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कथावाचक की चोटी काटी, जाति पर बवाल, दो आधार कार्ड का सच क्या?
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00:00क्या कथावाचक की जाती होनी चाहिए? यह सवाथ उत्तरप्रदेश के टावा के एक मामले से उठा है और जाती की सियासत का बड़ा मुद्दा उत्तरप्रदेश में बनता जा रहा है क्योंकि समाजवादी पाटी के अध्यक्ष अकिलेश यादव ने इसे पीडिये यानि प
00:30सवाल ये है कि क्या एक व्यक्तिकत मामले को सियासत में उलजा कर जातिकत लड़ाई की कोशिश हुई है ताकि हिंदूों को बाटा जा सके हम आपको दिखाएंगे ये जो शक्स है जिसकी पिटाई हुई है इसके दो आधार कार्ड है एक असली और एक फर्जी तो फिर क्या य
01:00आकई अधिकार का मसला है भेदभाव का मसला है प्रामर्यादफ के खाचे कथा कौन बाचे यही है हल्ला बोल का विश है लेकिन पहले ये रिपोर्ट
01:08उत्रप्रदेश के टावा में मारपीट के इस बाइरल वीडियो पर ऐसी सियासत चुरू हुई है कि जिस देश में 600 बरस पहले कबीर की अवाणी लगभग सबने स्विकार की हो जात न पूछो साधू की पूछ लीजिये ग्यान
01:22वहां कथावाचक की जाती का नया हंगावा खड़ा हो गया है भगवान की कथा कौन कह सकता है अखलेश यादर ने सवाल उठाया है कि क्या पीडिये यानि पिछडा दलिप अल्पसंख्यक समाच से आने वाला व्यक्ति कथा नहीं कह सकता इस पूरी राजनीती पर आगे ब
01:52पहमन्मण नहीं है मुकुट और की हमारे आचारगी की काड़ी फिर हमारी चोटी काठी बजरंग्वली के जैकारे लगाए उसके बाद हम तक उम्हा से निकले
02:12इन्होंने कहा गित्व यह तीन सो एक सो तीन तेरी आपने ब्रामणों के गवाँ में तुम यादो हो
02:20राढ़ी इन्होंने बहुत टोहिचर किया से यहां तक कि अमारी बाल काड़ दे और जो परिचित बना था परिचित की मैडम से
02:36ब्रामण के बाद मुकुत मुझी को पीडीये समाज का बता कर समाजवादी पार्टी मुख्याले में अखलेश यादब ने सम्मानित किया
02:48इस बीच मुकुट मणी और संत कुमार के साथ पिटाई के मामले को लेकर फुलिस ने भी एक्षन लेकर चार लोगों को गिरफतार किया
02:54लेकिन मामले में नया ट्विस्ट इसलिए आया है क्योंकि मुकुत मनी और संत कुमार के खिलाफ अपनी यादा पहचान चिपाने और खुद को फर्जी तरीके से ब्राहमन बताने की F.I.R. दर्ज हुई है
03:06फर्जी आधार कार्ड के आधार पर धोखादड़ी के आरोप उन पर लगे हैं
03:11इस बीच जिस परिवार में दोनों कता कहने के लिए गए थे वहां की एक महिला ने छेड़ चाड़ का आरोप भी लगा दिया
03:17इस मामले में किस पक्ष की सचाई किया है यह अपनी जगह है
03:38लेकिन बड़ा सवाल जाती पर किची लकीर का है
03:41एक और पश्मी यूपी से लेकर पूर्वी यूपी तक ब्राह्मण बनाम पिचड़ा की तलबारे खिची है
03:49तो इसे अखलेशादव अपनी पीडिये की सियासत तक ही चलाए है
04:01जिनके बाल काटे गए जिनकी चुटिया काटी गई वो अपने भगवान की भी नहीं भगवाद की तक आ सकते अपनी कता नहीं कह सकते
04:13अब दीजे भी यह तकलीब है भगवान किष्ण का परचार जाता है उसे दुनिया में बूचते हैं इतनी जिगाए दोने
04:20मैं तो आपके माद्यम से अफील करूँगा कि मद्वदेश के मुख्यमंती जी मद्वदेश से एक दिन का समय निकाले
04:29और जिनका सर गुटाया है जिन पे पैशाब डाली गई है जिनकी चुटिया काटी गई है उस परिवार से जरूर मिलें और जिनों ने किया उस परिवार से भी मिलें
04:43ये नया हंगामा ऐसे समय में हुआ है जब जंगाणा में जातियां गिनने की बात हुई है
04:48जब अखलेश यादव और राहूल गांदी जैसे नेता बजट बनाने वाले अफसरों और पत्रकारों से लेकर पुलिस में भरती होने वालों की जाती पूछ रहे हैं
04:57इतावा मामले पर मचे हंगामे के बीच योगी आदेतनात का सीधा आरोप है कि जाती संगर्ष पैदा करने की कोशिश हो रही है
05:03ये वही आदेतनात हैं जिन्होंने हिंदूओं के लिए बटेंगे तो कटेंगे की लखीर खींची है
05:09जब भी जाती के नाम पर छेतर के नाम पर भासा के नाम पर बटेंगे तो निर्मम्ता से कटे भी है
05:19इतावा कथावाचक मामले पर छड़ी बहस के बीच ये भी एक तत्थ है कि हुँआ भारती जैसे पिछड़े समात से आने वाले कई सफल गत्त्त हैं
05:26जिनके लिए उनकी जाती, कथा, सादुत्तु और सन्यास में आड़े नहीं आई
05:31लेकिन इटावा मामले को लेकर ही जोतिश्पीट के शंकराचार स्वामी सरूपानन ने ये कहकर एक पक्ष खड़ा किया है
05:38कि कथा कह सुन तो कोई भी सकता है, लेकिन व्यास पीट पर ब्रामन ही बैठेगा
05:43सारजनिक रूप से कोई कथा होती है, तो उसमें ब्रामन वक्ता व्यास आसन पर बैठता है
05:50हमारे साथ इस वक जुड़ गए है स्वामी अवी मुक्तेश्वरानन जी, शंकराचारे जी
05:55मेरा पहला प्रशा आप से यही है शंकराचारे जी कि आपने कहा है कि कथा कोई भी बोल सुन सकता है
06:02लेकिन व्यास पीट पर सिर्फ ब्रामन को ही बैठना चाहिए, अब कई लोग इस बात को चैलेंज कर रहे हैं
06:08कि दुनिया बहुत आगे जा चुकी है, अब हम ये उमीद तो रखते नहीं कि सिर्फ शत्रिय ही जाएगा युद्ध करने के लिए
06:14आज हर धर्म के लोग जाते हैं, हर जाती के लोग जाते हैं, बाल काटने नाइक का काम है तो वो भी किसी एक जाती से अब जुड़ा नहीं है
06:22तो जो पूरी वर्ण व्यवस्ताती उसमें बहुत बदलावाएं हैं, ऐसे में सिर्फ ब्रामन ही कथावाचक क्यों बनना चाहिए?
06:28पूरा का पूरा जो समाज है, वो अपनी जीविका के बारे में क्रिश्चिन तरह है
06:50प्रामन के लिए अगर अत्यान अत्यापन आदी, कता प्रवचन आदी आरक्षित किये गए थे
06:56पूरा जा क्यों, दॉस्पो अपना लुटा कां तो इसका मतलब का कि ब्रामन दूसरे कामों में नहीं जाएगा
07:04आप जब दामन सबकामों में जा रहा है तो जब चर्ट्रिय को माजिंघी तक psyche सम नहिंग ou की दिख और वसी आधा़ार Oh
07:22लेकिन ऐसा लगता है कि आपको शंकराचारे जी कि इसा अधार पर सनातन धर्म को बाटने की एक कोशिश हो रही है
07:29क्योंकि ऐसी चीज़ तो होनी नहीं चाहिए अने को एक बहुत लंबी लिस्ट है
07:33जिसमें खुद उमा भारती को आप देखें साध्वी रितंबरा ये ओबीसी समाज से आती है कथावा चक है बहुत सारे हैं
07:41निरंजन जोती हो साक्षी महराज हो बाबाराम देव हो बहुत सारे ऐसे लोग है जो काम काज कर रहे हैं धर्म से जुड़ा हुआ और वह उबीसी समाज से दलित समाज से ऐसे में इसमें क्या बुराई है
07:52यहां तक कहने सुनने की बात है वो सबको अधिकार है और सब कह रहे हैं जो सुनने वाले हैं सुन भी रहे हैं अगर कहीं पर कोई इसको नहीं स्विकार कर पा रहा है तो उसको भी कैसे गलत कहा जा सकता
08:14हैं लेकिन आप शंकरा चार्य जी हैं और आप जो बोलेंगे उसके मायने होंगे उसको लोग समझना भी चाहेंगे
08:21मतलब क्या आज की व्यवस्ता में जाती के आधार पर गीज्जि एक तरफा व्यवस्ता नहीं है
08:32अभी जो अपना समाज है भारत का, उस समाज में दो तरह के लोग पर गहें, एक लोग वरनाश्रम बेवस्ता को मान करके चल रहे हैं, और दूसरे लोग हैं जो वरनाश्रम को नहीं मानना चाहते हैं, अभी एक तरफा बेवस्ता नहीं हुई है, कि सब लोग वरनाश्रम के मा
09:02तुमानो यह तो ऐसी परिस्तिती में जो लोग वर्णाश्रम मान रहे हैं उनके पीछे भी ठोस्कानण हैं उनकी परंपरा है उनके शास्त है उनकी मर्यादाये हैं जो चली आ रही हैं लंबे समय से इसलिए उनको भी गलत नहीं कहा जा सकता और जो नए विचारों के हाथ घ�
09:32और वो भी कोई एक विशात थारा ले करके खड़े हुए हैं, तो उनको भी हम कैसे गलत कह दें, तो इसमें समझ विप्सित करनी होगी, कि जो लोग परंपरावादी हैं, उनके वो भी गलत न कहा जाए, और जो लोग आधरिक्ता के पक्षपाती हो करके, सब के लिए सब काम क
10:02तो नहीं को करना चाहिए, पर यह तो अभी अईसे वक्त पर रियाज़ खाने तो
10:31तो अब पॉलिटिकल अखाडा बन गया है क्योंकि इसको अपने पीडिये से अखिलेश यादर जी ने जोड़ दिया है और अखिलेश जी ने फिर माला पहना आया है इन लोगों को जिन पर आरोप ये लग रहा है कि तो दो दो आधार काड लेकर घूम रहे थे और जो महिला ह
11:01कि कोई पीड करके आ रहा है और कोई उसता साल देंज़र करके सब्मान गया है जो पिट करके आता है उसके सम्वेद्नन व्यक्त की जाती है धाई तुमको नयाई दिलाएंगे घे आ сюж नाई किया जाता ये took कर रहा है वह जाने क्या करना है
11:23लेकिन तरकार जो है, दोनों पक्ष अभी बाहर गूम रहे हैं, दोनों का इंटर्व्यू आपके पतरकार लोग ले रहे हैं, सवाल यह है कि इतनी बड़ी घटना घट गई है, पूरे देश में को लाल हो रहा है, दोनों का अपरात बताया जा रहा है, एक पक्ष कह रहा है कि
11:53शंकराचारे जी और आपने तमाम सवालों के जवाब दिये, बहुत बहुत धन्यवाद आपका जो तिरमट के शंकराचारे, स्वामी अभी मुक्तेश्वरानन को आप सुन रहे थे, जो सिरे से अखिलेश यादव जी ने जो किया है, उसको गलट ठहरा रहे हैं, और उनका �
12:23मुझे लगता है कि मनोज काका जी अब तो आप ही से शुरू करना चाहिए, हमारे साथ रेनु तिवारी जी भी जुड़ गई है, जी बिल्कुल करें, एक सेकंड मनोज जी, आप मनोज जी, रेनु जी को भी दिखाईए, मनोज जी को और सात मेह में, रेनु जी, आपका ये
12:53प्रभक्ताज बैठे हुए है, और उन्होंने उनको सम्मानित किया अखिलेश यादव जी ने, क्या हुआ था, क्या रोप है आपका, ये गलत है, उन्होंने सम्मान उनका बुला की किया, दोनों पच्छ रखते, तो इतना मामला आंगे नहीं बढ़ता, संप्रतावाम यो�
13:23आएंगे, लड़किया उठा ले जाएंगे. पर हुआ क्यों उनके साथ ऐसा वेभार क्यों किया, जो हम लोग तस्वीरे देख रहे हैं, ये वीडियो देख रहे हैं, कि उनका बाल मुंडा जा रहा है, उन्हों के साथ गलत वेभार हो रहा है, ये क्यों किया गया, उनका, �
13:53नोनी फटा रहा, ये बत्तमीजी करने की को है, और फिर कुछ लड़कों ने इन पे माफी मंगवाई, जो खुझे खुद माफी माफी मांग रहे हैं, मेरे पेरों से पढ़के हम से गलत हुआ.
14:03मरोज काका जी, क्या आपको लगता है, जो इन महिला का आरोप है, और जो तस्वीरें उसके बाद से सम्मानित करना चाहिया था, आपने शंकरा चारे जी को सुना, वो भी इसे घलत ठहरा रहे हैं, और ये महिला का भी आरोप है, आप उनसे भी सीधा बात कर सकते हैं, आप �
14:33चारे जी को ये बखुबी समझ लेना चाहिए, और मुक्ते स्वरा नन जी को, कि ये देश किसी बेद, पुरान और किसी तरह के धार्मिक ग्रंट से नहीं चल रहा है, ये देश संविधान से चल रहा है, और संविधान के प्रस्तावना में, संविधान का प्रस्तावना वो
15:03ही लिखा है कि हम सभी को सभी नागरिकों को अपने धर्म और उपाचना की पूरी स्वतंत्रता है तो पहले तो उनकी बाती गलती वह मनुश्मृति से
15:13चलाना चाहरा है देश क्या आप यह मानती है कि यह देश मनुश्मृति से चले गांजरा जी यह देश संभीधान से चल रहा है जिस संभीधान को हम 26 नौंबर 1909 को अंगी करित किये और 26 जनौरी
15:24350 को लागूति है उससे चला जो जो आपके मंच पर दिख रहा है यह सारो वही लोग जो संभीधान को नहीं मानने वाले लोग
15:32हैं जो मनुवाद को मानने वाले हैं वो तो चाहते ही हैं कि वन बेवस्था बनी रहें वो चाहते ही हैं कि उनका स्रेश्टता और उनका जो है बर्चस्वादी प्रभुत्वादी सामंती ब्योहार बना रहे पांक फीसदी लोग वो चाहते हैं कि वो पूरे देश के 90 फीस�
16:02का अगर कुकृत का अगर कोई सादू अगर कोई संस्थ कोई संक्राचारे अगर समर्थं कर रहा है तो मैं समस्ता हो
16:09कि इससे गिरा हुआ और इससे अमान्वी विचाढ़ давara का समोनतर नहीं होगा हमारे नेता ने क्या करा मनोजी इसको
16:16को भी जब कौन सी मजबूरी है जिसकी वजह से आप एक पक्ष्टों सुनने को तयार है और कोई भी से सही नहीं ठहरा सकता कानून अपने हाथ में लेकर ये देश में किसी को इजासता ही मिल सकती कि वो किसी भी व्यक्ति के साथ दुर्व्यवार करें बाल काटें उसका सार्�
16:46कि हम कब नहीं साथ हैं हम तो करें कि उतर प्रदेश में सबसे ज़्यादा माताओं बहनों का बलतकार हो रहा है सबसे ज्यादा रहे हैं कौन सी आवाज हम लोग पने लहीं अगर इस मुआ के साथ भी गलत हुआ है तो उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जानी चाहीए कि क्य
17:16अधर प्रदेश में किस बेटी के साथ दुरा मने हर पक्स को रखता है हर पक्स को सामय रहे हैं कानपूर में बरबरता होती है और हम लोग नहीं खड़े रहते हैं समाधवादी पार्टी के नेता इस दुनिया में सबसे बड़े संबेधनाओं के महासाधर है वह पीडित के
17:46लेकिन यहां भी एक महिला बैठी है और वो भी बात कह रही है कमसे कम उस पर आपको रिस्पॉंड करना चाहिए था आपने रिस्पॉंड नहीं किया हम तो सिर्फ सब पक्सों को सामने रखना चाहते हैं क्योंकि पुलिस दो आधार कार्ट दिखा रही है ना दोनों आधार
18:16देश यादव जी भी हमारे साथ जुड़े है उनके पास जाएंगे जो कि अध्यक्ष है यादव परिशद के विश्व यादव परिशद के ओपी राजबर जी आपको मैंने सुना कहीं पर आप कह रहे हैं कि कथा वाचक तो ब्रामनी होना चाहिए क्यों भाई क्या अधार
18:46वो जाना चाहिए अगर कानून ठाना तहसील कचहरी देयम यस्पी अगर बात नहीं सुनते तब दूसरा कदम उठाने की बात आती है यहाँ 24 घंटे के अंदर अपरादी उसके खिलाब करवाई हो रही है गिरफतार हो रहा है या तो जेल जा रहा है उसके खिलाब करवाई
19:16आया है और जो सवाल आपने हमसे किया दिखे इस देश में कट उसत्य है कि जब इस देश में जाती बनी तो जातियों को काम मिला गया दिया गया जैसे ब्राह्मर को दान लेना पुजा पाट करना च्छत्री को सुरक्षा का यादव को भाईस रखने का दूद दोने का मौर
19:46लेकिन धीरे धीरे धीरे वो काम आज भी मैं दावे के साथ कहता हूँ आज भी लोग बड़े पैमाने पर जनम से लेकर के नाम रखने से लेके मृत्यू तक वहां कि उसके क्रिया करम तक भी अंतिम वही प्रक्रिया में लोग आ रहे हैं जो पहले की जातियों के आधार पे
20:16बडल गया है खाली अगर आप सोच कर्पणा की जाएगा मैं पूछना हूँ जो लोग चर्चा कर रहे हैं उनसे पूछिए जरा कि क्या उनके बेटे की साधी में ब्रामन नहीं जाता है जब उनके घर कोई बच्चा पैदा होता है तो नाम करन के लिए कहां जाते हैं किसके
20:46और बावा सब डक्टर मेटकर जी ने जो ब्यवस्ता दी है संभीधान के दाइरे में संभीधान में ब्यवस्ता है कि सबको अधिकार है जो सिक्षित हो गया जो पडलिक लिया जिस चीज का पारंगत हो गया वो वो कर सकता है लेकिन जो ब्यवस्ता है उस पुरानी ब्यवस
21:16पतनी से अपने माँ से अपने बहन से ही ज़ाली पूछ लें कि भाही जो ये ब्यवस्ता है नामकरण का जो साधी वीवाव में कौन जाता है जब पूछेंगे तब न पता लगेगा खाली हवा में बतिया देना है अलग बात है भाई जिक बहुत धन्यवाद आपका उम्प्र
21:46ब्राह्मण को बोलाते हैं लेकिन जाती का ब्राह्मण को नाम सब्रमान Miz ruga दोर सब्स.
21:57सबस्क्राइब देए लेकिन जन्म सका देए बिवर्वार है तो ब्राह्मण ही बूली जाएगी हुआ
22:15यह तो देखिए वरण विवस्ता थी जिसको बाद में कालंतर में जाती विवस्ता में कर दिया गए तो आप बहुत ही बहुत ही मतलब दार्शनिक वाली जो आधर्श विवस्ता एक सगेंड मुझे मुझे किसी को बुलाना है अभी अपने पूचा के लिए घर में तो पहले स
22:45सब्सकाいつ पता है अबी आचारची में यह कुझे म existe कैने को प्रणाम किया मैं नहीं मुझे पता हिसा इसलिए प्रणाम नहींद है नाहीं मुझे पता है इप्रणाम नहीं चाहिता लेकों और निग्या
23:15जैसे यग्यो पवित का संसकार होता है तो गुरुद कुछ क्या करकohais द्रिखित है।
23:45श्रीमत भागवत महापुरान को वहाँ वाचा जा रहा था उसी श्रीमत भागवत महापुरान में जब आप महात्म पढ़ेंगे तो छठे अध्याय के 20 में स्लोक में दिया गया है कि कथा वक्ता किस प्रकार होना चाहिए व्यासा ये विश्णु उपाया कोई वहाँ याद�
24:15और ये जो असलोक है एक सकेंड ये वह असलोक है बिरक्तो बैश्णवो विप्रो वेद सास्त्र विश्णु धिकृत द्रिश्टांत कुशलो धीरो वक्ता कारियोत निस्प्रहा यानि भागवत का वक्ता जो ब्यास पीट पर बैठे ये मैं नहीं कह रहा हूँ ये मेरा सास
24:45अंदर वेदों का सास्त्रों का ग्यान हो और त्रिकाल संध्या करने वाला हो विप्रोव रक्षट से मूलम चगायतरी अभी राज कुमार जी ने कहा ब्राम्मारों से लिकमासी दुबाहू राजन्या करता उरूत अधवश्या पद्भ्याकूं सुद्रों अजायता तो ब्
25:15कि नहीं धर्म गुरू जी कि अधिए पहले तो आभारवेक्ट करता हूं बहुत ही यह तंभीर विश्या है और देश में जिस प्रकार से एक जातिगत धार्विक रंग देकर एक पुनमात पहला जा रहा है यह दुर्भाग पुर्ण है इसका पुर्जोर विरोध करते हैं �
25:45हुई हरी को भजे से हरी का हुई हमारे वेद पुरान सास्त्र उपनिशत में सबको सबको धार्विक सवतनता है जैसे अभी तमाम राजनितिक दल के लोग बैटे थे कहा कि समिधान ने अधिकार दिया समिधान ने अधिकार दिया
26:01समय समय पर भार्विक ग्रंत से भी देश चला समय जब था जब मानव सरचना हुई तो मनु महराज के द्वारा मनु अस्मिर्ति के द्वारा चला चारो वेदों के द्वारा चला सास्त्रों के द्वारा चला कुरानों के द्वारा चला पाइबिल के द्वारा चला तो कहां �
26:31सब्सक्राइब गलति वहां पर हुई पहली बात इस प्रकार से उनके साथ
26:59नहीं होनी चाहिए तूसरी गल्तिया हुई और अचारि को भी नहीं बनना चाहिए था गर्व सकाई तिक रहां कथा करने जारें
27:13तो अचारे तो कहने का बहुत इस प्रकार से जो है वो चाहती चुपा कर लेकिन धर्व थोड़ी संटाइब उनको नहीं करने चाहिए था या भी व्याख्या निसम्टांवी बैठी हुई है इसलिए आप मुझे आप उसका प्रकार इससे कखा व्यासपीट से कोई मतलब नही
27:43स्यादोची को सन्यास का संबंद मन के साथ पुराण का संबंद सास्त्रों के साथ में वेदों के सास्त्र में जो इसम्रतियां देखिए संभीधान तो अभी 1950 में बना लेकिन जो संभीधान इससे पहले भी देश चलता था इससे पहली अभी दुनिया चलती थी तब कल का कै
28:13तक बोल भी ने पाएं अब्देश ये आपके पास आते हुए देखे जो ये कंप्लेंट था उस पर चार लोगों की गिरफ्तारी भी हुई है लेकिन ये महामला क्राइम का है आधार काट दो-दो बनाकर लोगों को चीत करना अपना एक आइडेंटिटी अपनी रखना और एक
28:43लेकिन इसकी वज़े से पूरे जाती का कि यादों पर ये हमला हो गया ये इस तरह का रंग देना सही है क्या
28:49जिना जी मैं इतना कहूंगा कि सबसे पहले तो मैंने सभी लोगों की बाते सुनी और जगत गुरू संकरचाज की बाते सुनी
28:56आज जिसके पास ग्यान होगा वही कथा सुनाएगा सम्मिधान का राज है कोई सामनतवात का राज नहीं है कोई मनुस्ति का राज नहीं है तो जिसके पास ग्यान होगा वह कथा सुनाएगा और रही बात वहाँ पर इतावा में कथा सुनाने के लिए गए हमारे संत राम य
29:26कथा करना है कथा यह पहुंचे तो उसके बाद इनका जिस प्रकार से कथा अन्य को पता लागा झापकी आईडी में प्रावलम है आप इस जाथ के है कि पहले बाद नियत स्थी
29:50एक बार दिखा दीजे उनको उनकी जो पत्निय साथ में दिखा दीजे मुझे बीच में करके जब तो एक सेड़ एक सेड़ एक सेड़ जी अफदेश जी तो आपकी नजर में अब आप बताईए मैडम हमारे साथ सीधा इस वक्त चल रही है जुड़ी हुए ना आवाज आपक
30:20अब लोगों ने बुलाया था आपकी नियत खरापती आप लोग जान बूच के जान बूच रहते हैं आपके आसपास जो लोग बेहिए उनको बोलिए चुप हो जाने वहां बाते बहुत कर रहे हैं सबकी आवाज आ रही है इस बोली किसी ने उनकी जात नहीं पूछी नाम
30:50पूरा मान सम्मान किया जास से मुझे कोई दिक्कत नहीं है इस दिक्कत है उनकी बत्तमीजी से बस
31:00मतलब क्या आपने जो पहले बताया था कि उन्होंने अभद्र कुछ किया था मतलब हाथ पकड़ा था हाथ पकड़ा था तो उसके बाद से आप लोगों ने उनको रोका नहीं मतलब वहां पर पूरी बात खुली कैसे क्यों दूसरी जाती कि
31:15अब बोली अवदेशी अजना जी इनोंने उनका पहले पूजन किया था अच्छे से रामाट पड़ते इनसे कोई वो नहीं था
31:40अब बोली अवदेशी अजना जी इनोंने उनका पहले पूजन किया उनको ब्यास गद्धी वे बिठाया उनसे आशनने के लिए आग्रा किया वो लोग आये और इनोंने पुरे अपने रिस्टारों को वहां पर बुलाया पूरे गाउं के लोगों को बुलाया उसके बाद �
32:10दूर करता है प्लीज कोई भी अपमान जनक जाती सूचक शब्द का इस्तमाल ना करें प्लीज इने मालूम हुआ कि इन जाती के लोगों से हमें कथा नहीं सुनना चाहिए तो इन लोगों ने उनको बुलाया क्यों और अगर इनके साथ उन्होंने छेड़ खानी किया था त
32:40हूँ उसको सुधी करण किया इन्होंने यह इन्होंने सरासर जो है अन्याय किया है और ऐसे अन्याय में जो ब्यक्ति के साथ उसको मिर्थ समझा जाता है मरना और अफमान करना दोनों समान है एक बरावर है और जिसके जिसके साथ जिसको मडर करना हत्या करना और अफमान कर
33:10करता है अंजना जी सबसे पहले पूरे गाउं के लोग वहाँ पस्तित थे वहाँ पर उस गाउं में पड़े लिखे भी लोग थे मुंदान करना ना रगड़वाना उसके उपर ऐसा आपती जल छिड़कना उस पर तो कारवाई हुई है आपने मेरा प्रश्न सुना नहीं या �
33:40कानूनी अपराद है और कानूनन कारवाई हो गई है चार लोगों को गिरफतार कर लिया गया है तो बार बार उसको बोलने की बात तो ठीक है अपनी जगह पर वो गलत है और वो उस पर कारवाई हुई है मैं आपसे पुना पूछ रही हूं इस बार थोड़ी से हिम्मत दि�
34:10ने बीडियों बनाया बीडियों जो प्रताडित थे उन्होंने बीडियों नहीं बनाया और इन्होंने हवा बाजीम उस बीडियों को जारी कर दिया जब जनता का पूरे देश के अंदर आक्रोस हुआ फिर यह कारवाई स्टार्ट हुई तो अपने बचाओं में इन्होंने ऐ
34:40है तो बाकि सब घलत डिकते हैं ऐसा नहीं होना चाहिए जब एक महिला बोल
34:44रही है अज yer को सुनना चाहरे है हम सब को सुनना चाहिए अच्छा मिसर्आ अवधेश दो
34:50अधारकाड यह किसका है रहत है यह थे जही आधार-काड फर्जी आधार-काड यह इसे का
35:00किसी का मुंदन करना अपमान करने का किसे नहीं है जब आप घर जाए तो वो जाँच का विशय है था आप यहां पर अगर कोई ऐसी आपक्ति होती है तो पहले आप पुलिस को बलाते हैं या आप उसका मुंदन कर दें गे या आप अपने हाथों में कानून ले लेंगे आप �
35:30बतलब एक पूरे समुदाय के अपमान के तौर पर इसको अब राजनेतिक फायदे के लिए जो इस्तमाल हो रहा है
35:35धन्यवाद अंजना जी परदो आपको और पूरे देश को भारत मता की जब अन्दे मत्रम
35:39अपने बिल्कुल सही बोला कि ये राजनेतिक जो लाब के लिए प्रियोक किया जा रहा है
35:46मैं आपको चार उधारन दे रहा हूं पूरी डिबेट का लबो लबाब चाये वो समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता हों
35:52चाहे वो समझवाती पार्टी के समर्थक हूँ, उनका आशे ये था कि ये जो घटना घटी हो किवल इसलिए घटी, क्योंकि वो जाच से आदब थे, तो मैं चार उधारन दे रहा हूँ, पहला उधारन, यदि ऐसा ही होता और इतना ही वेमिनस से होता सनातन समाज में, तो रा
36:22पर 24 पुजारी, उसमें से दो दलित जाती के, एक OBC जाती का, आप दूर मत जाएए, ये आपका जो इटावा है, उसके पास में कस्वा है लखना, उस कस्वे में एक काली मंदिर है, जो कि 200 साल पुराना है, उस 200 साल पुराने मंदिर के अंदर, जो चौती पीड़ी आज भ
36:52जाती के ऊपर वेमनस से नहीं है, किसी भी प्रकार की कोई पुजा पद्दती में, जाती का कोई आचाय नहीं है, एक बात और, जल्दी से विनोच जी, दो लाइन का कमेंद, सिर्थ दो लाइन, विच्छन दू परसद पिछले कई वरसों से, हम आर्चक पुरोहित और ये �
37:22जाती के आधार पर बाटिने की कोशिश किसी को नहीं करनी चाहिए, अगर कोई करता है, तो वो गलत है, आईए आपको सुनाते हैं, इसी विशे पर हमारे सहयोगी अशुक सिंगल ने उमाभाती से बात की
37:40क्या कथा वाचक की जाती विशेश को लेकर विरोध करना उचीत होगा, कि आप अगर कोई ब्रामन जाती से क्या वही कथा कर सकता है, दूसरी जाती का अगर व्यक्ति होगा, कथा वाचक होगा, उसको कथा करने का अधिकार नहीं है?
37:56यह जो आप बता रहे हो ना जो टीवी मीडिया पर दिखा रहे हो, इसमें कोई भी विद्वान, देश का बहुत बड़ा मानने था, प्राप्त विद्वान, आगम शास्त्र का ग्याता, वेद वेदां का ग्याता नहीं बोल रहा है, यह लड़ाई जो कर रहे हैं, यह बहु
38:26और उनके पिता भी ब्रामण नहीं थे, महाराजा शांतनू, वो सैमीक शत्रिय थे, चंदरवंसी चत्रिय राजा थे, भगवान राम ठाकुर थे, चत्रिय थे, सूर्य बंसी, रावण ब्रामण था उल्टा, लेकि ब्रामण उने कभी रावण का वद करने के कानल, राम जी
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