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  • 7/8/2025
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00:00इस्पिनोजा का नाम ले रहा था, इस्पिनोजा ने बात कर दी थी, वो ले था ये जो चर्चवाला गॉड़े इसको हम नहीं मानते, दार्शनिकों का अक्सर यही रहता है, जो समाज में चल रही होती है, चीजें उनको मानते नहीं है, उनको अस्टरसाइज कर दिया, बहि�
00:30उससे उन्हों में काज घिसना शुरू कर दिया, लेंस बनाते हैं, लेंस मेकिंग होती है, अब उस समय पर होता था कि आप जब काज घिसते हो, टेकनोलोजी पिषडी होई थी तब, तो उसमें से फाइन डस्ट उठती थी, उसको आप घिसोगे घिसोगे तो उसमें से डस्
01:00आपन सिखाया गया है, काम के प्रतित स्खाया नहीं गया, बोल रहें, जाओ गुरू की वंदना करो, जाओ माबाप के चरण पूझो, जाओ मंदिर में मूर्ति को नमन करो, जाओ तीर्स पर चड़ जाओ, जाओ गंगा नहा आओ, और काम, काम, वो तो बताओ, नहीं, उसक

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