाक और बाते की
16:42शादी के बाद हम दोनों के जीवन ने एक नया मोड लिया
16:47अब हम दोनों अपनी अपनी जिम्मेदारियों में और भी ज्यादा व्यस्थ हो गए थे
16:53लेकिन एक चीज जो कभी नहीं बदली वह थी हमारी दोस्ती हमारा प्यार और वो यादे जो हमारे रिष्टे को हमेशा ताज़गी देती थी
17:02प्रिया की शादी के कुछ सानों बाद जब मैं पहली बार मामा बना था वह दिन मेरे जीवन के सबसे खास दिनों में से एक था
17:23होती है हम दोनों ने फिर से वो पुरानी बाते दोहराई जब हम मस्ती में एक दूसरे की टांक खीचा करते थे अब जब भी हम परिवार के साथ मिलते हैं प्रिया के बच्चे और मेरे बच्चे साथ खेलते हैं हम दोनों उन्हें देखकर मुस्कुराते हैं और सोचते हैं क
17:53चोटे लम्हें जो हमने साथ बिताए थे आज भी उतने ही कीमती हैं।
17:58हमारी दोस्ती हमारा भाई बहन का प्यार और हमारी वो यादे हमें हमेशा जोड़ कर रखती हैं।
18:04समय के साथ हमारे रिष्टे और मजबूत होते गए।
18:08अब हम अपने बच्चों को वही मूल्य सिखाते हैं, जो हमने अपने जीवन में सीखे थे, परिवार का महत्वर रिष्टों की मिठास और एक दूसरे के साथ बिताए गए पलों की अनमोलता।
18:20यही वह कहानी है, जो कभी खत्र नहीं होती बलकि हर नए दिन के साथ एक नया अध्याय जोड़ती जाती है।
18:28प्रिया और मैं आज भी उतने ही जुड़े हुए हैं, और हमारे बीच की ये खास दोस्ती हमेशा कायम रहेगी।
18:36समय के साथ हमारी जिन्दगी में और भी कई बदलाव आए।
18:40मैं अपने परिवार और करियर में व्यस्थ हो गया और प्रिया अपने परिवार के साथ विदेश में एक सफल जीवन बिता रही थी।
18:48हमारी बादचीत अब पहले की तरह रोज नहीं होती थी लेकिन जब भी होती वही पुरानी हंसी ठिठोली और प्यार वापस आ जाता।
18:57एक दिन अचानक से प्रिया का फोन आया।
19:00उसकी आवाज में एक अलग ही उत्साह था।
19:04उसने बताया कि उसे अपने अस्पताल में एक बड़ा प्रमोशन मिला है और उसे अब एक बहुत ही प्रतिष्ठित मेडिकल रिसर्ज प्रोजेक्ट का नेत्रित्व करना है।
19:14यह सुनकर मुझे बहुत गर्फ हुआ क्योंकि मैंने देखा था कि उसने अपने सपनों को साकार करने के लिए कितनी मेहनत की थी।
19:22हमने कुछ देर बाते की और पुरानी यादों को ताजा किया।
19:26कुछ समय बाद मैंने और मेरे परिवार ने फैसला किया कि हम प्रिया के पास विदेश जाएंगे और कुछ समय उसके साथ बिताएंगे।
19:36बच्चों को भी प्रिया से मिलाने का यह बहतरीन मौका था।
19:40जैसे ही हम उसके शहर पहुँचे प्रिया हमें एरपोर्ट पर लेने आई।
19:45वह अब भी वही पुरानी प्रिया थी लेकिन अब उसकी आंखों में और भी ज्यादा आत्मविश्वास और संतुष्टी नजर आ रही थी।
19:54उसके घर पर कुछ दिन बिताने के बाद हम दोनों ने एक शाम अकेले बाहर जाने का फैसला किया जैसे पुराने दिनों में करते थे।
20:02हम एक खुबसूरत पार्क में गए और घंटों बाते करते रहे।
20:06उस दिन हमने अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण पहलों पर चर्चा की।
20:10कैसे हमारी जिंदगी बदल गई कैसे जिम्मेदारियों ने हमें नए तरीके से जीना सिखाया और कैसे हम अपने परिवारों के साथ खुशाल जीवन जी रहे थे।
20:20प्रिया ने मुझसे कहा भीया जिंदगी भले ही कितनी भी बदल जाए लेकिन एक चीज जो हमेशा स्थिर रहती है वो है परिवार का प्यार और सपोर्ट।
20:30उसकी बातों में गहराई थी और मैं भी इस बात से सहमत था।
20:35वहां उस शाम को हमने एक और वादा किया।
20:38हम जीवन के किसी भी मोड पर कितने भी व्यस्थ हो जाएं लेकिन एक दूसरे के लिए समय निकालेंगे।
20:45चाहे वह एक छोटी सी मुलाकात हो या फोन पर लंबी बातचीत लेकिन हम अपने रिष्टे को कभी कमजोर नहीं पढ़ने देंगे।
20:53इसके बाद हम दोनों अपने अपने जीवन में वापस लोट आये लेकिन वह मुलाकात हमारी यादों में हमेशा के लिए बस गई।
21:02कुछ साल और बीद गए।
21:04हम दोनों ने अपने अपने करियर में बहुत कुछ हासिल किया लेकिन अप परिवार हमारे लिए सबसे बड़ी प्रात्मिकता थी।
21:12प्रिया के बच्चे बड़े हो गए थे और मेरे बच्चे भी अप स्कूल जाने लगे थे।
21:17जब भी हम मिलते हमारे बच्चे भी आपस में खेलते और हम दोनों उन्हें देखकर अपने बच्चपन के दिनों को याद करते
21:24फिर एक दिन प्रिया ने मुझसे कहा कि वा और उसका परिवार अब वापस भारत लोटने का सोच रहे हैं
21:31यहाँ खबर सुनकर मुझे बेहत खुशी हुई
21:34इतने सानों बाद हम दोनों एक ही देश में रहेंगे और परिवार भी करीब होगा
21:40कुछ ही महीनों बाद प्रिया अपने परिवार के साथ भारत लोट आई और एक बड़े अस्पताल में बत और सीनियर डॉक्टर जुड़ गई
21:48अब हमारी मुलाकाते और भी बढ़ गई थी
21:52क्योहारों पर छुट्टियों में या बस किसी खास मौके पर हम एक दूसरे के साथ समय बिताते
21:59हमारे बच्चे अब साथ पढ़ते और खेलते थे और हम दोनों अपने परिवारों के साथ खुशाल जीवन जी रहे थे
22:07यह सोचकर दिल भर आता है कि जीवन ने हमें कितनी दूर तक पहुँचाया लेकिन हमारा रिष्टा हमारा भाई बहन का प्यार हमेशा वैसा ही रहा जैसा बच्चपन में था
22:18हम दोनों ने साथ मिलकर अपने अपने सपनों को पूरा किया और आज भी एक दूसरे के साथ खड़े हैं हर मोड पर
22:26अब जब भी हम एक दूसरे से मिलते हैं हम अपने उन पुराने दिनों की याद करते हैं जब घर में अकेले थे पढ़ाई करते थे और मस्ती भी
22:35वे लम्हे हमें याद दिलाते हैं कि असली खुशी उन्हीं छोटे-छोटे पलों में होती हैं जो हम अपनों के साथ जीते हैं
22:43आखिरकार जीवन हमें नए अनुभव और मौके देता है लेकिन उन रिष्टों और यादों की मिठास कभी नहीं खुती जो हमारे दिल के सबसे करीब होती हैं
22:53और यही सची खुशी है एक ऐसा रिष्टा जो समय के साथ और भी मजबूत और गहरा होता जाता है

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