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दिल्ली के सीलमपुर में हर साल सावन के दौरान कांवड़ियों के लिए विशेष शिविर लगाया जाता है. 1984 से संचालित यह शिविर हजारों शिवभक्तों की सेवा कर रहा है. यहां यात्रियों को निःशुल्क भोजन, ठहरने की सुविधा और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था मिलती है. हरिद्वार की ओर पैदल यात्रा कर रहे कांवड़ियों के लिए यह शिविर एक महत्वपूर्ण विश्राम स्थल है. श्रद्धालुओं का कहना है कि उन्हें रास्ते में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो रही है और दिल्ली में अच्छी सुविधाएं मिल रही हैं. शिविर सेवाभाव और आस्था का प्रतीक बन चुका है. कांवड़ यात्रा एक वार्षिक तीर्थयात्रा है. इस यात्रा में कांवड़िए गंगाजल लाकर अपने पास के शिवालयों में चढ़ाते हैं.

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00:30कई दिनों तक नंगे पैर चलने के कारण कई तीर्थ्यादरी ठकान और अन्य चोटों से बीडित हो जाते हैं
00:55इस वजह से शिविर में चिकित सा दल 24 गंटे उपलब रहता है
00:58जो भोले घायल हो जाते हैं या बीमार हो जाते हैं उनकी स्वास्त के लिए हमने डॉक्टर बिठा रहे हैं
01:05जो की उनकी 24 गंटे चेक अपर करते हैं उनका
01:08इसके लब क्या करे खाथ इंजाम करता है हमारे जो खादिसामगरी है बंडार है बहुत संपूर्ण है
01:16कावड यात्रा एक बार शिक तीर्थ यात्रा है इस यात्रा में कावड ये गंगा जला कर अपने पास के शिवालेओं में चड़ाते हैं
01:43बंड बंड

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