00:00दमतरी के नाथू कुनहा गाउं में रहने वाला हर शक्स दश्रत मांजी है
00:16वो इसलिए क्योंकि इस गाउं में भी सोडक नहीं होने के कारण लोगों को परिशानिया उठानी पर रही थी
00:25बारिश में इस्तिती और भी ज्यादा खराब हो जाती थी जोगी शासन के दौरान गाउं के लोगों को कुछ रकम मिली थी
00:34जिससे उन्होंने केरे गाउं तक आने जाने के लिए कच्चा रास्ता बनवाया था
00:39लेकिन इस कच्चे रास्ते में 24 साल बाद भी डामर नहीं चड़ सकी
00:44आईए आपको दिखाते हैं इस कच्चे रास्ते की तस्वीर
00:49देश की तरक्य अगर करना होता है तो गाउं का विकास करना बहुत जरूरी होता है
00:55हम इस वर्ट खड़े नाथू को नहां गाउं में जहां 25 बरस बीद गए लेकिन आज भी यहां के ग्राम इंतरस रहे हैं
01:02मैं आज वक्त पूछे आपको दिखा दूँ कि यह जो रोड है वो पहाड़ी नुमा रोड है जंगलों से घिरा हुआ यह रोड है करीब 25 बरस पहले जब जोगी सासंकाल था तब इन्हें कुछ रकम मिला था तब यहां कच्छी रोड बनाई गई थी लेकिन आप 25 साल हो ग
01:32बताना लाजमे होगा कि इसी रोड से लोग रासन के लिए सहर की और जाते हैं सहर से मुख्वाला यह गाउं से सहर की दूरी करीं 15 किलो मिटर है और यहां से लोग जान जोखी में डालकर रोड क्रौस करते हैं और जाते हैं खास करके बारिस के दिनों में यह रोड और भी �
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04:11गिरामिनों के इस जज़वे को जिला प्रशासन ने भी शाबासी दी है
04:16साथी साथ जल्द दौरा करके समस्या के निराकरन करने की भी बात कही है
04:22आपको बताएं कि नाथू कोनहा गाउं पहले भी सुर्ख्यों में आ चुका है
04:36गाउं का नक्षा बदलने में दो साल लगे थे जून 2016 में लोक सुराज अभियान के दौरान
04:43ततकालिन मुख्यमंत्री रमन सिंग जब इस गाउं में पहुंचे थे तो उन्होंने इस प्रयास के लिए
04:48ग्रामिनों की पीट भी थफफफपाई थी इसी दोरान गाउं वालों ने ततकालिन मुख्यमंत्री से पक्की सौड़क की मांग की थी जिसे उन्होंने फौरन मान लिया था
05:00प्रधानमंत्री ग्राम सौड़क योजना के तहट माडम सिल्ली डैम तक आने जाने के लिए एक कड़ोर संतानवे लाख रुपई की लागत से करीब धाय किलोमेटर तक सिमेंट कंक्रीट रूड बनी थी
05:12लेकिन अब जब केरे गाउं के लिए सौड़क बनाने की बारी आई तो किसी ने भी ग्रामनों की नहीं सुनी
05:22लिहाजा श्रमदान करके नाथु कोनहा के ग्रामनों ने अपनी समस्या का समधान ढूंड लिया