अयोध्या, उत्तर प्रदेश, 28, जून, 2025: आज श्री राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक शुरू हो रही है। बैठक में मंदिर निर्माण की प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की जाएगी। यह बैठक मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में हो रही है। जिसपर उन्होंने खुद बात की है...
00:00हमारे मंदिर में प्रशम तल, भूतल और विती तल पे बड़ी-बड़ी खिड़कियां हैं।
00:08तो उन पर टैटेनियम धात से जाली लगाई गई है।
00:14आज इस साथ से हम पूरे निर्मान का रिपोर्ट दिखेंगे।
00:21अब अनमान यह है कि मंदिर और परपोटा जिसमे लगभग 14 लाख कुबिक स्थीट, अनमानित 14 लाख कुबिक स्थीट बंजी पहाडपूर का फथर लगना था।
00:44अब आउशे इसके वन एक लाख की लिप्टी रागया है।
00:51बाकि सभी कार जो बंजी पहाडपूर के पत्थर के मंदिर और परपोटा में किया जाने हैं।
01:02अनमानित आप संदेंगी 13 लाख की लिप्टी कौट्योग किया जाने है।
01:08मंदिर में जो रामकथा जो अर्टिंग से है।
01:18उसकी कुल लंबाई रनिंग कीट में भग 800 फिट है।
01:28जिसमें 500 फिट के उपर रामकथा के पत्थर मूरल दिसको करते हैं।
01:36तो लगाए जाए है। परकोटा में जो ब्रांज का मूरल लगना है।
01:48जो फुल मिलाकर लगब अश्ची मूरल लगेंगे।
01:54अश्ची पैनल बनेगा। इसमें अब तक तरी 45 मूरल लग से। यह कारी भी प्रगती पर है।
02:06आपको सुनकर यह भी संतोश होगा।
02:11कि भारत में पुर्यदेश में पहली बार टाइटेनियम धातु की जो हमारे मंदिर में प्रशम तल, भूतल और विती तल पे बड़ी-बड़ी खिर्कियां हैं।
02:34तो उन पर टाइटेनियम धातु से जाली लगाई गई है।
02:42जो अपने में अनोखी है क्योंकि आप जानते हैं कि टाइटेनियम का जीवन बहुत लंबा।
02:50उससे बाक्नियों समझें कि वह एक हजार बड़ से भी जादे माना जाएगा।
02:57और धातु ऐसी होती कि वह हल्की बहुत है। अन्नी की तुल्ना में हल्की होती है।
03:05तो यह एक नया अनुभव किया गया।
03:09केंद्र सरकार की एक उपक्रम है।
03:13मिधानी, मिष्ण धातु उपक्रम है। उन्होंने इस जाली को बनाया।
03:21और फुल मिलाकर के करीब 32 जाली लगेंगी।
03:27इसका एक जाली लगकर उसका अनुभव कर लिया गया। अभ्यास कर लिया गया।
03:37इसे कलपास कर लिया गया। और अब उसके अनुखार बाकी जालियां अनुमानित 15 अगस्तर बनाकर और लगा दें।
03:49तो इस प्रकार जो जाली का काम है मंदिल में अउशेष और जो राम कथा का जो मैंने अभी आपको बिम्रन लिया।
03:58यह जो मुख्यकार हैं। हम यह तो नहीं कह रहे हैं कि बिल्कुल हमने जो शेडूल बनाया था उसके अनुशार प्रदत हैं।
04:10लेकिन हम आश्वस्त हैं कि जुलाई के अंच तक यह सभी निर्मान सारे पुरिया।
04:19जी वो बिल्कुल अंतिम हो गया है उसके कारी शुरू हो गया है।
04:32इसको हम यह प्रयास करेंगे कि बिल्कुल इसी प्रकार जो अभी तक आस्थाई मंदिर था।
04:42जो इस प्रकार से आप वांडेशन पर सोचें। लकडी का था। तो उसी का उसी आकार का एक मंदिर बनाया जाएगा।
04:57जाएगा। टीक वुड्क में होगा। टीक वुड्क की सीजनिंग जो है वो एक केंदरी संसा है जो संसुती करती है कि लकडी के दिर्ग काल जीवन रहे। उसको किस प्रकार हो।
05:13जो तो अन्पालंग किया जाएगा। और उसके उपर वो जो मंदिर बन जाएगा। और स्थापिक हो जाएगा।
05:25संरक्षण के लिए अन्प्रेकिबल सीशे का एक कवर प्रोवाइड होगा। जो और वेदर प्रूप होगा। और इसकार लोग देख सकेंगे कि हमारे भगवान आस्थाई मंदिर में कहां है और वहां से बर्तमान में कहां परूँए।