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Bihar Election 2025: जब भी राजनीति के खांचे में बिहार को रखा जाता है...कहते हैं केंद्र का रास्ता बिहार हुए बिना नहीं गुजरता...बिहार में
फिलहाल चुनाव सरगर्मी है...एक तरफ पीएम मोदी (PM Modi) एनडीए (NDA) को जिताने में लगे हैं...वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन (INDI Alliance) के बल में तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) सीएम बनने के सपने बुन रहे हैं...वहीं इन सबका जायका खराब करने के लिए प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) चुनावी जंग में उतर चुके हैं...2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में क्या कुछ होगा...अभी कहना तो मुश्किल है...लेकिन बिहार विधानसभा चुनावों के इतिहास पर नजर डालें तो उसकी कहानी आपको बेहद रोमांचक लगेगी...बिहार में सबसे पहला विधानसभा चुनाव 1951 (First Bihar Vidhansabha Election 1951) में हुआ
था...जिसमें किसने बाजी मारी...इस वीडियो में हम आपको बताएंगे....साथ ही ये भी बताएंगे कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री कौन बने थे...बिहार में चुनाव का इतिहास काफी लंबा है...इसलिए हमारा प्रयास ये है कि उसको हम पार्ट पार्ट करके दिखाएं...इस वीडियो में बिहार विधानसभा के पहले चुनाव से लेकर 1969 तक के चुनाव के बारे में बताएंगे..

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Transcript
00:011951 में सबसे पहला बिहार विधान सभा चुनाओ
00:04किसकी बनी थी सरकार?
00:06बिहार के पहले मुख्य मंत्री कौन हुए?
00:09बिहार एक ऐसा राज जिसे उसके निर्मान के बाद से है नजरों से देखा जाने लगा था
00:14साल दर साल बीटते गए, सरकारें आती गई, सरकारें बदली भी लेकिन बिहार की दशा नहीं बदली
00:21लेकिन जब भी राजनीती के खाचे में बिहार को रखा जाता है, कहते हैं केंद्र का रास्ता बिहार हुए बिना नहीं गुजरता
00:28बिहार में फिलाल चुनाव सरगर्मी है एक तरफ पियम वोडी एंडिये को जिताने में लगे हैं वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठ बंधन के बल में तेजस्वी यादव सीम बनने के सपने बुन रहे हैं
00:38वहीं इन सब का जायका खराब करने के लिए प्रशांत किशोर चुनावी जंग में उतर चुके हैं
00:432025 के बिहार बिधान सभा चुनाव में क्या कुछ होगा अभी कहना तो मुश्किल है लेकिन बिहार बिधान सभा चुनाव के इतिहास पर नजर डालें तो उसकी कहानी आपको बहुत रोमांचक लगेगी
00:54बिहार में सबसे पहला विधान सभा चुनाव 1951 में हुआ था
00:58जिसमें किसने बाजी मारी इस वीडियो में हम आपको बताएंगे
01:01साथ ही ये भी बताएंगे कि बिहार के पहले मुख्यमंत्री कौन बने थे
01:05बिहार में चुनाव का इत्यास काफी लंबा है
01:07इसलिए हमारा प्रयास ये है कि उसको हम पार्ट पार्ट करके दिखाएं
01:11इस वीडियो में बिहार बिधान सभा के पहले चुनाव से लेकर
01:151969 तक के चुनाव के बारे में बताएंगे
01:171951, 1957 और 1962 में बिहार बिधान सभा चुनाव
01:23भारत 1947 में आजाद हुआ
01:25उसके बाद एक लंगी प्रक्रिया के बाद चुनाव का दोर शुरू हुआ
01:29इसी कड़ी में बिहार बिधान सभा का पहला चुनाव
01:311951 में हुआ था
01:33इस चुनाव में कई पार्टियों ने हिस्सा तो लिया
01:35लेकिन कॉंग्रेस को भारी जीत मिली थी
01:371951 के चुनाव में कॉंग्रेस को 322 में से
01:41200 उंदारिस सीटें हासिल हुई थी
01:43कॉंग्रेस की सरकार बनी और स्रीकृष्ण सिन्हा
01:46बिहार के पहले सीयम बने थे
01:48वहीं 1957 के बिहार बिधान सभा चुनाव में भी
01:51कॉंग्रेस का ही वर्चस्व रहा
01:53उस वक्त भी कॉंग्रेसी सबसे बड़ी पार्टी रही थी
01:55हाला कि 1951 की अपेक्षा उसकी सीटें घटकर 312 में से 210 आई
02:01जो की बहुमत में रही और सरकार कॉंग्रेस की बनी
02:04वहीं जहां तक 1962 के बिहार बिधान सभा चुनाव की बात है
02:07इसमें भी कॉंग्रेस को ही जीत मिली थी
02:09कॉंग्रेस बहुमत तो हासिल कर पाया
02:11लेकिन 318 में 180 सीटे कॉंग्रेस की जोली में आई
02:15इस चुनाव में एक दूसरा दल उभरा था जिसका नाम स्वतंत्र पार्टी था
02:19उसको इस चुनाव में 50 सीटे हासिल हुई थी
02:211967 के विधानसभा चुनाव में कॉंग्रेस को 128, SSP को 199 और जन क्रांती दल को 13 सीटे हासिल हुई थी
02:32वहीं जन संग को 26 सीटे हासिल हुई थी
02:35यानि कि हम ये कह सकते हैं कि 1967 की चुनाव में कॉंग्रेस का दबदबा काफी कम हो गया था
02:40और दूसरी पार्टियों की धमक काफी अच्छी रही
02:43मज़ेदार बात ये भी रही कि 1967 की चुनाव के बाद कॉंग्रेस, SSP और जन क्रांती दल से थोड़े थोड़े समय के लिए कुल चार मुख्य मंत्रियों ने बिहार की सत्ता संभाली थी
02:53फिर भी इस चुनाव के बाद 5 का टर्म पूरा नहीं हो सका
02:56फिर अगला चुनाव 1979 में करारा पड़ा
02:591979 का बिहार विधानसभा चुनाव
03:021979 के बिहार विधानसभा के चुनाव में कॉंग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर तोभरी
03:07लेकिन कॉंग्रेस को पूर्ड बहुमत हासिल नहीं हुआ
03:091979 में बिहार में 318 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव हुए थे
03:14जाहिर है बहुमत के लिए 160 सीटों की दरकार थी
03:16लेकिन कोई भी पार्टी इस जादूई आकडे को पार नहीं कर पाई
03:20क्योंकि कॉंग्रेस को 118, भारतिय जनसंग को 34, स्स्पी को 52, कम्यूनिस्ट पार्टी अफ इंडिया को 25 सीटे ही हासिल हो पाई
03:28इस कारेकाल में राष्टपती शासन भी रहा और 3 मुख्यमंत्री भी बने
03:32जिनके नाम दारोगा प्रसाद राय, करपूरी ठाकूर और भोला पासवान सास्त्री थे
03:37ये कारेकाल 4 साल तक चला और 1972 में बिहार का अगला विधान सभा चुनाओ हुआ
03:421972 के चुनाओ के बारे में हम अगले वीडियो में बात करेंगे
03:45तब तक के लिए One India Hindi को देखते रहे जहां आपको हर तरह की खबरों के अपडेट लगातार मिलते रहते हैं
03:51इस खबर में बस इतना ही बाकी अपडेट्स के लिए जुड़े रहें One India Hindi के साथ

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