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Kapil Sibal On Jagdeep Dhankar Resignation: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Vice President Jagdeep Dhankhar) के इस्तीफे पर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल (Kapil Sibal, Member of Parliament, Rajya Sabha ) ने कहा, "मैं उनके इस्तीफे के कारणों पर अटकलें नहीं लगाऊंगा। उन्होंने कहा है कि स्वास्थ्य कारणों से ऐसा हुआ है। इसलिए मैं अटकलें नहीं लगाना चाहता। मैं कह सकता हूँ कि वह राज्यसभा के सबसे सक्रिय सभापतियों में से एक थे जिन्हें हमने पिछले कई वर्षों में देखा है।

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~HT.318~PR.338~ED.106~GR.122~

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Transcript
00:00खुश नहीं हूं कि मैं जब पार्लिमेंट जाओंगे तो उनको नहीं देखूंगा
00:03क्योंकि मेरे उनके साथ संबंद बड़े वर्सों से हैं
00:06और बड़े अच्छे संबंद रहें, परिवारे के संबंद रहें
00:09और जहां जहां भी हमारी परिवार के कुछ फंक्शन होते थे
00:12तो दनकर साथ हमेशा आते थे
00:14और मेरे पिताजी के साथ उनके संबंद रहे
00:18और मैंने कई केसिज उनके साथ भी किये, उनके खिलाफ भी किये
00:23जब वो दूसरी साइट पर रहते थे लेकिन हमारी जो पर्सनल एक्वेशन थी
00:27वो बहुत ही बहुत ही समझ दीजिए के वाम थी
00:33और आई विल मिस हैं क्योंकि जो भी कहो धंकर साब का एक व्यूपॉइंट हमेशा रहता था
00:44जो अकसर पबलिक में बिना संकोच के बोल देते थे यह उनकी खासियत थी
00:52क्योंकि जो उनके मन में रहता था वो अब मन में नहीं रखते थे
00:55और उनको अगर कोई ऐसी बात लगती थी कि गलत हो रहा है तो बोल भी देते थे
01:00और हमेशा हाउस में बैठकर कहते थे कि भी पक्षको और सत्ता पक्षको एक मत से आगे बढ़ना चाहिए
01:08क्योंकि सवाल देश का होता है वो बात भी सही है लेकिन हर एक का नजलिया अलग-अलग होता है तो के बार हाउस भी नहीं चलता था
01:17अर लेकिन उनके मन में कोई मैल कभी नहीं रहा और जब जब जब भी मैंने चाहा के मुझे थोड़ा
01:24वक्त ज्यादा दीजीए बोलने का तो चेंबर में जाकर मिला थो हमेशा उन्होंने विरा साथ दिया और ज्यादा टाइम दिया तो मौले तो उनका आभारी हूं कि
01:35उन्होंने हमेशा जो मैं हमारे संबंद रहे वो बहुत अच्छे रहे हाँ हमारी विचारधारा थोड़ी अलग थी और कई बार हम भी कह देते थे और वो भी अपनी तरफ से जवाब भी दे देते थे लेकिन कोई करवाट कभी नहीं हुई और मुझे दुख है कि अगली बार
02:05प्रोएक्टिव हो थे शायद ही कोई चेर्मन इंतहरा इतिहास वें हिंदुस्तान की इतिहास में अतना प्रोएक्टिव रा हो यह उनकी खास्वियत भी थी और उसकी वजह से करवाथ भी कभी इक वाथ होती थी लेकिन कभी मन में उनके यह नहीं रहता था कि जुग स्वे
02:35हमें कहा जा रहा है कि गवर्मेंट और चेर के बीच में रिफ़ था आप तो एक कली के तौद पर और आप सदन में भी साथ रहे हैं प्रोफेशन की लिए अगर बात करें तो उनके खिलाफ में भी उनके साथ में भी तवाम केसिस में आपने आपको देखा हैं उनके साथ आप
03:05और मैं समझता हूँ कि इस स्पेकुलेशन से कुई हमें कुछ हमें मिलेगा नहीं कोई भी सत्ता में बैठा हुआ अगर पद छोड़ता है तो उसके कोई वज़े होगी और इतनी गंबीर वज़े होगी कि उनको छोड़ना पड़ा या उन्होंने सोचा कि अब वक्त आ गया
03:35नहीं को छोड़ना हूँ

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