00:00आज हम सभी आईटी कांपूर के समझाय के छात्र शोदार्ती छात्र और प्रफेसर गार्ण इखटे हुए हैं हम सभी सिभ्वक्त हैं और हम एक सामूहिक कावण यात्रा के लिए इकत्रित हुए हैं हम ये यात्रा सर्शया घाठ से शुरू करके परम पूझ आरंदेश्वर �
00:30संस्क्रिति से नहीं जुड़े हुए हम यह कह रहे हैं कि हम लैब में तक्नीक में हमारा बौधिक विकास होता है लेकिन भारत की प्रगति एक सम्वेदन सील और संस्कार युक्त युवा सक्ति से होगी और हम यहीं बताना चाहते हैं कि हम सब अपने मूल्यों से जुड़े
01:00अपना सरसाया घाट से यात्रा शुरू रही है और यह चात्र चात्रा यहां से लेकर के अनन्देश्वर मंदर जी के मंदिर तक यात्र जाएगी वहां पर यह लोग अपना जल चड़ाएंगे
01:16पहली बार ऐसा हो रहा है कि आपकर प्रेरना से आरंभ हुआ है करिकल्ण और उनके उस्वर्धन के लिए हम लोग भी चार-पांच इसमें शिक्षक हैं
01:37लेकिन इसकी जो मूल संकल्ब में यह साथ 17 की ही है और उनकी भक्ति का यह प्रतीक है साथ में वह भी दिखाता है कि सम्रस्ता के भाव को दर्शाता है यही सब उद्देश्य है