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Nag Panchami 2025: उज्जैन के महाकाल मंदिर के तीसरी मंजिल में नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है, जो साल में एक एक बार और 24 घंटे के लिए खुलता है। जानते हैं आखिर ये मंदिर क्यों है इतना खास और क्यों खुलते हैं इसके एक बार कपाट।खास बात तो ये है मंदिर उज्जैन के फेमस महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित है। हिंदू धर्म में नागों की पूजा होती है। हिंदू परंपरा में नागों को भगवान शिव का आभूषण मानते हैं। श्री महाकाल मंदिर के गर्भगृह के ऊपर ओंकरेश्वर मंदिर और उसके भी ऊपर श्री नागचन्द्रेश्वर का मंदिर मौजूद है, जहां दर्शन करने से दोषों से मुक्ति मिलती है। चलिए आपको इस मंदिर का इतिहास और दूसरी जानकारी देते हैं।Nag Panchami 2025: Nagchandreshwar Mandir Ujjain Live Darshan..

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~HT.318~PR.111~ED.118~
Transcript
00:00पुज्यन के फेमस महकाल मंदर की तीसरी मंजिल पर नाग चंद्रेश्वर मंदर इस्थत है हिंदु धर्म में नागों की पूजा होती है वहीं ये मंदर भी केवल और केवल 24 घंटी के लिए ही साल में एक बार खुलता है वो भी नाग पंचिमी के दिन
00:30हुजा रखुल आटना अगे ये फार इसे वाल भी नाग चंद्रेश्वर मंदर की तीक जिए
00:52नेपाल से लाई गई इन प्रतिमाव में
01:18श्रव के साथ माता पार्वती गनेश जी कार्तिके नंदी साथ फन के नागराज सिंग और सूर्य चंद्रमा बने हुए हैं
01:41यहां श्रधालों को एक साथ श्रव परवार के दर्शन करने को मिलते हैं
01:46पूरी दुनिया में केवल यही वो मंदर है जहां भूले नाथ शेश शैया पर वराजमान है
01:52जुझे खाथ श्रव पर वराजमा बने नाथ श्रव पर वर बने नाथ श्रव पर वर वर श्रव पर वाजमान हो लुग।
02:08बानिता है कि सरपराज तक्षक ने शिवजी को मनाने के घोर तपस्या की
02:26तपस्या से भोलेनात प्रसन नहुए और उन्होंने साफो के राजा तक्षक को अमरत्व कावर्दान दिया
02:32उसके बार नागराज तक्षक ने भोलेनात के साथ ही रहना शुरू कर दिया था
02:37लेकिन भोलेनात को ये अच्छान नहीं लगा क्योंकि वो शांती में ध्यान लगाना पसंद करते हैं
02:43राजा तक्षक ने इस मन्शा को पहचान लिया और भोले भाबा की एकांद में किसी तरह का विग्ड न पड़े
02:49इसलिए साल में एक बार ही उनकी दर्शन करने आने लगे
02:53और यही वज़ा है केवल नाग पंचमी के दिन ही उनके कपाट खुले जाते हैं
02:59प्राथ शिधिसंद्रात्रा न पड़े शिसंद्रात्रा है
03:02गोठे शेख जाते हो आणोफ बादमाय लुक्तो शही तरबाथे बायाव्क देक विग्डान
03:09तरस्वादेवलो जालो दर्वागार्या अर्था सित्त गुत्ति सहितायो स्रेमन महारा दिवने नमाहा

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