Etawah Kathawachak Video: शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद (Shankaracharya Avimukteshwaranand) ने इटावा की हालिया घटना पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक रूप से कथा कहने का अधिकार केवल ब्राह्मणों को है। साथ ही उन्होंने समाजवादी नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर धोखाधड़ी करने वालों को सम्मानित करने का आरोप लगाया। कांवड़ यात्रा को लेकर शंकराचार्य (Shankaracharya) ने कहा कि कच्चा अनाज किसी भी जाति या धर्म से खरीदा जा सकता है। इसके अलावा, उन्होंने बिहार चुनाव (Bihar Election) को लेकर ऐलान किया कि हर विधानसभा सीट पर गऊ माता के नाम पर निर्दलीय प्रत्याशी उतारे जाएंगे। देखिए पूरी जानकारी इस वीडियो में।
00:18और किस्मत ने ऐसी पल्टी मारी कि कथाखा मंच जल्द ही धर्म की अधारत पर गया
00:24कथावाचक मुपट मनी और संथ कुमार यादव नाकेबल अपनी बानी से श्री राम का गुणगार कर रहे थे
00:30बलकि ब्राह्मन वेश धारण किये थे
00:32बस यहीं चे शुरू हुई एक ऐसी कहानी जिसमें आस्था के साथ साथ जाती धर्म और राजनीती का तीखा मिश्रण था
00:40कथा सुन्ने आए गरामिनों को जब ये पता चला कि ये दोनू कथावाचक ब्राह्मन नहीं बलकि गैर ब्राह्मन हैं
00:47तो पूरा मामला सीधे श्रवन दोश से सामोहिक प्रतिशूत की और मुड़ गया
00:53आरोफे की गथा बाचकों को ना केवल पीटा गया बलकि अपमान की सारी सीमाय लांग दी गई
00:59सिरमुणवा दिया गया मानव मूत्र फेकने से लेकर घिनौनी हरकत की गई और सोशल मीडिया की दुनिया में ये पूरा कांड वाइरल कथा बनी गया
01:09अब इस पूरे विवाद के बीच सामने आये जोतिश पीट के शंकराचार्या अवी मुक्तेश्वार आनंद सरस्वती और उनकी प्रतिक्रिया नकेवल आग में घी डालने का काम कर रही है बलकि उसमें जातिया घी का भी तड़का लगा दिया
01:23शंकराचार्य का कहना है कि कथा कहने का अधिकार सर्फ ब्रहमन को है उन्होंने शास्तरों का हवाला देते हुए कहा कि ब्रहमनी यूग ये होते हैं कथा वाचन के लिए
01:34उनके निसार अगर कोई व्यक्ती अपनी जादी छिपाकर ब्राहमन बनता है तो वो धार्मिक दोखा धड़ी कर रहा है और इस पर IPC की धारा 490 और 420 लगनी चाहिए।
01:46अब जैसे ही ये बयान वाइरल हुआ सोशल मीडिया पर तो मानो वैदे की युक की फुना स्थापना हो गई एक घोशना सी हो गई।
02:16जरूरी हो गई है। उधर समाजवधी पार्टी के नेता अकिलेश यादव ने भी मौके को तुरंद जकड लिया। जब पीडित कतावाच्चकों को सम्मानित किया तो माहौल बदलता नजर आया।
02:26शंकराचार्य जी ने भी जाती अब रात को ढगने की राजनीती करार कर दिया।
02:31उनका संदेश साफ था कि खता सिर्फ अब कता नहीं रही वो जाती की प्रियोग शाला बन गई। और अंत में शंकराचार्य जी ने बिहार जुनाव का पंडिताई कैलेंडर भी पेश साकर दिया।
02:43हर विधान सबक शेत्र गउ मुद्दे पर एक निर्दल्य उम्मिद्वार खड़ा होगा, गउ मत्ताता उसे वोट देंगे और आप जनता भी सोच में पढ़ गए।
02:51सोच कैसी? सोच ये कि कथा सुनने से पहले क्या शास्त्र पढ़ लें, भक्ती करें, जाती नापें या राम नाम लें, पहले पंडित की जाती पूछें, उसके बाद कथा पढ़ना, कथा सुनना शुरू किया जाए।
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