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रणभूमि: ISS पहुंचे शुभांशु शुक्ला, जानें 14 दिन तक अंतरिक्ष में क्या करेंगे?

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00:00नमस्कार मैं हूँ गौरफ सावंत और इस समय की बड़ी खबर जो हम आपको बताने जा रहे हैं
00:0641 साल बाद वो घड़ी फिर से आ गई है जब एक और भारतिय ना केवल अंतरिक्ष में पहुँचा है
00:14बलकि भारतिय वायू सेना के ग्रूप कैप्टेन शुवांशु शुकला उनका जो अंतरिक्ष याने ड्रैगन वो अब से थोड़ी ही देर में
00:23इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन से जुड़ने जा रहा है
00:26डॉकिंग का काउंडाउन शुरू हो चुका है ये बहुत बड़ी घड़ी है
00:32बलकि नमस्कार मैं हूँ आपके साथ सुमें चौदिर विमान 25 जून को भारते समय अनुसार दोपैर 12 बचकर एक बजे
00:38फ्लॉरिडा के नासा कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉंच हुआ था
00:42इसे स्पेसेक्स फॉलकान 9 रॉकेट पर ड्रैगन अंतरिक्ष यान के जरिये लॉंच किया गया
00:47ये अंतरिक्ष में पहुच गया है
00:49अब इसकी डॉकिंग इंटरनाशनल स्पेस सेंटर में हो रही है
00:53और ये जो तस्वीरे हैं हम आपको दिखा रहे हैं
00:58ये बहुत ही पेचीदा एक-एक सेकंड और एक-एक मीटर को कम्प्यूटर देखता है
01:05वैसे मैं आपको ये बता दू कि ग्रूप कैप्टन सुबांशुर शुकला इस मिशन के पाइलिट है
01:10और वो इस डॉकिंग को सुपरवाइस कर रहे है
01:14ये देखिए ये जो इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन है
01:17इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन से वो ड्रागन यान जाकर उसको डॉक करेगा
01:22और ये कई फेजिस में ये पूरी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाता है
01:28जो ड्रागन यान है इसमें 16 ड्राको थ्रस्टर्स है
01:33यानि एक-एक थ्रस्टर इसकी स्पीड को कम करता है
01:36और जब ये पहले 10 किलो मीटर नीचे आ जाता है
01:41International Space Station के लिए
01:42अभी तो देखिए ये तस्वीरे देखिए
01:44बस कुछी क्षण दूर ये डॉकिंग है
01:47यानि वेपोइंट 1 पर 220 मीटर
01:51और उस 220 मीटर के बाद
01:52वेपोइंट 2 महज 20 मीटर
01:56और अब कम्प्यूटर अपने आप
01:58इस डॉकिंग को अंजाम दे रहा है
02:01ये इतिहास बन रहा है
02:05आपके टेलिविजिन स्क्रीन पर
02:07लाइनिंग अप और लाइनिंग अप के बाद
02:11ये जो सेंसर हैं वो अपने आप
02:13स्पेस स्टेशन के सेंसर
02:15और इस स्पेस्शिप के सेंसर
02:17ये एक दूसरे से
02:19लॉग ओन करके लॉकिन कर लेते हैं
02:23वान मीटर बचाए महज
02:26सिर्फ एक मीटर
02:29अब कम्प्यूटर अपने आप
02:31सेंसर इसको डॉक करेगा
02:32और फिर लॉकिंग मेकानिजम
02:34स्पेस स्टेशन से
02:36ड्रैगन यान को लॉक कर लेगा
02:39और फिर केबल से
02:41लिंक अप हो जाएगा
02:42जब केबल से लिंक अप होगा
02:44तो उसके बाद आप देखेंगे
02:46कि डेटा कम्यूनिकेशन
02:48स्पेस स्टेशन पावर
02:51और डेटा
02:51पॉइंट कैप्चर कम्प्लीट
02:55और इतिहास बन गया है
02:57पहले भारतिय होंगे
02:59ग्रूप कैप्टन सुभांशु शुकला
03:01जो इंटनाशनल स्पेस स्टेशन में जाएंगे
03:03और वो इस मिशन के पाइलिट भी है
03:05इसको आप देख रहे हैं ये पूरी प्रक्रिया
03:25प्रक्रिया जोड़ा जाएगा तो इंटनाशनल स्पेस स्टेशन का
03:43जो डेटा है जो कम्यूनिकेशन है और जो पावर है
03:48वो मिलने लगेगी ब्रैगन यान को भी
03:52और उसके बाद दोनों के कैबिन को एक साथ प्रेशराइज किया जाएगा
03:58और तभी एक यान से जब प्रेशराइज हो जाएगा दोनों कैबिन
04:03जैसे विमान के अंदर हो जाता है
04:04तब आप देखेंगे कि उसके बाद वो डेगन यान से
04:10इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन में जाएगे
04:12और बहुत बड़ा इतिहास रचा जा चुका है
04:16ग्रूप कैप्टन शुभान्शु शुक्ला जो फाइटर पाइलिट है भाचेवाई सेना के
04:21अब वो ये स्पेस्शिप उड़ाते हुए उन्होंने डॉक कर लिया है
04:27वो इस मिशिन के पाइलिट है अलग-अलग मिशिन को अपने आप यहाँ अंजाम भी देंगे वो
04:33और आप देख सकते हैं किस तरह से उनका पूरा परिवार इसे देख रहा है
04:39क्योंकि ये बहुती समवेदंशील मामला होता है
04:43एक-एक मिलिमीटर ध्यान से देखा जाता है
04:46अगर करेक्शन की आवशक्ता होती है तब सिस्टम को करेक्ट किया जाता है
04:50और यहाँ आप देख रहे हैं कि ये केवल ग्रूप क्याप्टन शुभांशू शुक्रा जो मिशिन पाइलिट है
04:57उन्होंने सफलता पूरवक इसे अंजाम दिया
05:00और अगले 14 दिन तक रहेंगे वो यहाँ पर इस मिशिन में
05:03किलो 14 दिन तक लगातार करीबन 60 रिसर्च की जाएंगी
05:0660 में से करीबन 7 ऐसी होंगी जो शुभांशू शुक्रा करेंगे
05:09जिसमें ना सिर्व आप देखें स्पेस में कैसे मसल्स लॉस होती है
05:12इसको लेकर और कई और मेहतपूर्ण चीज़ें हैं
05:15जो उनके रिसर्च का पार्ट होगी लेकिन सबसे इंपॉर्टन बात ये
05:17दो तस्वीर आप देखें पहला कि जब डॉक किया गया
05:20वो तस्वीर हम आपको सीधी दिखा रहे हैं
05:22दूसरी उनके परिवार की तस्वीरे जो आप देखें
05:25कितनी उत्सा है पूरे देश बरके अंदर उनके परिवार में भी
05:28कैसे जब इसकी लांडिंग हुई जब ये डॉक किया गया
05:31उन पलों को गैद करना चाहता था हर भारती अपनी आँखों में
05:34ये देखना चाहता था कि भारत का ये तियास रस्ते वे कैसे
05:37एक बार फिर से 40 साल बाद आप मानियें कि कितना खुशी का लम्हा
05:41ये हमारे लिए है कि जब ये स्पेस आप कह सकते हैं कि जब डॉक किया गया
05:46वो तस्वीरे सब ने देखी दुनिया भर की नजरे समय उन तस्वीरों पर है कॉरब
05:50पृत्वी से 418 किलोमीटर उपर इस समय ये सफल डॉकिंग और ये बहुत ही समवेदनशील
06:01सेंसिटिव ये पूरी प्रक्रिया है क्योंकि इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन वो भी प्रेशराइज है
06:09और जो स्पेस शिप है वो भी प्रेशराइज दोनों को एक साथ किया जाता है
06:15ताकि अब उस फ़नल में से स्पेस स्टेशन से स्पेस शिप से स्पेस स्टेशन में ये चारो यात्री अंतरिक्ष यात्री पहुत सकते हैं
06:25और आपको सीधे लिए चलते हैं लखनाव आशीश में हमारे सहयोगी हमारे साथ जुड़ रहे हैं संदीपुनितन हमारे सहयोगी हमारे साथ है इस समय जबरदस लम्हा ये डॉकिंग सफलता पूरवक हो गई आशीश
06:39बिलकुन देखें ये जो डॉकिंग हुई है ये एतिहास का वो लम्हा है जो साथ आज इनको जो सुबांशू के माबाब बैटे हुए हैं वो देख रहे हैं तस्वीरों में आप देखिए कि किस तरीके से वो पूरी तरीके से इस समय अंदर से खुशी एक नजर आ रही है क्य
07:09मुमेंट का चुकि जैसे ही कहते हैं ना कि ये मुमेंट जब वो लिकले बाहर यानि कि उस पल का इंतजार का इंतजार एक कहते हैं वो कर रहे हैं तो ये अपने आप में है एक बड़ा लमहा है
07:19इन सभी के लिए और उन सोलों के लिए कि जिससे कहीं ना कहीं यह पूरी तरीके से एक ऐसा लामा जो सभी क्याइद करना चाहते हैं
07:27और ये पल जिसका इंतजार साथ शुमानशू बहुत पहले से उनके परिवार वाली कर रहे थे और शाय उनके जो रिलेटिव है वो कर रहे थे उनके जो टीचर्स हैं वो कर रहे थे
07:36चुकि आधर्ती से आस्मान तक का ये सफर कहीं ना कहीं ये सदियों में कहीं एक बार आता है
07:43और यही वो इतिहास है जो रच के दिखाया है और ये लमहा चुकि इनके लिए बहुत महत्पूर्ण इसलिए भी हो जाता है
07:49कि लखनओ के इस धर्ती से निकल कर कोई आकाश यानि अंत्रिक्ष में जब पहुचता है वो भी उनका शुभान शुक्ला
07:55तो ये एक बहुत महत्पूर्ण लमा है जिसका इंतजार ये सबी कर रहे हैं हम लोग स्क्रीन पे देख रहे हैं किस तरीके से डॉकिंग हो रही है
08:19यानि उस उस धर्ती पर जो अंत्रिक्ष में वहाँ पर पहुचेगा तो क्या फिलिशा बले रही है हमारे साथ लगातार तस्वीरे दिखाते रही है हमारे साथ संदीप उनितन भी जुड़े हैं संदीप डॉकिंग की बात की जा रही है गौरफ ने बहुत अच्छे से एक
08:49करते हैं जो यह सुन सपेस क्राफ्ट नियुक्त वह रहा हैं वह एक बुलेट के स्पीड पे ट्रावल कर छ बलेट गशवेट के पर एट्य। गशरे अगोर्गेक्वर पर 152 यह उन दोनों को एक बिल्कुल सिंग्रोलाइज करके इतनी जो उब्जेक्ς दोड्रैवल कर र
09:19कंट्रीज के पास ये शमता है हो सकता है आगे कुछ साल बाद हमें एक इंडियन आस्टोनाट को एक इंडियन स्पेस्क्राफ में और एक इंडियन स्पेस्टेशन में ये करते हुए हमें देखने को मिलेगा क्योंकि सपना तो यही है भारत का भी लेकिन ये जो डॉकिंग की �
09:49ड्रेको थस्ट्राज उसमें लगे रहते हैं स्पीड को मनूवर करने के लिए और यही पर ग्रूप कैप्टन शुवांशु शुकला की जो भूमिका है वो बहुत महतुपूर हो जाती है अब जब डॉकिंग हो गई है उसके बाद भी कंप्यूटर्स चेक करते हैं पहले अ
10:19सभी सेंसर सभी कैमरा सभी रेडार जब वो पूरी चेकिंग हो जाएगी सेंसर द्वारा उसके बाद एक केबल से स्पेस स्टेशन को स्पेस शिप से जोड़ा जाएगा ताकि कम्यूनिकेशन हो सके उससे पावर मिल सकेगी स्पेस स्टेशन से स्पेस शिप को उसके से डे�
10:49पेस्टेशन में आसानी से जा सकेंगे.
10:53संदीब.
10:53बिल्कुल कौरफ.
10:54और ये एक बहुत ही एक चालेंजिंग मनुवर है,
10:56जो ऐसे आपने समझाया है.
10:58एक बिल्कुल माइक्रो सेकंड्स की जो ये प्रिसिशन है,
11:04इससे पूरे इस ओपरेशन को कौरडिनेट करना पड़ता है,
11:08क्योंकि बेसिकली जो है, ये दोनों आपजेक्स जो है,
11:11बहुत ही हाई स्पीड पे चलते हैं, और्बिट में.
11:13तो उनको बिल्कुल एक कौरडिनेटेड मनुवर, जैसे वो थ्रस्टर्स के जरिये,
11:18उनको स्पीड डिसलेरेट करके, एकदम बिल्कुल एक डिसलेरेट करके,
11:24एकदम पास लाके, फिर एक वो जो मिनियेचर डॉकिंग जो है,
11:28एक बहुत ही प्रिसाइस साइन्स है, बहुत ही कम देशों के पास ये शमता है,
11:33करीब दो या तीन राश्टरों के पास ही एक एबिलिटी है, ये करने की,
11:38जो हम अब देखने वाले हैं.
11:40बिल्कुल उश्वा, एक और बात आपसे संदीब जाना चाहा रहा था,
11:44क्योंकि एक फाइटर पाइट के लिए,
11:46ग्रूप कैपिन सुभाज़ चुछ शुक्रा गूप एक फाइटर पाइटर पाइट,
11:48लिकिन एक स्पेस पाइट के लिए, क्योंकि वो इस पूरे विमान के आप पेशप को चला रहे हैं,
11:52ऐसे में कितने चालेंजेज होता है, एक पाइलट के लिए खासका और पर ऐसे ही मिश्म को पूरा करना.
11:58ये एक आप सारे जो मेजौरीटी ओफ एश्टरेंट होते हैं,
12:03सुमित ये जिरडर्ली फाइटर पाइलेट होते हैं,
12:06fighter pilots होते हैं या फिर experimental test pilots होते हैं
12:10क्योंकि जो fighter pilots हैं, जो test pilots हैं
12:13उनको already इतनी, उनकी physical fitness levels बहुत जबरदस्त है
12:20उनको इसी बज़े से उनको test किया जाता है, उनको select किया जाता है
12:24और सारे जो space के pulls, pressures, सब वो withstand कर सकते हैं
12:29आपको याद होगा जैसे कि wing commander, squadron leader Rakesh Sharma
12:341984 में वो भी Air Force से थे और उनके पीछे भी काफी सारे
12:39दो-तीन और हमारे Air Force के pilots सेलेक्ट किये गए थे,
12:43stand by पे रखा गया था, squadron leader Ravish Malhotra भी थे उनके साथ,
12:48तो यह जो सारी जो हमारी astronaut core है, वो सब जो है
12:52fighter pilot stream से ही उनको चुना जाता है, क्योंकि सबसे अगर हम देखें,
12:58तो इंडिया की जो सबसे capable flight यह handle करने वाले जो है,
13:05वो हमारे test pilots होते हैं, वो हमारे fighter pilots होते हैं,
13:09और ज्यादा तर यह Indian Air Force से हैं और Indian Navy से भी कुछ हो सकते हैं.
13:12और यह देखें सबसे ताजा तस्वीरे से में हम आपको यह लाइव तस्वीरे दिखा रहे हैं,
13:20Group Captain Shubhanshu, शुक्ला और उनके साथ,
13:22We are here not only four of us, but we have with us our Z.O.G. indicator,
13:27Joy, that started to float with us just when we injected into orbit.
13:34Joy is floating with us all over the capsule so sometimes we have to find him and her,
13:42here with us, but it's an amazing feeling to be in orbit for the first time.
13:50When we unbuckled, when I unbuckled for the first time, I didn't feel 100%,
13:56but then everything settled and when I looked out through the window for the first time the view was just stunning.
14:04And where are we at?
14:05Now we are flying over Europe, we have just before this conference we saw passing Italy,
14:13Sicily, the Greek islands and the Balkans and now we are going a bit slightly up north,
14:18so towards Hungary and Poland a bit on the side.
14:22So yes, this is a great moment to be able to see back on Europe, on home, on our countries.
14:32And yes, Peggy, you can show the view through the window.
14:43Okay.
14:52Hello, everyone.
15:04Namaskar from space.
15:06I am thrilled to be here with my fellow astronauts, as Peggy said, one veteran and three rookies.
15:14And wow, what a ride it was.
15:17Frankly, when I was sitting in the capsule in Grace yesterday on the launch pad,
15:24my only thought in my mind was that let's just go.
15:27After 30 days of quarantine, it was a feeling that I just wanted to go.
15:31You know, the excitement and all was, you know, probably far away.
15:34It was just the feeling that let's just leave here.
15:37But when the ride started, it was something like you're getting pushed back into the seat.
15:43It was an amazing ride.
15:45And then suddenly, nothing.
15:48Everything silenced and you were just floating.
15:50You unbuckled and you were just floating in the silence of vacuum.
15:53It was an amazing feeling.
15:57I wanted to take this opportunity to thank everyone who has been a part of this.
16:01I understand that this is not a personal accomplishment.
16:07It is a collective achievement of each and every one of you who has been a part of this journey.
16:12And to make this possible, I really want to thank each one of you.
16:16Also to family and friends, you know, your support has mattered so much.
16:20This is so much because of all of you guys.
16:25We showed you joy and grace.
16:27You know, this is a swan, a great symbol.
16:29It looks really cute.
16:30But we have a very important spawn in our Indian culture, which we are about swan symbolizes wisdom.
16:39It also has the ability to discern, it should be focused on and what does not.
16:48So, basically, we call an age of distraction, I would say.
16:51So, this means a lot more, not just a zero-G indicator for us.
16:56And I think that we all have symbolism in Poland and in Hungary and India as well.
17:01So, I think this looks like a coincidence, but it has more meaning than what we are attaching to it.
17:09The capsule itself, Grace, has been very kind.
17:13I have been feeling, I was not feeling very great when we, you know, got shot into the vacuum.
17:19But since yesterday, I have been told that I have been sleeping a lot, which is a good sign.
17:25So, I think that's a great sign.
17:27I am getting used to this quite well, enjoying the views, enjoying the entire experience,
17:33learning like a baby, you know, learning the new steps, learning how to walk, learning how to control yourself, everything.
17:39learning how to eat, I think.
17:41So, it's a new environment, new challenge, and I am really enjoying this experience with my fellow astronauts here.
17:48And it's good to make mistakes, but it's better to see somebody else do that, too.
17:53So, it has been a fun time up here.
17:57That is all I have to say.
17:59Thank you so much, guys, for making this happen, and I am sure that we are going to have a great time.
18:04And with this, I will hand over to Tibor now.
18:07As soon as they get to the signal, we will start acting.
18:11Because that's the word that has to go.
18:14Captain Shubhanshu, Shukla ki baat aap ne suni, unhohne bharatiyya sanskriti ka bhi zikr kiya.
18:20That's the word that you can see.
18:22That's the word that you can see.
18:24That's the word that you can see.
18:26That's the word that you can see.
18:28That's the word that you can see.
18:30That's the word that you can see.
18:32That's the word that you can see.
18:34That's the word that you can see.
18:36That's the word that you can see.
18:38That's the word that you can see.
18:40That's the word that you can see.
18:42That's the word that you can see.
18:44That's the word that you can see.
18:46That's the word that you can see.
18:48That's the word that you can see.
18:50Peggy jone ki captain hain, wohh veteran hain.
18:52Bhaakit tino rookies hain, yani pahli baar hain.
18:54Kumar Kunal mere saiyo giy hain hain.
18:56Kunal, ye keval group captain Shubhanshu, Shukla ki nahin.
19:00Yeh bharat ki antiriksh me eek nai uraan hai.
19:04Sapnou ki eek nai uraan hai yeh.
19:10Bilkul aur.
19:11Jis tariqe se gaurav aaghe chal karke bharat ka apna mission,
19:14Gaganian mission jana hai.
19:16और 2028 में अपना space center,
19:20वहाँ पर खोलने का एक बहुत ज्यादा
19:22जो महत्व कांग्ची योजना है.
19:24उसकी तरफ यह पहला कदम है,
19:26यह पहली उडान है.
19:27और इसलिए खासा महत्वपूर्ण है.
19:29इस समय जब docking हो रही है
19:31और उसमें लगबग 10 से 20 मिनट का समय लगता है,
19:34जो पूरा process है,
19:35जो आपने समझाया भी,
19:36यह अभी कैसे latches,
19:3812 latches हैं,
19:39जिसके जरिए उनकी hooking process चलती है,
19:41उसके बाद एक connection किया जाता है,
19:44वेकनाइजीशन process होता है.
19:46यह तमाम चीजें जब complete हो जाएंगे,
19:48उसके बाद जो ISS,
19:50यानि जो Space Center है,
19:52उसके अंदर चारों अंतरिक शियात्री अंदर जाएंगे,
19:55वहां लगबग 14 दिन रहेंगे,
19:5760 से ज्यादा प्रयोग करेंगे,
19:58लेकिन यह प्रयोग क्यों महतोपून है,
20:00भारत के लिए बहुत बड़ा यह एक learning curve है,
20:03अनुभव लेने का समय है,
20:05क्योंकि शुभाशों जो जाएंगे,
20:07उसके बाद जो अनुभव लेकर के आएंगे,
20:09उससे पूरा भारत, ISRO और तमाम जो हमारी एजेंसिया है,
20:13उनको इतना फाइदा मिलने वाला है,
20:15जिसकी हम उमीब नहीं कर सकते हैं,
20:17जिसको आगे आने वाले दिनों में जो हमारी तमाम कई सारी योजनाएं हैं,
20:22उनको क्रियानवित करने में गौरव इसकी बहुत ज्यादा एहम भूमिका होगी,
20:27तो वो रुकी जरूर है, जैसा आप कह रहे थे कि एक उसमें वेटरन है,
20:30तीन रुकी हैं तो रुकी जरूर है, लेकिन जब आएंगे तो वो एक वेटरन बन करके आएंगे,
20:35और जैसा वो कह भी रहे थे, कि गलतियों से सीखना तो बहुत अच्छा होता है,
20:40और ये कई सारे प्रियोग जो करने वाले है, अगले 14 दिनों में सुभाश को और उनके टीम,
20:44उससे भारत को कहीं ज्यादा कहीं उची उडान भरने में कामियाभी आने वाले दिनों में मिलेगे।
20:50और ये डॉकिंग की प्रक्रिया जो आप हमें बता रहे थे, इसमें लगभग 15 से 20 मिनिट लगेंगे,
20:58क्योंकि ये बहुत ही पेचीदा पूरा सिस्टम होता है, आपको ये जानना बहुत ज़रूरी है,
21:03कि कहीं पर प्रेशराइज ना हो जाए कैबिन, कहीं पर कोई डेब्री, कोई मलबा ना हो, कोई तूप्रूट ना हो,
21:10और एक-एक सेंसर का क्लियरंस आना, वो भी स्पेस शिप से अलग और स्पेस स्टेशन से अलग, समय लगता है इस पूरी प्रक्रिया में, कुणाल.
21:20विल्कुल, लिडार टेकनिक से, कैमरे से, बहुत सारी ऐसी तकनीक है, देखें, जहां पर ये डॉकिंग की प्रक्रिया हो रही है न, वो हर्मनी पार्ट है, जो आई-एसस का, से सेंटर का जो हर्मनी पार्ट है, वहाँ पर आई-टी-ए-3 ये एक तरीके से है, वहाँ पर �
21:50लाकों के अभी तक लैब काम कर रहे हैं, जिसमें आपको डिस्टिनी जो है, वहाँ अमेरिका का लैब है, उसी तरीके से यूरोप का कोलंबस लैब और एक जैपैनिस लैब ही है, तो इन तम आम लैब्स की बदद से, अलग-अलग इसके बोड्यूल्स होते हैं, उन पर जा
22:20इस्ट्सकि कार रा� Lane, वहार्व, ही हैज है और भी कंटने प्लान, ही है जिसमेरे काहँ इसके नाने चterminने काम की जू openness नाने की लूड़ी साथ है अलग the जैब how 6725 है थेश्य शने नाने Communistव क 125 13 if भी शी टाने काम का काम
22:50मेन आफ विन्हास हुल अब düşंग हो अवान सबस्टत�li।
23:11फियास उपने जिलन और अवान बुन जिल अवन की प्रीमत engagements
23:18all this mission is thanks to you and we represent all of you here in Space
23:25when we met for the first time
23:27we have selected what we need forاظ the concept was Space for everyone
23:32and I really feel like this became even more true now
23:40but it became true for me when we met for the first time
23:42अज़ अचाल के लिजए लिग चेशिते हुंॉ
24:05घंटे का सफर रहा है अन्तराश्ट्रिय स्पेस्टेशन तक पहुंचने के लिए
24:11कुछ बोल रहे हैं, ग्रूपनि सुक्ला सुनते हैं, नमस्कार, एक छोटा सांदेश मेरे सारे देशवासियों के लिए, कुछी देर एक महिने कॉरिंटीन में रहने के बाद, कल आम लोग लाँच पार 39 से लाँच हुए, जहां से पहली मून लैंडिंग जहां से अपोलो 11 मि
24:41और जब हम लाँच कर रहे थे तो मेरे स्पेस उट पे तेरंगा मेरे शोल्डर स्पेस था, जो मुझे कहीं न कहीं है, याद दिला रहा था कि मैं अखेले यह जर्णी नहीं अंडटेक कर रहा हूं, बलकि आप सब मेरे साथ हैं, और इस जर्णी का एक हिस्सा है, तो यह आ�
25:11चोटा सा स्टेप पर एक बहुत सॉलिड और स्टेडी स्टेप है उस डारेक्शन में जिस तरफ हम जा रहे हैं, जो गण्यान जैसे मिशन को लेके, तो मैं चाहता हूं कि आप सब मेरे इस जर्णी का हिसा बने, आप भी उतना ही प्राउड फिल करें जितना मैं फिल कर रहा
25:41कि अगले 14 दिनों में मेरा जो मिशन एकमप्लिश्मेंट है, जो टास्क है, वो तो मैं अचीव करूं ही, बच जातर से ज़्यादा इन इस एक्सपीरियंस को मैं किस तरह से अपनी फोटोज और वीडियो में कैप्चर करूं ताकि मैं वापस आके आप लोगों के साथ इसे �
26:11चौदा दिन क्या सफर रहने वाला है, लेकिन अभी ये 418 किलोमीटर की जो यात्रा है पृत्वी से उपर इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन में और किस तरह से ये ट्राजिक्ट्री पर ये गोल गोल भूमते हुए अंतरिक्ष में जाते हैं, कब यॉरप के उपर उड़ रहे
26:41अमेरिका की है संदीप, ये जो पूरी इनकी कहानी एक तरह से है, तो ये पृत्वी का 30 प्रतिशत हुमन काइंड के लिए एक नए सूरियोदय की तरह है, शिक्षा भी और ग्यान का एक नए सूरियोदय.
26:57बिल्कुल कौरब, हम देखते हैं, जब एस्टोनाट्स जो हैं स्पेस में चले जाते हैं, तो जो हमारी जो सारी जो एनमीटीज हैं, वार्ज हैं, वो सब छोड़ के हम एक जुट हो जाते हैं, स्पेस में ऐसी कोई एनमीटी नहीं, कोई शत्रूता नहीं है, जिस तरह से हम
27:27कोपरेशन है स्पेस फ्रंटियर में और इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन में तो दोनों साथ भी रह चुके हैं और कितनी अच्छा उनका जीवन और संदीप आप मुझे बताईएगा और जिस तरह से रूस हो या अमेरिका एक ही इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन में एक साथ अ�
27:57इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन के बिल्कुल गौरव और यह जो है एक बहुत ही एहम कदम हमने आज उठाया है और अपरेशन मिशन आकाश गंगा से इसके आगे दो और बहुत एहम कदम है एक तो होगा गगन्यान जब हम दोहजार अठाईस या उन्टीस ते करीब हम अप
28:27तरह हम अपने खुद की इंडियन भारतिय स्पेस स्टेशन और्बिट में लॉंच करेंगे और उसमें चार से च्छे ऐसे इंटरनाशनल एस्टोनाट्स हम रखेंगे बहुत साल वेट करने की ज़रूरत नहीं है गौरव मात्र दस साल के अंदर हम खुद की भारतिय स्पेस
28:57और एक रिसर्च बहुत मेंतरपूर होने वाली है आपने बताए कि आने वाले वक्त में करीब दो ऐसे बड़े स्टेजिस होंगे जब इससे हमें बहुत मदद मिलने वाली है क्या क्या ऐसी चीजे होंगी खास तौर पर जिनको आप कह सकते हैं कि एक बड़ा आई ओपनर य
29:27आई शुकला अभी है 14 दिन रहेंगे उनकी जो एक्सपोजर जादा होगी इससे हम सबसे बहुत एहम बात हम पढ़ना सीखना चाहेंगे कि हुमन बॉड़ी की स्पेस में कैसे एक्स्पीरियंस है यह जो एक्सपीरियंस है वह हमनारे बाकी जो गगनियान के जो एस्टोना�
29:57मिशन पाइलिट की क्या बात्चीत हो रही है सुभी है यह जो एक्सपीरियंस है यह जो तो तीन अलग अलग देश और कप्तान अमेरिका की यानि भारत के मिशन पाइलिट है
30:25और सब हस्तेवे मुस्कुराते हुए अभिनंदन कर रहे हैं पूरे विश्व का क्योंकि यह तस्वीरे समय पूरा विश्व एक साथ देख रहा है और और और बिट के बारे में भी आपको बता रहे है किस तरह और बिट में वो जाते हैं और उनका जो हंस उनके साथ चल रह
30:55इस समय हमारे अश्टरोनॉट के साथ है बलकुल और देखें यह कितना बड़ा प्रतीका आपने देखा कि उन्होंने शुरूआत की नमस्ते से और उन्होंने यह भी बताया कि भारत की संस्कृती कैसी है और सभी देशवासियों के लिए एक सबसे खास बात है कि उन्होंने
31:25कर रही है परिवार तो बहुत साहे थोगा सवर्थ अधे है बुकुल गौर самом परिवार बहुत साहेत है इस पर्शल स्क्रीनिंग यह चल रही है परिवार से बात
31:36करेंगे बड़ी बात परिवारर ने कही है कि 14 दिन का समय है उसमें एक बार उन्होंने वीडिया कॉल करने
31:55है जो लांडिंग होई है उसको लेकर परिवार जो है वो बहुत साहित है परिवार भी अभी यहां पहुंचेगा परिवार से भी हम सीधे यहां पर रूबरू होंगे बात करेंगे किस तरह का
32:04है उनसे बात कर लेते हैं समझते हैं कि क्या आखिर वो कहना चाहते हैं देख सकते हैं कि माता जी है पिता जी है और उनका पूरा परिवार यहां पर आया हुआ है उनसे बात करने की हम कोशिश करेंगे और क्या कहेंगे पहरी प्रदिक्रिया है बहुत अच्छी प्रक्तिया है
32:34सबी को मैं जे हैं जो है जहाँ नहोंते वाटेश नहीं मेरी बच्चों के लिए मतरब दुआएं दी हैं
32:39उसको सब्को मैं धन्यवाद करता है जिस तरीके से मेंसेजि Shelby इंग सर्थ और जिए हैं सप्रेश से
32:43कि मतरब उन्होंने हमला को भी सज़दी है
32:52हम उनके लिए रे दिल से सुकरियादा करते हैं
32:56हमारे सब्सक्राइब का ऐसा है
33:00अब बड़ा शेयर नहीं है ओवर ऑल आप अगले
33:06आप देख सकते हैं यहां पर गॉरव की किस तरीके से प्रतिक्रिया यहां परिवार दे रहा है उनकी जो पिता है वो बात कर रहे हैं और उनकी जो बहेर है वो बात कर रही है और माता जी भी
33:36बड़ी बात ये कही गई है कि जो 14 दिन में उसमें एक समय इनको मिलेगा जब वीडियो कॉल पर बात कर जब वो ट्रेनिंग कर रहे थे इस बीच मुलकात आप पी होई नहीं लेकिन वीडियो कॉल पर लगातार बात्चीत हो रही थी मुलकात भी हुई थी अपरेल में हुई �
34:06कि इस बात्चीत जब अपरेल हो गई है थी एंद्धिय के लिए कि रहे थे कि लिएक पाउचे और उसकी डाकिंग को अन्व हमने भी देखा एद इन आम सो सो सौ है पे लोकिंग से लिए इस लिए पात उनके लांच होने से पहले थी ति यहां से सी अल्ट ने से पहले बात
34:36परिवार बहुत प्रसन है देश बहुत प्रसन है क्योंकि सब की निगाहें इसी पर टिकी है
35:05और क्यूंकि ये एक नई उडान होगी भारत के लिए भी भारत के सबने बहुत बढ़े हैं अंतरिक्ष को लेकर
35:14क्योंकि सबसे पहले भारत अपने अस्टरोनौत्स को भेजेगा अंतरिक्ष में पहले एक हुमनोईट भेजने की बात हो रही है
35:23और उसके बाद एक manned mission होगा space में और उसके बाद भारत अपना एक space station बनाएगा
35:31और इसका बकाइदा एक road map डॉक्टर जीतेंदर सिंग, science and technology minister वो बता चुके हैं कि कैसे भारत इस अभियान को आगे ले जाना चाहते है
35:41और उसमें group captain शुवांशुर शुकला की training क्या-क्या उन्होंने सीखा, क्या-क्या उन्होंने प्रयोग किये, ये बहुत महत्वपूर होंगे
35:49संदीब
35:50बिल्कुल गौरब, देखें, group captain शुकला जो है, पहले रूस में उन्होंने training ली और फिर उन्होंने युएस में जाके उनको launch किया गया
35:58तो दोनों जो रूस और अमरीका की जो scientific training है, space training है, उनको दोनों countries का benefit मिला और ये सबसे हैं
36:09बात है, जैसे कि इंडिया की जो position है, आज दोनों रूस और United States हमारे strategic partners है
36:15और इनके जरिये हम अपनी खुद की जो है, space missions, space programs उसको प्रोचसाहन देगे, बड़ोतरी देगे
36:22जैसे आपने बताया, गगन यान mission जो है, उसके आगे चलके भारतिय स्पेस स्टेशन और आगे चलके उसके आगे भी मार्ज में missions जो है, 2040-2050 के बाद
36:32ये सारी जो group captain शुकला की जो mission है, वो बिल्कुल उस सारे जो manned missions है, उसकी नीव आज हम रख चुके हैं
36:41और सुमेच जिस तरह से ये चर्चा हो रही है, देखे सबका मनोबल आप अंतरिक्ष में देख सकते हैं, बहुत हाई है, चाहे भारत के आश्रोनोट हो, अमेरिका की टीम लीडर हो, क्या कह रहे हैं, एक बार सुनवाते हैं दर्शकों को
36:54अच्छी तरह उसने महिनत करके जो भी सक्सेश प्राप्त की है, उसके लिए हम बहुत खुश हैं, और बच्चे पर गर्ब है, हमें पूरा अपने बच्चे पर गर्ब है, और बच्चा बोल्ड है, शुरू से ही, बताया तो कि स्कूल का जो है, ये सब महिमा स्कूल किया है
37:24अब बुल्ड ने बहुत कुद दिया उसे, इतनी बॉल्ड नेस जो है, बहुत जाएंगे अब उनका प्रोगाम है, उसमें जाएंगे, मिलेंगे जाके उन्चों गुलाया है तो जाएंगे अभी यहीं निकलेंगे
37:41यही है, शरिदम के लिए टिन जाएंगे आखर उनका है ऋसके लिए प्रेशर आजयीशन के लिए खाएंगे बॉल्ड मेंगे रहेंगे, बहुत
38:05आखु आएंगे निकरोड स्चय के लिए खेंगे
38:09बसके पाराइब सways 7
38:12विखने इस सब्सक्रवrative
38:20इस पिक्तित तप्रेज के दिवेान एक गिंवें
38:21लुणानेज कि भी पूर्स कर दिव कि रिद नियर
38:25ऀने कि यव एक्ष्ट रोन था
38:28आपनेहाँ नियर भस suprem
38:32कि असवाराओा अ कंषछ भी और स्थ
38:37पुछिय हमाहिए टोग अगल में दोट्स, विपने बीछी वितले हैं, विन भी संट लुट्स मिलेक हैं, स्टूरो भेट लिग साथजिए अभर्लग लिग सौर्व शेखी लिए लिए, यह की बॉट्ट्वनी लिए लिए सब्सेशन लिए हैं, विए्टेक्वाइब में आ�
39:07तो उनको एक्दम से डर लगा शुबांशु को कि आज तो बहुत कसके डांट पड़ेगी क्योंकि मैंने मैं अच्छा नहीं किया है और नागेश और सर जहें वो घर आ गया है बताने के लिए पैरेंस को तो इस तरीके का जो है वो इस तरीके की परस्नाल्टी है तो बहुत ही
39:37कहते हैं उनका व्यक्तित जहें बहुत ही प्रभावशाली व्यक्तित है एक डीप थिंकर है वो शुबांशु शुक्ला थाट्फुल परस्न
39:46तो दो जगा की बातचीत आप सुन रहे हैं एक अंतरिक्ष में और एक लखनाव में उनके घर पर परिवार भी और उनके अध्यापक भी और देखें उनकी परस्नालिटी की कितनी बड़ी बात बताई कि अगर परीक्षा भी होती है तो उनका मनुबल नहीं गिरता है और य
40:16देश कहिए और सबकुछ मतरब जो हमारा जो है इसमें लाइप का एक्चीवमेंट बच्चे का एक्चीवमेंट हमारा एक्चीवमेंट है इन एफ़ोर्स ग्रूप कैप्टेन कई लंबे दौर पर गये होंगे जब आपकी बात नहीं हो पाती होगी और यह 14 दिन का दौर ज
40:46दरेगा तभी हम बात कर पाएंगे हमारी तरफ से कोई उसका जो है ना कोई मैसेज हो सकता ना कुछ हो सकता है लोग ज्यादा इस पर नहीं नहीं द्यान देते हैं ठीडि निंग दे टें क्योंग बच्चे ने आज 2019 से खाना पिना सब उसका चुटा हुआ है वो तो जो भी
41:16पुरी जैसे कर रहें उसी तरह करते रहें और अपनी सक्सेश को है सक्सेश के साथ हमसे जोसमें मिले हम उनके लिए कामना करते हैं दूआ करते हैं
41:40किस तरीके से जोए शुभांशू के जो पिता हैं वो उन्होंने बादचीत की खास बादचीत की हमसे और बताया कि किस तरीके से वो कितने उत्साहे थे और किये 14 दिन कितने कठने परिवार के लिए भी बीतने वाले हैं कैमरबं गौरक के साथ समर्थ शबास तब लखने हु�
42:10कि आपको वहां से भारत कैसा लग रहा है तो उन्होंने कहा था सारे जहां से अच्छा हिंदोस था हमारा अब यही प्रतीक्षा हमें रहेगी कि ग्रूप का जो अंतरिक्ष मिशन है उससे कितने नए पंक और नए सपने मिलेंगे कुणाल
42:40तो यह पूरा जो ग्रूप गया है चार अस्टरोट का उसमें जो पेगी विट्सन है उनके पास अनुभव है वह अमेरिका के है लेकिन दो उनके को पाइल जो पाइलेट है वह शुभांशु यानि शुभांशु जो है वह एक पूर्या अनुभव लेकर के आएंगे अंतर
43:10उसने उसको इतना उचाईयों के पहुंचा है
43:12कुणाल आप हमें बता रहे थे कि किस तरह से जो भारत का मिशन है
43:28स्पेस मिशन वो अब बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है और जिस तरह से सरकार ने उस पर ध्यान दिया हुआ है
43:36पहले अन्मांड मिशन फिर मैंड मिशन और भारत का अपना इंटरनाशनल स्पेस टेशन या इंडियन स्पेस टेशन उसके बारे में भी हमें बताईए
43:46देखें ये बहुत महत्वा कांशी योजना है क्योंकि पहले ही भारत नहीं यह घूशना कर दीती
43:55कि जब चंद्रियान एक बार सफल हो गया उसके बाद अगला पड़ाओ जो है वो अपने अंतरिक्ष यात्रियों को इसरो भेजेगा तो वो एक बहुत ही बड़ी योजना है जिसके लिए लगातार कई सारे प्रियोग किये जा रहे हैं प्रियोग शुरू हो चुके हैं अल
44:25काम करता है उसके अंदर प्रियोग कैसे की जाते हैं कई सारे प्रियोग करेंगे भी शुभांशो जुसमें अगर हम बात करें कि इसरों ने कौन-कौन से प्रियोग करने के लिए भेजा है शुभांशो को तो उसमें कैसे मस्कुलर आपका जो मसल्स पर क्या प्रभाव होता
44:55का अनुभब ले करके आएंगे साथ ही साथ यह जो डॉकिंग का प्रॉसेस अभी कंप्लीट हुआ यह बहुत टेक्निकल बहुत तक्नीकी तौर पर चैलेंजिंग प्रॉसेस है इसको कैसे कंप्लीट करना है फिर उसके आगे प्रेयोग कैसे करने यह सारी चीजे भारतिय अंत
45:25पर चुका है उसने बहुत लंबी च्हलांग भरी है तो इसी लिए जो सुभाश्यों भी पहर रहाया थे कि यह सिर्फ मेरी यात्रा नहीं है यह पूरे देश की यात्रा है 5000 करोड लोगों की यात्रा है जो की भारत को एक नए मिश्रण पर एक नई मुकाम पर एक नई या
45:55अंत्रिक्ष में सोईज मिशन जो की तब सोवियत संग हुआ करता था, आज लासा की तरफ से हमारे अंत्रिक्ष यात्री गए हैं, तो ये जो तमाम चीजें हैं वो एक एक करके आगे कदम बढ़ाते जा रहे हैं, और हमारा तो मिशन है ही न, जैसे हम आप तो सेना को बहुत �
46:25इस मिशन के पाइलिट है, बहुत महतुपूर भूमिका संदीप उनकी इस मिशन में भी जो उनके एक्सपेरिमेंट्स होंगे, वो करेंगे, वो तो अलग, लेकिन डॉकिंग में, हैचिंग में और इस पूरी प्रक्रिया में, हैचिंग यानि जब स्पेस स्टेशन का दर्�
46:55गुरू कैप्टन शुकला की सबसे महतुपूर्ण मिशन है, अपने पूरी करियर की, जो उन्होंने आज निभाया है, वो है ये डॉकिंग मिशन के ताउर पे, उन्होंने तीन हजार घंटे ट्रेन किये हैं इंडियन एर फोर्स के फाइटर जेट्स में, लेकिन आज जो है
47:25और पे उन्होंने उनको लाके उसको डॉक कर दिया है, इसी वज़े से वो है जो हमारे फ्यूचर मिशन है, उसमें बहुत ही एक एहम रोल वो निभाएंगे, हमारे जो आने वाले जो गगन यात्री है, जो इंडियन ऐस्ट्रोनोट्स है, उनको ट्रेन करने में ये बहुत ह
47:55तो स्पेस्शिप उसमें मिलने के लिए जा रहा है, वो भी परिक्रमा लगा रहा है और दोनों चल रहे हैं, ऐसे में दोनों का मिलान करना, मिलाप करना, एक-एक माइक्रो सेकंड दोनों का एक साथ आना संदीप ये दिखाता है कि ये बिलकुल जिस तरह से विज्ञान की �
48:25एक चीज आंकी जाती है संदीप, बिलकुल गौरव, ये सबसे चैलेंजिंग ये है, जैसे आपने कहा, दो अबजेक्स जो है, हाई स्पीड पे ट्रावल और्बिट कर रहे हैं, अर्थ के अराउंड और्बिट जो है, 25 मार्ग के स्पीड पे वो दोनों जो है, अबजेक्स
48:55आज किया, बिलकुल गुलेट से भी ज्यादा तेज स्पीड में दो अबजेक्स प्रावल करें, उन दोनों को एकदम लॉक करना, एक बहुत ही एक कठिन मिशन है, जो ग्रूप कैप्टिन शुकला ने आज कर दिखा है, बिलकुल कठिन मिशन है संदीप और ये बहुत मु�

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