Abdulbari is a popular animated Islamic cartoon series designed to teach young children about Islamic values, beliefs, and practices in a simple, engaging, and age-appropriate way. The main character, Abdulbari, is a curious and kind-hearted Muslim boy who loves learning about Islam. Each episode features him interacting with family, friends, and community members, asking thoughtful questions and discovering the beauty of Islamic teachings through stories from the Qur'an, hadith, and the life of Prophet Muhammad ﷺ.
00:00ये तो अब्दुल्बारी है, ये तो अच्छा बच्चा है, ये दुआएं सिखता है, अच्छी बाते बताता है।
00:21आव सीखे अब्दुल्बारी के संग।
00:24बस तुम दोनों देखते जाओं अब्दुल्बारी, सर्फराज, ये इस तरह से स्पीड वाले गोल, गोल मारूं गए इस बार।
00:33ये क्या हो गया इस नवेद को।
00:35द्यादा मत सोचो सर्फराज, बस तुम ली देखो मेरा कमाल।
00:38देख ले न, और तिर बोल तो बस मेरे पास, तो चलो तयार है।
00:43बोल को बराबर पास करो नवेद, तुम मेरी बात सुन रहे हो न, अगर तुमने ऐसे ही खेले, जोर से यहाँ वाम आ रहे तो गोल की बचाय बोल जंगल में वहाँ, उस तरब चली जाएगी।
00:53क्या तुम समझ रहे हो नवेद? मैं सब समझ रहा हूँ, किक की बारी? नवेद, बोलो सर फराज, बस करो बाई, अभी तो शुरू भी नहीं किया, हर बार गोल से पहला ड्रामा शुरू, मैं कोई ड्रामा नहीं कर रहा है सर फराज, अब देखो, ये मेरा तुफानी किशू
01:23दर में क्या कहूंगा मैं, अम्मी? ज्यादा मत सोचा सर फराज, कमाल देखो, का था मैं न तुम से नवेद, गूल से पहले अक्टिंग और ड्रामा मुद करो, अब चलो बॉल लेने, क्या हमें अंदर याना होगा? हाँ, जाना तो हो रही हमें, अगर तुम सही तरह से खेल
01:53या कोई जादू, दराओना आवाज जादू तो नहीं, पर कुछ अजीम ज़रूर है या आवाज, आओ देखते हैं, दर भी लग रहा है, पर मुसा भी आएगा, वाओ, एडविंचर का मुसा, चलो अगे, नहीं नहीं, आवाज दहीं, नहीं निकलो आवाज एक तरफ एड
02:23बॉल को ज़रूर यही कहीं होना चाहिए, इसी तरफ आया था बॉल
02:28मैं कह रहा हूँ या ज़रूर कुछ तो है, या फिर एक मेजिक मॉस्टर हो शायद
02:35हमें दरना नहीं चाहिए, प्यारे नभी सल्लालाहु लेसलम ने फरमाया, जो अल्लाह का जिक्र करता है, अल्लाह उसके साथ होता है, ये सब तो बस सैतान का वस्वसा है, आउदु बिल्लाहि मिनस शैतौन इद्वजीम
02:48दुक्षाओ, सुनो
02:52हाँ, वह आवासुम
02:56वह देखो, शायद उन्हें मदद चाहिए, लेकिन हम ऐसे ही किसी की मदद के लिए कैसे चली जाए, वो भी जंगल में
03:03हम तो उन्हें जानते तत नहीं, मैं उन्हें जानता हूँ, वो तो मुझिद में भी नजर आते हैं, ओ, तब तो चलो जली करो
03:11कौन हो तुम लोग बच्चों, और यहां क्या कर रहे हो इस जंगल में
03:18हम अपना बॉल लेने आये थे, जो घूम गया, लेकिन आप यहां
03:22ओ, शुक्र है तुम लोग आ गए, मैं दो घंटे से यहां गिरा हूँ, चक्कर आ गए थी
03:29ठीक है, अब आप फिक्र ना करें, हम आपकी मदद करते हैं, आईए हम आपको आगे दर छोड़ देए
03:35तुम लोगों ने जो किये, यह सिफ मदद नहीं, बलके सवाब का काम किये हो, रसूल अल्ला सुल्ला अल्य स्लम ने फरमाए, जो लोगों की मदद करता है, अल्ला उसकी मदद करता है, अब ठीक है, मैं आगे चला जाओंगा, जजजैक अल्ला खेर बच्चु
03:53आईए, मैं आपको पत्थर पार किरा देता हूँ, एक आवर बार शुक्रिया तुमारा, अल्ला ने एक बनाए रखे तुम लोगों को, तुम लोगों का बाल जंगल की तरफ जागिरा, हम बाल तलाश लगए थे, और फिर ऐसा एडविंचर हो आपा, पता है, हम तो दर ही �
04:23मैं बड़ी खुशी मिल रही है, माशालला, ये तुम लोगों ने बहुत अच्छा किये, लेकिन याद रहे, ऐसी ही कही भी अंजान जगे नहीं चाया करो, और किसी अंजान शक्स की मदद, किसी अकेले एकान जगे में करने से पहले, अच्छी तरह मुआयना करना जरूरी ह
04:53पानी पीना है, जलो नवेर जल्दी होना पीछे से मैजिक मुश सरा जएगा
04:58सुभा जल्दी उ़्ठता है, ये ब्रिश भी करता है, ये दूद भी पीता है, और खुश में खाता है