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  • 2 days ago

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Animals
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00:00पत्ता गोभी फ्राइड राइस वाली
00:09मंता अपने मा के साथ अपने खेतों में खड़ी हुई थी
00:16सारी फसल तैयार हो चुकी थी
00:18आधे खेत में धान उगा रखा था और बाकी के हिस्से में
00:21पत्ता गोभी धनिया मिर्श टमाटर इस तरह की हरी सबजी आउगा रखी थी
00:26चलो बेटी जितनी भी फसल हुई है इसका आधा हिस्सा बाजार में बेश देते हैं
00:30और आधा हम अपने खाने के लिए रख लेते हैं
00:33वरना हम साल भर खाएंगे क्या
00:35अगले दिन दोनों मा बेटी आधी फसल लेकर मार्केट में बीचने चली गए
00:39मंडी में उन्हें उतनी फसल के सिर्फ 40,000 रुपे मिले
00:42अरे भाई साब ये तो बहुत कम पैसे दिये आपने
00:45इससे जादा तो फसल पैदा करने में लग गया हमारा
00:48बहन जी इस बार सरकार ने रेट बहुत कम कर दिया है
00:51मैं आपको अपनी जेब से तो दे नहीं सकता
00:53अब जो एगो रख लीजिए
00:55मा अंकल बिल्कुल सही कह रहे है
00:57इसमें इन बिचारे की क्या गलती
00:59जो भी मिल रहे हैं ने लेते हैं
01:00क्योंकि हमारे पास तो भी फूटी कौडी भी नहीं है
01:02दोनों मा बेटी पैसे लेकर अपने घर आ गई
01:05उनका घर बहुत साधारन सा था
01:07अगली सुबा उनके घर कुछ आदमी आ गए
01:09बहन जी सुना है आपने फसल बेशती है
01:12अब जल्दी से सारी उधारी चुका दीजिए
01:14अब दोनों मा बेटी एक दूसरे को देखने लगी
01:16खैर उसकी मा ने 30,000 निकाल कर उस आदमी को दे दिए
01:19अरे ये क्या पकड़ा रही हो भेंजी
01:21आपको मालू मैं ना पुरा साल खेती करने के लिए
01:23सारा पैसा मैंने ही आपको दिया है
01:24चाहे पानी लगाना हो खेत जोतना हो खाट डालनी हो बीज लगाने हो
01:28ये सब मिला कर टोटल 50,000 हुए थे
01:30भूल गई आप
01:30हाँ भाई साब मुझे सब कुछ पता है
01:33लेकिन आपको तो खबर लगी गई होगी
01:35किस बार सरकार ने फसल के रेट बहुत कम कर दिये है
01:38अब ही इतना ले लीजे
01:40हम चलदी आपको बाकी के पैसे लोटा देंगे
01:42ठीक है
01:43मैं आप लोगों को बहुत दिनों से जानता हूँ
01:45इसलिए भरोसा कर लेता हूँ
01:46पैसे लेकर वो लोग चले गए
01:48इधर ममता और उसकी मा ने दस हजार रुपे बचा लिये थे
01:51अपने खर्चे के लिए
01:52लेकिन
01:53बेटी खेती किसानी करने से क्या फाइदा
01:56फसल के रेट अच्छे मिलते नहीं
01:57हर साल कर्जा अलग से चड़ा जाता है हम पर
02:00हमें तो उतना पैसा भी नहीं मिलता है
02:02जितना पैसा फसल उगाने मिल जाता है
02:04तो फाइदा ही क्या
02:05मा आप फिकर मत कीजे
02:07अभी हमारे पास आधी फसल तो है न
02:09केती के अलावा हम क्या कर सकते है
02:10मैं कुछ न कुछ सोच लूँगी
02:12फिलाला शाम को चौराई पर चलते गुलगप्पे खाने
02:14शाम को देने मा बेटी गाउं के चौराई पर पहुँच गे
02:18वहाँ पर एक गुलगप्पे वाला गजोधर था
02:20तारे गाउं वाले उससे गुलगप्पे खा रहे थे
02:23माई गाउं वाली एक नमबर के चटूरे है, शाम होते ही गोलगप्पे खाने आ जाते हैं, छलिए हम लोग भी खाते हैं
02:28दोने माँ बीटी गोलगप्पे खाने लगे तभी अचानक कुछ गाउं वालों ने कहा
02:33अरे हम लोग हर रोज गोलगप्पे खा खा कर बोर हो गया लेकिन इसके अलावा यहां कुछ मिलता भी नहीं
02:39इतना पैसा भी नहीं है कि सहर जाकर फास्ट फूड खा सकें
02:43उन गाउवालों की बाते ममता बड़े ध्यान से सुन रही थी
02:57गोलगप्पे खा कर दोनों मा बेटी घर वापस आ गई तभी ममता ने कहा
03:01मा आपने सुना था ना कि गाउवाले क्या कह रहे थे
03:04उनकी दिली इच्छ है कि उस चौराहे पर कुछ नया फास्ट फूड मिले
03:07तो हम लोग वहाँ पर फ्राइड रैस बना कर बेचते हैं
03:10चावल, बंद, गोभी, शिमला, मिर्च, गाजर, धनिया, हरी मिर्च
03:13ये सब कुछ तो हमारे पास है ही
03:15क्या बात है बेटी, ये तो तुमने बहुत अच्छा सोचा
03:18पहले दिन से हमारा फ्राइड रैस बिकने लगेगा
03:21अगले दिन दुनों मा बेटी ने मिलकर
03:23गजोधर गुलगपे वाले के ठीक सामने
03:25अपना फ्राइड रैस का ठेला लगा लिया
03:27गाउवालों की नजर जैसे ही उस पर पढ़ी
03:30सारे गाउवाले इधर खीचे चले आए
03:32अरे बेटी ये क्या है
03:34चाचा ये फ्राइड रैस है
03:35शेहरों में ये बहुत दिखता है
03:37आप लोगोंने कल कहा था ना कि कुछ नया होना चाहिए
03:39इसलिए हम दरुमा बेटी आप सबके लिए कुछ नया लेकर आये
03:43अरे तो जल्दी से हम सबको एक एक प्लेट फ्राइड रैस खिला दीजिए
03:46ऐसे देखने में तो बहुत अच्छा लग रहा है
03:48अगर स्वाद अच्छा ना लगी तो पैसे बिलकुल मत दे ना पलो
03:51सिर्फ 10 रुपे की एक प्लेट है
03:53ममता ने सबको एक एक प्लेट फ्राइड रैस दिया
03:55फ्राइड रैस खाकर सबको मज़ा आ गया
03:57क्या स्वाद है बेटी आ
04:00मज़ा ही आ गया फ्राइड रैस खाकर आ
04:02इस तरह गाउं वालों को अब कुछ नया मिलने लगा था
04:06इसलिए गजोधर के पास कोई भी गुलगप्पे खाने नहीं जाता था
04:09वो सामने खड़ा होकर ममता और उसकी मा से जलता रहता था
04:12इन दोनों ने तो मेरा धंदा ही चापट कर दिया है
04:15मैं इस धंदे में और इस चोराहे पर बहुत पुराना हूँ
04:18मुझसे जाड़ा दिमाग ये दोनों नहीं लगा पाएंगी
04:21अब देखो मैं क्या करता हूँ
04:22अगले ही दिन गजोधर ने भी फ्राइड राइस बेचना शुरू कर दिया
04:26उसने अपने फ्राइड राइस में तो जड़ी बूटिया मिला दिया
04:29जिससे अब गाउ के लोगों को उसका स्वाद पढ़ गया
04:31और सारे लोग गजोधर की ही दुकान पर जाने लगे
04:34इधर ममता और उसकी मा परिशान हो गई
04:36बेटी हमारी दुकान पर तो अब सर्थ गिने चुने लोग ही आते हैं
04:40हमारा तो धन्धा ही चौपट कर दिया इसने
04:42मारी गजोधर अपने आपको बहुत बुधिमान समझता है
04:46लेकिन ये तो सिर्फ गाउ में ही राए
04:47मैं पढ़ी लिखी हूँ
04:49मैं आज रात ही यूट्यूब पर कुछ देखती हूँ
04:51रात में ममता ने सिजलर वाला पत्तागो भी फ्राइड राइस के बारे में देखा
04:54ये तो बिल्कुल नए है हमारे गाउं के लिए
04:57इसमें मंचूरियन भी है पत्तागो भी है
04:59सब कुछ है लेकिन ये सिजलर मैं कहां से लाऊंगी
05:01इतने पैसे भी नहीं बचे मेरे पास की शेहर जाकर सिजलर ला सको
05:05अगली शाम वो दोनों मा बेती अपने ठेले पर पहुँच गई
05:08सबसे पहले उसने मंचूरियन बना लिये
05:10फिर उसने फ्राइड राइस भी बना लिया
05:12फिर उसके उपर फिंगर चिप्स फ्राइ करके डाल दिया
05:14गजोदिर की दुकान पर सारे लोग फ्राइड राइस खाने में लगे हुए थे
05:18ये सब क्या कर रही हो बेटी
05:20मा बिस देखती जाईए
05:21उसने तवा बिलकुल लाल होने तक गर्म कर लिया
05:24फिर उसने गोभी के उपर वाले हिस्से निकाल लिये
05:27और उसी गर्म तवे पर रख दिया
05:28फिर सारा मंचूरियन फिंगर चिप्स फ्राइड राइस
05:31सब कुछ गोभी के पत्ते पर रख दिया
05:33सबको उसकी महग बहुत पसंद आई
05:35अरे भीया ये कैसी मनमुहक महग है गाउवालो
05:38है चलो भीया ममता बेटी के पास चलते है
05:41सारे लोग अब ममता की दुकान पर आ गए
05:44गाउवाले उसकी नई डिश देखकर हैरान रह गए
05:46हैरान में तो गाउवालो
05:48ये चाइनीज सिजलर वाली पत्तागों भी फ्राइड राईस है
05:51इंडिया में से सर्फ कुछ लोगी बना पाते हैं
05:53उन में से एक मैं भी हो
05:54हाँ दिश के बारे में मैंने भी वीडियो में देखा है
05:57पर खाया कभी नहीं आपको बनाना आता है
05:59ये हमें जानकर रहुत खुशी ही
06:01तो अब ममता की दुकान फिर से चलने लगी
06:03गजोधर उस गाउव से कभी बाहर नहीं निकला था
06:06इसलिए वो सिजलर वाले फ्राइड राईस नहीं बना पाया
06:08ऐसे ही दो-तीन साल बीद गये
06:10ममता अपने पैसों का बिल्कुल दिखावा नहीं करती
06:12फिर एक रोज गजोधर ने दिमाग लगाया
06:14वो भाग कर ममता की ठेले पर आया
06:16बहन जी मेरी दुकान पर चलने रही
06:19आप लोग मुझे अपनी दुकान पर काम पर रख लो
06:21ठीक है हमें वैसे भी एक कर्मचारी की जरूरत थी
06:24अब गजोधर उनकी दुकान पर काम करने लगा
06:27दो महिने में उसने भी सिसलर वाली पत्ता गोभी का
06:30चाइनीज फ्राइड राइस बनाना सीख लिया
06:32अब उसने ममता की ठेले पर काम छोड़ दिया
06:34और खोद अपनी दुकान लगा ली
06:35अगले दिन से वहाँ पर ममता का ठेला लगना बंद हो गया
06:38अब मैं अकिला फिर से इस मार्केट में एस करूंगा
06:42भगा दिया मैने उन दोनों मा बेटी को
06:45तब ही वहाँ कुछ गाउवाले आ गए
06:47अरे गजोदर पागल होगा हो क्या
06:50क्यों पागल ना हो काका
06:52मेरे सामने दोनों मा बेटी ठिक नहीं पाई
06:54भाग गई न ये मार्केट छोड़ कर
06:56अरे गजोदर तुम हमारे साथ चलो कुछ दिखाना है
07:00गाउवाले उसे गाउव के बाहर मेन रोड पर लेकर गए
07:17काका इसलिए किसी से जलो मत
07:28आप लोग मुझे भी नौकरी पर रख लो
07:30इस पार मैं सच में नौकरी ही मांग रहा हूँ
07:32वहाँ धूप में खड़े खड़े इस उमर में हालत खराब हो जाती है
07:36ठीक है आप यहीं काम कीजे
07:38उस दिन के बाद गजूधर भी उनके रेस्टरेंट में काम करने लगा
07:42और सब खुशी खुशी रहने लगे
07:43पूजा की शादी के लिए उसके घर वाले लड़का देख रहे थे
07:55इसी वज़े से उसकी ममी उसे रसोई में कोई न कोई खाने की चीज बनाना सिखा रही थी
08:00ममी मैं कितनी मर्जी कोशिश कर लूँ
08:05मैं ठीक से चावल नहीं बना पा रहे हूँ
08:07बताया तो था कि ठीक से नापकर पानी डाला कर
08:10तु फिर वही गलती दोहरा देती है
08:12अगली बार जब मैं खाना बनाने खड़ी होंगी तो तू साथ खड़ी हो जाना
08:16और बिल्कुल ध्यान से देखना कि मैं कैसे चावल बनाती हूँ
08:19ओके मेरी प्यारी ममा
08:21पूजा की मा लड़के वालों ने पूजा को बसंद कर लिया है
08:26कल हमें रेस्टरेंट में बोला रहें
08:28वो चाहते हैं कि कल ही रोगा करते
08:30कल फिर तो हमें भी तैयारी करनी होगी
08:33चावल की बाद बीच में ही रह गई
08:35और पूजा की शादी की तैयारियां शुरू हो गई
08:37खुद धून धाम से पूजा की शादी होई
08:39शादी के बाद पूजा अपने सस्राल पहुंची
08:42पूजा ने सब के लिए हलवा बनाया और सब ने हलवे की बहुत तारीव की
08:48बहुत स्वादेश्ट हलवा बनाया है
08:50सच मुझ बढ़िया घी डाल कर भुना हुआ हलवा है
08:53हलवा बिल्कुल सही चुनी डाल कर बनाया है, मिटा भी एकदम बढ़िया डाला है
08:58हलवा अच्छा बनाया है पूझा, वैसे मैं भी ऐसे ही बनाती हो, बागी चीजे तो अभी तुम्हारे हाथ की किसी ने खाई नहीं है, तो वो तो बाद में पता चलेगा कि तुम बागी खाना कैसा बनाती हो
09:07सास के बाद सुनकर पूजा थोड़ी टेंशन में आ गई
09:19क्योंकि वो जानती थी कि वो सब कुछ अच्छा बना सकती है
09:23पर चावल बनाने के लिए अगर किसी ने कहा
09:25तो कहीं चावल खराब ना बन जाए
09:27अगले कुछ दिन तक तो पूजा ने खाना नहीं बनाया
09:29पर धीरे धीरे जब पूजा रसोई में खाना बनाने लगी
09:32तो ऐसे ही एक दिन
09:33पूजा मैंने राजमा बना दियां तुम चावल बना लो
09:39चावल? हाँ चावल जीरे वाले
09:42क्यों? क्या हुआ? नहीं बना सकती क्या?
09:45नहीं नहीं ऐसी बात नहीं है भाबी
09:47बना दूँगी, बना लेती हो
09:48पर उसे यही चिंता थी कि उसके चावल खराब ना हो जाए
09:55काफी देर तक पूजा सोच में डूबी रही
09:57अचानक कुछ मेहमान मिलने के लिए आ जाते है
09:59क्या बाते पूजा तुमने अभी तक चावल नहीं बनाए?
10:06तुम्हें पता है ना मामा जी, मामी जी वगेरा
10:08सब खाने के समय आये तो राजमा बने हुए है
10:10तुम्हें एक चावल बनानी के लिए बोले हैं
10:12तुमने अभी तक वो भी गैस पर नहीं चड़ाए
10:13भाबी वो चावल भिकोए थे बस बनाई रहे हो
10:17अब पुजा के पास चावल बनाने के सिवा और कोई चारा नहीं था
10:22क्योंकि पहले ही अलका उसे दो बार टोक चुकी थी
10:25पुजा ने चावल बनाना शुरू किया
10:27बीच बीच में उसकी जेठानी उसे देख रही थी
10:29पुजा ऐसे काम नहीं चलेगा
10:31देखो मैं इतने काम एक साथ कर लेती हूँ
10:33और एक तोमो जो एक काम करने में घंटो लगा दिती हूँ
10:35अब जल्दी से चावल बना लो
10:37मैं मानों के लिए खाना लगाना है
10:38अलका बार बार उसे चावल के लिए बोलने आ रही थी
10:41पर हर बार की तरह इस बार भी
10:43पूजा के चावल पूरी तरह से चिपक कर घुट गए थे
10:46बन गए चावल एक काम करो तुम डाइनिंग टेबल पर ले आओ
10:51मैंने सब कुछ लगा दिया है मैं सलाध रख रही हूँ
10:54पूजा ने चावल बरतन में निकाले और सब के लिए डाइनिंग टेबल पर ले गई
10:59अरे वाँ आज तो नई बहु के आद के चावल खाने को मिलेंगे
11:05पूजा बहु हमें पूरा यकीन है कि तुमने बढ़िया चावल बनाये होंगे
11:08लाओ भई राजमा भी दो और चावल भी
11:11पूजा चावल के बरतन से ढखकन हटाती है तो सब लोग जब चावल की तरफ देखते हैं तो हक्य बक्य रह जाते हैं
11:18ये क्या है पूजा तुमने तो चावल के जगए चावल का भरता बना दिया
11:21ये कैसे गुटे हुए चिपके चावल बनाएं
11:23मुझे नहीं पता था कि तुम चावल नहीं
11:25चावल का भरता बनाऊगी
11:26सॉरी, ये सज्जे मुझे चावल बनाने नहीं आते
11:30कोई बात नहीं बहु
11:31हम ऐसे ही मिक्स करकर खालेंगे
11:33लाऊ दे दो
11:34मामा जी मामी जी मैं दूसरे चावल बना लाती हो
11:37अलका बहु जाकर रोटी सेख लो
11:40सौरी मामा जी सौरी मामी जी
11:46कोई बात नहीं बेटा बार बार सौरी मत बोलो
11:49कभी कभी कुछ चीज़ें नहीं बनानी आती
11:51देखो तो हमने तो खा भी लिये
11:53पुजा अलका से रोटी ले आओ उसने बना ली होगी
11:56कुछ दिर बात जब माम मामी चले गए ता बलका ने तूफान खड़ा कर दिया
12:00आपको पता है देवर जी पुजा ने दो पेहर में चावल का भरता बना दिया था
12:04इतनी शर्म आरी थी मामा जी मामी जी के सामने
12:06बताओ तो वो क्या सोच रहे होंगे कि छोटी बहु को चावल बनाने नहीं आते
12:10पुजा की जेठानी इतना शोर मचा कर उसका अपमान कर रही थी कि पुजा की आँखों में आसु आ गए
12:16बस भी करो अलका कितना सुनाओगी अरे नहीं आते तो क्या हुआ
12:19मैं बनाने सिखा दूँगी बहु को चावल पुजा बहु चिंता मत करो
12:23आज जो गलती तुमसे हुई है उसके लिए पच्टावा करने की कोई जरुरत नहीं
12:27कुछ चेजे ऐसी होती है जो हम ठीक से बनाई नहीं पाते
12:30अब मुझे ही देख लो मैं जब भी आटा गुनती हूँ तो मेरसे आटा ढहीला हो जाता है
12:35मैं आटा सक्त गूत ही नहीं पाती अलका बहु तुम भी तो कई बार जब कड़ी बनाती हो
12:39तो कभी तो बहुत अच्छी बन जाती है कभी बिलकुल नहीं बनती
12:42तो क्या इसमें तुम अपने लिए धिंडोरा पीटती हूँ कि तुम से चीज अच्छी नहीं बनी
12:46और रही बात इन चावलों की हम इन चावल का भरता ही बनाएंगे
12:50एक नई रेसिपी चलो पूजा पहु रसोई में चलते हैं
12:53तुम मुझे प्यास, टमाटर, हरी मिर्च, लैसो, नद्रक सब कुछ काट कर दो
12:57मैं चावल का भरता बनाऊंगी
12:59और कल से मेरी ड्यूटी शुरू होगी तुमें चावल बनाना सिखाने की
13:02अपनी सास की बात सुनकर पूजा के चहरे पर सुकून की मुस्काना जाती है
13:07पूजा की सास चावल का भरता बनाती है
13:11क्योंकि वो जानती थी कि पूजा ने भले ही चावल घुटे हुए बनाए हैं
13:15पर दिल से बनाए हैं
13:16इसलिए वो पूजा के बनाए हुए चावलों का मान रखती है
13:19और सब को चावल का भरता बहुत ही टेस्टी लगता है
13:22वाँ प्रकाश की मा तूने तो नया ही तरीका अपना है चावल से भरता बनाने का
13:27बड़े स्राथ लग रहे हैं तुम
13:28पूजा बहु एक काम करो तुम चावल बनाना सीखना छोड़ ही दो
13:31तुम ऐसे चावल बनाया करो तुम्हारी सास इनका भरता बना दिया करेगी क्यों भई
13:35नहीं नहीं चावल भी सीखेगी हमारी बहु
13:39ये अलग बात है कि कभी कभी ये भी ट्राई किया करेंगे
13:42पर बहु को मैं ऐसे चावल बनाना सिखाऊंगी कि चावल का एक-एक दाना अलग होगा
13:48अगर चावल खिले-खिले बनाने हैं तो सबसे पहले उन्हें बनाने का तरीका सिखाऊंगी
13:53कुकर में कैसे बनाने हैं, खुले में कैसे बनाने हैं, सब तरीके अलग-अलग होते हैं
13:58कितने चावल, कितना पानी हर किसी का अपना हिसाब होता है
14:02पर चावल ऐसे बने होने चाहिए कि बरतन से एक दाना भी ना चिपके
14:06वही सबसे बढ़ियां चावल बनने की पैचान होती है
14:09थैंक यू माजी
14:10आपकी जैसी सास पाकर सच मुझ मैं बहुत खुश हूँ
14:14सौरी पूजा अकल मैंने कुछ जादा ही बोल दिया था
14:17पर मैं भी तुम्हारी अच्छी वाली जेठानी हूँ
14:20पूजा की सास उसे चावल बनाने का सही तरीका बताती है
14:30कुछ दिनों बाद पूजा बहुत अच्छे बढ़ियां खिले खिले चावल बनाना सीख जाती है
14:34पर कभी-कभी उसके ससुराल में अब चावल का भरता भी बनने लगा
14:39क्योंकि कही न कही पूजा के हाथ के बने चिप के चावल एक नई पसंदिदा डिश बन गए थे

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