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Hariyali Amavasya 2025: हरियाली अमावस्या सावन में मनाई जाती है, जब चारों तरफ हरियाली होती है. यह दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए विशेष माना गया है. इस दिन, लोग पूजा-पाठ के साथ ही पेड़-पौधे भी लगाते हैं. हरियाली अमावस्या पितरों को समर्पित होती है, इसलिए इस दिन पितरों के नाम पर दान और तर्पण करने का भी महत्व है.Hariyali Amavasya 2025: Hariyali Amavasya Ka Matlab Kya hai,Kyu Manayi Jati Hai ?

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~HT.318~PR.111~
Transcript
00:00हर्याली अमावस्या इस साल 24 जुलाई को मनाई जा रही है
00:06हैसे में कई भक्तों के मन में ये सवाल है कि आखर हर्याली अमावस्या क्या है
00:11इसका अर्थ क्या है साथ ही से क्यों मनाते है
00:14सबसे पहले आपको हर्याली अमावस्या का शाब्दिक अर्थ समझाते है
00:19हर्याली शब्द का अगर संदिविछेद करें तो ये शब्द हरी से निकला है जिसका मतलब है हरारंग, प्रकृती, वनस्पती या हरापन
00:26हर्याली शब्द प्रकृती में फैली उपज, हरापन, जीवन और समर्धी का ही प्रतीक है
00:32वहीं अमावस यानि कि जिस दिन चंद्रमा दिखाई नहीं देता, यानि कि वो अमावस्या की रात या वो दिन जब धर्ती हर्याली से भर चुकी होती है
00:41अब समझते हैं कि हर्याली अमावस्या क्यों मनाई जाती है
00:45भारती पंचांग में रित्वों का खास महत्व है, सावन, मासको, वर्षा, रित्व का सबसे खास समय माना गया है
00:52इस समय धान, बाजरा, मक्का, आधी की बुवाई होती है, वर्षा के कारण धर्ती हर्याली से ढख जाती है
00:58और जीवन चक्र पुनह सक्रिय होता है, इसी प्राकृतिक चक्र का उत्सव बनकर हर्याली अमावस्या उभरती है
01:05राचीन भारत में कई राजाओं ने इस दिन को वरिक्षारोपन पर्व के रूप में भी मनाया है
01:10विशेश रूप से ग्वालियर, जैपूर, उज्जैन और मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में से शाही उत्सव की तौर पर मनाया जाता था
01:17राजपरिवार और आमजन मिलकर पेड़ लगाते जलश्रोतों की सफाई करते और वन्स अनरक्षन का संकल्प लेते
01:24ये दिन भगवान अश्रव और माता पारवती को समर्पित है पारवती जी ने शिवजी को पाने के लिए सावन में ही कटूर तब किया था जिससे हर्याली और सौंदर का प्रतीक बन गया है सावन
01:34कई मानेताओं में इसे पितरों के लिए पुर्णिकारे का दिन भी मानते हैं जैसे जलदान करना ब्राम्हण भोज कराना आदी
01:40फिल हाल से वीडियो में इतना ही वीडियो को लाइक और शेयर करें साथी चानल को सब्सक्राइब करना ना भूले

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