Bihar Elections 2025: माता सीता की जन्मस्थली मिथिलांचल सालों तक विकास की दौड़ में पीछे रहा, लेकिन अब यह इलाका बिहार की राजनीति का केंद्रबिंदु बनता जा रहा है। 243 विधानसभा सीटों में से लगभग 60-70 सीटें इसी क्षेत्र से आती हैं – यही वजह है कि सत्ता की चाबी अब मिथिला से होकर गुजरती है। 2020 के विधानसभा चुनाव में मिथिलांचल और तिरहुत प्रमंडल की 78 में से 52 सीटें NDA के खाते में गई थीं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्षी नेता तक – सभी अब इस क्षेत्र को साधने की रणनीति बना रहे हैं। देखिए इस वीडियो में पूरा विश्लेषण…
00:00कि अंधिलांचन बिहार का एक हिस्टा नहीं बल्कि वहां की सान्स्वतिक साहितिकand और कलात्मक दृस्टी से बेहीं एहमिस्ष भाग माना जाता फैसे मिथिलाबग सालों
00:14सालों से बिहार की राजनीती में काफी पिछड़ा और उपेक्षित रहा है लेकिन जब हम बिहार की राजनीती को बहुत बारिक
00:20तरीके से देखते हैं तो पिछले कुछ सालों में जिस तरीके से बिहार के सत्ता की चाह भी मिथिलांचल से
00:26हो के गुजरती है वो कहीं ना कहीं इस बात की अहमियत जगाती है कि मिधिलावासियों को या मिधिलांचल को अब राजनिती का हिस्सा माना जा रहा है विहार विधानसवा के
00:35243 सीटों में करीब 60-70 सीटे पिछले 2020 के विधानसवा सीटों में एंडिय के हिस्से गई जबकि 21 सीटे वहां के राजट के हिस्से में गई लेकिन इतना ही काफी नहीं है मिधिलांचल को कहा जा रहा है कि अगर राजनितिक विश्टेशनों की बात मानें तो मिधिलांचल जो
01:05पुरा नगड़ है लेकिन अब आरजडी की पकड़ वहां पे कमजोर हो गई है और इसे को ध्यान में रखते हुए और जिटी ने भी वहां पर अगर हम बिहार की सियासत में तो हम
01:30करेंगे नमस्कार आप देख रहलबानी वन इंडिया हिंदी और हम हैं आपके साथ पूजा आज बात हुई मिथलांचल के मिथलांचल ओकर चहूर विकास के और न्यूजरूम में हमार साथी के रूप में मजूद हो एक तरफ आधर ज्जा दूसरी तरफ केशो जी वन इंडि
02:00और मैथली भाषा के प्रवुद विद्वान न्यूजरूम में मान सकल दीजा तो सबसे पहले चर्चा के विश्व शुरू होई आधर जी से युवा के तौर पे आप क्या चाहते चर्चे की जाए भोजपूरी से या हिंदी रहने दी जाए युवा के तौर पी इस चर्च
02:30बिहार की राजनीती होते हैं उसमें उपेक्षित रहा है और उसको जो एक्सेप्टिबिलिटी होती है उसके तौर पे उपेक्षित रखा गया है लास्ट लिफाफा और चोटी-चोटी चीजों से विथला का विकास संभब नहीं है तो यह डिवेट होना चाहिए कि मिथला
03:00इस सवाल को आप रेफ्रेम कीजिए मिथला पीछे रह नहीं गया है मिथला को पीछे किया गया है आप देख लीजिए कि मिथला अंचल ने बिहार को चार-चार मुख्यमंत्री दिये हैं भोला पास्वान शास्त्री करपूरी ठाकूर सातंद्र नाणायन सीं और जगनात मि
03:30खासे समय के लिए मुख्यमंत्री रहे हैं बिहार के सतंद्र नाणायन सींग का कारेकाल बहुत छोटा रहा था इसमें भोला पास्वान शास्त्री और करपूरी ठाकूर दोनों पिछड़े वर्ग से आते हैं आप जाइए उनके घर पर करपूरी ठाकूर का गाउं आज भी
04:00का परिवार जो है उस जोपड़ी में रह रहा है जिस पर बर्शात में पानी नीचे आता है और शर्दी की जो ठंड़क उसके जोपड़ी के अंदर तक महसूस होती है करपूरी ठाकूर जी के गाउं जाईए आपको समझ में आएगा कि इन लोगों ने बिहार के लिए क्या
04:30ही है यह देखिए आज के मुख्यमंत्रियों को अगर देखेंगे एक दो पूरों मुख्यमंत्रियां आधा पटना लगभग उनी का है अकूत संपत्यां बनाई है इन्होंने तो ऐसा नहीं अब बौधिक मामले में जो अगर जब जारखंड अलग हो गया तो जो भी खड़
05:00के भूमी की उरवरता मैं यह नहीं करता हूं दूसरे चेत्र की नहीं है जितने भी संसाधन हो सकते हैं भी मौजूदा बिहार में वह तमाम अन्य जग हो पर भी हैं मिठलांचल में भी उसी अनुपात में हैं मिठलांचल का इलाका अगर आप देखेंगे भागौलिक शेत्
05:30वहां सबस्ताइब करें मैं बोलता हूं क्योंकि बात मिठलांचल के और तो अगर आप ऐसे समझे मोटे तो वह वो गौलिक प्रदेश जहां पर मैं भी जाती है आज के डेट में उसे मिठलांचल समझा जाता है कहा जाता है ठीक है मैं भ्रहम भी है कि मैंथली हिंदी की उ�
06:00ही बिल्कुल ही गलत है हिंदी का इतिहास 1250 के आस्पास शुरू होता है चंदवरदाई के समय से शुरू होता है और मैzhисс्ट antic還是
06:09सातरी से सुरू होता है तो मैथिय का जो जो साहित ते रहा है जो इसका भाशिक धरोहर है वो काफी पूराना
06:18है मैंठली की अपने लीपी भी हिंदी से अलग है लिखी जाती है जो कि भांगला से मिलती है तो वह एक यह स wyp lemons आथि और अगरुम मैंठली के
06:35को देखे तो जितनी हिंटी की बोलियां बिहार में होंगी उससे जादा मैथली की की
06:40हैं वह आप चाहे क्षिशन गंज के चेत्र में बोली जाने वाले सुर्जापूरी हो मुझे पर बजिका के जो बजिका हो आंगी का हो सुर्जापूरी हो जुलाहा बोली हो बहुत सारी उप्वासा है मैं तो इतनी विविदिता तो सिर्फ मिठलांचल में है और मिठलांचल �
07:10चाहिए नहीं मेरे ख्याल से मिठला को बिहार में ही रहना चाहिए जहां उसकी जड़े रही हैं जिससे उसकी पहचान बनी है अलग करके प्रिथक करके देखना मुझे नहीं लगता है हर स्थिती में श्रेयसकर होता है प्रफास कर तब जब हम बात करें 2000 में जिस तरह से ज
07:40हुई है तो अलग राज बना देना मुझे नहीं लगता है कोई ज़ादा इसमें सल्यूशन देता है एक चीज़ जरूर है कि हां मिठलांचल को जिस तरह की पहचान मिलनी चाहिए या जो जो वहां पर उपरचुनटीज है और जो संसाधन उनको मिलने चाहिए थे वैसा हु
08:10मिठलांचल से जोड़के देखेंगे बड़ी मुश्किल हो जाती है उसको जाना यह मुझे लगता है अपने में एक तरासदी है मिठलांचल उस लिहाद से देखें तो नसिर्फ बौधिक आक्षमताओं में बलकि कई आन्यमामलों में जो है काफी श्रिष्ट माना जाता है
08:40काउंट करें तो मुझे लगता है कि बिहार और तिलंगाना ये दो ऐसे राजे हैं जो सबसे जादा एक्सपैक्स बाहर भेजते हैं अगर मैं विदेशों की बात करूं तो तो उसमें लगता है कहीं न कहीं बिहार के मिठलांचल के लोग तेलगु संसरदाय को भी चैलेंज
09:10है और दूसरा ये कि मिठलांचल के लोगों का अपना एक रवया होता है उनका तरीका है ऑपरेट करने का जो थोड़ा अलग है अगर मैं कहूं वह बहुत मुखर होकर अपनी बात को सामने नहीं रखते हैं अपने अलग मिठलांचल की बात की लेकिन मुझे नहीं लगता है
09:40कि बहुत ही कोई रिबेलियन हुआ हो मिठलांचल को बलाने के लिए वो है आपकी वैचारिक प्रिश्व भूमी जहां तक सवाल इस बात का आता है कि क्यों ऐसा रहा मुझे लगता है कि कम महीं संतोश करने की जो एक आदत थी वो यहां वी पर लक्षित होती है और जो खू
10:10आपने कहा कि बिहार को अगर मैथली पेंटिंग और इन सब चीजों से अगर हटा कि देखा जाए मखाने क्या लाओ तो तो तीसरी कोई चीज नजर नहीं आती लेकिन जब हम मिठला के इतिहास या जब थोड़ा सा कृशी छेत्र में जाके देखते हैं तो वहां पे सबसे �
10:40कि वहां पे जो मतला इतना संपनत था चीनी मील के मामले में आप वहां पे मीले बंद हो गई है यह तो राजनती कुदासिंता की वजह से नहीं चीनी मीले कब से बंद होनी शुरू हुई आप देखिए 1990 का दशक आता है पटना की सत्ता बदलती है और एक एक करके जो मिठल
11:10जैपनीज इंजिनियर्स थे वहां पे सब्बंध हो जाता है बारत बैगन का इतना वड़ा करकाना कर अभी वी चल रहा है लेकिन उद्योग धंधों की जो दुर्गती हुई है उसकी सबसे बड़ी मार मिठलांचल शेत्र जहल रहा है क्योंकि अन्शेत्र आप आपने कहा क
11:40यूनियन बजट आया था उस बजट में बिहार को इतना भड़बड के अलोकेशन मिला था मिठलांचल को क्या मिला दो ऐसी सड़कें जो मिठलांचल से होके गुजडेंगी
11:52अब आपको मखाना बोड लेके क्या करेंगे आज पंकर जी अभी बता रहे थे जब अधिक यही कहता हूं कि इतना बड़ा चेत्र मिठला का है क्या मिठला एक केंद्रिय विश्विद्ध डेले डिजर नहीं करता है उस चेत्र में आज भी मिठला के पास कोई केंद्रिय व
12:22वेघ्यानिक थे दरभंगा के रहने वाले थे और उनकी खासियत में आपको बताऊं कि वहेपीजे के सहयोगी थे जिएर डियो के वेग्यानिक थे एपीजे के पीजे के सहयोगी थे और उन्होंने दरभंगा में डबलू ऑईटी की निई रखी विवेंस इंस्टिट ऑग �
12:52अगर आप राजनीत में अनुपातिक प्रतिनिधितों की बात करती हैं तो है मिधलांचल के प्रतिनिधि विधानसभाओं में भी आई जिलापर्सदों में सब जगए हैं लेकिन जहां से विकास की धारा बहती है वही पर वही पर ऐसे लोग बैठे हुए हैं जो एक तरह से मा
13:22है जी जी होजपूर इससे बड़ा इलाका है बिलकुल एक चीज़ के शर्च जो आपने
13:26बता है बिलकुल इलाकों के हिसाब से देखें तो जोग्राफिकली ज़रूर बड़ा है
13:30बड़े राजनेतिक टिगर्स करें उनके जो सहीयोगी या उनके जो सलाकार सब होते थे उसमें मैथिल ब्रामनों का काफी बिलकुल जो मिर्साइचल से आते थे लेकिन उनके इलाकों पर कभी ध्यान नहीं दिया गया आप प्राइम मिनिस्टर्स की भी गिंती कर लें तो उसम
14:00वोट का दवाव नहीं होता है तो यह वो करें ना करें उनको तीस वर्स में ही रिटायर होना है अगर यह नेता ऐसे मुखर रहेंगे आप देखें जगनाथ मिस्टर्स के बाद से हाला कि जगनाथ मिस्टर्स का मैं बिलकुल भी परसंशक नहीं हूं और तो वी वेरी ऑनेस
14:30है यह कौन बैठे हूं है गद्धी पर और मिठलांचल के लिए उनका क्या योगदान है आपको मैं ये बाग याद दिलाना चाहता हूं पूजा कह रही थी कि NDA का गर रहा है मिठलांचल दरसल लालू जी मदेपूरा से सांसत चुने जाते हैं लालू जी फुल परास से जो
15:00जो विकास की धारा पूरे बिहार में बह रही है मैं यह नहीं कहता हूं कि मिठलांचल उससे वंचीत है बट मिठलांचल जितना डिजर्व कर रहा है डेफिनेटली उसको नहीं मिल रहा है और यही असंतोष एक क्रांटी को जन्म देता है हलां कि पंकत जी कह रहे थे जो इ
15:30है सो मौरिशस वई फीजी सरी नाम मैथली क्यों नहीं गई तो मैं दरसल आप आप देखेंगे तो मैथिल जो वर्ग रहा हो प्रबुद वर्ग रहा है यह मेहनत कश्वर्ग नहीं रहा है तो यह जब अंग्रेज यहां से बंधुआ मज़ूर ले जा रहे थे तो मैथली भ
16:00मैं और जोड़ू और जहां तक उग्र अंदोलन की बात है तो मिठला की परविटी भी हिंस तक नहीं रही है आप देखिये मगद के थियास में भाई ने भाई का गला काटा है आज भी पटना में अगमकूआ कदमकूआ और पताने कितने कूए बने हुए है ऐसे जहां पर �
16:30की धर्तित्या है यागेवल्क की धर्तिया किसी युदे के नाम से मिठलाको नहीं जाना जाता है जी मिठला का एक मात्र यूध हुआ है राजा शिवशिंग का यूध
16:38जिसकी चर्चा विद्यापती ने अपनी किर्ती पताका में कही है
16:44तो मिथला में एक ही युद हुआ है राजा शिव शिंग का युदा
16:47और मगध में आया दिन मार काट हुआ करती थी
16:49तो इस वज़े से शायद हिंसक प्रविर्टी ना होने के वज़े से
16:53मैं अलग मिथला राजी की मांग उतनी जोड नहीं पकर पाया
16:57लेकिन मिथला राजी की मांग जो है बहुत पुरानी है
17:00और मुझे फिर से अपनी बातों को दुहराता हूँ
17:04कि यह लगता है कि इस तरह के आशंतोष ऐसी करांती को जन्म देती है
17:09लोगों में आशंतोष जितना बढ़ेगा यह हो सकता है यह डिमांड आगे चल करके उग्र भी हो जाए
17:13हिंसक भी हो जाए क्योंकि प्रवर्तियां बदलती रहती है समाज की जी लेकिन सर एक चीज़ यहां वे मैं आभी आपने
17:20कहा कि मौरिशस गए भोजपुरी वाले लोगों को मौरिशस लेके जाया गया वहां पर बंधुआ मजदूर बना के लेकिन अभी कि जो स्थिती है बिहार से जो पलायन हो रहे हैं अगर हम देखे तो बहुत इग्जैक्ट आंकड़े तो नहीं है मेरे पास लेकिन अगर दे
17:50कहीं देखा जा तो इधर भोजपुरी के तो फिर भी बहुत कम बिल्ट के लोगें लेकिन वह जादा उधर गया है बिल्कुल देखे मुझे तो बिहार में irrespective of their background वह कहीं से भी हो हो हर तरह के लोगों का ही पलायन हुआ है वहां से डिपेंड करता है कि किस पर्टिक्लर फ
18:20थोड़े इसी उन छेत्रों में वैसा एक कचलन रहा होगा कि वहां के लोग शरीर शॉस्टव से थोड़े और मजबूत होते होंगे मितलांचल के लोग भी आते हैं अब हम कुछ समय पहले हम जो दिल्ली के उत्तरपूर्वी दिल्ली के इलाकों की बात कर रहेते हैं जहां स
18:50अलग अलग जगहों पर है हां मितलांचल गोले का आप ये जरूर कह सकते हैं कि पलायन जो था कुछ हद दक मुझे लगता है थोड़ा डिलेड रहा था ऐसा नहीं है था कि इमीडियटली क्योंकि नेपाल से नजदीकी जरूर है तो निकलने के लिए वो लोग नेपाल भी �
19:20है कि थोड़ा सा डिलेड स्टार्टर रहा था इसमें मैं एक और चीज़ एड करूंगा जो मितला के बच्चे के खास तूर पर जोग है उनके लिए प्रयाप्त एजुकेशन इंफ्रेश्ट्रिक्चर का डिपलोग्मेंट वा नहीं हो रहा है एक विसमें देले हैं वो भी स
19:50अगर वहां के चात्रों को पढ़ाई लिखाई करने के लिए कहीं जाना पर रहा है दुसरे जगह तो यह पूरी तरसे सरकारी व्यवस्ताओं के
20:19सफलता है वहां के चात्रों के मजबूरी है वरना कोई नहीं चाहता है कि वह धरती जिसने जिसका इतिहास इतना वाधिक तरह सब्बन रहा है वहां के सामने बड़े-बड़े शास्टार्थ में लोग भाहर जाके पढ़े लिखे या पिर किसी और तरह किसी इक्षा दिक्�
20:49सब्सक्राइन की महां के लीखे आ खेँए की समस्या सुमझे
20:52कहा है यहां ही town's है तो यह कि महिलाय हो या पुरॉस हो यह को सूल आप चैसे सब्सक्राइब हैं किसेerson के चाहिए है किसे
21:14जरूरी मुद्धा यह कौनसी पार्टी उसके पास क्या प्लान है दैम को लेकर के उसके प्लान को लेकर अगर किसी पास को प्लान नहीं है फिर तो किसी ने किसी को बोट देना ही है वह मजबूरी है
21:40जो मिद्धिला राजी को अलग करनी के जो मांग है वो यही मांग है आप श्री तीनों जन से एक मेरा बहुत सवाल है कि बतार मिद्धिला वासी नई सरकार से आप किस तरह की विकास विश्च करते हैं
22:03प्राशा के अधार पे और विकास मतलब मिधिला राज की अगर बहस छोड़ दी जाए तो किस तरह नई सरकार से किस तरह की विकास की उमीद है
22:10जरूर नई सरकार से बहुत सारी उमीदे रहेंगे मिधिलांचल निवासियों को और होनी भी चाहिए क्योंकि बहुत कुछ नहीं बदला है
22:24भले सरकारे बदल गई नितेश जी इधर से उधर होते रहे या फिर आर जेडी का शाशन खाल रहा दो दशक्स से पहले भी
22:32मिधिलांचल को सबसे पहले जो आजकल जिस तरह से हम लोग कह रहे हैं कि दे वर्ल्ड इस अ ग्लोबल विलेज उसमें मिधिलांचल के प्रोडट्स को जी आई टैगिंग के साथ आगे बढ़ाना चाहिए
22:43उनको बहुत आवशक्ता है कि वहां की मधवनी पेंटिंग जो अपने कम पॉपुलारिटी को जैसा मैं ध्यान देने वाली बात है पॉपुलर तो वह है जैसा मैं ने कहा लेकिन जिस तरह की पॉपुलारिटी होनी चाहिए तो जो नकाशी की रहती है या तो इतनी महगी हो
23:13कि उन कलाकारों को कभी कबार ओने पॉने दाम पर भी उसे बेचना पड़ जाता है कि उसके सही मार्केटिंग नहीं है बहुत लोग उसको जान नहीं पाते हैं और उनको कम पैसों में भी गुजारा करना पड़ जाता है कई ऐसे अवाड़ेड मिथला आर्टिस्ट हैं पें
23:43कि जब भे निधिला की बात होती है और मिथ ila के प्रोड़क्ट की बात होती है थोम सिफ मैथिली पिंटिंग और ओर मखाने पे रुप जाते हैं जबकी एक बहुत अच्छी जैसे बनारसी सिल्क बहसे है
24:04जोने जाने के बाद जिस तरह का प्रोतसाहन मिल रहा है भागलपूर के बुनकरों क्यों नहीं मिला
24:10आज भी हो नहीं प्वेक्सित है पिछलेalten 10,14 के उनको भी वही प्रोतसाहन
24:14बिलना चाहिए था उनको अच्छी मेशीन मिलनी चाहिए थी उतर प्रदेश ने बहुत अच्छी चीज शुरू किया है वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोड़ाइब बिहार उसके लिए मैं वही कह रहा था कि यह मिथला पेंडिंग देख शुरुवाती चीज है अब खान पान की
24:44बिहारी होने पर भीउतना ही गर्व है जितना मैथिल होने पर गर्व है नो कंप्रोमाइज अट अट अल लेकिन अगर आपसे पूछी पूजा आप तो इस जमाने की यह दुनिया सबसे फास्टेस्ट फूड क्या है अगर मैं हूँ तो चाइनीज सबसे फास्टेस्ट पू
25:14चूरा से बढ़ने वाला इतना सारा पॉड़क्ट से पॉपलर हो गया उतना साथ चूरा पॉपलर नहीं होगा देश बर मुझे समझ में आया कि देश के आधे हिस्तों या आधे से अधिक हिस्तों में जो चूरा होता है उसको भी पोहा के नाम से ही जाना जाता है खैर I have no issue
25:44अधिक है आधे पर तो बांगालियों का है आधे सावन के महाने माज बातों चंपारन वाली बातें मत कूने फिलाल नहीं सब्सक्राइब कर देश है लेकिन हम चंपारन मतन के नहीं ब्रणिंग करा इचिये लिए बढ़ने मतन भानना में दुट नहीं कुनों दिक्त नहीं �
26:14सब ठीक छे मुदा जखन बात होई छे ब्रैंडिंग के अच्छा इभी महासी मजाइक में बात बोलता हूं आज चंपारन को लोग गांधी जी के नाम से कम जानते हैं और अहुना मटन के नाम से जादे जानते हैं मतलब यह बहुत बड़ी वीडम बना है जो शहर जिस शहर न
26:44सारी वीधियां है उस पर नहीं जाते है जिसको जो रुचेगा वो खाएगा इसमें कोई दिक्कत नहीं है मटन और मचली से आगे बरते हैं तो फिर पंकर जी ने जहां पर छोड़ा था वहां से शुरू करते हैं ब्रैंडिंग की जहां तक बात आती है मार्केटिंग की बा
27:14जो कोरियोग्राफर है मैंने उनको कई सारे इमेल सीखे कि भाई आप दुनिया भर की के जो डांसेस हैं उसके डांस फॉर्म को लेकर कि आप आते हैं रियल्टी शो में दिखाते हैं जो जिजिया निर्त बिहार के बहुत सारे हिस्सों में और नेपाल में इतना लोग प्रि
27:44निए परंपराओं का हिस्सा है हुँ हूँ गायव है रास्टिय परिद्रिश्च came if तो ब्रैंडिंग की जरूरत बिहार को भी है राजनितिक सहयोग की जरूरत
27:54प्रूरत बिहार को भी है, मिठलाँचल को भी है, सब को है, लेकिन अगर आप, सॉड्य आपने मुझसे नहीं पुछा, बट आपने तीनों से पूछा था कि मिठला जाए कि नहीं सरकार जब आएगी तब देखेंगे, जब तक नहीं सरकार है नहीं, तब तो क्या सोचे कौन क
28:24तो हम क्या सपने देखें कोई सब्ला ने को आपने विकास की बात कर रहे हैं भौजपुरी वाले इस बाट से खफा हैं इस बात से उदास है कि भोजपुरी को आटवुनी सोची में जगह नहीं मिल रही है
28:35सब के बिहार में सबकी अपनी अपनी समस्या हैं लेकिन अभी हमारे साथ एक युवा साथ ही भी है तो हम उनसे भी जानेंगे कि युवा के तोर पे आपको मिधिलावासी होने के नातिर नई सरगार से क्या उमीद है किस तरह की विकास चाहते हैं
28:47मैंने पहले भी का for that matter मिथला जो सांस्कृतिक बिरासत की जगह रही है बौधिक संपदा की जगह रही है उसको और सहजने की और विक्सित करने की जगह है इतना पुराना नाटक का परंपरा वहाँ पर है लेकिन आज भी कोई नाटक के प्रसिक्षन के लिए कोई खास नब प
29:17कर बहुत बहुत पहचान मिल सकते आपकी पसंद क्या है यह माच मांप और मटन तो नहीं हमें तो सरको क्या पसंद शार आपकी पूछ रहे हैं या ओफर कर रहा है है
29:44मैं तो पूछ रहा हूं और इंकी तरफ से अमंत्रन पर रिस्पॉंड कर रहा है तो जो मिल जाता हम उसी को अच्छा मान लेते हैं
29:59भोजन मिठिला के लिए भोजन तो भीहार के लिए श्रिंगार का है तो अपने जोले में सत्तू जरूर रहे हैं कुछ रहे ना रहे हैं तो हम सब नून सतूआ ने खाई छिये हम सब सब बढिया सव में चिन्नी गोर्का नेमो गोर्का तखन करती हैं अच्छा पूरा बिल-द
30:29अच्छा की जो इस्तिती है शिक्षा की को लेकर जो पलायान हो रहे हैं एक बात आप देख लीजिए कि हैदरावाद से लेकर अलीगर तक
30:58जो भी पूराने विश्व विद्याले बने हैं उसमें मिथला के राज दर्भंगा का बहुत बड़ा योगदान है।
31:23पताईए, जिसके एक ही कैमपस में दो-दो विश्वी द्याले हूं, तो ये दर्भंगा महराज उस समय में जो प्रिंसली एस्टेट्स थे, वो अपनी विलाशिताओं में डूबे रहते थे, उस समय में दर्भंगा महराज शिच्छा की अहमियत को समझते थे, उन्होंने अ�
31:53पतना उनिवर्सिटी को दे दिया, बिये चिव बनाने के लिए सबसे पहले चंदा देने वाले लोगों में से दर्भंगा महराज थे, और आपको पता नहीं होगा, उस समय में उन्होंने एक लाख रुपे चंदा दिया थे, सबसे पहले, और कहा था मालविय जी को कि यह व
32:23दर्भंगा महराज उस समय में शिक्षा को लेकर इतने जादे मतलब आग रही थे, जो भी विशुविद्याले बने सब में योगदान दिया, और बिहार के सरकार ने मिथला यंचल को क्या वापस किया है, तो यह जरूरी चीज, हर जगे योगदान होने के बाद भी, कहीं �
32:53और यह सबसे बड़ा सवाल हम अंत में छोड़के जा रहे हैं, कि बिहार के सरकार में मिथिलांचल को क्या दिया, चुनावी मौसम है, चुनावी बहार है, वादों की भी बहार है, और अभी देखें में बहुत बड़ा दिल्चस्प बबाकी आखिर में मिथला वासी, या म
33:23बातचित होती रहेंगी, तब दक बने रही है हमारे साथ