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  • 7/8/2025
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Transcript
00:00मैं इंदरापुरम की ओर से निकल रहा था तीन-चार साल पहले की बात
00:03अचानक मेरी गाड़ी के सामने दोड़ता हुआ एक मुर्गा आ गया
00:06वो छूट के भागा उस सड़क की तरफ आ गया कि गाड़ी से कुचल के मर जाओंगा तो मर जाओंगा
00:10पर इसके साथ रहना मंजूर नहीं है
00:12मैंने भेक मारा वो बच गया
00:14पीछे से उसका कसाई आया उसने उसको उठा लिया और ले गया
00:17गाड़ी लेके थोड़ा आगे बढ़ा फिर मैंने का नहीं लोटना पड़ेगा
00:20मैं लोटा आथ
00:21मैंने का वो मुर्गा चाहिए मुझे जो अभी सड़क पर दोड़ा था
00:24उसको ताज्यो वह मुझे देखके बोला आप भी
00:26मेरा पहला अनुगा था किसी मुर्गे को छूने का
00:31वो था भी खतरनाक और उसको बोच थल ले आया
00:34रहा वो डेड़ दो धाई साल करीब रहा
00:36बढ़िया मस्त मुर्गा वो गया वो
00:38आठ दस किलो का जो हैं संस्था से पुराने लोग बैठे हैं
00:42उनमें से कोई ऐसा नहीं है जिसको उसने दोड़ाया ना हो
00:44आपको अगर बोच सल में प्रवेश करना होता था तो पहले उससे पार पाना होता था
00:48तो खुला घूमता था पूरे में और नए आदमी को देख करके बिलकुल अनुमती नहीं देता था
00:53तुम हो कौन हा कैसे गए फोटो है वीडियो है जहां वो लोगों को दोड़ा रहा है
00:57जीतू नाम रखा था हमने उसका उसी दिन कट गया होता नहीं बचना था उसको पर उसने कुछ ऐसा करा जो जरा अलग था
01:04जितनी भी उसमें जान थी उसने वो जान दिखाई तुम बहुत ज्यादा नहीं कर सकते पर जितना कर सकते हो उतनी तो हिम्मत दिखाओ न हिम्मते मुरगा मददे खुदा
01:13मदद मिलती है, सहारे आते हैं, चमतकार होते हैं, थोड़ा भरोसा तो रखो, और नहीं होंगे चमतकार, तो अधिक से अधिक क्या होगा, मरी तो जाओगे, मर तो वैसे भी रहे थे वहाँ, और याद रखना, मैंने भी वहाँ उससे नहीं कहा कि ये तेरे पांस जितने मुर्
01:43मैं तो मुर्गा हूँ, मेरी हैसियत क्या, मैं तो फस गया हूँ, बाहर जाके होगा क्या, क्या होगा, क्या नहीं होगा, हमें नहीं पता हम दोड पड़े, तो मुर्गे की मदद भी खुदा तभी करता है, जब वो पंक फड़़़ा के, जान लगा के, कसाई के हास्तों से �
02:13उनका वरतमान वैसे ही चलता रहता है जैसा चल रहा है

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