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  • 5 days ago
राजस्थान (Rajsthan) के झालावाड़ (Jhalawar) सरकारी स्कूल में हुए इस हादसे के बाद इलाके में मातम है, वहीं देश भर के अभिभावकों की चिंता बढ़ गई है। लोगों का कहना है कि अगर समय रहते स्कूल की सही से मरम्मत की गई होती तो ये हादसा टल सकता था। स्कूल की बिल्डिंग जर्जर तो पहले से ही थी ,उस पर बरसात ने उसे और ज्यादा कमजोर बना दिया था। मार्च में हुए सर्वे में राज्य में जर्जर स्कूलों को लेकर खुलासा भी हुआ था लेकिन झालावाड़ (Jhalawar) के इस स्कूल को जर्जर स्कूलों की सूची में नहीं डाला गया था। सर्वे के मुताबिक राजस्थान में 900 से ज्यादा सरकारी स्कूल जर्जर हालत में हैं, मार्च में ये सर्वे हुआ था..जिसमें कहा गया था कि राज्य के दो हजार स्कूलों को मरम्मत की जरूत है लेकिन हैरानी की बात ये है कि झालावाड़ के पिपलोदी में स्कूल की जो बिल्डिंग गिरी उसका नाम तक इस सूची में दर्ज नहीं था।

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00:00उस पर बरसात ने उसे और कमजूर बनाया। सर्वे की मुताबिक राजस्थान में 900 से ज्यादा सरकारी स्कूल जरजर हालत में है।
00:09मार्च में ये सर्वे हुआ जिसमें कहा गया कि राज्य के 2000 स्कूलों को मरमत की जरुवत है।
00:15लेकिन हैरानी की बात ये कि जालवड के पिपलोधी में स्कूल की जो बिल्डिंग गिरी उसका नाम इस सूची में दर्ज नहीं था।
00:23अलकि इस स्कूल के लिए 2023 में एक लाग रुपए जारी हुए।
00:27ग्राम पंचायत की मदब से स्कूल की छत की मरमत करवाई गई।
00:31पी डेवल्यूडी के इंजीनियर ने इसका निरिक्षण भी किया लेकिन बिल्डिंग के बेस पर किसी का ध्यान नहीं किया।
00:37इसी वजह से जमीन कमजोर होकर धस गई।
00:40ऐसा नहीं है कि स्कूल बिल्डिंग कमजोर होने का अभी पता चला।
00:44पहले भी बच्चे और अभिभावग इस्थानिय प्रिशाशन से शिकायत कर चुके थी।
00:49हादसे से यहीं लगता है कि किसी अधिकारी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया,
00:53ना कोई रिपोर्ट तयार हुई, ना ही स्कूल का दारा किया क्या।
00:57जिस स्कूल में यह हादसा हुआ वो 1999 से पंचायत भवन में चल रहा था।
01:02इस्थानिय लोगों के मुताबिक हादसे की वक्त दूर चरचर कमरों में कुल 71 बच्चे पढ़ाई कर रहे थे।
01:09सुबह करीब 8 बचे जिस कमरे में हादसा हुआ उसमें साथवी कक्षा के 35 बच्चे पढ़ रहे थे।

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