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  • 2 days ago

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00:00बेन जी तुम्हारे पती को गुमशुदा हुए दस साल हो गएं।
00:13उन्होंने मुझसे बहुत पैसे उधार लिये थे और अपना स्कूल मेरे बास गिरवी रखा था पाँच साल के लिए।
00:18दस साल हो चुके इस हिसाब से अभी यह स्कूल मेरा हो चुके।
00:21प्रधान जी प्रधान जी ऐसा मत कीजे अब तो वो स्कूल चलता भी नहीं अगर वो स्कूल आप हमसे ले लेंगे तो हम दोनों मा बेटी क्या करेंगे हम लोग तो उस स्कूल में रहते भी है हम रहेंगे कहां मैंने तुम लोगों का ठेका नहीं ले रखा है और ही स्कूल की �
00:51चलने लगी तेरी, मेरे सामने बड़े से बड़ा मर्द नहीं बोल सकता है इस गाहों का, और तू मेरे सामने जबान चला रही है।
01:21को बोलने की क्या जवरत थी, वो अच्छा आदमी नहीं है, कुछ भी कर सकता है।
01:51फिर उसने मिट्टी का चूला भी बना लिया, शाम तक वो सूख गया, शाम को नहा नदी से कुछ मचलिया पकड़ कर लाई, और उसी चूले में खाना बनाया, खाना पीना खा कर वो तंबू के अंदर ही आराम करने लगी।
02:03मा मैं मोबाइल पर उनलाइन बच्चो को पढ़ाती ही थी, अब मैं तंबू के अंदर से ही बच्चो को पढ़ाना जारी रखूंगी।
02:08हाँ बेटा और यहाँ इस जंगल में तु शांती से पढ़ा भी पाएगी बच्चो को।
02:38मैं मैं फ्री में पढ़ाऊंगी।
02:39मैम ये तो बहुत अच्छा सोचा आपने। मेरे घर के पास भिखारियों का पूरा इलाका है।
02:44वहाँ के बच्चे पढ़ना चाहते हैं लेकिन उनके पास फीस नहीं है।
02:48मैं सब को लेकर आती हूं कर।
02:49ठीक है सावित्री कल तुम उन्हें लेकर आओ।
02:51मैं इंतजार कर रही हूं।
02:53चलो पढ़ाई शुरू करते हैं और जानते हैं और अरंग जेप का इतिहास।
02:57बच्चों को पढ़ाने के बाद ममता ने लकडी का एक बोर्ड बनाया।
03:00फिर चूले में कुछ लकडियां जला दी और उसकी काली राग से एक ब्लैक बोर्ड बनाकर तयार कर दिया।
03:06सुबह तक पुसूग गया और बाहर जाकर वो चौक भी ले आई।
03:10बिटिया तुमने तो तंबु के बाहर पूरा क्लास्रूम ही बना दिया।
03:14पूरी साफ सफाई कर दी तुने। और ये ब्लैक बोर्ड तो बहुत खूबसूरत लग रहा है जैसे हमारे स्कूल में होता था।
03:20मा, मैं प्रिंसिपल की बेटी हूँ, ये सब तो मेरे बाए हाथ का खेल है।
03:50मिस्टर आदित्य आप मेरे बारे में अभी जानते नहीं हैं।
04:04मेरे पिता का एक बहुत बड़ा स्कूल हुआ करता था लेकिन नेहा ने अपनी पूरी कहानी आदित्य को बता दी। उसके बाद आदित्य और नेहा ने मिलकर एक प्लान बनाया उस प्रधान के खिलाफ।
04:14अगले दिन आदित्य अपनी रोल्स रोयस कार लेकर प्रधान की हवीली पहुचा। उसके आसपास तमाम बोडी गार्ड्स और सिक्योरिटी थी।
04:44मुनीम और प्रधान वहीं पर मौजूद थे। प्रधान आज तो मुझे पूरी दुनिया जान गई है। तुम तो पहले सही जानते हो। चुप चाप ये गाउव छोड़कर निकल जाओ क्योंकि ये स्कूल तो मेरे नाम होई चुका है। तुम्हारे सारे खेट, तुम्हा
05:14अब उसकी हवेली, सारे खेट और वो स्कूल सब कुछ नेहा के नाम हो चुका था। धीरे धीरे रात हो गए। नेहा उसकी माँ और आदित्य जैसे ही स्कूल के अंदर एंटर हुए, वैसे ही वहाँ पर एक तेज पीली रोश्नी हुई, जिससे पूरा स्कूल सोने का बन ग
05:44अधान ने मुझे अगवा करके इसी स्कूल के तैखाने में डाल दिया था, ताकि वो स्कूल तुम लोगों से हड़ब सके। मैंने खुद को बचाने की बहुत कोशिश की लेकिन नहीं बचा पाया, और ये दुनिया छोड़ कर चला गया, पर अब मुझे शांती मिल चुकी
06:14स्कूल को सोने चांदी का बना दिया है, अब इस स्कूल को देखने के लिए लोग देश-विदेश से आएंगे, और स्कूल को देखने के लिए तुम उनसे लाखों रुपए चार्ज कर सकती हो, बाकि तुम तो बिजनिस माइंडे हो ही, मुझे कुछ बताने की जरूरत नह
06:44अब मैं भी अपना परिवार बसाना चाहता हूं, और मुझे लगता है, तुम से अच्छी लड़की मेरे लिए कोई नहीं मिलेगी, क्या तुम मुझसे शादी करोगी?
06:50अधित्य मुझे भी आपका नेचर और आपका बिहेवियर बहुत पसंद है, लेकिन आपको मेरी मा से मेरा हाथ मागना पड़ेगा
06:57मा ने सब कुछ सुन लिया है, मैं तो कब से चाह रही थी कि तुम दोनों शादी कर लो, क्योंकि तुम दोनों की जोड़ी धमाल कर सकती है, कल ही पंड़िजी को बुला कर तारीक तै कर लेते हैं
07:08अगले ही दिन मम्ता ने पंडित जी को बुलाया, पंडित जी ने दोनों की कुंडली देखी और कहा, आप दोनों को तो बहुत पहले शादी कर लेनी चाहिए थी, अगर आप लोगों ने अगले तीन दिन से पहले शादी नहीं की, तो उसके बाद पूरे देस महीने तक कोई �
07:38चानपुर गाओं में तीन पक्की सहीलियां, संजना, आराध्य और आयूशी रहती थी, वो तीनों एक ही स्कूल में, एक ही क्लास में पढ़ती थी, छुट्टे के बाद वो तीनों एक साथ बाहर लिखती, वो दिखो हमारे बर्गर वाले चाचा आ गए, ये बिलकुल टा�
08:08अरे वो बिचारी क्या बताएगी, वो तो बिचारी तुम दोनों के साहारी चाचा के बर्गर के ठेले के पास आ जाती है, अगर तुम दोनों अमीर सहीलियां उसकी जिंदगी में ना होती, तो वो आज तक बर्गर के शकल तक नहीं देख पाती, इतना सुनते ही आराध्य �
08:38तुने ही कहा था ना कि हम दोनों बहुत अमीर हैं, ये ले पैसे, अपना इलाज किरा लेना, उमीद से जादा ही पैसे हैं ये, आज के बाद हमारी सहीलि के खिलाफ किसी ने जरा सा भी कुछ कहा, तो उसका अंजाम इससे भी खौफनाक होगा, चल संजना, अब घर चलते है
09:08संजना गरीब जरूर थी, लेकिन आयूशी और आराध्या उसे इस बात का कभी भी मलाल नहीं होने देती थी, रास्ते में, मैं कितनी खुश नसीब हूँ, कि मुझे तुम दोनों जैसी सहेलिया मिली, तुम दोनों इतनी जादा अमीर हो, तुम दोनों के पिताजी की खु�
09:38और एक दिन संजना के गाउं में बहुत भयंकर बाढ़ा है, दो-तिन दिन संजना इस्कूल नहीं आई, एक रोस छुट्टी के समय, आयूशी तीन दिन हो गए, संजना इस्कूल नहीं आई, चल उसके गाउव चलते हैं, कहीं बारिश की वज़़े से बुखार तो नहीं आ
10:08बहुत सारे लोगों की तो जाने तक चली गई, जो बच गए वो किसी तरह अपनी जान बचा कर भाग गए, ये सुनकर आराध्य और आयूशी को जटका लगा, पता नहीं बिचारी कहां होगी, पता नहीं जिन्दा भी होगी या नहीं, ऐसा मत बोल आयूशी, हम जल्दी उ
10:38स्कूल की तरफ से कहीं टूर जाने वाला था, बच्चों, इस क्लास के सभी लोगों का इस स्कूल में आखरी साल है, इसके बाद आप सभी कॉलेज में चले जाओगे, तो इस साल को यादगार बनाने के लिए हम सभी टूर पर जाएंगे, वो भी उत्तराखंगी वाधियों
11:08मैं तुम्हें नहीं रोकूंगा, पर तुम दोनों स्कूल बस में नहीं बल्कि अपनी कार से जाओगी, पंकच हर वक्त तुम दोनों के साथ रहेगा, आयूशी मैंने आपके डैट से भी बात कर लिये, तुम दोनों मेरी ही कार से जाओगी, ओके?
11:19ओके अंकल, अगले दिन वो लोग उत्राखंट पहुँच गया, आयूशी उस लड़की को देख वो जो बकरी चरा रही है, ये तो अपनी संजना जैसी लग रही है, वो दोनों उसी लड़की के पास पहुँच गई, वो कोई और नहीं संजना ही थी, संजना ने उन दोनों
11:49क्यों नहीं चलेंगे, हाँ, चल, चले, तिनों कार में बैठ कर संजना के घर पहुच गई, उसका घर कुछ खास अच्छा नहीं था, संजना के माता पिता ने खिड़की से उस कार को बाहर देख लियो और वो डर गए, ये इतनी बड़ी कार तो हमारे घर की तरफ आ रही है
12:19संजना भी साथ में थी, ये सब देख कर वो दोनों हैरान हो गए, आराध्या, आयूशी बेटा, आप दोनों यहां इतनी दूर, चाचा, उपर वाले ने आखिरकार आप लोगों से मिलवा ही दिया, आप लोग तो बिना बताए गायब हो गए, पता है पापा भी आप लोग
12:49यहां उतरा खंड में एक दोस्त ने मेरी एक पेट्रोल पंप पर नौकरी लगवा दी, फिर लोन लेकर हमने ये चोटी सी जोपड़ी बना ली है, शकुंतला मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है, कि जो मैं देख रहा हूँ वो सच है या कोई सपना, सही कहा आप ने, ये द
13:19हम तीनों को पूरा स्कूल जानता था, एक बार तो मुझे किसी ने गरीब कह दिया तो इन दोनों ने उसकी खोपड़ी फोड़ दी, तुम तीनों की दोस्ती देख कर तो मुझे अपना पुराना भारत याद आ गया, अच्छा तुम तीनों गपे मारो, मैं सब के लिए चा
13:49तो इस तरह संजना, आयूशी और आराध्या किचन में चाय बनाने चली गए, तीरे धीरे शाम हो गए, तो ठीक है संजना, हम दोनों ने अब तुम्हारा घर तो देखी लिया है, अब हम दोनों आते रहेंगे, मेरा मन तो बहुत कर रहे है कि तुम दोनों आज रात यहीं �
14:19अब संजना को मजबूरी में हाँ कहना पड़ा, तभी उन दोनों ने अपने अपने पिता को फोन कर दिया, पापा यहां में संजना मिल गई, लेकिन वो लोग जित कर रहे हैं कि आज रात रुख जाओ, तो क्या मैं रुख सकती हो, ठीक है रुख जाओ, मैं तुम्हारे प
14:49अपको ही मैनेज करना है, तो कुछ महीनों बाद वो लोग अपने पुराने गाउं वापस आ गए, संजना के पिता पेट्रोल पंप के मैनेजर बन गए, तो संजना की गरीबी भी खत्म हो गई, और वो सब खुशी-खुशी रहने लगे,
15:01अगर आपको ये वीडियो पसंद आया है, तो प्लीज लाइक, सब्सक्राइब, कॉमेंट्स करें इस वीडियो पर, और हाँ, शेयर करना भी न भूलें,
15:22और भी मज़िदार वीडियो देखने के लिए, नेचे दिये गए बेल आइकॉन को दबाएं, देखते रहें,
15:31बेस्ट बड़ीज,

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sohail2726
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