00:0021 जुलाई से शुरू हुआ मौसून सत्र लगातार हंगामे के चलते एक भी दिन सुचारू जीट से अभी तक चल नहीं दगाई
00:06लेकर आज जोगतवाद देफ्शों बिला ने सर्मदल ये बैठ है बुलाई जिसमें सभी दलों के बीच सदन सुचारू रूप से चलाने पर सहमती बनी है
00:12लेकिन दिक्कत यही है कि बैठकों में तो सहमती बन जाती लेकिन सदन के अंदर कहुचते ही नजाने क्या हो जाता है
00:19जिसकी वज़े सा हो हंगामे की भीट दरसल सत्र चल जाता है
00:22सरकार ने गदील दी है कि यह चुनाव आयोक का मुद्दा है
00:30ऐसे में संसद में इस पर बहस नहीं की जा सकती
00:33इस मुद्दे का संसद से कोई संबंद नहीं
00:35अब देकिए भले ही संसद में सांसदों ने विरोत प्रदेशन किया
00:52और मार्च निकाला
00:53इसके बास संसद में विपक्षी संसद जरोत करते करते वेल तक पहुच गया
00:57जहां एसायर पर जबरदस हंगामा देखने को मिला
01:00विपक्षी नेताओ ने एसायर के पच्चे को फार कर डस्टविन में फेग दिया
01:04पर जो पर जो प्रदेशन का जो पूरे ने प्रदेशन का जो पूरे ने प्रदेशन को मिल रहा है किस सर्ण
01:14कर रहा है किस सर्कार के कहने पर चल रहा है और जो फ्री और फेर लेक्षन का जो पूरे देश में जो मामला है कही ना कहीं जो देमोक्राटिक सेटर पर देश को थेस पहुचाने का काम यह सरकार कर रही है
01:40लेकिन एलेक्षन कमिशन तो कह रहा है कि किस सर्कार की प्रक्रिया करनी थी तो मैं नहीं समझती हूँ कि एलेक्षन से दो मेने पहले या डेड़ मेने पहले करें अगर इनको इस प्रक्रिया को सही अंजाम पे पहुचाना था तो जिस तरह की चीजे एलेक्षन कमिशन कर र