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मंगला गौरी व्रत कथा 2025: सावन का महीने भगवान शिव को समर्पित है और सावन का मंगलवार माता पार्वती को । सावन के मंगलवार को मंगला गौरी की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से मनोकामना जल्द पूरी हो जाती है। सुहागन महिलाएं अगर इस व्रत को रखती है तो उन्हें अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्राप्त होता है। सावन में मंगलवार को सुहागिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर शाम को मंगला गौरी की विधि विधान से पूजा अर्चना करती है और व्रत कथा पढ़ती है।Mangla Gauri Vrat Katha 2025:Mangla Gauri Vrat Ki Kahani In Hindi

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Transcript
00:00सर्व मंगल मंगले सिवे शर्वार्त शादिके सरन्ने त्रियंब के गवरी नारायनी नमस्तुते प्यारे मित्रों जैशियाराम जैमातादी
00:08मित्रो आज आप से चर्चा करते हैं स्रामन माश में मंगला गवरी वरत की जो कथा है इस कथा को हम आपको स्रम्ण कराने जा रहे हैं
00:17तो सबसे पहले आप सभी को हर हर महादियो ओम नमस्चिवाए
00:21पौरानिक कथाओं के अनुशार प्राचीन काल में धर्मपाल नामक एक सेठ था सेठ धर्मपाल के पास में धन शंपत्ती की कोई कमी नहीं रहती थी
00:34वह सर्बगुण शंपन्य था वह देवों के देव महादेव का भक्त था कालांतर में सेठ धर्मपाल की शादी गुडवान बधूशे हुई
00:47हलाकि बिवाह के कई वर्स तक शंतान की प्रात्ती नहीं हुई इससे सेठ चिंतित होने लगा और सोचने लगा अगर शंतान नहीं हुई तो उसके कारोवार का उत्तरा दिकारी कौन होगा और उसकी संपत्ती का क्या होगा
01:07एक दिन सेठ धर्मपाल की पत्नी ने संतान के संबंद में किसी प्रकांड पंडित से जाकर के संपर्ग किया और सलाह की
01:21पत्नी के वचनानुशार सेठ ने सबसे प्रशिद पंडित से जाकर के मुलाकात की उस शमय गुरू ने सेठ दमपत्ती को भगवांश्यू और माता पार्वती की पूजा करने की सलाह दी
01:40कालांतर में सेठ धर्मपाल की पत्नी ने विदिविधान से महादेव और माता पार्वती की पूजा उपाश्टना की
01:50सेठ धर्मपाल की पत्नी की कठिन भक्ती से प्रशन हो करके एक दिन माता पार्वती प्रगट हो करके बोली
02:00हे देवी तुमारी भक्ती से मैं अतिप्रशन हूँ जो बर मांगना चाहते हो मांगो तुमारी हर मनों कामना अवश्य पून होगी उस शमय सेट धर्मपाल की पत्नी ने संतान की प्राप्ती की कामना की माता पार्वती ने संतान प्राप्ती का आसिर बाद दिया हलाकी संतान �
02:30शंतान का जन्म हुआ एक वर्स के पश्चात धर्मपाल की पत्नी ने पुत्र को जन्म दिया वह पुत्र का नामकर्ण बड़े ही बिदिवत रूपशे किया उस शमय धर्मपाल ने माता पार्वती के बचनों से जोतिशियों को आउगत कराया तब जोतिशी ने सेट धर्म�
03:00करने की सलाह दी जोतिशी ने कहा सेट धर्मपाल ने अपने पुत्र की साधी मंगला गवरी व्रत करने वाली कन्या से कर दी धर्मपाल के पुत्र को स्राप मिला
03:1616 वर्ष की उम्र में साप को काटने से मौत हो जाएगी सैयोग से उसकी साधी 16 वर्ष से पहले एक यूबती से हुई जिसकी माता मंगला गवरी व्रत किया करती थी
03:34परणाम सरूप उष्पने अपनी पुत्री के लिए एक ऐसे सुखी जीवन का आसिरबात प्राप्त किया था जिसके कारण वह कभी बिधवा नहीं हो सकती थी
03:47और इस बज़े से कन्या के पुर्ण प्रताप से धर्मपाल का पुत्र मृत्तु पाश्य मुक्त हो गया और धर्मपाल के पुत्र ने 100 शाल तक लंबी आयूपराप्त की
04:02कथा के बाद करें यह काम कथा आप स्रमन कर रहे हैं उसके बाद में आपको यह काम जरूर करना है
04:17महिलाएं अपनी सा सेवं ननद को शोलह लड़ू देती हैं इसके तदुपरांत वे वही प्रशाद ब्रामणों को भी ग्रहन करने के लिए देती हैं
04:30इस विधी से पूरा करने से ब्रत ब्रती शोला दीपक से देवी की आरती करती हैं और ब्रत के दूसरे दिन बुद्धवार को देवी मंगला गौरी की प्रतिमा को नदी या पोखर तालाप में जा करके विसरजन करती हैं
04:50अन्ते में मा गौरी के सामने हाज जोड करके अपने अपराधों के लिए छमा मांगती हैं तुटिया मांगती हैं इस तरह से स्यू और पारवती के पावन पूजन को जो देवियां मंगला गौरी के दिन मंगलवार को स्रामण में करती हैं
05:10शुक्षम्रधी की प्राप्ती होती है शंतान की प्राप्ती होती है पती दीरग आयू होता है कुआरी कन्याओ को गुडवान योग्यवान शौंदर पती की प्राप्ती होती है इस तरह से मंगला गौरी की पावन कथा को हमने आपको श्रवन कराया आप चाहते हैं किसी भी
05:40तब तक के लिए दीजे इजाज़त, जय माता दी, जय मागंगे.

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