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शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से वापसी, ऐसे अनडॉक होगा स्पेसक्राफ्ट, देखें रणभूमि

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00:00शुबहन्शुन एक 40 साल बाद रचा इतिहाद
00:08अब अंतरुख्ष से वापसी की शुरुआ है
00:15आयेसिस से अलग हो रहा है ड्रैगनिया
00:30शुरू हो रहा धर्ती पर वापसी का भ्यान
00:33कैलिफोर्निया में कल दो बहर तीन बजे
00:42लोटेंग शुबहन्शु जोश में हिंदुस्ता
00:51जबर्दस उच्सा है पूरे भारत में
01:02नमस्कार मैं हूँ गौरफ सावंत आप देख रहे हैं रण भूमी
01:05अब से बस थोड़ी देर में भारत के वो सपूत
01:10ग्रूप कैप्टन शुबहान्शु शुकला उनकी अंतरिक से घर वापसी शुरू होने वाली है
01:17ग्रूप कैप्टन शुबहान्शु शुकला का जो आक्शियूम 4 है
01:21AX4 वो ड्रागन यान मिशन में अंतरिक्ष के सभी यात्रियों को लेकर
01:28जो उनके साथ गए थे उनकी वापसी की उड़ान भरने को पूरी तरह से तयार है
01:33और ये सभी आस्ट्रोनाथ्स ड्रागन यान में सवार हो चुके हैं
01:38शाम चार बच कर 35 मिनिट पर यानि अब से 35 मिनिट बाद
01:43स्पेसेक्स का ड्रागन यान अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन से
01:48इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन से अलग होना शुरू हो जाएगा
01:53और फिर लगभग 23 गंटे का ये सफर है
01:56शुभांशू और चार सदस्यों वाली टीम धरती पर स्प्लाश्टाउन करेंगे
02:02स्प्लाश्टाउन यानि तच्छटाउन नहीं ये एटलांटिक ओशन में या फिर कैलिफोर्निया के सागर में ये लैंड करेंगे
02:11समुद्र में इनका यान उतरेगा 25 जून को भारतिय समय दोपहर 12 बचकर एक मिनिट पर
02:18फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर के फॉलकन नाइन रॉकेट के जरिये ये इंटरनाशनल स्पेस टेशन के लिए रवाना हुए थे
02:26अब सुभानशु शुक्ला सहे चार अंतरिक श्यात्रियों की घर वापसी शुरू होने वाली है
02:32माना ये जा रहा है भारतिय समय के अनुसार कल दोपहर 3 बजे ये सभी यातरी प्रशान्त महासागर में
02:40या Atlantic Ocean मौसम पर निर्भर करता है
02:43एक Plan A होता है एक Plan B होता है
02:45Plan A है प्रशान्त महासागर Pacific Ocean में
02:49अमेरिका के कैलिफोर्निया के पास उतरेंगे
02:51या फिर Plan B अगर वहां मौसम ठीक नहीं रहा
02:55तो फिर Atlantic Ocean प्लान B के तोर पर देखा जा रहा है
02:58जो Dragon Yarn है वो पारशूट के जरिये महासागर में स्प्लाश डाउन करेगा
03:04शुभान शुषु शुकला अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतिये हैं
03:09लेकिन अंतरिक्ष में सबसे लंबे रहने वाले पहले भारतिये हैं
03:13उनसे पहले आपको याद होगा 3 अप्रेल 1984 को स्कोर्ड लीडर राकेश शर्मा ने एक कोश्मनोट के रूप में
03:21यानि रूस के साथ अंतरिक्ष या उससमें सोव्यत संग था अंतरिक्ष की यात्रा की थी वो लगभग आठ दिन थे
03:2711 अप्रेल 1984 को वो प्रित्वी पर लोटे थे
03:31शुभांशु शुकला 49 वर्ष के है और 49 वर्ष के भारतिय वायु सेना के ग्रूप कैप्टन है
03:39उन्हें इंडिन स्पेस रिसर्च ओगनाजेशन ने मिशिन गगण्यान के लिए चुना था
03:44वो मानव अंतरिक्ष उडान कारिक्रम के तहट अंतरिक्ष यात्रा पर भारत के मिशिन पर भी जाने वाली टीम के सदस्य है
03:53और इसी लिए ये जो उनका अनुभव है ये भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण सावित होगा
04:00कल साथ बचकर पचीस मिनिट पर इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन पर ग्रूप क्याटन शुवांशू शुकला और उनकी टीम का फेरवेल हुआ
04:09इस दोरान ग्रूप क्याटन शुवांशू शुकला ने कहा भारत अभी सारे जहां से अच्छा दिखता है
04:16उन्होंने कहा कि आज का दिन जो देखते हैं वो भारत को अंतरिक से बहुत confident भारत दिखता है निडर भारत दिखता है आज का भारत गर्व से पूर दिखाए देता है और इसके साथ ही उन्होंने mission गगन्यान को लेकर कहा कि अब अगर हम चाहले तो तारों को भी प्राप्त कर
04:46बताएंगे कई विश्य शग्या हमारे साथ जुड़ेंगे लेकिन पहले यह रिपोर्ट आज का भारत अभी भी सारे जहां से अच्छा दिखता है
05:1041 साल बाद अंतरिक्ष का सफर पूरा करने वाले दूसरे भारतिये के तौर पर शुभांशु ने इतिहास ड़च दिया है
05:18अब उनके धर्ती पर लोटने की आत्रा शुरू हो रही है उससे पहले कल भारतिये समय शाम के 7 बचकर 25 मिनट पर सभी चार अंतरिक्ष यात्यों की विदाई पार्टी हुई
05:30इस दौरान शुभांशु ने जो कहा उसने 1984 में राकेश शर्मा के कहे शब्दों को याद दिला दिया
05:37राकेश शर्मा उपर से भारत कैसा दिखता है आपको
05:41आज का भारत अभी भी सारे जहाँ से अच्छा दिखता है
05:54अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारती एजेंसी इस्टों के बीच हुए समझोते के तहट
06:01भारती वायु सेना के ग्रूप कैप्टेन शुभांशु चुकला को इस मिशन के लिए चुना गया था
06:06शुभांशु इंटराश्चनल स्पेस स्टेशन पर जाने वाले पहले और स्पेस में जाने वाले दूसरे भारती हैं
06:1211 साल पहले कोई भारती अंत्रिक्ष में गए थे और उन्हें ने में बताया था कि ऊपर से भारत कैसा दिखता है
06:19और कही ना कही मुझे लगता है कि हम सब यह जाना चाहते हैं कि आज भारत कैसा दिखता है
06:24मैं आपको बताता हूँ
06:26आज का भारत स्पेस से महतुकांचिक दिखता है
06:33आज का भारत निडर दिखता है
06:36आज का भारत कॉन्फिडेंट दिखता है
06:40आज का भारत गर्व से पूर्ण दिखता है
06:43और इनी सब कारोणों की वज़े से मैं एक बर फिर से कह सकता हूँ
06:47कि आज का भारत अभी भी सारे जहां से अच्छा दिखता है
06:51शुभांचू का स्पेस्क्राफ्ट करीब 23 घंटे के सफर के बाद कल दोपहर
06:56करीब 3 बजे समुद्र में स्प्लाश टाउन करेगा
06:59ड्रैगन स्पेस्क्राफ्ट 580 पाउंड यानी खरीब 263 किलो से
07:05ज्यादा कारगो के साथ वापस आएगा जिसमें नासा का हार्डवेर
07:09और साथ से ज्यादा प्रयोगों का डेटा शामिल होगा
07:12मगर उससे भी कीमती होगा शुभांचू का अनुभव
07:15जो मिशन गगन यान के तहथ भारत के अपने अभियान में
07:18अंतरिक्ष में जाएंगे
07:19आपकी और मेरी यात्रा अभी बहुत लंबी है हमारी यूमन स्पेस मिशन की जो यात्रा है वो बहुत लंबी है और बहुत कठीन भी है लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि अगर हम निश्चे कर लें तो तारा अभी प्रापियंते हैं इविन स्टार्स अरटेने�
07:49पेगी विट्सन, पोलिश अंतरिक्ष यात्री स्लावोस और हंगरी के टिबोर कपू के साथ शुभांचु धर्ती पर लोटने वाले हैं लिकिन शुभांचु का सफर खत्म नहीं बस शुरू हुआ है क्यूंकि अब उन्हें भारत के मानविये अंतरिक्ष मिशन गगन्यान
08:19करेगा यानि अलग होना शुरू होगा और यह पूरी आटोमेटिड प्रोसेस है यानि अपने आप होता है अगर कुछ ठीक ना हो तो इसमें मैनूल इंटर्वेंशन यानि यह जो अंतरिक्ष यात्री हैं यह फिर उसमें शामिल होते हैं मैनूल यूज को करते हैं लेकिन अ
08:49डिस्पैचर कहते हैं डिस्पैचर यानि अब वो अंतरिक स्टेशन से उर्जा से थोड़ा और दूर बनेगा डिस्पैचर बर्न इसे कहा जाता है फिर इसके बाद यह निचली कक्षा में ओर्बिट करने के लिए आगे बढ़ेगा फिर यह अपने ट्रंक को यानि जो मेन �
09:19हजार डिग्री तक भी पहुंच जाता है और इसलिए एक विशेश तरीके का 28,000 किलो मीटर पर प्रती घंटा की रफतार से आता है और 1600 डिग्री पर वो पहुंच जाता है ड्रागन यान के कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महसागर में स्प्लैश डाउन का अनुमान
09:49के बाद अंतरिक्ष यान किस तरह से प्रित्वी की और अपनी यात्रा करता है सबसे पहले जो डिपार्चर बर्न होता है सबसे पहले डिपार्चर बर्न की शुरुआत होती है जो पहला बर्न है यह अंडॉकिंग के तुरंत बाद होता है फिर ड्रागन यान अपने को 16 ड्
10:19लिए जाते हैं और कुछ मीटर प्रती सेकंड की रफ्तार से ये इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन से दूर होते जाते हैं आमतौर पर यह यान को लगभग 500 मीटर से 1 किलोमीटर दूर ले जाते हैं इसके बाद बर्न का दूसरा हिस्सा शुरू होता है इंटरनाशनल स्पेस स्�
10:49यान और इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन के बीच कोई टकराव नहीं यान को सुरक्षित दूरी पर पहुंचा दिया जाए और फिर वह प्रित्वी की ओर अपनी यात्रा शुरू करें इसके बाद यान से ट्रंक को अलग करने की प्रक्रिया शुरू होती है ट्रंक यानि वह
11:19यान को बिलकुल सटीक एक 40 डिग्री अगर आप उसको देखे तो एक 40 डिग्री के एंगल पर वायू मंडल में प्रवेश करना होता है क्योंकि यान को बहुत अधिक गर्मी से बचाने के लिए इसके हर और एक हीट शील्ड लगी होती है उसके बाद पाराशूट तनात होत
11:491600 डिग्री तापमान हो जाता है 1600 डिग्री सेल्शिस उसे कम करके इसको सुरक्षित रफ्तार पे लाये जाता है और फिर स्प्लाश डाउन होता है समंदर में यात्रियों को फिर कोस्ट गार्ड निकाल कर वापस लाता है हमारे साथ कई विशेश अतिती जुड़ रहे हैं ख
12:19मिश्रा हैं आप वाईग्याने के नासा में आप हमारे साथ जुड़ रहे हैं तानिया महेश्वरी और मौहमद शारुक दोनों खगोल शास्त्रिये हमारे साथ जुड़ रहे हैं समर्ठ श्रिवास्तव मेरे साथ जुड़ रहे हैं गर्पकार्ण शुबानशु शुकला के �
12:49बिल्कुल गौरव हमें इस वक्त लखनो के त्रिवेडी नगर में हूँ जहां पर आवास है शुवांशु शुकला का
12:56आप पहले एक तस्वीर देखिए और फिर अंदाजा लगाईए कि अगर इस पतली सी गली से निकल कर एक आदमी इंडियन एयर फॉर्स का ग्रूप कैप्टन बन सकता है और आगे चल कर अंतरिक्ष में भारत का मान बढ़ा सकता है तब आप अंदाजा लगाईए कि कुछ भी
13:26नाशनल स्पेस स्टेशन तमाम वो चीजें एक तरफ मा उनका अंतजार कर रही है जो तरह तरह के व्यंजन बनाने की तयारी में है कि कब वो लखनो पहुंचेंगे और व्यंजन उनको खाने को मिलेंगे हलाकि इसमें बहुत समय है अभी तो वहीं पिता जो है वो ये कह रह
13:56है उन्होंने साफ कहा कि जिस गती से मैं वापस आऊंगा यानि 28,000 किलोमेटर प्रति घंटे की रफटार उसी रफटार से भारत का गगन यान भी अब वापस स्पेस की ओर जाएगा यानि कि शुवांशू से केवल एक शुरुवात हुई है अब कम समय के अंतराल में भारत
14:26आपने घर के बंद कमरे में देखना चाहता है कोई डिस्टेबंस नहीं चाहता है उस पूरे लाइव स्ट्रीम को जिस पर शुवांशू जिस तरह से अब वापसी करेंगे प्रित्वी की ओर जिसका हर किसी को इंतजार है इसमें बहुत सी चीज़ें अद्वितिये हैं और �
14:56प्रफिसामिताब पांडे आप ही से अगर इसकी मैं शुरुआत करूँ तो आपसे जानना चाहूंगा कि यह ग्रूप का जो पूरा प्रोजेक्ट है
15:22प्रोजेक्ट अपने साथ प्रोजेक्ट उनको अंडरेक्ängen किया गया साथ उनके इस्पेसिफिक है जो इस्पेसिफिक उनके प्रोजेक्ट थे या
15:33आप किस दृष्टिसों से देखते हैं?
16:03सबसे जरूए चीज होती है कि जैसे हमको अंत्रेकि जाके ऑकसी जह हुए?
16:07तो उसको पर एक्सपरिमेंट है, मैक्रोल्गी पर एक्सपरिमेंट है, सान बैक्सपरिमेंट हैं
16:25तो योगिश्वा नातमिश्वा जी क्या जिस तरह से पांडे साथ बता रहे थे कि मूंग और मेथी की खेती उसका एक
16:51एक्सपेरिमेंट करने का प्रयास किया है कि बिना ग्राविटी के ये उग सकते हैं किस तरह से उग सकते हैं आप इन एक्सपेरिमेंट्स को किस रूप में देखते हैं वहाँ पर जो प्रयास किया उन्होंने पिछले 18 दिनों में और फिर प्रित्वी पर आकर उसे जो आगे ब
17:21मैं लिस्ट करना चाहूंगो उसमें यह है कि पहली चीज़ की जो हमारे बॉड़ी के उपर क्या इंपक्ट पड़ रहा है स्पेस में इसके बहुत ज्यादा इसके अधन किया गया है दूसी चीज़ की जैसे उन्होंने बताया कि पौदों को उगाना यह चीज़ बहुत इंप
17:51है यह सारे एक्सपरिमेंट हो रहे हैं तो इस तरह से जो एक्सपरिमेंट हो रहा है यह हमारे आने वाले जो मिशन है खासकर इंडिया के लिए जो इंपॉर्टेंट हो यह है कि जो गवन्यान मिशन आने वाला है उसके लिए बहुत ही इंपॉर्टेंट होने वाला है क्यों
18:21लिए तो भारत के लिहाज से और इसरों के उसे बहुत ही ज्यादा इंपॉर्टेंट है मिशन और यह जितने सारे
18:28एक्सपरिमेंट को कर रहे हैं वह हमारे लिए बहुत सारी चीज जो है वह एजर रिसर्च के रूप में और
18:34इंफोर्मेशन के रूप में हम जो ग्यादर करेंगे डेटा को और और भी सारे जो साइंटिस्ट है पुरे वर्ड में उसको एक्सेस कर पाएंगे इसके लिए बहुत जरूरी है
18:42लास्टी मैं यह कहना चाहरा हूं कि यह इंडिया के लिए एक सिंबोलिक और साइंटिफिक माइलिस्टोन होने वाला है क्यों क्योंकि यह हमारी जो इंटिग्रिटी है हमारा जो नेशनल प्राइड है हमारा जो एस्पिरेशन है उसको भी दरसा आता है कि हम एजर नेशन कि
19:12अंतरिक्ष में बनाने का विचार कर रहा है वो प्रयास कर रहा है भारत की एक स्पेस फ्लाइट होगी फिर अंतरिक्ष में क्या रहना आने वाले समय में संभव होगा और तानिया महेश्वरी जी जिस तरह से
19:27मयोजेनेसिस रीसर्च हो रही है स्टड़ी हो रही है रोल ऑफ माइक्रो ग्राविटी इन मसिल लॉस तो क्या अठारा दिनों में इसकी जो स्टड़ी है वो बहुत बड़ी भूमिका रही रहेगी इसमें जिस तरह से योगिश्वर नात मिश्रा जी इंडिकेट कर रहे थे कि
19:57तो वहाँ पर क्या होता है कि ग्राविटी नहीं है आर्थ पे किस तरह से रहना यह पता है हमारी बॉड़ी को किस तरह से वॉप करना है उसकी है वाट स्पेस में जाकर हम अपनी जब मसल्स को यूज नहीं करते हैं तो वह लॉस होने लगती है तो इसकी स्टड़ी से हम यह
20:27के बाद से हम और इफेक्टिव इस चीज को कर सकते हैं कि कैसे अभी जब हमारे आस्टोनॉट्स वापस आते हैं तो उन्हें न थोड़ा अड़ा अड़ा करने में टाइम लगता है अगर वो लॉग डूरेशन के बाद आ रहे हैं तो ठीक है एक और बहुत महत्वपूर बा
20:57अंतरिक्ष में यहां तो पूरा महला रहता है हमारे साथ बहुत सारे लोग रहते हैं अंतरिक्ष में हैं बस कुछी लोग आपके साथ हैं उनके साथ रहना या किस तरह का डर यह एक्सपरिमेंट कैसे मदद करेगा भारत की
21:10बहुत जादा मदद करेगा जैसे इस वांचुजी वहां पर गए हैं तो आगे आने वाले जो हमारे बड़े मिशन्स हैं जैसे के चंद्रयान गगन्यान उसमें यह बहुत बड़ी भूमी का निभाने वाले हैं इस तरह के इस पर जाने के बाद एक ठीक ठाक मीडियम दूर
21:40अबीटी होती है उसके स्टेडी तो यह यह लॉंग डियूरिशन भहुत ही लंबे वक्त तक इसकी रिसर्च चीज़ करि जाती है इसके लॉक्स बनाए जाते हैं जो भी सैंटिस जाते हैं अपने मैंटल अपने जो फ्रेमबॉक्स होते हैं उनके बेसे पे वोग रोग्स व
22:10यह पार्ट अवरी लॉग शिए अब शिए अब इसक्स्टी हमारे पास मॉड्यूल्स गहें एक्सपरिमेंट के जिसमें से 25 में पार्टिस्पेट करा एक्षज तरीके से अब बाद में इसी के ही और भी ओंगोइंग एक्सपरिमेंट से यह जो अगलग एक्सटरॉंट जाए
22:40और इभी तक हम सब्झे हैं कि मेंटल कॉगनिटिव स्किल्स मेंटल इंडिस्टेंडिंग यहां तक की बैलेंसिंग जो बॉड़ी क्या हाई के साथ हैं के साथ लेक्स के साथ जो कॉडिनेशन होता है प्रेन के फ्लूइड होता है जिससे वह और्येंटेशन को अपने समझत
23:10सब्सक्राइब जाते हैं पूरा सील हो जाता है सिस्टम कितना कॉम्लिकेटिट है यह पूरी प्रक्रिया
23:37जी अजिस्टम पर कॉम्लिकेटिटर है इसलिए इसको अट्रमेट किया गया है टंपूर्टर सो कंट्रोल करते हैं और उसमें जो डाटा जो जो चलिमेट्री डाटा आता है उससे पीड़एक से पूर उसको रिस्पोंज करके इस पर कान करता है इसमें बेसिकली इसके जो �
24:07और आट फिर – वही की पारा किसकी स्पीड और उसके एक ही स्पीड है कि तो अलग अलग करने
24:12के बाद जो जाई जरू करना रउक अभान तो इसको पहले धुर करना अलग हर एक आना है जो इसके पार पिर इसकी स्पीड को धिROए कम करए जय सिख्ती है
24:21पूरी प्रक्रिया शुरू होने वाली है मापको तस्वीरे जो दिखा रहे हैं
24:45रिलीज फेज फिर सेपरेशन फेज और फिर पोस्ट सेपरेशन फेज यह सब हम आपको दिखाने का प्रयास करेंगे और उसके बाद वो लंबी उडान प्रित्वी के लिए आप देखते हैं
24:56बस अब से थोड़ी देर में ग्रूप कैप्टेन शुभांशु शुकला की धरती पर घर वापसी शुरू होने ही वाली है
25:04इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन से उनका ड्रागन यान बस अब कुछ खशनों में अलग होने वाला है
25:11यानि अब से अगर सब कुछ ठीक रहा तो 20 सेकंड के बाद ये प्रक्रिया आप देखेंगे शुरू होने वाली है
25:19अक्षियोम 4, AX4, इंटरनाशनल स्पेस स्टेशन से साढ़े चार बजे आज यानि 14 जुलाई को अलग होगा
25:27ड्रागन स्पेसक्राफ का पिछले कुछ घंटों से क्रिटिकल सिस्टम चेक चल भी रहा है
25:33लाइफ सपोर्ट सिस्टम, प्रपल्शन सिस्टम, कम्युनिकेशन सिस्टम, इन सब को चेक किया जाता है
25:40क्योंकि जो चार आश्ट्रोनाट्स, अंतरिक्ष, यात्री, गगन यात्री इसमें हैं
25:45वो सब सुरक्षित रहे, जब तक प्रित्वी पर नहीं आ जाते
25:49तो इसलिए लाइफ सपोर्ट सिस्टम को चेक रीचेक किया जाता है
25:53फिर ये जो अपने स्पेस सूट में पहले ही जैसे आपने तस्वीरों में देखा
25:58स्पेस सूट पहन कर बैठे हैं ये जो अंडॉकिंग की प्रक्रिया है
26:03ये पूरी तरह से आटोनमस यानी आटोमाटिक होती है
26:07अच्छा ये अंडॉकिंग की प्रक्रिया होती कैसे है मेरे सहयोगी कुमार कुणाल हमारे साथ जोड़ रहे है
26:20कुणाल बहुती कॉंप्लेक्स मिनूवर्ज है कि पहले अलग होना फिर दूरीद पर आना और फिर थ्रस्टर का खुलना और फिर प्रित्वी वापसी
26:30बिलकुल और गौरव जिस तरीके से ये पूरी प्रक्रिया होती है
26:35चुकि इसमें सुभांशु शुक्ला है और उनकी सब लोग सुरक्षित वापसी को लेकर के पूरी उम्मीद है
26:42इसलिए अभी ये देखी ये जो ताजा तस्वीर आ रही है ये मिसन की तस्वीर है सीदे नासा हेटक्वाटर से
26:49और ये बहुत बारीक चीजे होती हैं सबसे पहले तो जो जितने भी क्लैम्प्स हैं लगब बारा क्लैम्प्स हैं एक तरीके से उक्टोपस की तरह उसको वो धीरे धीरे चूटता है
26:59और उसके बाद ये अंडॉकिंग की प्रक्रिया शुरू होती है ये आप देख सकते हैं कि किस तरीके से ये अंदर की तस्वीर आ रही है गौरब जो ड्रैगन स्पेस क्राफ्ट है उसके अंदर की तस्वीर लग रहा है तो ये जो तमाम चीजे हैं वो उसके बाद बहुत म
27:290.2 मीटर प्रति सेकेंड से लेकर 0.5 मीटर प्रति सेकेंड तक होती है और ये जो पूरी प्रक्रिया है वो लगबग 20 मिनट तक चलेगी यानि अंडॉकिंग की प्रक्रिया दीरे दीरे वो चलेगी तब जाकर के जो बर्न होंगे इंजन वो फिर इसको वापस लेकर के प्र
27:59रफ्तार से जब कैलिफोर्निया में सुवांशु शुक्रा और उनके साथ जो चार एस्ट्रोनॉट्स है वो जब वापस आएंगे तो उसमें जब उनके पैराशूट्स खुलेंगे तब वो रफ्तार होगी और उसमें खास कवच है क्योंकि उसमें जो तापमान होता है वो क�
28:29बाद भी लगवग 3-6 गंटे यह लंबा समय तो एक लंबी जर्नी शुरू करने जा रहे हैं शुवांशु शुक्रा और उनके साही होगी लेकिन सबसे बड़ी बात की एक बारिक चीज का ध्यान रखा जा रहा है ताकि सब कुछ सुरक्षित और सुरक्षित वापसी इन त
28:59पूरे विश्व का केवल भारत का ही नहीं और इसलिए यह हीट शील्ड बहुत महत्वपूर होती है पांडे साहब 1600 डिग्री तापमान हो जाता है वो 28,000 किलोमीटर प्रती घंटा की रफतार जिसका जिक्र हो रहा है यह जो पूरी प्रक्रिया अब हो रही है 12 क्लैंप एक
29:29तरफ निकले है लेकि इसमें रफतार चेज नहीं कर दो यह बाता बहुत सब्सक्राइब करने और इसलिए जादा सीधा हो गया तो क्या होगा कि बर्न आउट इतना चेज़ होगा कि हमारा स्पेश्ण नस्त हो जाएगा
29:58और अगर एंगल कम हो गया चालेंज से तो जैसे पानी में हम पत्थर चालते हैं से उचल के बाप चला जाएगा तो दोनी सिट्रेशन बहुत फटलनाक हैं लेकिन तुकि इसका काफी अभ्याज की आजपा कही सारे इंशन अभी श्मितर विलियर्स लॉट के आए थी तो उ
30:28अच्छा और अभी जो सेप्रेशन हो रहा है सेप्रेशन से लेकर जो हम बात करें कि एक तरफ सेप्रेशन हो रहा हो और दूसरी तरफ फिर उसके थ्रस्टर उसको और दूर लेकर आए
30:57इसमें कितना समय लगता है?
31:27इसको अपोजे डिरेक्शन में थ्रस्ट मिलेगी उल्टी डिरेक्शन हो और इसकी स्पीड लगातार कम होती जाती है
31:32जाहे नासा हो चाहे इसरो या पूरा देश भारत अमेरिका हंगरी पोलंड सभी बहुत ध्यान से इस पूरी प्रक्रिया को देख रहे होंगे
31:49क्योंकि सभी जगा ये बहुत बड़ा कदम है जो अब उठाया जा रहा है ये ड्राको बूस्तर स्पीड को कम कम करके उसे प्रित्वी की कक्षा में जब दीरे दीरे लाकर प्रित्वी की ओर लेकर आ रहे हैं
32:04अब मुझसे सावल करे रहे हैं
32:09जी जी जी जी तो देखिए अब तो नीचे आ रहे हैं बहुत सारे एक्सपरिमेंट्स इन्होंने कर लिया और इसमें पॉलेंट के जैसे साइंटिस्ट है अपने कहा और भारत के अपने सुवांसु पुटला दी है और दूसी चीज़ी है कि सबसे ज़रूरी है कि इसमें न
32:39सारी चीज़ें अच्छी हो जाएं अब जो मैं बताना चाहरा हूं कि अंडॉकिंग की जो प्रक्रिया है बेसिकली यह तकरीबंद दो से तीन गंटा लगता है जैसे आपके जो समंदाता ने पहले बताया कि सबसे पहले इसमें थोड़ा सा ठाइम लगता है यह जो बोल्ट
33:09सारा हुआ है तो जब हम अंडॉकिंग करते हैं तो यहां पर आपको ध्यान देना हो कि इसको नोड टू बोलते हैं इसमें कई नोड लगी हुए है इंटरनेशनल स्पेस्टेशन में एक नोड टू है नोड स्री ऐसे करके तो यह जो है यह डायरेक्ट नोड टू से लगा ह�
33:39कई सेंटीमेटर पर सेकंड की रखतार से देरे पीशे आता है क्योंकि हम चाहते हैं कि जो हमारा स्पेस्क्राफ्ट है जो हमारे ड्रेगन क्रिव है वह बैसिकली क्या करें दूर चला जा इंटरनेशनल स्पेस्टेशन से उटको जब दूर करने करना जानते तो आपने दे�
34:09एंसट 경ण करने डे इस वह किया बेदरनें से ना रहा है है वी का cigar से उसके और पर ऑरουबियू
34:25पर हम चाहते हैं कि हम्सी ऑर्बिट में पर रहें तो हो सकता है कि हम दोबारा उसे टकड़ा जाएं रह finely हम
34:37हमको यह चीज माइंड में रखना है कि 28,000 किलोमेटर की रफ्तार से बेसिकली वह रिवॉल्व कर रहा है उसके बाद फिर क्या है कि दी ऑर्बिट बर्न होता है उसको भी हम जैसे मैंने पहले ही का कि वह एक दी ऑर्बिट बर्न का हिस्सा हो गया फिर उसको हम पीछे ले आते
35:07शील्ड एक हीट शील्ड के अलग होने से या डामेज होने से कितना बड़ा हाथसा हो गया उसके बाद क्या-क्या लेसंज है जो अब बहुत खास्तोर पर जिनको अपनाया गया है और जैसा पांडे जी भी बता रहे थे कि उसके बाद सुनीता विल्लिम्स का भी स्पेश श
35:37हम सीख रहे हैं नई चीज तो उस गलती के बाद भी किस altitude पे हमें एंटर करवाना है किस speed पे हमें लेकर आना है क्या necessary हमारे steps होने चाहिए हर एक चीज का ध्यान रखा जाता है क्योंकि जैसा कि हम बोली सकता है कि human life बहुत ज्यादा precious है हम वापस नहीं ला सकते कलतना चाव
36:07में रखा जाते है कि किस तरह से स्रस्टर किस time on करना है speed हमें किस limit में लेकर आनी है कितने altitude पे कितने degree पे हमारा वो bend होना चाहिए पिर कितने किस time पर हमारे parachutes open होने चाहिए हर एक चीज का ध्यान रखा जाते है और उसके बाद ही learning होती है जैसे कि Sunita Williams के time पर भी और इसे प
36:37बिलकुल क्योंकि यह जो इनके अनुभव हैं इनका जो जीवन है उससे बहुत कुछ नया हम सीखने वाले हैं और शारुक जी आपकी दृष्टी में जितने experiments हो रहे हैं भारत के परिपेक्ष में देखे तो सबसे जादा लाब किन-किन experiments से होगा साथ इसमें जो experiments से वो के�
37:07आप शाइद म्यूट पर हैं अन्म्यूट कर लीजे अपने को
37:10जी देखें अग्रिक्ल्चर में फादा हो सकता है एक अलग से बना के वह जाए है जो कि उनको लाब दे सकता है काफी तरह के हमारे जो स्वाइल के samples है वो बाकी जगह से लगे है हमारे जो मंस्चर है और हमारे जो environment है वो बाकी सब जगह से लगे है तो जिस तरह कि वहाँ �
37:40लगतार जो एक्स फॉर की तस्वीर आ रही है जो नासा की तस्वीर आ
38:10रही है कुणाल उनको आप हमारे दर्शकों को भी दिखा रहे हैं वहां पर इस समय क्या चल रहा है मैं समर्थ के पास जाओं उससे पहले आप मुझे बताइए कि समय
38:18कि लेटिस की चल रहा ह père
38:24कि कि किस तरीके से एक एक जो वहाँ पर नासा के अंदर तमाम साइंटिस्ट वो
38:30नजन रखे हुए हैं कि क्या सारे जो परामिटर से क्योंकि एक क्होटै चोटा पडामिटर भी बहुत महतो पूर्ण होता है
38:38ऐसे अंडॉकिंग की प्रोसेस में भी और तमाम जो उसके बाद वापस आना है, डियो और्बिट करना है, यह तमाम जो प्रोसेस हैं, उसमें कितनी स्पीड रहनी चाहिए, किस तरीके से जो और्बिट है अपना स्पेस सेंटर का उससे क्लैश ना हो, तो हर बारीक से बारीक �
39:082027 में हमारा सबसे ज्यादा एंबिशिस मिशन शुरू होने वाला है, तो उसके लिए एक तो कि उनका अनुभाव कि किस तरीके से वो रहे स्पेस सेंटर में, साथी साथ टीम भावना, क्योंकि उसमें भारत से कई सारे अस्ट्रोनॉट जाएंगे, वो किस तरीके से रहें�
39:38तो वो करी रहें, फिजियोलोजी, कैसे वहाँ पर फिजियोलोजी में, कि जो मस्कुलर वहाँ पर किस तरीके से रिपियर होता है, उस पर एक्स्पेरिमेंट क्या है, माइक्रो एल्गी एक्स्पेरिमेंट क्या है, प्लांट, मूं, मेथी, इस तरीके के एक्स्पेरिमेंट
40:08यही प्राश्ण अपसे थोड़ी देर पहले मैंने डॉक्टर जीतेंद्रिस सिंग मिनिस्टर अफ स्टेट इंडिपेंडेंट चार्ज साइंस इंट टेक्नोलोजी हैं उनसे भी पूछा था ग्रूप कैपिन शुभांशु शुकला की यात्रा के बारे में भी और भारत के लि
40:38What are India's big plans? Because we hear a lot about Bharatiya Antiriksh station, we hear a lot about Gaganyan, we hear about Chandrayaan 4. So, let's take it step by step. India's manned mission or a human mission to space, what is it like? When will it happen? And why are the delays happening?
40:59You are right. Delay is away. As of now, the schedule is 2026, maybe the first quarter of it. And delay, of course, we had very ambitiously planned it to time it with the 75th year of independence.
41:16Then, unfortunately, COVID happened. That was an important, but no good. And at that point in time, when the lockdown happened, our astronauts, the potential astronauts were undergoing training in Moscow, in one of the institutes. And they had to be called back. So, the whole thing got derailed.
41:34So, then there was a gap of one or two years. Again, the training had to be started again. Then there was the Indian component of the training. So, it took time.
41:43Meanwhile, of course, this offer to a company to the International Space Station happened. And since we already had four of them already undergoing training, virtually almost completed their training and also going through the quarantine, group captain Nair, Krishna, Angad, and Shubhanchu, of course, was a squadron leader at that time.
42:02Now, he is also a group captain. So, the choice had to be one of them. So, this selection of Shubhanchu was also among, from among those four who were actually
42:13trained for Gaganiya.
42:16Amitabh Pandeyji, when we talk about the international space station in Bhartia space station, what kind of shape and international space station and how different you are in your position?
42:30A.
42:31Shubhanchu, why are we talking about the international space space station, where you can see it?
42:37The, the relationship between foreign universe is very important.
42:42And, the.
42:43Shubhanchu, why am I talking about the international space station in Bhartia space station?
42:49साथ मिले के चलना हैं, क्योंकि जो अधित तक इसकी रिसर्च ची उसका फाइदा हम को मिला है, अब जो रिसर्च हो रही है भी जो आउगे से तारी जुनिया को फाइदा मिले, तो साइंस की दुनिया में हमेशा दुट से साइंस शुरू ही है, एक कॉपरेशन की साथ एक कं�
43:19शेज करना, दुनिया की सेस करना, उसके लिए हमारा स्पेस स्टेशन एक बहुत जहुरी कदम होगा, कि हम अपनी पहचान बना पाएं, और इस साबिद करता हैं, कि हम भी एक औरिजल सर्ट करने में काबिल देश हैं, इस परकटे से, इस दुखकों से हमारा आगे जो इंट
43:49एरिया है, लूनर साउथ, सबसे पहले भारत ही पहुचा वहाँ पर, हम लोग किस रूप में यहाँ पर उभर कर निकल रहे हैं, और आप भारती स्पेस स्टेशन को कब तक और किस रूप में देखते हैं, और दुनिया की उस पर क्या प्रतिक्रिया आप देखते हैं, जब �
44:19सारी चीज़े हो रही है, और इतनी इंफॉर्मेशन जो सैटलाइट के तुरू एक दूसरे के पास पहुंच रही है, और दूसी चीज़ यह भी है कि धर्ती पे बहुत सारा चीज़ जो है, जैसे मालजिया टेंपरिचर चेंज हो रहा है, वेदर चेंज हो रहा है, उसको म�
44:49स्पेस टेशन इसलिए बना रहे हैं क्योंकि अगर हम अपने से सारी चीज़े को स्टड़ी करेंगे, तो क्या होगा कि हमारा उन चीज़ों पे हमारा कंट्रोल होगा, अगर को
44:58और बड़ी खबर, पांच मिनट बाद स्पेस स्टेशन से रवाना होंगे, ग्रूप कैप्टन शुभांशू शुक्लाप, ये अभी जानकारी आ रही है, अन्डॉकिंग की जो प्रक्रिया है, वो बस अब शुरू होने वाली है, नासा ने बकाइदा एक बयान देकर कहा है
45:28करीब 23 घंटे का ये सफर होगा जब वो प्रित्वी पर पहुचेंगे, तो अभी रिलीज फेज, अगले पांच मिनट में अभी बातचीत हो रही है, कम्यूनिकेशन सिस्टम चेक किये जा रहे है, लाइफ सपोर्ट सिस्टम चेक हो चुका है, प्रपल्शन सिस्टम चेक हो
45:58चेक करना बहुत जरूरी है, अगले 23 घंटे का सफर बेहद महतोपूर इस द्रिश्टी से, और इसलिए इस बड़ी खबर पर हम बने हुए हैं, एक बहुत छोड़ी से ब्रेक के ने हमें या रुपना पड़ रहा है, सुर्खियों के साथ होगी बापसी,

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