00:00एक घना जंगल था जहाँ पेड आपस में बातें करते थे, लेकिन इनसानों को ये आवाजहें सुनाई नहीं देती थी।
00:08एक दिन एक नन्हा लड़का उमर जंगल में आया और पेड की छाओं में सो गया।
00:14पेडों ने धीरे धीरे फुस फुस आया, यही बच्चे हमारे कल है, अगर हम न रहे तो ये कहा साया लेंगे, एक बड़ा पीपल का पेड बोला, रोजाना हमारे भाई काटे जा रहे हैं, लेकिन कोई नहीं सोचता कि हम सांसें देते हैं, नन्हे उमर ने ख्वाब में यह ब
00:44मगर बहुत से मतासिर हुए, फिर गाउं में अब एक महत्वपून शुरुआत हुई, हर बच्चा एक पेड, जंगल के पेड खुश हो गए, वे फुस फुस आये, अब उमीद की कॉम्पलें फिर से उग रही हैं, सब पेड सिर्फ लकडी नहीं, जीवन का वादा होते हैं