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  • 7/6/2025
Abdulbari is a popular animated Islamic cartoon series designed to teach young children about Islamic values, beliefs, and practices in a simple, engaging, and age-appropriate way. The main character, Abdulbari, is a curious and kind-hearted Muslim boy who loves learning about Islam. Each episode features him interacting with family, friends, and community members, asking thoughtful questions and discovering the beauty of Islamic teachings through stories from the Qur'an, hadith, and the life of Prophet Muhammad ﷺ.

Key Features:

Educational Content: Teaches Islamic morals, prayers, daily supplications (duas), and manners (akhlaq).

Simple Language: Easy-to-understand dialogue for young viewers.

Fun & Interactive: Uses songs, storytelling, and visual aids to keep children engaged.

Themes Covered:

Five Pillars of Islam

Names of Allah (Asma’ul Husna)

Islamic etiquette (e.g., greeting, eating, cleanliness)

Love and respect for parents and elders

Kindness, honesty, and patience

Stories of Prophets and companions

Category

📚
Learning
Transcript
00:00ये तो अब्दुल्मारी है, ये तो अच्छा बच्चा है, ये दुआए सिखता है, अच्छी बाते वताता है।
00:21आओ सिखे अब्दुल्मारी के जंग।
00:30तुम कितनी किताबे पढ़ते रहते हो अब्दुल्बारी।
00:36अल्हम्दुल्ला, अल्ला का एहसान है कि उसने हमें इल्म हासिल करने के लिए आँखें, दिमाग और समझ अता किया।
00:44हमें पढ़ते रहना चाहिए, इससे इल्म में इजाफा होता है।
00:48इस किताब में एक अच्छी कहानी पढ़ा, कहानियों के साथ साथ कई हदीसे और कुरान भी पढ़ने मिलता है।
00:54कौन सी किताब? मुझे भी दो, मैं भी पढ़ूंगा।
00:57अभी तु मैंने लाइब्रेरी में लोटा दिया किताब, तुम चाहो तो ले सकते हो।
01:01जरूर लुगा में, वो देखो नवेद इसी तरफ आ रहे है।
01:05नवेद, तुम कहा जा रहे हो।
01:08अम्मी ने कुछ सामान लाने बोले है, मैं वही बजार से लेने जा रहा हूँ।
01:12तुम लोग कहा जा रहे हो।
01:14मैं लाइब्रेरी में किताब लोटाने आया था।
01:17हम घर जा रहे हैं, चलो हम साथ चलते हैं।
01:20हाँ, बजार तक हम तुम्हारे साथ होंगे।
01:22ये तो अच्छा है, मुझे खुशी होगी।
01:24चलो।
01:26तुम्हें पता है नवित, अब्दुलबाईर ने जो किताब पढ़े हैं।
01:29उसमें कहानियों की साथ साथ हादीसे और कुरान भी पढ़ने मिलता है।
01:33अच्छा, कौन से किताब हैं।
01:35उस कहानी में एक जालिम बादशा होता है।
01:38और वहां के तमाम लोग किसी न किसी तरीके से जालिम ही होते है।
01:42और उस पूरे इलाके के लोगों पर मानो अल्ला अज़ाब भीज देते हैं।
01:47अच्छा, हम भी पढ़ेंगे।
01:52वो रहें आलू वाले चाचा, आओ मैं आलू ले लेता हूं।
01:57फिर हम आगे चौराहे तक साथ चलेंगे।
02:00ठीक है नवेद।
02:02रे पहलवान भाई, ऐसा मत करो।
02:05बड़ी मुश्किल से तो मुझे कुछ पैसे मिलते हैं।
02:08तुम इतना कम कर दोगे तो मैं तो बड़े नुकसान में रह जाओंगा।
02:12बस करो, क्या तुम मुझे जानते नहीं।
02:15अब और बोले तो कुछ पैसे नहीं दूँगा।
02:17चलो ये डमाडर वाले, निकालो डमाडर, अब तुम्हारी बारी है।
02:21जी पहलवान भाई।
02:24क्या बात है चाचा, क्या उस शक्स ने पैसे नहीं दिया आपको।
02:29अबे बेटा दीरे बोलो, वो बड़ा ही जालिब इंसान है।
02:32ताकतवर होने के वज़ा से वो सभी गरीबों और कमजोर लोगों पर जुल्म जात्ती करता है।
02:38कैसा जुल्म चाचा।
02:39वो पैसा नहीं देता और सामाल ले जाता है।
02:42मार पीट पर उटराता है।
02:44अच्छा? ऐसा क्यों करना? क्या उन्हें नहीं मालूम? अल्ला ने ऐसा करने से मना किये है।
02:51ओ याओ डॉलो टॉमाटर, इतने से क्या होगा।
02:54जी जी उसुर्थ, ले लो और ले लो, हम कर दिये क्या सकते हैं।
02:59आँ, शाबास।
03:02आपको इस तरह किसी से सामार लेने का कोई हग नहीं।
03:05हाँ? मुझसे बोला लड़का?
03:09अरे अब दिलवारी चलो जिल्दी यहां से।
03:11रुको सरफरास।
03:12हाँ, मैं आभी से मुखातिब हूँ।
03:15ये जुर्म है।
03:16आप क्यों खुद को जालिम बनाए फिर रहे हो।
03:18नहीं मालूम आपको कि अल्ला इसकी बड़ी सदा देते है।
03:22अच्छा?
03:24ये देखो तो एक बच्चा मुझे बताएगा।
03:28जाओ लड़के यहां से, चले जाओ, इससे पहले की मेरा सर फिर जाए।
03:33ये सरासर नाइनसाफी है, कि आप दूसरों से माल तो लो, और उन्हें उसकी कीमत ना आदा करो।
03:40क्या आपको अल्ला का डर नहीं, मत करो किसी पर जुल्म जाद्ती, किसी का हक ना मारो।
03:46अच्छा? जरो बताओ, कहा लिखा है जाएज्णा।
03:50बिस्म ल्लाह रह्मान रुहीम, व्ला तहसबन ल्लाह गाफलً अम्मा येमल ज्जुल्मून, इन्मा युछ्रों ल्यव्म तश्खसु फिही अबसार।
04:04हाा.. तुम दे कुरान पड़ालालके।
04:07जरा दुबारा तो पलो।
04:13बिस्म ल्लाह रह्मान रुहीम
04:17नाइसाफों के आमाल से अल्ला को गाफिलना समझ
04:37वो तो उन्हें उस दिन तक मौलत दिये हुए है
04:40जिस दिन आखें फटी की फटी रह जाएगी
04:42ओहो क्या इसा अल्ला कह रहा है
04:47बिल्कुल ये कुरान की आयात है
04:50अल्ला हर बात से वाकिफ है
04:52वो तो जालिमों को ढील देता है
04:55लेकिन आखिरत में उनका हाल कितना बुरा होगा
04:58आखें फटी रह जाएगी
05:00जब वो सब कुछ अपने सामने देख लेंगे
05:03ओहो हो ये क्या कर रहा हूँ मैं
05:06मैं तो बुरी चीजे नहीं पीता
05:09बुरा खाना नहीं खाता
05:10कि अल्ला ने मना किया है
05:12लेकिन इस मामले में
05:14देखो तो जड़ा
05:15मैं तो अल्ला की नाफरमानी कर रहा हूँ
05:18बिल्कुल बुरी चीजे जिने अल्ला ने मना किये है उन्हें खाने पीने पर सजा तो होती है लेकिन उससे भी बहुत जादा बढ़कर ये गुना होगा कि हम दूसरों का हक मारें, लोगों पर जुर्म करें, नाइसाफी करें, लोगों के हुकूग अल्ला उस वक्त तक माफ �
05:48कमारा उन पर जुर्म जात्ती किया, क्या मुझ जैसे गुनागारों को भी अल्ला माफ करेंगा?
05:55अल्लार रह्मान और रहीम है, वो तुबा करने वालों को पसंद करते हैं, आप सच्छे दिल से तुबा करो, ल्ला से माफी मांगो, दوبारा ऐसा ना करो, और साथ ही जिन लोगों का हक चीने हो, उन्हें उनका हक लोटा दो, ल्ला बहुत ही माफ करने वाला है, अल्ला त Hautव
06:25करता रहा लो भाई लो अपने टमाटर के पैसे ले लो बाई और तुम भी अपने बटाटे के पैसे ले लो और हिसाब करके जरा मुझे बता दो पिछला कितना पैसा देना है मैं सबको लौटा दूंगा सबको लौटा दूंगा
06:41अरे वाँ अब्दुलपारी ये क्या की है तुमने जो ये शक्स इसकदर अचानक बदल गया
06:47मैंने कुछ नहीं किया ये तो अल्ला सुभानावतालग की कलाम का असर है
06:52अल्ला जिसे चाहे हिदायत दे और जिसे चाहे छीन ले
06:56खेर चलो हमें देर हो रही है
06:58हाँ हाँ मुझे भी
07:00लड़के तुम कहा जा रहे हो जरा रुको रुको
07:04मैं तुम्हारा शुक्रिया अदा करना चाहता हूँ
07:07जो तुमने मुझे इतने बड़े गुना को करने से रोके
07:11बलके मेरे दिल को बदल दिये
07:13शुक्रिया तो आपको अल्ला का अदा करना चाहिए
07:16वही तो है जो दिलों को बदलता है
07:19मुझे कुछ बताओ लड़के जिससे मुझे और सुकून मिले
07:23आहाहा क्या बात कही है तुमने
07:26नमास पढ़कर अल्ला से मगफित तलब करने से भी सुकून मिलता है
07:30मैं आपको एक दुआ बताता हूँ
07:32जिसे हम सभी को पढ़ना चाहिए
07:34ताकि हमें अल्ला अपनी पना में रखे
07:37और हम जालिम बनने से बच्चे रहे
07:39अच्छा जरूर बताओ
07:41बताओ मैं पढ़ूंगा
07:43रब पनाला तजाल्ना मैं कवम الزालिमीन
07:46इसे पढ़ते रहना चाहिए
07:49खास कर जब भी हमसे किसी भी तरह का जुर्म हो जाए
07:52इसके माइने भी बता दो हमें अब्दुलबारी
07:55जिस तरह तुम और आपा हमें हमेशा बताते है
07:58इस जुआ के माइने है
08:00ए रब हमें उन लोगों में ना शामिल कर
08:03जो जालिमोन है जो जालिम लोग है
08:06मैं इस दुआ को मजजिद में जाकर और पढ़ूँगा और सीखूँगा भी
08:10अब हमें जाना है
08:11अल्ला हम सभी को हिडायत पर कायम रखे
08:14आमीन
08:15आमीन
08:16जी पहलवान भाई
08:22अरे अरे अरे डरो नहीं
08:25अब मैं कभी ऐसा नहीं करूँगा
08:27मैं एक अच्छा इंसान बनूँगा
08:29मैं आगे से कभी बुगा नहीं करूँगा
08:32दुआ सिकूँगा तौबा करूँगा
08:34ऐसा कभी नहीं करूँगा
08:35डरो नहीं डरो नहीं
08:36अब दिल्बारी तुमने वहां बोले
08:40किसी भी तरह के जुल्म
08:41तो क्या और भी तरह के जुल्म होते है
08:43हाँ जुल्म को आसानी से समझे
08:46तो इसका मतलब है
08:47कि हर वो तरीका
08:49काम जिसे वैसा ना किया जाए
08:51जैसा कि उसे करना चाहिए
08:53तो ये उस काम
08:54या उस चीज के साथ जुल्म होगा
08:57जिससे हम काम ले रहे हैं
08:59अब्दिलबारी, तुम्हारी कुछ-कुछ बाते तुम मेरे समझ ही नहीं आती
09:03तिकी गहरी बात कैसे कर लेते हो तुम
09:06आज सिखे अब्दिलबारी के संग
09:08टेको पेको, जोर से सरफराज
09:13नहीं सरफराज, नॉर्मल फेको
09:15वरना जाडियों में जागी रेगी बॉल
09:17ये खेप दुलवारी
09:19अहां ये भी कोई थ्रोइंग है
09:24ये देखो इसे कहते हैं जोर से
09:26लो
09:27उफ नवेद
09:32मैंने कहा था नॉर्मल स्पीड में फेकना
09:34अब हमें बॉल ढूनने जाने पड़ेगा
09:36हाँ वो
09:38कियू नहीं मिल रही ये बॉल
09:48किटना तन कर रही है ये बॉल
09:52ठग ग्या हो धूनते धूनते
09:54अरे मिल जाए ये बॉल भाया
09:56कहां चुपे है
09:57सब तुमारी वजा से नवेद
09:59अच्छी तरह से दलाशो
10:01मजाग नहीं करो
10:02आराम से सरफराज
10:03देखो
10:04कभी कभी जब चीज़े हमारे हिसाब से नहीं होती
10:07तो हमें सबर से काम लेना चाहिए
10:10जरूरी थोड़ी है कि हमने ढूंडे
10:12और बस यू मिल जाए बॉल
10:14सबर से काम लो
10:15कुरान में सुए बकरा की एक आयात में है
10:18बेशक अल्ला सबर करने वालों के साथ है
10:21हम तब तो हमें सबर से काम लेना होगा
10:24सही कह रहे हैं अब्दलबारी
10:26शायद अगर हम इत्मिनान के साथ
10:28सुकून से ढूंते रहेंगे
10:30तो बॉल मिल ही जाएगी
10:31अस्सलाम वालेकुम
10:33क्या कर रहे हो सब वहाँ
10:35वालेकुम अस्सलाम आपा
10:37हम अपने बॉल ढूंड रहे हैं
10:39लेकिन अभी तक नहीं मिली
10:41मैं सबर के बारे में बता रहा था
10:43नवेद और सिर्फरास को
10:44जो जल बाजी में गुस्सा कर रहे है
10:47वाह अब्दलबारी
10:48ये बहुत अच्छी बात है
10:50सबर बहुत जरूरी है
10:52और याद रहे
10:53रसूल अल्लाह अल्य वस्लम ने फर्माए है
10:56सबर रोशनी है
10:58अगर आप सबर से काम लो
11:00और परेशान ना हो
11:01तो अकसर चीजे बहतर तरीके से हो जाती है
11:04रोशनी की तरह
11:06सबर हमें तकलीफ के वक्त रास्ता बताती है
11:09जी आपा
11:09दुरूस कहा आपने
11:10हम खामोशी से सबर करते हुए
11:12मिल गई
11:13ये देखो
11:14मुझे बॉल मिल गई
11:16ये देखो
11:17बॉल तो यहां चुपी हुई थी
11:19ये
11:20बॉल मिल गई
11:21आखिरकार
11:23हमने सबर किया
11:24और ये देखो
11:25हमें बॉल मिल गई
11:26देखा
11:26जब हम सबर करते है
11:28तो अल्ला सुभानावताला हमारी मदद करते है
11:31ये एक सबक है जो हमेशा याद रखना चाहिए
11:34बहुत अच्छे
11:35देखो, सब्र इनसान की एक बहतरीन खूबी है
11:39जब भी तुम्हें गुसा आए
11:40या परिशानी महसूस हो
11:42तो अस्तख्फिर अल्ला कहो
11:44और अल्ला से मदद मांगो
11:46कि वो तुम्हें सबर वे इस्तख्वामत
11:48और कल्ब सुकून अता करे
11:50कल्ब सुकून
11:51मतलब दिल को सुकून अता करे
11:53कल्ब के माइने है दिल
11:54ओ, अस्तक्सिर अल्ला
11:57जजाकर लाख खेर आपा
11:59हमें ये बताने के लिए
12:01जाओ अब सभी खुशी से खेलो
12:05लाओ नवेज अब बॉल मुझे दो
12:08ठीक है ये लो मैं बॉल उच्छाल रहा हूँ
12:11पकड़ो सरफराज
12:13चलो अजान हो गई
12:16आओ पहले अपनी नमाज से फारिग हो जाते है
12:19तो प्यारे भाईयो बेहनो और दोस्तों
12:23सबर और सुकून के साथ हम ज्यादा बहतरी इन तरीके से मुश्किलों का सामना कर सकते हैं
12:29मुश्किल वक्त में सबर किया करें
12:30और सुकून के साथ अपनी कोशिश और मेहनत को जारी रखें
12:34तो अल्ला हमारी मदद करते है
12:36वैसे सबर के माइन ये भी है
12:38कि हम अपने कोशिश को जारी रखे इतनी नान के साथ
12:41आज सीखे अब्दुलबारी के जंग
12:46अब्दुलबारी, आज तो कुछ भी मजा नहीं आ रहा
12:57कोई खेल नहीं, नो फन, बस बोर हो रहा हूँ मैं
13:02हाँ, अजीब सा दिन है, लगता है आज सभी उदास है
13:06तुम लगतास की हो, क्या तुम्हें बता है
13:09एक छोटी सी चीज से हम सब का मूर ठीक हो सकता है
13:12छोटी सी चीज, वो क्या, एक बड़ा बर्गर
13:16या फिर एक आईस क्रीम को
13:18अहा, नहीं भाई, तुम दोलों तो सिर्फ इन अनहेल्दी चीजों को ही सोचते हो
13:23अच्छा बताओ तो, ऐसी क्या चूटी सी चीज है
13:26सिर्फ एक मुस्कुराहत
13:29मुस्कुराहत?
13:31अब्दुलबारी, यहां भूख लग रही है, बोर हो रहे है
13:35और तुम हमें मुस्कुराहत की दावत दे रहे हो
13:38देखो, मुस्कुराना सिर्फ मजाक मस्ती ही नहीं है
13:41यह एक सुन्नत भी है
13:43और सुन्नत को अदा करने से हम सवाब कमा सकते हैं
13:46वाके?
13:47मतलब सिर्फ मुस्कुराने पर अल्ला सवाब देते हैं?
13:50बिल्कुल, नबी सलिल्लाह अलीवसलम ने फरमाए है
13:54तुम्हारा अपने भाई की सामने मुस्कुराना भी सदका है
13:58सोच लो, तुम्हे कुछ कहना भी रही
14:00पर सिर्फ स्माइल करके भी लिवाड ले सकते हो
14:03अच्छा, तो यहां सबी मुस्कुरा रहे हो
14:06मगर अगर नियत अच्छी ना हो तो सवाब नहीं मिलेगा
14:10अच्छा, फिर मेरी नियत यह है कि सर्फरास के उदास से चेहरे पर इस अजीब सी स्माइल पर हसता रहू
14:17अब तुम्हारी मुस्कुराट का सवाब क्यांस है
14:20नवेद, मेरा मजाग उड़ा कर कोई सवाब नहीं मिलेगा तुम्हें
14:23सर्फरास, तुम ठीक कह रहे हो
14:26मुस्कुराने का असल मकसद है दूसरों को खुशी देना
14:30और अल्ला की नियमतों का शुकर अदा करना
14:32अगर तुम्हारे मुस्कुराने से किसी का दिन बहतर हो जाए
14:35तो यह सबका होगा और इस पर सवाब भी है
14:38नवेद, आपा का पॉइंट समझ गए
14:40मुस्कुराने तभी सवाब है जब उसका मकसद अच्छा हो
14:44और बस ऐसे ही किसी को यहाँ वहाँ देखकर मुस्कुराते ना फिरे
14:48जिससे कोई गलत समझेगा और हमें बुरा समझेगा
14:51ठीक है, मैं अब असल वाली स्माइल करूंगा
14:55सर्फरास का मजाग उड़ाने के लिए नहीं
14:58बलके उसका दिन अच्छा बनाने के लिए
15:00हम, देखे, अब तुम असल दीनी भाई लग रहे हो
15:04ओ तो मैं हमेशा ही लगता हूँ
15:06ठीक है, ठीक है, चलो अब सभी अपने चहरे पर मुस्कुराहत लाओ
15:10और अपने दिन को बहतर बनाओ
15:12तो दोस्तों, एक खालिस मुस्कुराहत सिर्फ एक चोटा सा अमल नहीं
15:18बलके ये एक महरबानी का इज़ार, सुन्दत और खुशी बाटने के जरिया है
15:23जो अल्ला की बरकते हासल करने का बहतरीन तरीका है
15:27सब मुस्कुराते रहो
15:29सर्पराज तुमारे तुमारे तुमारे देखो तुमारे सॉक्स का रंग दो देखो
15:48एक लाल, एक पीला
15:52सरकस का जोकर लग रहे हो
15:56अरे सुबा जन्दी में गलक सॉक्स पहन लिया
16:01इसमें हसने वाली क्या बात है
16:02नवेद, तुम्हें लगता है ये मजाख है
16:07लेकिन दूसरे को शर्मिल्दा करना कभी मजाख नहीं होता
16:10ओ अब्दुलबारी, मैं तो बस योही मजाख कर रहा था
16:15दरसल हसे नुकी नहीं रही थी
16:19अब तुम बस करो नवेद, मुझे बिलकुल भी अच्छा नहीं लग रहा
16:23ये बस एक मजाख था सर्फनास
16:26जोकर वाली बात, बस एक मजाख
16:29मजाख वो होता है जो सबको हसाएं
16:31लेकिन किसी का दिल दुखा कर नहीं
16:33कुरान में अल्ला सुभानाओ थाला हमें हुकम देते है
16:36कि कोई किसी का मजाख न उड़ाए
16:38हाँ नवेद, मुझे अच्छा नहीं लगा
16:40जब तुमने मेरे सॉक्स को लेकर इस तरह मजाख बनाया
16:43असलाम अलेकुम
16:44वालेकुम असलाम आपा
16:46कैसे हो आप सभी
16:47अलहम्दो लेला, हम ठीक है आपा
16:49सर्फराज, ये तुमने शायद गलती से अलग-अलग सॉक्स पहन लिये
16:53जी आपा, वो मैं जल्दी में
16:55हाँ ऐसा होता है
16:56हम भी कई मरतबा जल्दी में गलती से अलग-अलग सॉक्स पहन लेते हैं
17:00हम यही बात कर रहे थे
17:01नवेज सर्फराज के सॉक्स का मज़ाग उड़ा रहे थे
17:04और मैं समझा रहा था कि दूसरों का मज़ाग उड़ाना गलत है
17:07बिल्कुल सही
17:09प्रॉफित मुहम्द अल्लाह लियु वसल्म ने फर्माए
17:12मुस्लिम वो है जिसके हाद और जबान से दूसरे लोग महफूज रहे
17:17हम अगर कोई मज़ाग भी करे तब भी ऐसी बात करे जो सब को खुशी दे
17:21हमारे मज़ाग से किसी का दिल ना दुखे
17:24मैं समझ गया आपा
17:25मुझे माफी चाहिए सर्फराज
17:28क्या तुम अपने दोस को माफ नहीं करोगे
17:30मैं फिर ऐसा नहीं करूँगा
17:33आएन ना में इस बात का ख्याल रखूँगा
17:35कि मेरे मज़ाग से किसी को बुरा ना लगे
17:38ओके ओके चलो माफ किया
17:40अब मिलकर खेलते है और कोई अच्छा सा मज़ाग करते है
17:44लेकिन सौक्स को छोड़ कर कोई भी साफ सुतरे मज़ाग हो तो ठीक है
17:48और याद रखो कि मज़ाग में भी दूसरों को खुश करने के लिए कोई जूट एड़ करना
17:53या बातों को बढ़ा चड़ा कर कहना गुना है
17:56ठीक है आपा हम सभी आइंदा इस बात का ख्याल रखेंगे
18:00दूसरों का मज़ाग उड़ाना जिससे उनका दिल दुखे ये गलत है और एक गुना भी
18:07खास कर जब हम दूसरों को अपने से कम और खुद को ज्यादा और बड़ा साबित करने के लिए उनका मज़ाग उड़ाते है
18:13मज़ाग किये भी तो अच्छे मज़ाग हो जिससे सब को खुशी मिले और दिलों में महभबत बढ़े
18:20ना कि किसी का दिल दुखे फिर मिलेंगे लाइक और सबस्क्राइब करना ना भूले और शेयर भी करें
18:25असलाम अलेकुम
18:27अमीद है आप तमाम लोग हैयत से है
18:33सबसे पहले तो कहूंगा आप लोग लाइक और शेयर किया करें
18:36देखो तो आपा लाइक नहीं करते है
18:38अहाँ, अब्दुलबारी जिन्हें पसंद आएगा वो लाइक कर देंगे
18:42हाँ लेकिन लाइक करने से अच्छा होगा
18:44ठीक है, शुरू करते है
18:47क्या आपको पता है, बदुल उस्मान एनिमिशन का एक और वीडियो हाल ही में पब्लिश हुआ
18:52और यहाँ इस मॉरिल वीजिन के स्टूडियो में हम मिलकर देखेंगे उस नए वीडियो को
18:56आपा आपको पता है, क्या है मौजू वीडियो का
18:59आओ क्यों न वीडियो में ही देख ले
19:01अब शुरू करो वन्ना हमाए नने साती नाराज हो जाएंगे
19:04ओ हाँ, ये मैंने प्लेग कर दिया
19:07बेबी बतल और उस्मान
19:10बेबी बतल और उस्मान
19:14साथ में है नने अमार
19:18बेबी बतल और उस्मान
19:22बतल, हम उपर की तरफ जा रहे हैं ना?
19:24ओ हो, ये भी कोई पूछने के बात है
19:27हम सीडियों से उपर की तरफ जा रहे हैं न
19:31हाँ हाँ भाई क्या तुम्हें नहीं मालूम
19:34हम उपर की तरफ ही जा रहे हैं
19:36सता रहे हो मुझे
19:37चलो अब बताओ क्या पढ़ना चाहिए जब हम उपर की तरफ जाते हो
19:41ओ हाँ, अब समझी क्यों बार-बार पूछे आपने
19:45मुझे तो पता है, आपको नहीं मालूम
19:48यू कहो ना, कि तुम्हें नहीं मालूम
19:50मुझे पता है, और मुझे ये भी पता है कि आपको नहीं मालूम
19:55अच्छा तो ठीक है, बताओ क्या कहते है
19:57नहीं पहले आप बताओ ना? मुझे भी तो पता चले क्या आपको पता भी है या नहीं?
20:03रहने दो, मैं ही बता देता हूँ
20:05नहीं, मुझे पता है, देखो, सीडिया चर्टे वक्त
20:10आ, आ, आ
20:12नहीं आता, नहीं आता, सुनो
20:18ऑ, सुभान, अलहम
20:22नहीं, नहीं, नहीं, ओको, हम दोनु ही भूल गए
20:27रखो गटुल, अभी मालूम हो जाएगा
20:32नहीं, तुम्हें कुछ पढ़ने की जरूरत नहीं
20:38बस ऐसे ही बात करते हुए सीड्यों से चड़ो
20:41कुछ पढ़ने की तर्वात नहीं
20:43इनलाइक क्यों याद करना
20:45शीडियों से उपर चड़ते रहों, अल्लाह को क्यो याद करना?
20:49ओ, तब तम फिर आगे, अभी ही रुको, अज़कार!
20:53आगे, बँखार!
20:56बगवो से भुखार!
20:57बगवो आगे, बगवो
20:58इलाह को, आओड़ो Allah
21:00झाओज बिल्लाह मने शेता ने वजीन
21:04ने तो सल्चयमें दोफे रागीना
21:07बगवो आगे, बगवो
21:08बगवो आखार!
21:11बगवो आगे, बगवो
21:23सीडियों पर चड़ते वक्त की दुआ
21:25अपने सवाल को और अच्छी तरह पूछें
21:31आम, ओके, उपर की तरफ जाते वक्त की दुआ
21:35उपर की तरफ जाते वक्त, अल्लाहु अक्पर पढ़ा जाता है
21:40ओ, ये तो मुझे भी मालूम है
21:44क्या जलुवती सूपर हीरो बनकर मालूम करने की
21:47हैं, चलो मालूम हुआ ना
21:50और अब हम सीडियों से उपर की दरफ चड़ रहे हैं
21:53पढ़ो अल्लाहु अक्पर
21:54अल्लाहु अक्पर
21:55अल्लाहु अक्पर
21:56अरे वाह, माशालाह, तुम्हें तो सच में पता है
22:01देखे, मैं कहती हूँ सच
22:03तो इसके माइने भी बता दो
22:05आ, माइने, वो तो मुझे याद नहीं
22:09लेकिन मुझे तो मालूम है
22:10अच्छा तो बताओ भाई
22:12अल्लाहु अक्पर के माइने है
22:13अल्लाह सुभानवत आल्लाह सबसे बड़े है
22:16अच्छा मुझे याद आया
22:18बुक में लिखा हुआ है
22:19अल्लाह इस ग्रेटिस्ट
22:21हम, वही मतलब है
22:23देखे, मुझे तो इंग्लिश में भी आता है
22:26अच्छा चलो, खिरोने लेके हम नीचे खेलेंगे
22:28नहीं, हम यही पर खेलेंगे
22:31नहीं नीचे
22:31नहीं ऊपर
22:32वो अम्मार आ गए
22:34ठीक है, अम्मार जहां बोलेंगे वही खेलेंगे
22:37ठीक है
22:38बताओ अम्मार, हम ऊपर खेले या नीचे आकर
22:42नीचे, नीचे, नीचे
22:44अब चलो नीचे
22:47हमें अपने छोटों की बात भी सुननी चाहिए
22:49तो हम जब कभी उच्छाए की तरफ जा रहे हो
22:54जैसे सीडियो पर से
22:55या लिफ्ट में हो
22:56या टीले और पहार पर उपर की तरफ चड़ रहे हो
22:59तब हमें अल्लाह उखबर पढ़ते रहना चाहिए
23:03आम आपको याद होगा आपा
23:05इस मौज़ू पर हमने भी तक्रीबन दस साल पहले एक एनिमेशन बनाए थे
23:10हम सही कह रहे हो दो मब्दलबारी
23:13उस वक्त ये सब कुछ नया था
23:15लेकिन अब तो एनिमेशन बहुत बनने लगे है
23:17ठीक है दोस्तों आप और भी एनिमेशन को हमारे चैनल पर देखे
23:21और लाइक शेयर सबस्क्राइब जरूर करें
23:23असलाम अलेकुम और पतलाहियो बरकातु
23:47अपनी पढ़ाई भी करता है ये तो कुरान में पढ़ता है
23:54और तिरावत ये कुरान भी करता है ये तो बुराई से रुखता है
24:02अम्यब्दा की बातों को ये हमेशन सुनता है
24:08ये तो अब्दुरदारी है ये तो अच्छा बच्चा है ये दुआएं सेखता है
24:16अच्छी बाते बताता है
24:19सुभा जल्डी उठता है
24:22ये ब्रश भी करता है
24:24ये दूद भी पीता है
24:27और खूर्स भी खाता है

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