अयोध्या, यूपी: राम जन्मभूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंदिर को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि आज विस्तार से हम पूरे निर्माण कार्य को देखेंगे, अनुमान ये है कि मंदिर और परकोटा जिसमें लगभग 14 लाख क्यूबिक फीट अनुमानित वंशी पहाड़पुर का पत्थर लगना था। अब अवशेष केवल 1 लाख क्यूबिक फीट पत्थर रह गया है, बाकी सभी कार्य वंशी पहाड़पुर के पत्थर से मंदिर और परकोटा में किए जाने हैं। अनुमानित 13 लाख क्यूबिक फीट पत्थर का उपयोग किया जा चुका है, मंदिर में जो रामकथा लोवर प्लिंथ पर है उसकी कुल लंबाई रनिंग फीट में 800 फीट है जिसमें 500 फीट के ऊपर रामकथा के पत्थर लगाए जा चुके हैं। आपको जानकर संतोष होगा कि भारत में पहली बार टाइटेनियम धातु से जाली लगाई गई हैं जो अपने में अनोखी हैं। राम जन्मभूमि परिसर में अस्थाई मंदिर का कार्य लगभग पूरा हो गया है जो अभी तक अस्थाई मंदिर था जिसका फाउंडेशन लकड़ी का था तो उसी आकार का एक मंदिर बनाया जाएगा।
00:00And in the Bentech, the human being of the human being,
00:07in which I have been looking for a lot of the human being,
00:13and I have been looking for the human being.
00:18We will see the whole human being.
00:25Now the idea of the temple and the temple, which was 14,000,000 cubic feet, was the
00:45बंसी पहाडपूर का पत्थर लगना था, अब आउशेस केवल एक लाख क्यूबिक फीड रह गया है, बाकि सभी कारे जो बंसी पहाडपूर के पत्थर से मंदिर और परकोटा में किये जाने हैं, अनमाजित आप समझें कि तेरर लाख क्यूबिक फीड का उपयोग किया जा �
01:15जिसमें जो रामकथा रिवर प्लिंस पे है, उसकी कुल लंबाई रनिंग फीड में भग आठ सो फिट है, जिसमें पान्सो फिट के उपर रामकथा के पत्थर, जिसको करते हैं, वो लगाए जा चुके हैं,
01:45परबोटा में जो ब्राउंज का म्यूरल लगना है, जो उकुल मिलाकर लगबग 80 म्यूरल लगेंगे, 80 पैनल बनेगा, उसमें अब तक करीप 45 म्यूरल लग चुके हैं,
02:06तो यह कारी भी प्रगति पर है, आपको सुनकर यह भी संतोश होगा,
02:14कि भारत में, पुर्य देश में, पहली बार टाइटेनियम धातु की,
02:28कि जो हमारे मंदिर में प्रसम तल, भूतल और दिती तल पे बड़ी बड़ी खिड़कियां हैं,
02:38तो उन पर टाइटेनियम धातु से जाली लगाई गई है,
02:46जो अपने में अनोखी है, क्योंकि आप जानते हैं कि टाइटेनियम का जीवन बहुत लंबा,
02:54मतलब आपनियों समझें कि वह एक हजार बड़ से भी जादे माना जाएगा,
03:00और वह ठातु ऐसी होती कि वह हल्की बहुत होती है,
03:05अन्नी की तुल्ला में हल्की होती है,
03:16मिधानी, मिष्षण धातु, उपक्रम है, उन्होंने इस जाली को बनाया है,
03:25और कुल मिला करके करीब 32 जाली लगेंगी, भूतल पे, प्रसंतल पे और दिती तल पे,
03:35उसका एक जाली लगकर उसका अन्वह कर दिया गया, अभ्यास कर दिया गया,
03:41उसे कलपास कर दिया गया, और अब वो उसके अनुसार, बाकी जालिया,
03:48अन्मानित 15 अगस्तर बनाकर और लगा देंगे, तो इस प्रकार जो जाली का काम है,
03:56मंदिल में आउशेष और जो राम कथा का जो मैंने अभी आपको बिवरन दिया,
04:02यह दो वोखे कारे हैं, हम यह तो नहीं का रहे हैं कि बिल्कुल हमने जो शेडूल बनाया था, उसके अंसार प्रकती है,
04:14लेकिन हम आश्वस्त हैं कि जुलाई के अंत तक यह सभी निर्मान कारे पुरे हो जाएं,
04:24जी वो बिल्कुल अंतिम हो गया है, प्रेकार शुरू हो गया है, उसको हम यह प्रयास करेंगी कि बिल्कुल उसी प्रकार,
04:34जो अभी तक आश्थाई मंदिर था, जो एक प्रकार से आप पॉंडेशन पर सोचें कि लकडी का था,
04:45तो उसी का उसी आकार का एक मंदिर बनाया जाएगा, टीक वुट्क में होगा,
04:56टीक वुट्की सीजनिंग जो है वो एक केंदरी संसा है, जो संसुती करती है कि लकडी का दीर्ग का जीवन रहे,
05:07उसको किस प्रकार हो, टर्माइट वगएरा का उन पर अटैक न हो, तो उसका अनपालन किया जाएगा, और उसके उपर,
05:17वो जो मंदिर बन जाएगा और स्थापित हो जाएगा, संरक्षन के लिए अनब्रेकबल सीशे का एक कवर प्रवाइड होगा, जो आल वेदर फूफ होगा, और इस प्रकार लोग देख सकेंगे, कि हमारे भगवान आज सही मंदिर में कहा है, और वहां से अब बर्समान में