Skip to playerSkip to main contentSkip to footer
  • 5 days ago
ओडिशा का संबलपुर हीराकुंड जलाशय में केज कल्चर मछली पालन एक सफल मॉडल बन गया है. इस तकनीक के बारे में विस्तार से पढ़िये.

Category

🗞
News
Transcript
00:00ॐडिशा के संबलपूर में पारंपरी खेती से आगे बढ़कर ग्रामिडोंने मचली पालन को अपनाया है
00:15वो भी नए तरीके से जिसे केज कल्चर फिश पार्मिंग कहा जाता है
00:20संबलपूर के हीरा कुंड जलाशे में लगे ये आइरन फ्रेम वाले जाल यानी केज आम किसानों की किस्मत बदल रही है
00:27मचली पालन के इस तकनीकी मॉडल में कम निवेश, कम जगा और जादा मुनाफ़ा है
00:33सरकार ने इस योजना के तहट इस्थानिय युवाओं और मच्छुआरों को प्रेरित किया है
00:38कई लोगों को ट्रेनिंग दी गई और फिर शिरू हुआ मचली पालन का सिलसिला
00:43एक केज से हर साल लाखों की मचली बिक रही है
00:55कतला और रोहु जैसे देशी मचलीयों के साथ साथ अब विदेशी किसमें भी पालने लगे हैं
01:01किसानों को न सर्फ इस्थानिय मंडियों में बलकि विदेशों से भी ओरर मिल रही हैं
01:05इस पहल से गाउं में रोजगार के नए दरवाजे खुले हैं
01:09पहले जो युवा शहरों की ओर पलायन करते थे अब वो अपने गाउं में रहकर कमाई कर रहे हैं
01:14सरकार की मदद से आगे और भी केज लगाने की योजना है
01:25मचली पालन विभाग की माने तो ये मौडल बाकी जिलों के लिए भी मिसाल बन सकता है
01:30संबलपूर की यह जल कहानी अब सर्फ मचलीयों की नहीं यह गाउं के लोगों की आतिनर्भरता और बदलती सोच की भी कहानी है
01:38ओडिशा की संबलपूर से ETV भारत के लिए बादशाह जे राना की रिपोर्ट

Recommended