00:00एक ऐसे लडाकू विमान सौधे की कल्पना कीजिए जो भारती रक्षा विमानन के भविश्य को बदल सकता है।
00:07एक ऐसा प्रस्ताव जो इतना साहसिक हो कि इसमें पूर्ट टेक्नलोजी ट्रांसफर, सोर्स कोड एक्सेस और भारती धर्ती पर सह उत्पादन शामिल हो।
00:18हम रूज के SU-57 स्टील्थ फाइटर के बारे में बात कर रहे हैं। और क्यों भारत कथित तोर पर अमेरिका के प्रतिष्ठित F-35 को नजर अंदाज कर रहा है।
00:31लेकिन वास्तों में क्या हो रहा है। इसकी अभी पुष्टी हुई है। और भारत की वायुशक्ति और आतनिर्बर भारत के सपने के लिए इसका क्या मतलब है। तो आईए इसका विशलेशन करते हैं।
00:45अनलाइन प्रसारित कई रच्छा ब्लॉगों और रिपोर्टों के अनुसार भारत रूस के पांचवी पीडी के स्टील्थ लडाकू विमानों SU-57 को खरीदने और सह उत्पादन के प्रस्ताव का गंभीरता से मुल्यांकन करते रहा है।
01:05इस प्रस्ताव को जो बात अतुदिय बनाती हैं वह यहां है कि इसमें कथित तोर पर शामिल है पूर्ण टेक्नोलोजी ट्रांसफर, इंटलेक्च्छुल प्रॉपर्टी राइट्स, सोर्स कोड का एक्सेस।
01:19और सायत सबसे महत्पूर बात या है कि इन जेट को यही भारत में असेंबल या निर्मित करने का मौका मिलेगा।
01:27दूसरी और रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत ने अमेरिकी F-35, लाइटनिंग 2 को नजरंदाज करने का फैसला किया है।
01:36लेकिन क्यों? वैसे अमेरिका अपनी स्टील तकनीक पर बहुत कड़ी पकड़ रखता है।
01:43यहां तक की सबसे करीबी सहयोग्यों को भी सीमित पहुच मिलती है।
01:48वह भी बिना सोर्स कोड या पूर्ण निर्माड अधिकार के।
01:52क्या इस खबर की पुष्टी हुई है।
01:59लेकिन आज तक इसकी कोई आधिकारिक पुष्टी नहीं हुई है।
02:03हम जो जानते हैं वहया है कि रूस ने अतीत में गहन सहयोग की पेशकश की है।
02:092007 में भारत ने FGFA पर्योजना के सह विकास के लिए रूस के साथ हाथ मिलाया।
02:17जो SU-57 प्लेटफॉर्म पर आधारित थी।
02:21लेकिन 2018 तक भारत ने FGFA से हाथ खीच लिया।
02:27कथित तोर पर इसलिए क्योंकि जट बहुत महंगा था।
02:30दूसरा तकनीकी प्रदर्शन IAF की अपेक्षाओं को पूरा नहीं करता था।
02:36और तीसरा रूस के अपने SU-57 करेक्रम में देरी हो रही थी।
02:43मुपू प्रूस के अपत ale रही दूस walks बड़ाएं
02:48लगे काझाओं में देरी हम्हा व्रूस को तबहुत माथ।
02:53यह ज़्वा की कि अपतरो प्रूस के अपतर में
02:57अपतरो भाइक्षाँं के लेकित दोग्ट करती shi Chung-बचें